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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

मूल रूप से गरीबों के व्यंजन था लेकिन अब उस व्यंजन तक केवल अमीरों की ही पहुंच है?


 

राजस्थान की एक प्रसिद्ध सब्ज़ी है, कैर सांगरी ! एक ज़माने में यह सिर्फ़ ग्रामीण क्षेत्रों के भोजन का हिस्सा था ! इसे ग़रीबों की सब्ज़ी कहा जाता था ! समय ने करवट ली , लोगों तक इसके फ़ायदे पहुँचे और आज यह सब्ज़ी 1200 से 2000 रुपये किलो के भाव में बिकती है और, इसे राजस्थान का मावा कहा जाने लगा !

आज इस सब्ज़ी को अमीरो की शादी में मुख्य स्थान मिला हुआ है !

रेगिस्तान में हरी सब्ज़ी बहुत कम पाई जाती हैं अतः पहले ज़्यादातर सुखे स्थानों पर यही बनाई जाती थी !

मुख्यतया इसकी पैदावार राज्य के पश्चिम क्षेत्र में होती है !राजस्थान में कैर - सांगरी की सब्जी प्रसिद्ध है । कैर और सांगरी दोनों अलग - अलग चीजें हैं । कैर का फल होता है, सांगरी की फलियाँ ।कई जगह इसमें तीन चीज़ें अमचूर ,गोंदा और सुखी लाल मिर्च मिलाकर पंचकुटा नाम से भी बनाया जाता है !

सांगरी की फलियाँ खेजड़ी यानी शमी के वृक्ष पर उगती हैं।

इसमें किसी प्रकार का खाद का प्रयोग नहीं होता है, इसलिए यह पूरी तरीके से शुद्ध सब्जी मानी जाती है। ! ग्रीष्मकालीन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में कैर, सांगरी जब यह ताजा होती है, तब इससे आचार बनाया जाता है, तो वहीं इसे सुखाकर सब्जी बनाई जाती है !

इसमें विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ! यह एंटी ऑक्सीडेंट युक्त है, जो कि विभिन्न रोगों से बचाती है। ! बता दें कि कैर के डंठल से चूर्ण भी तैयार किया जाता है, जो कि खांसी से बहुत जल्द राहत दिलाता है ! कैर की छाल से बना चूर्ण पेट को साफ रखता है, साथ ही कब्ज की समस्या दूर करता है ! इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है !

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