जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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गुरुवार, 13 अप्रैल 2023
क्यों भारतीय महिलाओं को साष्टांग दंडवत प्रणाम निषेध माना गया है?
ऑटोमेटिक गियर वाली गाड़ी चलाते समय क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
अब धीरे-धीरे ऑटोमेटिक गाड़ियों का चलन बढ़ता ही जा रहा है. आज नहीं तो कल ऑटोमेटिक कार से आपका भी पाला पड़ सकता है, जरुरी नहीं की अपनी ही हो. कभी किसी इमरजेंसी वाली स्थिति में भी किसी की ऑटोमेटिक कार ड्राइव करनी पड़ी, तो आपको ड्राइविंग आने के बाद भी ड्राइव करने के लिए सोचना पड़ेगा.
पी,आर,एन,डी और एस (PRNDS)
जब कभी आपका ऑटोमेटिक कार से पाला पड़ेगा, तब आपको इसमें गियर लिवर के पास अंग्रेजी में P,R,N,D,S अक्षर लिखे हुए मिलेंगे. न कि मेनुअल कार की तरह 1,2,3,4,5,6. इसलिए पहली बार इन अक्षरों को देखकर आपको थोड़ा सा असहज महसूस हो सकता है. लेकिन एक बार इनका मतलब समझने के बाद आपको आसान लगने लगेगा.
जब भी आप ऑटोमेटिक कार चलाएं, तो बस पी,आर,एन,डी,एस मोड्स को याद रखें. यानि जब आपको कार पार्क करनी है, तब आपको गियर लिवर पी के सामने ले जाना होगा. इससे पार्किंग मोड ऑन हो जायेगा. इसी तरह सभी मोड्स काम करेंगे. जैसे आपको कार को बैक करना हो, तब आपको गियर लिवर आर के सामने रखना होगा. अगर आप रेड लाइट या ऐसी ही कहीं गाड़ी रोककर खड़े हैं, तब आपको गियर लिवर को एन के सामने रखना होगा. जिससे कार न्यूट्रल मोड में आ जाएगी और जब आप ड्राइव करने के लिए हैं, आप लिवर को डी के सामने कर दें. तब आपकी गाड़ी गियर मोड में आ जाएगी और गाड़ी चलते समय अपने आप जरुरत के मुताबिक गियर बदलती रहेगी. वहीं एस यानि स्पोर्ट्स मोड कार को अतिरिक्त पावर देने का काम करता है.
बुधवार, 12 अप्रैल 2023
फ्रीडम 251 मोबाइल का क्या हुआ?
फ्रीडम 251 एक कम कीमत वाला स्मार्टफोन था जिसे 2016 में भारत में काफी धूमधाम से लॉन्च किया गया था। कीमत मात्र रु. 251 (लगभग $4), डिवाइस को दुनिया के सबसे सस्ते स्मार्टफोन के रूप में पेश किया गया था और इसने उपभोक्ताओं से काफी चर्चा और रुचि पैदा की थी। हालाँकि, लॉन्च विवाद में फंस गया था, और तब से डिवाइस का भाग्य अनिश्चित रहा है।
फ्रीडम 251, रिंगिंग बेल्स के पीछे की कंपनी, भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक अपेक्षाकृत अज्ञात फर्म थी। कंपनी ने दावा किया कि उसने जनता को एक किफायती स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिवाइस को इन-हाउस विकसित किया है। हालांकि, संशयवादियों ने इस तरह के कम लागत वाले डिवाइस की व्यवहार्यता के बारे में चिंता जताई और कुछ ने रिंगिंग बेल्स पर एक घोटाला करने का आरोप लगाया।
संदेह के बावजूद, कंपनी फरवरी 2016 में फ्रीडम 251 के लॉन्च के साथ आगे बढ़ी। डिवाइस में 4 इंच का डिस्प्ले, 1.3 गीगाहर्ट्ज क्वाड-कोर प्रोसेसर, 1 जीबी रैम और 8 जीबी की इंटरनल स्टोरेज जैसी बुनियादी विशेषताएं थीं। . इसमें 3.2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 0.3 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा भी था। डिवाइस एंड्रॉइड 5.1 लॉलीपॉप पर चलता था और कई ऐप के साथ आता था।
फ्रीडम 251 का लॉन्च एक अराजक मामला था, कंपनी को लॉन्च के कुछ ही घंटों के भीतर लाखों प्री-ऑर्डर प्राप्त हुए। हालाँकि, कंपनी जल्द ही मुश्किल में पड़ गई जब यह पता चला कि उसने सरकार और नियामक निकायों से आवश्यक प्रमाणपत्र और अनुमोदन प्राप्त नहीं किए थे। डिवाइस की गुणवत्ता और व्यवसाय मॉडल की व्यवहार्यता के बारे में भी चिंताएं थीं।
फ्रीडम 251 का भविष्य अस्पष्ट है। डिवाइस के पीछे की कंपनी, रिंगिंग बेल्स, तब से बंद है, और कंपनी के संस्थापकों के ठिकाने अज्ञात हैं। डिवाइस को प्री-ऑर्डर करने वाले कुछ उपभोक्ताओं को रिफंड मिला, जबकि अन्य को खाली हाथ छोड़ दिया गया। डिवाइस को कभी भी व्यापक रूप से वितरित या दुकानों में बेचा नहीं गया था, और यह भारतीय स्मार्टफोन बाजार के इतिहास में एक जिज्ञासु फुटनोट बना हुआ है।
अंत में, फ्रीडम 251 की कहानी प्रचार के खतरों और पारदर्शिता और नियामक अनुपालन के महत्व के बारे में एक सतर्क कहानी है। जबकि जनता के लिए कम लागत वाले स्मार्टफोन का विचार एक आकर्षक है, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऐसे उपकरण सुरक्षित, विश्वसनीय और एक व्यवहार्य व्यवसाय मॉडल द्वारा समर्थित हों।
शादी एक पवित्र बंधन है.. मर्यादाओं मे रहे ..🙏🏻अपनी पुरानी परंपरा ही ठीक है.....दिखावे से बचे।
एक शुद्ध #भारतीय विवाह
जयपुर राजस्थान में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार,
विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले हैरान हैं
☆लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।
☆यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं को लेकर हैं !!
मांगें इस प्रकार से हैं::
01 कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.
02 🌹 दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय साड़ी पहनेगी.
03 🌹 मैरिज लॉन में ऊलजुलूल अश्लील कानफोड़ू संगीत की बजाय, हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा.
04🌹 वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहेंगे.
05🌹 वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
06🌹 पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद कोई ,उन्हें रोके टोकेगा नहीं.
07🌹 कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से लेगा न कि बार बार पंडितजी को टोक कर..!
ये देवताओं का आह्वान करके उनके साक्ष्य में किया जा रहा विवाह समारोह है.. ना की किसी फिल्म की शूटिंग.
08🌹 दूल्हा दुल्हन द्वारा कैमरामैन के कहने पर उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे.
09🌹विवाह समारोह दिन में हो और शाम तक विदाई संपन्न हो। जिससे किसी भी मेहमान को रात 12 से 1 बजे खाना खाने से होने वाली समस्या जैसे अनिद्रा, एसिडिटी आदि से परेशान ना होना पड़े।
इसके अतिरिक्त मेहमानों को अपने घर पहुंचने में मध्य रात्रि तक का समय ना लगे और असुविधा ना हो।
10🌹नवविवाहित को सबके सामने.. आलिंगन के लिए कहने वाले को तुरंत विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
11. विवाह में किसी प्रकार का मांस मदिरा वर्जित होगा, विवाह में देवी देवताओं का आवाह्न किया जाता है, मांस मदिरा देखकर देवी देवता रूष्ट होकर , दुल्ले दुल्हन को बिना आशीर्वाद दिए चले जाते हैं।
🌹ज्ञात हुआ है लड़की वालों ने लड़के की सभी मांगे सहर्ष मान ली है..!!
समाज सुधार करने के लिए सुंदर सुझाव.! सभी के लिए अनुकरणीय..!!
🙏🏻शादी एक पवित्र बंधन है.. मर्यादाओं मे रहे ..🙏🏻अपनी पुरानी परंपरा ही ठीक है.....दिखावे से बचे।
सनातन धर्म की जय हो। जय श्री राम 🚩
सांपों को मारने वाले लोगों को सज़ा भुगतनी पड़ती है
सांपों को मारने वाले लोगों को गरुड़ पुराण जो कि श्रीविष्णु एवं उनके वाहन गरुड़ के मध्य संवाद है। उसके अनुसार यदि कोई मनुष्य जान बूझकर किसी सर्प की हत्या करता है तो उनके अगले जन्म में कालसर्प दोष दुर्योग कुंडली में बन जाता है।
१८ पुराणों में से एक गरूड़ पुराण में कहा गया है। यह १८ वां पुराण है इसकी जानकारी मुझे पिछले वर्ष मेरे पिता की मृत्यु हुई तब ये सारी ज्ञानभरी जानकारी प्राप्त हुई, कि किस कर्मों के अनुसार क्या फल मिलता है?
पुराण में ही कहा गया है कि जिस गृह में सांप निवास करते हैं उस घर को तत्काल छोड़ देने में ही भलाई है क्योंकि इससे घर में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु हो सकती है।
- मनुष्य हो या पशु/ पक्षी या सरीसृप वर्ग के जीव प्रत्येक जीव की हत्या करने पर दंड अवश्य मिलती है।
- जो भी मनुष्य किसी जीव की निर्ममता पूर्वक हत्या करता है उसे उसका दंड निश्चित रूप से भोगना पड़ता है।
- धर्म शास्त्रों में इस संबंध में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रत्येक मनुष्य को सरीसृप जीवों की हत्या करने से बचना चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति सांप की हत्या करता है तो उस व्यक्ति को इसका परिणाम कई जन्मों तक भोगना पड़ता है।
- ज्योतिषशास्त्र में भी ऐसा कहा गया है कि सांप की हत्या करने या कष्ट पहुंचाने वाले व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए इस पाप से छुटकारा नहीं मिलता है। यह भी कहा जाता है कि जो ऐसा करता है अगले जन्म में उनकी कुण्डली में कालसर्प नामक योग बनता है। इस योग के चलते व्यक्ति को जीवन में भयंकर परेशानियां घेर लेती हैं।
- अनेक प्रयासों के पश्चात भी अवरोध /असफलताएं सर्पों की हत्या करने वालों की पीछा नहीं छोड़ती है।
- जो लोग सर्पों को डंडे से पीट - पीट कर मारते हैं, ऐसे भी सभी क्षेत्रों में पिछड़े हुए होते हैं। समस्या उनका पीछा नहीं छोड़ती है।
- अतः मेरा यह व्यक्तिगत रूप से मानना है कि हमें सांपों को ही नहीं अपितु किसी भी जीव को नहीं मारना चाहिए। ना ही किसी भी प्रकार का शारीरिक कष्ट पहुंचाना चाहिए। बुरे कर्म का बुरा परिणाम भोगना ही पड़ता है।
भगवान भी किसी औरत के चरित्र को बता क्यों नही सकते?
एक जवान औरत कुएं के पास पानी भर रही थी तभी एक आदमी वहाँ पहुँचा। उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया।
पानी पीने के बाद उस आदमी ने औरत से पूछा कि क्या आप मुझे बता सकती हैं की भगवान भी किसी औरत के चरित्र को बता क्यों नही सकते?
इतना कहने पर वह औरत जोर जोर से चिल्लाने लगी बचाओ... बचाओ...
उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग कुए की तरह दौड़ने लगे तो उस आदमी ने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रही है, तो उस औरत ने कहा ताकि गांव वाले आए और आपको खूब पीटें और इतना पीटे की आपके होश ठिकाने लग जाए।
यह बात सुनकर उस आदमी ने कहा मुझे माफ करें, मैं तो आपको एक भली और इज्ज़तदार औरत समझ रहा था।
तभी उस औरत ने कुएं के पास रखा मटके का सारा पानी अपने शरीर पर डाल लिया और अपने शरीर को पूरी तरह भींगा डाला। इतने देर में गांव वाले भी कुएं के पास पहुंच गए।
गांव वालों ने उस औरत से पूछा कि क्या हुआ ?
औरत ने कहा मैं कुएं में गिर गई थी इस भले आदमी ने मुझको बचा लिया। यदि यह आदमी यहां नही रहता तो आज मेरी जान चली जाती।
गांव वालों ने उस आदमी की बहुत तारीफ की और उसको कंधों पर उठा लिया। उसका खूब आदर सत्कार किया और उसको इनाम भी दिया।
जब गांव वाले चले गए तो औरत ने उस आदमी से कहा कि अब समझ में आया औरतों का चरित्र???
अगर आप औरत को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह आपका सब सुख- चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी।
मंगलवार, 11 अप्रैल 2023
गौमाता के लिए शहर से लेकर गांव तक हर घर में यह आंदोलन खड़ा होना समय की मांग है।
हर कोई एक छोटे से काम से शुरुआत कीजिए। इसे घर में बच्चों से लेकर बड़े तक कोई भी आसानी से कर सकता है।
पानी की बोतल आसानी से कहीं भी मिल सकती है। हर घर में हर दिन कम से कम एक या एक से अधिक प्लास्टिक की थैलियाँ आती हैं, (जैसे तेल की थैली, दूध की थैली, किराने की थैली, शैम्पू, साबुन, मैगी, कुरकुरे आदि) वही थैलियां हमें रोज कूड़ेदान की जगह पानी की बोतल में डालनी हैं।
आप सप्ताह में एक बार बोतल को भर सकते हैं और उचित ढक्कन के साथ कूड़ेदान में फेंक दें। ऐसा करने से जानवर बिखरा हुआ प्लास्टिक नहीं खाएंगे।
प्लास्टिक कचरे और पानी की बोतलों का उचित निपटान होगा। कचरा विभाग को कूड़ा जमा करने में भी सुविधा होगी।
इतने छोटे से काम से पर्यावरण, धरती और आने वाली पीढ़ी को बहुत बड़ा फायदा होगा। जितना हो सके इस काम को 100% करने की कोशिश करें, जितने समय में हर कोई कर सकता है।
शहर से लेकर गांव तक हर घर में यह आंदोलन खड़ा होना समय की मांग है। विनम्र निवेदन है कि हर घर इस जरूरत को पहचानें और इस शुभ कार्य की शुरुआत करें।
*प्लास्टिक योजना के साथ भारत।*😊🎙💐 www.sanwariyaa.blogspot.com
रविवार, 9 अप्रैल 2023
यह बंद फैक्ट्री है रानीबाग उत्तराखण्ड में एचएमटी की. किसी समय यह भारत का वक्त बताती थी
श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? नहीं तो जानिये-
शनिवार, 8 अप्रैल 2023
क्या आप जानते हैं कि पौधों के लिए कौन सा फर्टिलाइजर सबसे बेस्ट होता है?
तो चलिए आज आपको ऐसे ही फर्टिलाइजर्स के बारे में बताते हैं जिन्हें अधिकतर नर्सरी वाले लोग अपने पौधों में डालते हैं।
1. डीएपी खाद
इसमें बराबर मात्रा में यूरिया और फास्फोरस होता है। कई बार ये बाज़ार से ही मिला हुआ मिल जाता है और कई बार इसे अलग से खरीदकर मिलाना भी होता है।
कैसे इस्तेमाल करते हैं ये खाद?
इसका 1 चम्मच 1 लीटर पानी में घोलकर पौधों में छिड़काव किया जा सकता है और उसके साथ ही पौधे में गुढ़ाई करके 1/4 चम्मच इस खाद को मिट्टी में छिड़का जा सकता है।
ये तरीका आपके उन सभी पौधों के लिए अच्छा साबित हो सकता है जिन्हें फास्फोरस की जरूरत होती है।
2. सिंगल सुपर फॉस्फेट
जिन लोगों के पास ज्यादा समय नहीं है उनके लिए फॉस्फेट से भरपूर ये खाद काफी जरूरी हो सकती है। ये खाद पत्तियों को चमकदार बनाती है और फूल और फलों को बड़ा बनाती है।
कैसे इस्तेमाल करते हैं ये खाद?
इसका 1 चम्मच 1 लीटर पानी में घोलकर पौधों में छिड़काव किया जा सकता है और उसके साथ ही पौधे में गुढ़ाई करके 1/2 चम्मच इस खाद को पत्तियों में छिड़का जा सकता है। इससे फंगस नहीं लगती है और परेशानी ज्यादा नहीं होती है। हालांकि, कई पौधों को ये सूट नहीं करती है इसलिए आपको पहले अपने पौधे के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए।
3. पोटाश खाद
ये ऑरेंज रंग की खाद होती है जो अधिकतर खेती में भी इस्तेमाल की जाती है। पोटाश ग्रोथ को आगे बढ़ाता है और अगर पौधा किसी कारण से मर रहा है या फिर उसमें किसी तरह से ग्रोथ नहीं हो रही तो इसे यूज करना चाहिए।
कैसे इस्तेमाल करते हैं ये खाद?
इसे भी इस्तेमाल करने का तरीका बिल्कुल वैसा ही है, लेकिन अगर आप इसे बड़े गमले में इस्तेमाल कर रहे हैं तो 1 चम्मच खाद डालें।
अगर इसका लिक्विड फर्टिलाइजर बना रहे हैं तो आप इसे रात भर पानी में डूबा रहने दें और फिर सुबह छिड़काव करें।
4. नीम खली
ये सबसे आसानी से मिलने वाला फर्टिलाइजर है और इससे मिट्टी में लगने वाली फंगस भी खत्म होती है। नीम खली को कई बार मिट्टी में पौधा लगाते समय भी मिलाया जाता है जिससे पौधों की ग्रोथ बिना किसी फंगस या रोग के हो सके।
कैसे इस्तेमाल करते हैं ये खाद?
हफ्ते में एक बार कम से कम एक चम्मच इसे मिट्टी की गुढ़ाई करके डालें। इससे मिट्टी में फंगस की समस्या बिल्कुल ही खत्म हो सकती है।
ये आपके घरेलू पौधों के लिए बहुत ही जरूरी खाद है जिसका इस्तेमाल हमेशा करते रहना चाहिए।
5. सरसों खली
नीम खली की तरह ही सरसों खली भी पौधों के लिए बहुत जरूरी खाद साबित हो सकती है हालांकि, ये उनकी ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए है।
इसमें कई तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो इसे हर पौधे के लिए सही माना जा सकता है। वैसे गुलाब के पौधों के लिए भी ये काफी जरूरी होती है।
कैसे इस्तेमाल करते हैं ये खाद?
आप 5 लीटर पानी में 250 ग्राम खली मिलाएं और इसे 1 हफ्ते के लिए ऐसा ही छोड़ दें। इसमें पानी मिलाते रहें पर बहुत ज्यादा लिक्विड नहीं करना है। इसे लकड़ी की मदद से चलाते रहें ताकि लंप्स ना बनें और फिर इसे पौधों में इस्तेमाल किया जा सके। क्योंकि ये ज्यादातर सॉलिड फॉर्म में होती है इसलिए इसे लिक्विड बनाना जरूरी है।
ये सभी फर्टिलाइजर्स नर्सरी में रेगुलर यूज किए जाते हैं और ऐसे में आपके लिए ये यूजफुल साबित हो सकते हैं।
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