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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

स्वस्थ रहे और देश के विकास में योगदान दे

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स्वस्थ रहे और देश के विकास में योगदान दे

सुबह उठकर दो तीन गिलास पानी पिए, दिन में ३-४ लिटर पानी जरूर पिए और पानी हमेशा कुनकुना(न ज्यादा ठण्डा न गर्म) पीए और आराम से बैठ्कर घूंट भर भर के पिए

चीनी की जगह देसी गुड खाए

रिफ़ाइण्ड तेल की जगह कच्ची घानी तेल या मूंगफ़ली, सरसों, तिल का तेल खाए

समुन्द्री नमक की जगह सैंधा (पहाडी, जो डले के रूप में आता है) उसे खाए

भोजन करने के तुरन्त बाद पानी न पीए १-१.३० घण्टे बाद ही पानी पिए

जैविक अनाज का ही उपयोग करे

फ़ास्ट फ़ूड (विदेशी खाना) न खाए, भारतीय खाना खाए

इन सबको अपनाने से आप स्वस्थ जीवन जी सकते है और सैक्ण्डो बीमारियो से बच सकते है और डाकटरो के चक्करों से बच सकते है

मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा ::

मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा ::

अमेरिका में लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमे से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से। यह सिर्फ गौण ही नहीं बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते।

यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं।

मस्सों के लक्षण

त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।

मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार
• बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
• एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
• कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
• केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।
• अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
• लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
• एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
• बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
• अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.
• कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
• मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
• पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
• थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
• मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
• विटामिन मे को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं। दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं।

इनसे चश्मा नहीं लगेगा, लग गया है तो जल्द ही उतर जाएगा

इनसे चश्मा नहीं लगेगा, लग गया है तो जल्द ही उतर जाएगा 
 
आंखें भगवान का दिया अनमोल तोहफा है। साथ ही आंखें हमारे शरीर का सबसे कोमल और संवेदनशील अंग भी हैं। जिसमें छोटी-सी परेशानी जिंदगी भर की तकलीफ बन सकती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आंखों की सही देखभाल बहुत जरुरी है। आंखों की सही देखरेख व पोषण के अभाव में ही अधिकतर लोगों को चश्मा लगता है और एक बार जिन लोगों को चश्मा लगा होता है उनके नंबर बढ़ जाते हैं या आंखों संबंधी और कई अन्य समस्याएं उन्हें घेर लेती हैं।अगर आपके साथ भी आंखों में पानी आना, जलन होना, आंखे लाल हो जाना या सूजन आना जैसी समस्याएं हो जाती हैं तो अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूर आजमाएं नीचे लिखे टिप्स....

- रूई को गुलाबजल में भिगोकर आंखों पर एक घंटा रखने से गर्मी से होने वाले नेत्र रोगों में आराम मिलता है।प्याज का रस आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। रात को आठ बादाम की गिरी को पानी में डालकर छोड़ दें। सुबह उसे पीस कर पानी मिलाकर पी जाएं।रुई को गर्म दूध में भिगोकर ठंडा कर लें और फिर उसे आंखों पर रखें। आंखों को ठंडक मिलेगी।एक गिलास नींबू पानी रोज पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

- आंखों की रोशनी ठीक रखने के लिए विटामिन ए का महत्वपूर्ण योगदान है। गाजर, पपीता, आम, दूध, मक्खन का प्रयोग करें। आंखों की चारों ओर की सफाई रोगन बादाम या क्रीम से करें। हल्के हाथ से मालिश करें। रात को सोने से पूर्व करें और सोने से पूर्व क्रीम पोछ दें। आंखों का मेकअप काजल साबुन पानी से चेहरा धोकर तौलिया से रगड़ कर छुड़ाने का प्रयास न करें। इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।

- सुबह उठते ही मुंह में पानी भर कर मुंह फुलाकर शीतल जल से आंखों पर छीटे मारना चाहिए। इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है और आंखों की बीमारी दूर होती है।रात को मिट्टी के बर्तन में दो चम्मच त्रिफला एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर उस पानी से आंखे धोने से आंखे स्वस्थ रहती हैं ।

- सूखे नारियल की गिरी और 60 ग्राम शक्कर मिलकर प्रतिदिन एक सप्ताह तक खाने से आंखों के सामान्य रोगों में लाभ होता है। गन्ना व केला खाना आंखों के लिए हितकारी है। मसूर की दाल घी में छौंक लगाकर खाने से भी आंखों को शक्ति मिलती है।

- 1 गिलास ताजे और साफ पानी में नींबू का 5-6 बूँद रस टपका दो और इस पानी को साफ कपड़े से छान लो। इससे दिन में 1 बार आँखों को धोना चाहिए। धोने के बाद ठंडे पानी की पट्टी आँखों पर रखकर 5-10 मिनट लेटना चाहिए। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।

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