कई रात्रियाँ तुमने सो-सोकर गुजार दीं और दिन में स्वाद ले लेकर तुम समाप्त होने को जा रहे हो। शरीर को स्वाद दिलाते-दिलाते तुम्हारी यह उम्र, यह शरीर बुढ़ापे की खाई में गिरने को जा रहा है। शरीर को सुलाते-सुलाते तुम्हारी वृद्धावस्था आ रही है। अंत में तो.... तुम लम्बे पैर करके सो जाओगे। जगाने वाले चिल्लायेंगे फिर भी तुम नहीं सुन पाओगे। डॉक्टर और हकीम तुम्हें छुड़ाना चाहेंगे रोग और मौत से, लेकिन नहीं छुड़ा पायेंगे। ऐसा दिन न चाहने पर भी आयेगा। जब तुम्हें स्मशान में लकड़ियों पर सोना पड़ेगा और अग्नि शरीर को स्वाहा कर देगी। एक दिन तो कब्र में सड़ने गलने को यह शरीर गाड़ना ही है। शरीर कब्र में जाए उसके पहले ही इसके अहंकार को कब्र में भेज दो..... शरीर चिता में जल जाये इसके पहले ही इसे ज्ञान की अग्नि में पकने दो।
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, 27 फ़रवरी 2011
हुस्न से नहीं हुस्नवालों से डर लगता है
हुस्न से नहीं हुस्नवालों से डर लगता है
हमें दिल से नहीं दिलवालों से डर लगता है
सब्र करने के लिए अहले मुक़द्दर ने हमें चुना है
सब्र करने से नहीं सब्र का बांध टूट जाने से डर लगता है
वो एहले इल्म क्या तनक़ीद करेंगे मेरे फसानो पर
उन्हें इल्म से नहीं मुझ दीवाने से डर लगता है
यूँ निभाते रहे दर्द से दर्द के रिश्ते यारों
अब तो दर्द को भी दर्द होने से डर लगता है
वक़्त-ए-नाज़ुक वो हमें सरेराह छोड़ गए
उनके छोड़ जाने पर नहीं उनके वापस लौटकर आने पर डर लगता है
कुछ इस तरह से कर ली है हमने कांटो से मोहब्बत
के चमन के सारे गुलाबों से डर लगता है
मेरे कलाम पर दानिश्वरों ने यूँ कहा
आज बता दो "अक्षय" तुझे किस से डर लगता है
संभल संभल कर जब जुबां जोश में आई थी
तब सब ने कहा बस कर दे
हमें तेरे दर्द के दर्द से डर लगता है
वहां खुशियोंभरा चमन उनका
यहाँ राह तकती अंगारें
वह उनकी सजी है महफ़िल
यहाँ बेबसी के नज़ारे
वहां उनके रोनकें वहां उनके मस्तियाँ
यहाँ अश्क भरे सिसकिया बेसबब बरबादिया
अब बचा ही लो "अक्षय" को यारों उसे इन सब से डर लगता है
मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं '
रोजाना जो खाना खाते हो वो पसंद नहीं आता ? उकता गये ?
अब शेष बची मेल के लिए परेशान मत होओ....
मगर .. इन लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है ...
इन्हें तो बस थोड़ा सा खाना चाहिए ताकि ये जिन्दा रह सकें ..........
इनके बारे में अगली बार तब सोचना जब आप किसी केफेटेरिया या होटल में यह कह कर खाना फैंक रहे होंगे कि यह स्वाद नहीं है !!
इनके बारे में अगली बार सोचना जब आप यह कह रहे हों ... यहाँ की रोटी इतनी सख्त है कि खायी ही नहीं जाती.........
कृपया खाने के अपव्यय को रोकिये
अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी / समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप 1098 (केवल भारत में )पर फ़ोन करें - यह एक मजाक नहीं है - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है । वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे।
कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें इससे उन बच्चों का पेट भर सकता है
कृप्या इस श्रृंखला को तोड़े नहीं .....
हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तों और अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इस बार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेल करें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग कर सकें -
'मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं ' - हमें अपना मददगार हाथ देंवे ।
............ ... ........... .....थोड़ा पिज्जा कैसा रहेगा ?
नहीं ??? ओके ......... पास्ता ?
नहीं ?? .. इसके बारे में क्या सोचते हैं ?
आज ये खाने का भी मन नहीं ? ... ओके ..
नहीं ??? ओके ......... पास्ता ?
नहीं ?? .. इसके बारे में क्या सोचते हैं ?
आज ये खाने का भी मन नहीं ? ... ओके ..
क्या इस मेक्सिकन खाने को आजमायें ?
दुबारा नहीं ? कोई समस्या नहीं .... हमारे पास कुछ और भी विकल्प हैं........
ह्म्म्मम्म्म्म ... चाइनीज ????? ??
बर्गर्सस्स्स्सस्स्स्स ? ???????
ओके .. हमें भारतीय खाना देखना चाहिए ....... J ? दक्षिण भारतीय व्यंजन ना ??? उत्तर भारतीय ?
जंक फ़ूड का मन है ?
हमारे पास अनगिनत विकल्प हैं ..... .. टिफिन ?
मांसाहार ?
ज्यादा मात्रा ?
या केवल पके हुए मुर्गे के कुछ टुकड़े ?
आप इनमें से कुछ भी ले सकते हैं ... या इन सब में से थोड़ा- थोड़ा ले सकते हैं ...
दुबारा नहीं ? कोई समस्या नहीं .... हमारे पास कुछ और भी विकल्प हैं........
ह्म्म्मम्म्म्म ... चाइनीज ????? ??
बर्गर्सस्स्स्सस्स्स्स ? ???????
ओके .. हमें भारतीय खाना देखना चाहिए ....... J ? दक्षिण भारतीय व्यंजन ना ??? उत्तर भारतीय ?
जंक फ़ूड का मन है ?
हमारे पास अनगिनत विकल्प हैं ..... .. टिफिन ?
मांसाहार ?
ज्यादा मात्रा ?
या केवल पके हुए मुर्गे के कुछ टुकड़े ?
आप इनमें से कुछ भी ले सकते हैं ... या इन सब में से थोड़ा- थोड़ा ले सकते हैं ...
अब शेष बची मेल के लिए परेशान मत होओ....
मगर .. इन लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है ...
इन्हें तो बस थोड़ा सा खाना चाहिए ताकि ये जिन्दा रह सकें ..........
इनके बारे में अगली बार तब सोचना जब आप किसी केफेटेरिया या होटल में यह कह कर खाना फैंक रहे होंगे कि यह स्वाद नहीं है !!
इनके बारे में अगली बार सोचना जब आप यह कह रहे हों ... यहाँ की रोटी इतनी सख्त है कि खायी ही नहीं जाती.........
कृपया खाने के अपव्यय को रोकिये
अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी / समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप 1098 (केवल भारत में )पर फ़ोन करें - यह एक मजाक नहीं है - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है । वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे।
कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें इससे उन बच्चों का पेट भर सकता है
कृप्या इस श्रृंखला को तोड़े नहीं .....
हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तों और अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इस बार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेल करें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग कर सकें -
'मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं ' - हमें अपना मददगार हाथ देंवे ।
सभी मित्रों को आगे से आगे यह सन्देश भेजें …
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
function disabled
Old Post from Sanwariya
- ▼ 2024 (358)
- ► 2023 (420)
- ► 2022 (477)
- ► 2021 (536)
- ► 2020 (341)
- ► 2019 (179)
- ► 2018 (220)
- ► 2012 (671)