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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

किसी राजनेता को किसानों के लिए कोई संवेदना या जिम्मेदारी नहीं है लेकिन किसान सबकी राजनीति का हिस्सा जरूर हैं ।

भारत में किसान हर मौसम में जी तोड़ मेहनत करके हर तरह की खाने पीने की वस्तुएं पैदा करके हम आम लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं लेकिन आजकल परिस्थितियां कुछ ऐसी हो गयी हैं कि सबसे ज्यादा तकलीफ किसानों के जीवन में ही नज़र आती हैं । 
पूरी साल मेहनत करके भी वो लोग ना तो अपने दम पर बिना कर्ज लिए अपने परिवार की जरूरतें ही पूरा कर पाते हैं और ना ही लिये हुए कर्ज को उतार पाते हैं और ये दोनों ही तकलीफें हर साल हजारों किसानों की जान ले लेती हैं । 
और सालों साल तमाम नई नई सरकारी नीतियों , वादों और योजनाओं के बाद भी किसान की स्थिति जस की तस बनी हुई है बल्कि और ज्यादा तकलीफदेय होती जा रही है और ऐसा महसूस भी नहीं होता कि किसी राजनेता को किसानों के लिए कोई संवेदना या जिम्मेदारी है लेकिन किसान सबकी राजनीति का हिस्सा जरूर हैं । 
 तो ये तो तय है कि अभी तो किसानों को अपनी समस्याओं के हल खुद ही करने होंगे लेकिन अगर हम आम लोग अपनी क्षमता से किसानों का सहयोग कर दें तो भारत के सभी किसानों और गांवो को बहुत जल्दी खुशहाल बनाया जा सकता है । तो यहाँ बहुत संक्षिप्त में कुछ ऐसे काम बताए  जा रहे हैं जिन्हें जो भी किसान भाई करेगा वो खुशहाल होना शुरू हो जाएगा और अगर देश के सभी किसान भाइयों ने ये काम करना शुरू कर दिया तो भारत का हर गाँव और पूरा भारत देश ही खुशहाल और मजबूत हो जाएगा -- 
(1) अपने गाँव में जो भी जितनी भी जमीन खाली पड़ी हो उस पर पीपल , बरगद , नीम या अशोक के पेड़ लगाते रहें क्योंकि इससे एक तो प्रदूषण खत्म होकर पर्यावरण शुद्ध होगा , दूसरा गाँव में रोगियों की संख्या कम होती जाएगी , तीसरा पर्यावरण शुद्ध होने से फसल अच्छी होने लगेंगी । इसके साथ ही गाँव की बंजर जमीन पर खसखस और निम्बूघास के पौधे लगाएं क्योंकि ये दोनों ही बंजर जमीन को उपजाऊ बनाते हैं । 
(2) खेती में केमिकल वाले खाद और कीटनाशक का प्रयोग करना  बिल्कुल बन्द करें , क्योंकि एक तो इनकी वजह से जमीन बंजर होती जा रही है और दूसरा इनकी कीमतें हर साल बढ़ती जा रही हैं , तीसरा मिट्टी के बंजर होते जाने के कारण इनकी खपत बढ़ने से खर्चा बढ़ रहा है , चौथा खाद लेने के लिए हर बार खाद गोदामों पर धक्के खाने पड़ते हैं। जो विनाश ला रही है
(3) खेती में जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग  करना शुरू करें(  वैसे किटनाशको की भी कोई जरूर नही )क्योंकि तमाम कृषि वैज्ञानिकों के शोधों में यह बात सिद्ध हुई है कि जानवरों के गोबर और मूत्र से बने खाद में मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले पदार्थ बहुतायत में होते हैं और जानवरों में भी देशी गाय के गोबर और गौमूत्र से बना खाद तथा गाय के गौमूत्र से बना कीटनाशक खेती और किसानों के लिए वरदान है । लेकिन बस सही प्रक्रिया से बनाया गया हो । 
(4) गांव में जहां भी नल लगे हों उनके पास सोखता गड्ढे जरूर बनाएं , क्योंकि ये अपने आप ही water level को बढ़ाते रहते हैं ।
(5) CSIR प्रयोगशाला नागपुर , FICCI प्रयोगशाला नई दिल्ली , SIGMA प्रयोगशाला , ITRI प्रयोगशाला लंदन तथा रूसी वैज्ञानिक शिरोविच आदि ने अपने शोधों में इस बात को सिद्ध किया है कि अगर कुछ तय पदार्थ एक निश्चित मात्रा में गाय के घी के साथ अग्नि में हवन किये जायें तो उससे ऐसे गैसीय रसायन पैदा होते हैं जो जल , वायु और मिट्टी के प्रदूषण को खत्म कर इन्हें शुद्ध करते हैं , तो किसानों के लिए तो यज्ञ वरदान है । इसीलिए अगर हर गाँव में हर घर में हर किसान परिवार द्वारा अगर हर रोज यज्ञ ना हो पाए तो सप्ताह में एक बार सबको एक जगह एक साथ बैठकर बड़ा यज्ञ कर लेना चाहिए । इससे पर्यावरण शुद्ध होगा , फसल भी अच्छी होंगी , रोग कम होंगे और आपसी मेलजोल भी बढ़ेगा । 
(6) अपने पूरे गाँव को एक परिवार मानते हुए , गांव के हर व्यक्ति को परिवार का सदस्य मानते हुए बिना जातपात देखे सबके साथ मिलजुलकर रहें । क्योंकि दुख तकलीफ आने पर आपके गाँव वाले ही आपके साथ खड़े होंगे । इसलिए  जातिवाद , ऊंचनीच और छुआछूत के जहर को हर गाँव से खत्म करें और सबके साथ अच्छा व्यवहार रखें । साफ सुधरे रहें , गांव को साफ सुथरा रखें , सबके साथ मित्रता रखें , अपने बच्चों को गांव के किसी भी बच्चे के साथ खेलने से ना रोकें । 
७ चेकडेम न हो तो जरूर बनाये ये खेत की जान है
अगर बस इतना कर लिया जाए तो हर गाँव और हर किसान परिवार और शायद पूरा भारत देश ही बहुत जल्द खुशहाल हो जाएंगे ।

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