प्रश्न: किसी को अपना सिर्फ़ बैंक डिटेल देने से क्या वो मेरे पैसे को चोरी कर सकता है?
उत्तर:
एक शब्द में इसका जवाब है - नहीं
तीन शब्दों में इसका जवाब है - नहीं , नहीं ,नहीं
यह सब व्हाट्सअप WhatsApp विश्वविद्यालय द्वारा फैलाया हुआ भ्रम और अफवाह है , जिस पर बिना सोचे समझे पढ़े लिखे लोगों ने भी यकीन कर लिया और मीडिया ने चटपटे दार खबर छापने की लालच में इसे हवा देकर और बढ़ाया।
एक रियल लाइफ परिदृश्य से इसे समझें मैं अभी आईटी विभाग का प्रमुख हूं और 20,000 से ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट के डिटेल को जानता हूं। इस जानकारी का मैं दुरुपयोग कैसे कर सकता हूं ? बैंक डिटेल के अलावा उनके पैन और आधार नंबर भी मुझे पता है लेकिन इस सबके बावजूद कोई भी गड़बड़ी करना असंभव है जब तक कि संबंधित कर्मचारी ही कोई बेवकूफी न करे।
नेट बैंकिंग के लिए एक आई डी + दो पासवर्ड की जरूरत पड़ती है (1 लॉग इन और 2 ट्रांसेक्शन हेतु )
चौथा ओ टी पी
पाँचवा बैंक से रजिस्टर्ड मोबाइल जिस पर ओ टी पी आएगा।
5 = एक मुट्ठी इतनी मजबूत , एक पंजा जिसमें सब हो महफूज।
यानी नेट बैंकिंग द्वारा पैसा निकालने हेतु मुझे 4 जानकारियां + उनके मोबाइल तक पहुँच चाहिए। सो बैंक डिटेल रहते हुए भी किसी के खाते से पैसा निकालना असंभव है।
फिर ऐसे जो खबरें आती हैं - वे कैसे ?
ज्यादातर ए टी एम कार्ड से संबंधित होती हैं।
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कुछ मामलों में आपके परिचित या हैकर आपके कंप्यूटर या मोबाइल में की लोगर या स्क्रीन रिकॉर्डर फाइल इंस्टॉल कर देते हैं । तो जब भी आप नेट बैंकिंग करते हैं आपके सारे आईडी एवं उन के पासवर्ड बाद में उन्हें पता चल जाते हैं। लेकिन ओ टी पी और बैंक से रजिस्टर्ड मोबाइल जिस पर ओ टी पी आएगा उनके पास नहीं है सो वो एक पैसा भी नहीं निकाल सकते हैं। इसके लिए ये फ्रॉड लोग बैंक के प्रतिनिधि का नाटक कर आपसे ओ टी पी जानने की कोशिश कर सकते हैं । लेकिन वो कहावत है न
शिकारी आएगा जाल बिछाएगा
दाना डालेगा लोभ से उसमें फँसना नहीं
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फ्रॉड कॉल करेगा , बैंकर की एक्टिंग करेगा,
एकाउंट और कार्ड बंद करने को डरायेगा
डर के उसको ओ टी पी बताना नहीं।
- लेकिन बात इतनी आगे बढ़ने ही क्यों दें ?
- कुछ एप /प्रोग्राम कभी भी इंस्टॉल न करें (सिवाय कंप्यूटर एक्सपर्ट/गीक के ) जैसे : एनी डेस्क, टीम व्यूअर , जोहो असिस्ट , कनेक्ट वाइज कंट्रोल इत्यादि। इनसे कोई विश्व के किसी भी कोने से आपके कंप्यूटर/मोबाइल को कंट्रोल कर सकता है।
- ऑफिस कंप्यूटर पर रिमोट एक्सेस ऑफ रखें
- मेल/sms में अनजान नंबर /एड्रेस से आये लिंक पर कभी क्लिक न करें।
- फ्री वीडियो , फ्री ई बुक इत्यादि डाऊनलोड करते वक़्त कुछ भी और डाऊनलोड होने न दें या डाऊनलोड के बाद बिना खोले डिलीट कर रिसायकल बिन क्लीन करें
- नेटबैंकिंग का एड्रेस हमेशा टाइप करें और पेडलॉक चिन्ह देखें।
क्या वो बैंक के साइट से हैक कर सकते हैं ?
कतई नहीं ।
क्यों नहीं ?
बैंक समेत सारे संवेदनशील साइट DMZ (De Militarized Zone ) डी मिलेट्राइज़्ड जोन कैटेगिरी के होते हैं । यह कंप्यूटर सुरक्षा के लिहाज से उच्चतम केटेगरी होती है। वहाँ कोई भी अटैक या आक्रमण नहीं हो सकता है । यह मेटल डिटेक्टर से संचालित गेट सा है जो मेटल (अवांछित कमांड ) भांपते ही ब्लॉक कर देता है। अखबार में जो भी खबरें पढ़ते है उनमें किसी न किसी भूतपूर्व कर्मचारी का हाथ होता है।
© लेखक
फुटनोट
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