ऊंट अक्सर रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं जैसे कि अरब के देशों में या फिर अफ्रीकी रेगिस्तान में! वहीं भारत के भी कई हिस्सों जैसे राजस्थान में भी ऊँट को सामान ले जाने या लाने के लिए पाला जाता है क्योंकि रेगिस्तानी इलाको में लोगो को दूर सफर के लिए जाना पड़ता है जिस वजह से वो ऊँट को पालते हैं।
और यह बात बिल्कुल सही है कि एक वक्त आता है जबकी इनको को सांप खिलाया जाता है कारण क्या है नीचे जानिए ।
ऊँट को खिलाया जाता है जहरीला सांप !
ऊँट को एक ऐसी अजीबोगरीब बीमारी भी हो जाती है जबकि इस बीमारी में इस जानवर के शरीर में एक जहर बनने लगता है इसका सही वक्त पर अगर इलाज ना किया जाए तो इस जानवर की मौत हो जाती है। इस बीमारी से बचाने के लिए वहां के लोग ऊंट को जहरीला सांप खिला देते हैं ।
सांप के जहर के असर से पहले तो ऊंट बीमार हो जाते हैं और कुछ दिनों तक खाना पीना हर चीज छोड़ देता है और जैसे ही सांप के जहर का असर खत्म होता है तो ऊंट को बहुत जबरदस्त भूख और प्यास लगती है । जिसके बाद यह रेगिस्तानी जानवर कई 100 लीटर पानी पी जाता है लेकिन फिर भी इन की प्यास नहीं बुझती और यह हर बार पानी पीता है जिसके कुछ ही दिनों के बाद बीमारी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। जिसके बाद यह एकदम से तंदुरुस्त हो जाते हैं।
क्या साँपो को भी खुद ही खा जाते हैं ऊँट ?
जी हां इस बीमारी के कारण ऊंट कभी-कभी खुद ही सांप को खा जाते हैं और आपको बता दें कि ऊंट जब जहरीले सांपों को खाता है तो उस वक्त उसकी आंखों से आंसू निकलते हैं. ऊंट के मालिक उनकी आंखों से निकलने वाले आंसुओं को इकट्ठा कर लेते हैं आपको जानकर हैरानी होगी कि इन आंसुओं की बहुत अधिक कीमत होती है क्योंकि उनका इस्तेमाल सांपों के जहर का एंटीडोट तैयार करने में किया जाता है ।
वैसे ऊंट एक बहुत ही उपयोगी और निराला जीव है । इसका दूध बहुत कीमती होता है और यह बहुत दिनों तक बिना पानी पिए जीवित रह सकता है ।
चित्र गूगल से साभार
स्रोत : जानिये ऊँटो के बारे में 10 ऐसे तथ्य.... जो 99% लोग नहीं जानते
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