हल्दी की गुणवत्ता बढ़ाने का देशी फॉर्मूला।
मेरी दादीजी इसका प्रयोग करती है।
बाजार से दो तीन किलो साबुत हल्दी खरीदिये।
फिर इसे 6 घण्टे छाछ में भिगो दीजिए।
अब दो दिन धूप में सूखने दीजिए।
सूखने के बाद इसके टुकड़ों को मिट्टी के तवे पर हल्का भूनिये।
पूरी एक साथ नहीं भूननी है।
थोड़ी थोड़ी, यानि 4-5 गाँठें भूनिये, यहाँ अब दो व्यक्ति चाहिए।
एक भुनने वाला और दूसरा खरल या ओखली में कूटने वाला।
जैसे जैसी हल्दी भुनती जाए वैसे वैसे कूटते जाएं।
गरम गाँठें बिना आवाज के जल्दी जल्दी क्रिस्टल में बदल जाती है।
एक बार सारी हल्दी दरदरी हो जाने पर वह भीतर से लाल रंग की दिखेगी।
अब इसे ठंडा होने दीजिए।
फिर इसे कूटकर छान लें या पीस लें।
कूटना-छानना- फिर कूटना, इस क्रम से हल्दी तैयार कर लीजिए।
यह हल्दी महक, सुगंध, गुणवत्ता और स्वाद में अद्भुत होगी।
सोते समय एक गिलास दूध में चुटकी भर डालकर मिलाइए।
परिणाम स्वयं देखें।
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