जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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रविवार, 25 जुलाई 2021
बिल्व वृक्ष-शिव प्रिय अमृततुल्य वृक्ष
सुबह सिर्फ एक दो मुट्ठी चने खाकर हेल्थ जबरदस्त हो सकती है.
शुक्रवार, 23 जुलाई 2021
केमिकल का कमाल, खराब मुरझाई हुई हरी सब्जी एक दम ताजी
केमिकल का कमाल,
जमीन में भी इतनी ताजी नही होती है जितनी इस केमिकल से होती है।
पोस्ट के साथ दिए गए वीडियो में देखिए कैसे मुरझाई हुई सब्जियों पर केमिकल का प्रयोग करके उसे एकदम ताजी बना देते है
सब्जियों के साथ क्षेत्रवासी जहर खाने को मजबूर हैं। सब्जियों के साथ यह जहर लोगों के पेट में जा रहा है। इस बारे में न तो किसान जानते हैं और न ही सब्जी विक्रेता और उपभोक्ता। पूछताछ में जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसमें घातक रासायनिक तत्वों का प्रयोग स्वास्थ्य एवं श्वास के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी हरी सब्जियां लोगों में विकृति एवं गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। लोग सब्जियों के साथ बीमारियां घर ले जा रहे हैं। किसान जाने- अनजाने में यह जहर खाने को मजबूर हैं। न अच्छे किस्म के बीज हैं न खाद न पानी और न ही अपेक्षित सुविधा है। उसके बावजूद भी ज्यादा पैदावार की होड़ ने किसानों को कृत्रिम उपाय अपनाने को विवश कर दिया है।
किसान बने अंजान
दवाओं व रसायनिक छिडक़ाव से फसल अच्छी होती है, यह तो किसानों को पता है। लेकिन यह नहीं मालूम कि इससे सब्जियां जहरीली हो जाती हैं। इस कारण वे जहर छिडक़ते रहते हंै। यानी वे अनजाने में ऐसा कर रहे हैं। इसके प्रति आगाज करने के लिए कोई प्रभावी सरकारी या गैर सरकारी कार्यक्रम किसानों तक नहीं पहुंच पाए हैं। जिसमें सब्जियों में जहर के प्रयोग पर रोक लग सके।
सब्जी का रोज लाखों का कारोबार
क्षेत्र में प्रतिदिन लाखों रुपए का सब्जी का कारोबार किया जाता है। इसलिए किसान ज्यादा पैदावार के लिए घातक रसायनों का सहारा लेने के साथ पानी की कमी के कारण अपने आस-पास बहते नालों के गंदे पानी से खेती करते हैं।
किडनी-कैंसर को बढ़ावा
इन सब्जियों में कई तरह के पेस्टीसाइड व मेटल्स जैसे कीटाणु की मात्रा ज्यादा होने लगी है। जो सब्जियों के साथ शरीर में जाकर स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। यह जहर शरीर के विभिन्न संवेदनशील अंगों में जमा होता रहता है। इस संबंध में कस्बे के राजकीय अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि सब्जियों में सीसा, कॉपर और क्रोमियम जैसी खतरनाक धातुएं और एंडोसल्फॉन, एचसीएन जैसे घातक पेस्टीसाइड के प्रभाव से उल्टी-दस्त किडनी फेल व कैंसर जैसी बीमारियां सामने आती हंै।
कृषि विशेषज्ञ की राय
कृषि पर्यवेक्षक ने बताया कि किसानों द्वारा पैदावार को बढ़ाने के लिए फसलों पर रसायनिक पेस्टीसाइड का उपयोग बहुतायत में किया जाता है। रसायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग से हरी सब्जियों का स्वाद गायब हो चला है। कम समय में ज्यादा सब्जियां तैयार करने के लिए प्रतिबंधित ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन मुफीद साबित हो रहा है। पैदावार बढ़ाने की आपाधापी में रसायनों का उपयोग उपभोक्ताओं के लिए जहर साबित हो रहा है। अच्छे तेल-मसालों के उपयोग के बाद भी सब्जियों का स्वाद लोगों को रास नहीं आ रहा है।
फल और सब्जियां स्वस्थ्य आहार का हिस्सा जरूर हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से पहले इनमें मौजूद कीटनाशक और जहरीले रसायनों को निकालना जरूरी है। इसमें लापरवाही कई बीमारियों का शिकार बना सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक फल और सब्जियों को कीट-पतंगों से बचाने और उसके पैदावार को बढ़ाने के लिए अक्सर कीटनाशक और जहरीले रसायनों का प्रयोग किया जाता है। इनमें आर्सेनिक, डायल्ड्रिन, डीडीआई, डाइऑक्सिन का आमतौर पर उपयोग किया जाता है। जो इंसानी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
बुरी तरह स्वास्थ्य हो सकता है प्रभावित: सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर डॉक्टर जुगल किशोंर के मुताबिक वयस्कों में ऐसे फल और सब्जियों के सेवन से तंत्रिका तंत्र बाधित करने के साथ हार्मोन भी प्रभावित करता है। वहीं एलर्जी, उच्च रक्तचाप, अवसाद, बांझपन, अस्थमा के साथ कैंसर जैसी घातक बीमारियों को भी उतपन्न कर सकता है।
आर्गेनिक उत्पाद ही विकल्प है इसका
आर्गेनिक फल और सब्जियों को बिना केमिकल जैविक और प्राकृतिक तरीके से उगाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी एवं पोषक तत्वों से भरपूर होते है
For product list
https://d-gousrishti.dotpe.in
website
http://gousrishti.com/
whatsapp link
https://wa.me/message/MGAXBXAZ7MHOG1
गुरुवार, 22 जुलाई 2021
छिपे हुए कैमरों का पता कैसे लगाया जा सकता है?
कोई आपको देख रहा है
प्रौद्योगिकी ने उन्नत किया है कि जासूसी कैमरा एक छोटा, चिकना और चतुर डिजाइन है जिसे एक वस्तु के रूप में प्रच्छन्न किया जा सकता है। शॉपिंग मॉल में चेंजिंग रूम के अंदर हॉस्टल, होटल के कमरे, कारवां (एक अभिनेत्री के मामले में) और किराए के फ्लैट/पीजी आवास में रहने वाली महिलाओं के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है।
हम खबरें सुनते आ रहे हैं कि छिपे हुए कैमरे का इस्तेमाल महिलाओं को नहाते समय और कपड़े बदलते समय कैद करने के लिए किया जाता है। प्रतिद्वंदी लाइव स्ट्रीम सुविधा का उपयोग करके बिना कैमरे को स्विच ऑन किए रिकॉर्ड कर सकते हैं, क्योंकि वे गति का पता लगाने में सक्षम हैं, और वे स्वचालित रूप से रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं।
लाइव रिकॉर्ड किए गए वीडियो क्लाउड सर्वर में संग्रहीत होते हैं, और आप छिपे हुए कैमरे को तोड़कर रिकॉर्डिंग को नष्ट नहीं कर सकते।
2018 में चेन्नई में हुई एक भयानक घटना; कामकाजी महिला छात्रावास की मालिक ने कई जगहों पर स्पाई कैमरा छुपाया था, खासकर हर बाथरूम के अंदर 3 कैमरे।
हालाँकि, आप बग डिटेक्टर का उपयोग करके एक छिपे हुए कैमरे का पता लगा सकते हैं, लेकिन आपको इसे ऑनलाइन स्टोर से खरीदने के लिए खर्च करना होगा।
बुद्धिमान कैमरे का पता लगाने के लिए एक आसान तरीका उपलब्ध है, क्योंकि चेन्नई छात्रावास में महिलाओं ने एंड्रॉइड ऐप का उपयोग करके छिपे हुए कैमरे को ढूंढ लिया।
क्या आप नीचे दी गई वस्तु के रूप में प्रच्छन्न छिपे हुए कैमरे की पहचान कर सकते हैं?
स्मोक डिटेक्टर
2. डिजिटल अलार्म
3. एक बल्ब
4. ब्लू टूथ स्पीकर के अंदर
5. नाइट लैंप
6. एक गुड़िया में स्पाई कैमरा
यदि स्टफ्ड टॉय का रंग गहरा या व्यस्त पैटर्न है तो लेंस को नहीं देखा जा सकता है
7. सॉकेट में
8. अपने बाथरूम या बेडरूम में कोट हुक
9. फोटो फ्रेम के रूप में
10. लैंडलाइन टेलीफोन सॉकेट
11. आपके बाथरूम के अंदर वायु शोधक
11. आपके बाथरूम के अंदर वायु शोधक
इनमें से अधिकांश कैमरा इकाइयां रिमोट कंट्रोल और मोशन डिटेक्शन के साथ आती हैं, इस प्रकार इस भ्रामक तकनीक से गुप्त निगरानी पूरी तरह से संभव है। ऑनलाइन पोर्टल्स पर 2000 रुपये से कम में स्पाई कैमरे उपलब्ध होने के कारण, इन छिपे हुए कैमरों की पहचान करना और आपकी गोपनीयता की रक्षा करना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
छिपे हुए कैमरे की कुछ सामान्य विशेषताएं
उच्च रिज़ॉल्यूशन के साथ, ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ 1920X1080p HD वीडियो 30 fps और 120-डिग्री व्यू एंगल वीडियो रिकॉर्डिंग को परिपूर्ण बनाता है
प्रयोग करने में आसान - प्लग एंड प्ले। हाँ, जैसा कि कहा गया है, यह आसान है। बस वाईफाई कनेक्ट करें और काम में प्लग करें, जब आप रिकॉर्डिंग के साथ बस अनप्लग करें। आप अपने मोबाइल या लैपटॉप से कहीं भी लाइव स्ट्रीम कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी - यह लूप रिकॉर्डिंग और अपग्रेडेड मोशन डिटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ आता है। लूप रिकॉर्डिंग आपको एसडी कार्ड स्टोरेज स्पेस के बारे में नहीं सोचने की चिंता करने की अनुमति देती है, यह स्वचालित रूप से रिकॉर्डिंग जारी रखने के लिए पुराने रिकॉर्ड को साफ कर देता है और अपग्रेडेड मोशन डिटेक्शन मोड एसडी कार्ड स्पेस का कुशलतापूर्वक उपयोग करने में मदद करता है, जब आप रिकॉर्डिंग मोड को नियमित रिकॉर्डिंग से मोशन डिटेक्शन में बदल देते हैं तो यह जीत जाता है 'जब तक आच्छादित क्षेत्र में कुछ हलचल न हो तब तक लगातार रिकॉर्ड न करें'
छिपे हुए कैमरों से खुद को कैसे बचाएं? -
हिडन कैमरा डिटेक्टर ऐप के लिए ऐप गूगल प्ले स्टोर सर्च में उपलब्ध हैं। ऐप्स आपके आस-पास के कैमरों का पता लगा सकते हैं और आपके मोबाइल फोन के माध्यम से छिपे हुए कैमरों का पता लगा सकते हैं।
अपरिचित स्थानों जैसे होटल के कमरे, अतिथि कक्ष, शॉवर के नीचे, यहां तक कि आपके निजी कमरे, सार्वजनिक शौचालय आदि में रहने वाली महिलाएं ऐप का उपयोग कर सकती हैं।
ऐप कैसे काम करता है
छिपे हुए कैमरे का पता लगाने और किसी भी असामान्य चुंबकीय गतिविधि को खोजने के लिए आपको बस अपने फोन को अपने परिवेश में ले जाना होगा, जो एक हिडन कैमरा, स्पाई कैमरा, गुप्त कैमरा या एक छिपा हुआ उपकरण हो सकता है।
यदि मोबाइल स्पाई कैमरे के संपर्क में आता है तो उसे एक बीप ध्वनि और एक लाल बत्ती अलर्ट देना चाहिए।
सबसे पहले किसी अन्य कैमरा मोबाइल फोन या कैमरे का उपयोग करके ऐप का परीक्षण करें। आपके एंड्रॉइड फोन के ऐप को यह पता लगाना चाहिए कि यह दूसरे मोबाइल के कैमरे के संपर्क में कब आता है।
नोट- यह लेख हिडन कैमरा या हिडन कैमरा डिटेक्टर ऐप्स की मार्केटिंग के बारे में नहीं है। इस सामग्री का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और महिलाओं को विकृतियों से बचाना है
वीडियो रिकॉर्डिंग करते समय मोबाइल में ऐसी कौन सी सेटिंग है जो सब को नहीं पता होता?
चलिए आज हम आपको वीडियो रिकॉर्डिंग करते समय मोबाइल में ऐसी एक-दो सेटिंग है जो सब को नहीं पता होता जिसके बारे में बताते है।
बिंदु नम्बर 1.
ग्रिड (ग्रिड) -
इसके बारे में सब ने नाम सुना है और आपने अपने फ़ोन के कैमरे में भी इसे देखा है लेकिन उसका उपयोग ज़्यादातर लोगों ने कभी नहीं किया होगा। ये हम यक़ीन के साथ कह सकते है।
हम लोग ज़्यादातर इस तरह फ़ोटो या विड़ीयो रिकोर्ड करते है।
ये सही है लेकिन इससे थोड़ा और बेहतर बनाने के लिए ग्रिड का इस्तेमाल कर सकते है।
ग्रिड का करें इस्तेमाल
फोन से अच्छी फोटो/विड़ीयो क्लिक करने के लिए ग्रिड लाइंस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। फोन से अच्छे शॉट्स लेने का यह पुराना और कारगर तरीका है।
- ग्रिड का इस्तेमाल करने पर स्क्रीन के ऊपर तीन लाइन बन जाती हैं।
- इन लाइनों की मदद से ऑब्जेक्ट को फोटो में आसानी से शामिल किया जा सकता है।
- ग्रिडलाइंस को खोलने के लिए फोन की सेटिंग्स में जाना होगा, उसके बाद वहां से ग्रिड को ऑन कर सकते हैं।
अब यह कुछ इस तरह दिखाई देगा।
- इससे आपके ऑब्जेक्ट पर असर पड़ता है। यह सिर्फ़ आपके ऑब्जेक्ट पर फ़ोकस करेगा और उसे बेहतरीन बनाने में मदद करता है।
- इससे पर्टिक्युलर बॉक्स बने होते है जिसमें अलग-अलग ऑब्जेक्ट के हिसाब से विडीओ रिकोर्ड होती है।
बिंदु नम्बर 2.
आमतौर पर लोग बिना कैमरा की सेटिंग में बदलाव किए ही इसका उपयोग करने लग जाते है।(जैसा नया आता है सीधे कैमरा का उपयोग) अगर हम विडीओ बना रहे है तो इस चीज़ का ध्यान और देना होगा।
- आजकल के फ़ोन उच्च क्वालिटी की विडीओ बनाने में सक्षम है लेकिन इसका उपयोग करने के लिए हमें ज़्यादा जगह भी चाहिए जोकि अब आने लग ही गई है।
- फ़ोन के साथ कैमरे की सेटिंग डिफ़ॉल्ट आती है,(जिसे आप देख सकते है डिफ़ॉल्ट👇🏻) जिन्हें हमें बदलना होगा। जैसे-
- आपको पिक्सल का ध्यान रखना होगा।
- अगर आप स्लो मोशन विडीओ बना रहे है तो आपको 4K 60fps से बचना होगा इसमें कम लेंथ की विडीओ भी ज़्यादा साइज़ में बनती है।
- अगर आप 4–5 मिनट की विडीओ बना रहे हो तो आप अपनी इच्छानुसार फ़ॉरमेट रख सकते है लेकिन लम्बी विडीओ बनाने पर इसका ध्यान रखे। क्योंकि -
- ज़्यादा फ़ॉरमेट (4K, 30fps, 60fps) के साथ-साथ विडीओ का साइज़ तो बढ़ता ही है और साथ में ही आपका फ़ोन गर्म भी होगा और बैटरी भी ज़्यादा खर्च होती है। इसलिए इसका विशेषतौर पर ध्यान रखे।
उम्मीद करता हूँ यह टिप्स अपने बहुत काम आई होगी। बताना ज़रूर।
अमेरिका ने भारत से कहा है कि अंतरिक्ष को कूड़ेदान न बनायें.
एक तस्वीर देखिए।
यह लाल चिन्हित बिंदु, सभी मनुष्यों द्वारा बनाए गए उपग्रहों आदि का एक ३डी चित्र है। अब ज़ाहिर-सी बात है कि इनमें सबसे अधिक योगदान किसका होगा, बेशक रूस और अमेरिका का।
अमेरिका वह दयालु देश है जो खुद तो तरक्की करता है लेकिन वही तरक्की कोई दूसरा देश करे, तो उसे यह श्लोक याद आ जाता है-
“विश्व: शान्ति, अंतरिक्ष: शान्ति, वनस्पतयः शान्ति, सर्वज्ञाम शान्ति।”
इसने खुद यह परीक्षण एक नहीं, दो बार सबको करके दिखाया है, और कई बार छिपा कर कर चुका है। कब? अमेरिका ने पहली बार वर्ष १९५९ में पहला ए-सॅट परीक्षण किया था, और फिर २००७ में जब चीन ने यह परीक्षण किया, उसकी कड़ी निंदा करने के साथ साथ अमेरिका ने फिर से यह परीक्षण किया था, बस चीन को दिखाने के लिए कि अभी भी विश्व की महाशक्ति अमेरिका ही है।
विश्व में आतंकवाद को जन्म दिया किसने? अमेरिका ने।
फिर इसको एशिया की समस्या कहकर नज़रअंदाज़ किया, तब तक, जब तक भस्मासुर बनकर इसी आतंकवाद ने उसकी ही ऊंची इमारत को ध्वस्त कर दिया। तब जाकर उसे पता चला कि आतंकवाद विश्व की समस्या है।
दुनिया में परमाणु अस्त्र का प्रयोग केवल एक ही देश ने किया है, कौन? अमेरिका।
जापान के दो शहरों को सदियों के लिए ध्वंस करने के बाद आज यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो लेकर बैठा है। जबकि हमेशा शान्ति का नारा देने वाला भारत आज भी स्थायी सदस्य नहीं बन पाया।
पॅरिस प्रोटोकॉल से सबसे पहले कौन सा देश निकला? अमेरिका। और फिर वह प्रगतिशील देशों पर प्रदूषण का दोष लादता है, जबकि सबसे अधिक कार्बन यही छोड़ता है दुनिया में।
तो इसमें कोई हैरानी नहीं कि भारत जैसे राष्ट्र जहां अमेरिका को बस्तियों और गरीबी के अलावा कुछ और नहीं दिखता, वहां के वैज्ञानिकों ने सम्पूर्ण स्वदेशी कौशल से एन्टी-सॅटेलाइट मिसाइल बनाई और बिना किसी हिचकिचाहट खुद इसका सफल परीक्षण भी किया। इस पर अमेरिका को कूड़ादान नहीं दिखेगा तो और क्या दिखेगा?
इस बात पर मंगलयान को लेकर एक पुराना वाकया याद आता है। जब भारतीय संस्थान इसरो ने नासा के पास मंगल यात्रा में शामिल होने के लिए प्रस्ताव रखा था तब अमरीकी अख़बार 'न्यूयॉर्क times' ने इसका भद्दा मज़ाक उड़ाया था।
उन्होंने भारतीय वैज्ञानिक संस्थानों को गाय जैसा बेवकूफ करार दिया।
फिर भारत ने दुनिया का सबसे सस्ता मिशन बनाकर मंगलयान भेजा। फिर एक साथ कई सारे सॅटेलाइट भी भेजे, कम खर्च पर, और पूरी दुनिया इस बात पर भारत की वाहवाही करने लगी। सारे देश अपने-अपने सॅटेलाइट भारतीय संस्थान द्वारा सस्ते में भेजने के लिए आगे आए।
और भारतीय अख़बारों ने उसका बढ़िया बदला लिया।
फिर क्या! न्यूयॉर्क टाइम्स ने माफी मांगी। :)
प्रश्न था -
अमेरिका ने भारत से कहा है कि अंतरिक्ष को कूड़ेदान न बनायें .इस विषय पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?
आधार -
Watch 20,000 Satellites Orbit Earth In Real Time — Simply Amazing!
Dear New York Times Do You Still Think ISRO Should Be Kept Outside The 'Elite Club'
इजराइल की सी ब्रेकर मिसाइल क्यों चर्चा में है?
इजरायल ने पांचवी पीढ़ी की सी ब्रेकर मिसाइलको दुनिया के सामने पेश किया है। इस महाविनाशक मिसाइल को इजरायली हथियार निर्माता कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स
ने बनाया है। बुधवार को इस मिसाइल का उद्धाटन इजरायली रक्षा मंत्री ने किया। इस मिसाइल को समुद्र या जमीन से फायर किया जा सकता है जो 300 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन का खात्मा करने में सक्षम है। इजरायली कंपनी इस मिसाइल को भारत को ऑफर करने के प्लान पर भी काम कर रही है।
सी ब्रेकर मिसाइल
प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल है सी ब्रेकर
सी
ब्रेकर पांचवी पीढ़ी की लंबी दूरी तक मार करने वाली, ऑटोनोमस प्रिसिजन
गाइडेड मिसाइल सिस्टम है। यह मिसाइल किसी भी देश की नौसेना और आर्टिलरी की
क्षमता को कई गुना बढ़ा सकती है। इसे जमीन पर स्थित किसी भी सैन्य ठिकाने
से या फिर किसी युद्धपोत से फायर किया जा सकता है। कंपनी से जुड़े सूत्रों
ने बताया है कि आने वाले दिनों में इस मिसाइल को मेक इन इंडिया के जरिए
भारत को ऑफर किया जा सकता है।
भारत में कल्याणी के साथ काम करती है यह कंपनी
इजरायल
की यह कंपनी भारत में कल्याणी ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर चलाती है। इसे
कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स (KRAS) के नाम से जाना जाता है। कल्याणी
ग्रुप अकेले में भारत फोर्ज के नाम से अपनी डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी को
चलाती है। राफेल एडवांस्ड और कल्याणी साथ मिलकर भारतीय सशस्त्र बलों के लिए
कई तरह के हथियारों और गाड़ियों पर काम कर रहे हैं।
सी ब्रेकर मिसाइल की विशेषता
सी
ब्रेकर मिसाइल इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स, कंप्यूटर विजन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
और निर्णय लेने वाले एल्गोरिदम से लैस है। ऐसे में अगर आखिरी समय में भी
मिसाइल को अपना लक्ष्य बदलना पड़े तो इसे कोई परेशानी नहीं होगी। यह मिसाइल
प्रिसिजन गाइडेड होने के कारण काफी सटीकता से लक्ष्य को भेदने में सक्षम
है। इसमें एक उन्नत आईआईआर (इमेजिंग इन्फ्रा-रेड) सीकर लगा हुआ है, जो जमीन
या समुद्र में स्थिर या गतिमान लक्ष्य को पिन पॉइंट एक्यूरेसी से हिट कर
सकता है।
क्यों खतरनाक है सी ब्रेकर मिसाइल
यह
मिसाइल समुद्र और जमीन दोनों ही जगहों पर काफी नीचे उड़ान भरती है। ऐसे
में समुद्र या जमीन पर मौजूद दुश्मन के रडार इस मिसाइल के आहट को पहचान
नहीं पाते हैं। जब मिसाइल दुश्मनों के बिलकुल नजदीक पहुंच जाती है जो
उन्हें रिएक्ट करने का समय भी नहीं देती है। ऐसे में इस मिसाइल से दुश्मन
का बचना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
Spice 250: बालाकोट में तबाही मचाने वाले बम का छोटा वर्जन, इजरायल ने भारत को किया ऑफर
किसी भी प्लेटफॉर्म से किया जा सकता है लॉन्च
सी ब्रेकर मिसाइल को नौसेना के कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसमें फॉस्ट अटैक मिसाइल बोट, कोरवेट और फ्रिगेट भी शामिल हैं। समुद्री किनारों की रक्षा के लिए स्पाइडर लॉन्चर्स में इस मिसाइल को फिट किया जा सकता है। यह मिसाइल सभी प्रकार के मौसम में फायर की जा सकती है।
40,000 रुपये के तहत सबसे अच्छा गेमिंग मोबाइल फोन क्या है?
40,000 रुपये के तहत सबसे अच्छा गेमिंग मोबाइल फोन क्या है?
यहां 35000/- रुपए की दर से कुछ लोकप्रिय गेमिंग मोबाइल की सूची दी गई है।
आप उन्हें सीधे ऑनलाइन खरीद सकते हैं या आप अपने स्थानीय स्टोर पर भी जा सकते हैं।
कैमरा
48MP+13MP+13MP रियर कैमरा |
32MP सेल्फी कैमरा।
डिस्प्ले
16.65cm (6.56") AMOLED डिस्प्ले 120 हर्ट्ज़ दर और 2376 x 1080 पिक्सेल रिज़ॉल्यूशन के साथ।
मेमोरी
मेमोरी और सिम: 8GB रैम | 128GB इंटरनल मेमोरी |
सिम
डुअल 5G सिम (5Gनैनो+5Gनैनो) डुअल-स्टैंडबाय (5G)।
ऑपरेटिंग सिस्टम
फनटच ओएस 11.1 (एंड्रॉइड 11 पर आधारित)
प्रोसेसर
क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 870 ऑक्टा कोर प्रोसेसर के साथ ।
बैटरी और चार्जिंग
4300mAh बैटरी (टाइप-सी) के साथ 33W फ्लैश चार्जिंग।
कैमरा
कैमरा: 108MP ट्रिपल रियर कैमरा 8MP अल्ट्रा-वाइड और 5MP सुपर मैक्रो के साथ |
20 एमपी फ्रंट कैमरा।
डिस्प्ले
डिस्प्ले: 120Hz हाई रिफ्रेश रेट FHD+ (1080x2400) AMOLED डॉट डिस्प्ले; 16.9 सेंटीमीटर (6.67
इंच); 2.76 मिमी अल्ट्रा टिनी पंच होल; एचडीआर 10+ समर्थन;
360 हर्ट्ज टच सैंपलिंग, एमईएमसी तकनीक।
मेमोरी
मेमोरी, स्टोरेज और सिम: 8GB LPDDR5 RAM |
128GB UFS 3.1 स्टोरेज।
सिम
दोहरी सिम नेटवर्क बैंड 5G / 4G / 3G / 2G का समर्थन करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम
एमआईयूआई 12, एंड्रॉइड 11
प्रोसेसर
क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 888 5G क्रियो 680 ऑक्टा-कोर के साथ; 5 एनएम प्रक्रिया; 2.84GHz क्लॉक स्पीड
तक; लिक्विडकूल तकनीक।
बैटरी और चार्जिंग
बैटरी: 4520 एमएएच की बड़ी बैटरी के साथ 33W फास्ट चार्जर इन-बॉक्स और टाइप-सी कनेक्टिविटी।
64MP + 8MP + 2MP + 2MP
रियर कैमरा
32MP फ्रंट कैमरा
डिस्प्ले
16.64 सेमी (6.55 इंच) फुल एचडी+ डिस्प्ले 2400x1080 रेजोल्यूशन के साथ।
3डी बॉर्डरलेस सेंस स्क्रीन - एआई हाईलाइट वीडियो (अल्ट्रा नाइट वीडियो + लाइव एचडीआर) - सुपर एमोलेड
डिस्प्ले
मेमोरी
128GB 8GB रैम, 256GB 12GB रैम
यूएफएस 2.1
सिम
डुअल सिम (नैनो-सिम, डुअल स्टैंड-बाय) 5
जी
जीएसएम / सीडीएमए / एचएसपीए / सीडीएमए2000 / एलटीई / 5जी
ऑपरेटिंग सिस्टम
कलर OS 11.1 Android v11.0 ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित
प्रोसेसर
2.6GHz MediaTek डाइमेंशन 1000+ (MT6889) प्रोसेसर,
ARM G77 MC9 836 MHz के साथ
बैटरी और चार्जिंग
इनोवेटिव 65W SuperVOOC 2.0 फ्लैश चार्जिंग 4350 एमएएच की बैटरी, 5 मिनट की चार्जिंग और 4 घंटे
के वीडियो प्लेबैक के साथ 30 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो जाती है।
कैमरा
मोशन ऑटोफोकस के साथ 64MP+8MP+2MP का रियर कैमरा, आई ऑटोफोकस, बॉडी/ऑब्जेक्ट
ऑटोफोकस, सुपर नाइट मोड, सुपर वाइड एंगल नाइट मोड, ट्राइपॉड नाइट मोड, अल्ट्रा स्टेबल
वीडियो, आर्ट पोर्ट्रेट वीडियो, सुपर मैक्रो, बोकेह पोर्ट्रेट, मल्टी-स्टाइल पोर्ट्रेट, एआर स्टिकर्स, 3डी
साउंड ट्रैकिंग |
44MP+8MP सेल्फी
कैमरा।
डिस्प्ले
16.35 सेंटीमीटर (6.44 इंच) FHD+ मल्टी-टच कैपेसिटिव टचस्क्रीन 2400 x 1080 पिक्सल
रिज़ॉल्यूशन के साथ।
मेमोरी
मेमोरी, स्टोरेज और सिम: 8GB रैम | 128GB की इंटरनल मेमोरी बढ़ाई जा सकती है
सिम
डुअल सिम (नैनो+नैनो) डुअल-स्टैंडबाय (5G+4 .)
ऑपरेटिंग सिस्टम
Android 10, Android 11 में अपग्रेड करने योग्य, Funtouch 11
प्रोसेसर
क्वालकॉम SM7250 स्नैपड्रैगन 765G 5G (7 एनएम)
एड्रेनो 620
बैटरी और चार्जिंग
4000 एमएएच लिथियम-आयन बैटरी
फास्ट चार्जिंग 33W।
function disabled
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