राजस्थान के आईएएस में चयनित खींवसर के लाल " दीपक करवा" #Deepakkarwa #IAS2020
राजस्थान की छोटे से कस्बे की सैनी समाज को ऐसी कई विभूतियां दी है जिन्होंने इस कस्बे को देशभर में विशिष्ट पहचान दी है वर्तमान में समाज में युवा वर्ग को प्रशासनिक सेवा की ओर प्रेरित करना समय की प्रमुख आवश्यकता बन गया है ऐसे में खींवसर में मुंबई माहेश्वरी समाज से प्रथम आईएएस बनने का सम्मान भी इस मिट्टी के लाल दीपक करवा दिलवाने वाले हैं
खींवसर जिला नागौर राजस्थान के मूल निवासी व वर्तमान में मुंबई निवासी समाज सदस्य बाबूलाल करवा के सुपुत्र दीपक करवा ने वर्ष 2019 की संघ लोक सेवा आयोग प्रशासनिक सेवा परीक्षा में आईएएस के लिए चयनित होने में सफलता प्राप्त की है दीपक आगामी सितंबर 2020 से प्रारंभ होने वाली आईएएस की प्रशिक्षण बैच में शामिल होंगे कोरोना वायरस के कारण इस परीक्षा के परिणाम के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा लेकिन आखिरकार रक्षाबंधन का पर्व 4 अगस्त 2020 उनके और समाज की एक नई खुशखबरी लेकर आ ही गया
Congratulation to Mr. Deepak Karwa
from Kheenvsar, Rajasthan for selection in IAS 2020
इस परीक्षा में उन्हें 48 वी रैंक राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुई यह उनका जुनून ही है कि वर्ष 2017 में बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर चयनित होकर भी उन्होंने ज्वाइन नहीं किया बस लक्ष्य था आईएएस बनने का और आखिरकार बनकर ही दम लिया
महासभा बनी करवा परिवार की प्रेरणा :
दीपक का जन्म 21 मई 1993 को खींवसर जिला नागौर राजस्थान की मूल निवासी व मुंबई की एक प्रतिष्ठित कंपनी में सेवारत समाज सदस्य बाबूलाल व वीणा देवी करवा के यहां हुआ दीपक बचपन से ही पढ़ाई में तीक्ष्ण बुद्धि के है उन्होंने JEE कठिन परीक्षा उत्तीर्ण कर IIT चेन्नई से B.Tech. किया लेकिन महासभा द्वारा भीलवाड़ा में आयोजित सम्मेलन ने प्रशासनिक सेवा के लिए प्रेरित कर दिया, बस यही प्रेरणा दीपक की पिता श्री बाबूलाल करवा कर मन में घर कर गई और इसने पारिवारिक प्रेरणा का रूप ले लिया |
श्री करवा अपने पुत्र की सफलता का श्रेय वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री बंशीलाल राठी के आशीर्वाद , नवल राठी और प्रशांत बांगड के प्रोत्साहन को भी देते हैं
बड़ी बहन सोनू महेश्वरी बनी दीपक की प्रेरणा
करवा परिवार में उत्पन्न हुए प्रशासनिक सेवा के प्रति रुझान का सर्वप्रथम प्रभाव दीपक की बड़ी बहन सोनू महेश्वरी में दिखाई दिया
समाज व पिता की प्रेरणा ने सोनू को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल परीक्षा की ओर प्रेरित तो कर दिया लेकिन इस बीच उनका विवाह हो गया और पारिवारिक व्यस्तता एवं विवशता में आखिरकार उन्हें सफलता की यात्रा को मझधार में ही विराम देना पड़ा,
बस उनके मन में दबी इच्छा अपने छोटे भाई दीपक को राह दिखाई वैसे दीपक ने B.Tech. अंतिम वर्ष 2015 में प्रथम बार अपने सहपाठियों को देखकर यह परीक्षा दे दी थी लेकिन गंभीरता से न लेने के कारण इसमें पूरी तरह असफलता हाथ लगी थी
साँवरिया की और से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए
असफलता मे भी सफलता की राह :
उन्हे जो सफलता मिली वह सहज जी नही मिल गई बल्कि अंतिम छठे प्रयास मे जाकर मिली कभी परीक्षा पेटर्न मे बदलाव कभी किसी अन्य कारण से मिली असफलता से हताश होते हुए भी असफलता मिलने पर भी उन्होने हार नही मानी ओर हर असफलता के सीखते हुए ओर प्रेरणा लेते हुए उन्होने वर्ष 2019 की परीक्षा मे उत्तीर्ण होते हुए 48वीं रेंक प्राप्त की
दीपक का सपना विकसित हो हमारे गाँव
माहेश्वरी समाज का नाम रोशन किया
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