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सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

कमर दर्द की शिकायत

कमर दर्द-
यह समस्या आजकल आम हो गई है। सिर्फ बड़ी उम्र के लोग ही नहीं बल्कि युवा भी कमर दर्द की शिकायत करते रहते हैं। कमर दर्द की मुख्य वजह बेतरतीब जीवनशैली और शारीरिक श्रम न करना है।

अधिकतर लोगों को कमर के मध्य या निचले भाग में दर्द महसूस होता है। यह दर्द कमर के दोनों और तथा कूल्हों तक भी फ़ैल सकता है। बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द की समस्या बढ़ती जाती है। नतीजा काम करने में परेशानी । कुछ आदतों को बदलकर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। आज हम आप को बताते हैं कि किन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप कमर दर्द से निजात पा सकते हैं।

कमर दर्द के कारण

मांसपेशियों पर अत्यधिक तनाव।
अधिक वजन।
गलत तरीके से बैठना।
हमेशा ऊंची एड़ी के जूते या सेंडिल पहनना।
गलत तरीके से अधिक वजन उठाना।
शरीर में लम्बे समय से बीमारियों का होना।
अधिक नर्म गद्दों पर सोना।

कमर दर्द से बचने के घरेलू उपाय
1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।

2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह एक अचूक उपाय है।

3. कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक लें। इस नमक को थोड़े मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। कमर पर इस पोटली से सेक करने से भी दर्द से आराम मिलता है।

4. अजवाइन को तवे के पर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें। ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है।

5. अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें।

6. नर्म गद्देदार सीटों से परहेज करना चाहिए। कमर दर्द के रोगियों को थोड़ा सख्ते बिस्तर बिछाकर सोना चाहिए।

7. योग भी कमर दर्द में लाभ पहुंचाता है। भुन्ज्गासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, आदि कुछ ऐसे योगासन हैं जो की कमर दर्द में काफी लाभ पहुंचाते हैं। कमर दर्द के योगासनों को योगगुरु की देख रेख में ही करने चाहिए।

8. कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन करें।

9. कमर दर्द के लिए व्यायाम भी करना चाहिए। सैर करना, तैरना या साइकिल चलाना सुरक्षित व्यायाम हैं। तैराकी जहां वजन तो कम करती है, वहीं यह कमर के लिए भी लाभकारी है। साइकिल चलाते समय कमर सीधी रखनी चाहिए। व्यायाम करने से मांसपेशियों को ताकत मिलेगी तथा वजन भी नहीं बढ़ेगा।

10. कमर दर्द में भारी वजन उठाते समय या जमीन से किसी भी चीज को उठाते समय कमर के बल ना झुकें बल्कि पहले घुटने मोड़कर नीचे झुकें और जब हाथ नीचे वस्तु तक पहुंच जाए तो उसे उठाकर घुटने को सीधा करते हुए खड़े हो जाएं।

11. कार चलाते वक्त सीट सख्त होनी चाहिए, बैठने का पोश्चर भी सही रखें और कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट टाइट कर लें।

12. ऑफिस में काम करते समय कभी भी पीठ के सहारे न बैठें। अपनी पीठ को कुर्सी पर इस तरह टिकाएं कि यह हमेशा सीधी रहे। गर्दन को सीधा रखने के लिए कुर्सी में पीछे की ओर मोटा तौलिया मोड़ कर लगाया जा सकता है।

इन सब उपायों को अपना कर आप भी कमर दर्द से कुछ निजात पा सकते है।

"हर व्यक्ति को ऊषापान (सुबह उठने के बाद खाली पेट पानी पीने को कहते हैं ) ज़रूर करना चाहिए

"हर व्यक्ति को ऊषापान (सुबह उठने के बाद खाली पेट पानी पीने को कहते हैं ) ज़रूर करना चाहिए ..इससे मोटापा ..पेट सम्बंधित बीमारियाँ ,त्वचा सम्बंधित बीमारियाँ इत्यादि नियंत्रित होती हैं ..."


1--"पानी हमेशा घूँट घूँट करके पीना चाहिए क्योंकि इससे हमारे मुह में जो लार होती है वो पेट के अंदर जाती है|


2--हमारे पेट में भोजन को पकाने के लिए अम्ल होते हैं और मुह में जो लार होती है वो क्षार होता है

अम्ल+क्षार =न्यूट्रल (सामान्य) पानी हो जाता है |



3--इसलिए जितना घूँट घूँट करके पानी पियेंगे क्षार बनेगा और पेट में जाकर भोजन का पाचन होगा और पेट हमारा पानी की तरह रहेगा मतलब ढीला (स्वस्थ)रहेगा |पानी हमेशा बैठ कर ही पियें |



4--लार में medicinal property होती हैं ,जो की internal healing के भी काम आती हैं |



5--पानी हमेशा शरीर के temperature के अनुसार पीना चाहिए यानी की न ज्यादा गर्म और न ही chilled |क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से पेट को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है और अंगों को कार्यशीलता (दिमाग ,ह्रदय etc.)धीरे- धीरे कम होने लगती है |



6--दिमाग का रक्त Gravity के कारन सबसे पहले कम होने लगता है और आगे चलकर Brain haemorrhage इत्यादि रोगों के होने का डर रहता है |

तुलसी के तांत्रिक उपाय

तुलसी के तांत्रिक उपाय,
तुलसी के सात पत्ते और सात काली मिर्च धन हानि होने से बचाती है

तुलसी आमतौर पर सभी हिंदू परिवारों के घरों में होती है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार तुलसी को पूजनीय और पवित्र माना गया है। तुलसी घर में होने से कई प्रकार के दैवीय और चिकित्सकीय लाभ प्राप्त होते हैं।
तुलसी के कई प्रकार के प्रयोग बताए गए हैं। कुछ उपाय प्रयोग सामान्य हैं तो कुछ आयुर्वेद से जुड़े हुए हैं। यहां जानिए तुलसी के कुछ तांत्रिक उपाय, जिनसे आप अपनी किस्मत चमका सकते हैं।

यदि कोई व्यक्ति सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहता है तो वह तुलसी की जड़ को विधिपूर्वक यानी तुलसी की जड़ को निमंत्रण देकर अपने घर ले आएं। घर पहुंचकर तुलसी की जड़ को गंगाजल से धो लें। इसके बाद इसका पूजन करें। पूजन के बाद इस जड़ को दाएं हाथ पर पीले कपड़े में लपेटकर बांध लें। पूजन करते समय किसी तुलसी मंत्र का जप करेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।
यह एक तांत्रिक उपाय है और इसे करने पर आपको धन संबंधी कार्यों में भी विशेष सफलता प्राप्त होगी।

यदि किसी व्यक्ति को अचानक धन हानि होने लग जाए या स्वास्थ्य खराब हो जाए या किसी की बुरी नजर लग जाए तो तुलसी का यह तांत्रिक उपाय करें।
उपाय के अनुसार तुलसी के सात पत्ते और सात काली मिर्च मुट्ठी में लें। इसके बाद जिस व्यक्ति की नजर उतारनी है, उसे लेटा दें और मुट्ठी बांध उसके सिर से पैर तक 21 बार ऊँ-ऊँ मंत्र बोलकर वार लें। इसके बाद काली मिर्च पीड़ित व्यक्ति को चबाने को दें और तुलसी के पत्तों को मसलकर निगलने को दें।
अंत में प्रभावित व्यक्ति को लेटाकर उसके तलवों को किसी कपड़े से 7 बार या 11 बार झाड़ दें।

यदि आप मालामाल होना चाहते हैं तो घर के मुख्य दरवाजे के दोनों ओर तुलसी के पौधे गमले में लगाएं। प्रतिदिन तुलसी की उचित देखभाल करें।
इस उपाय से आपके घर में धन आने लगेगा और पैसों की तंगी खत्म हो जाएगी। दरवाजे के दोनों ओर तुलसी का पौधा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आएगी और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती जाएगी। यह आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी।

यदि कोई व्यक्ति तुलसी की माला गले में धारण करता है तो उसे सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे लोगों को किसी की बुरी नजर भी नहीं लगती है। साथ ही, नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव भी नहीं पड़ता है। असली तुलसी की माला धारण करने पर सभी कार्यों में सफलता मिलती है और कभी भी पैसों की कमी नहीं होती।

अशुभ सपने दिखाई दें तो यह उपाय करें: स्वप्न का फल तब ही मान्य होता है, जब सपने देखने वाला पूर्ण रूप से स्वस्थ हो। अशुभ सपने देखकर डरना नहीं चाहिए। अशुभ स्वप्न देखकर पुन: शयन करना और रात्रि में ही उसे दूसरे से कह देने से अनिष्टफल नष्ट हो जाते हैं।
प्रात: तुलसी के पौधे के आगे अशुभ स्वप्न को कह देने से दुष्फल समाप्त हो जाता है। यदि नियमित रूप से ध्यान मुद्रा में 20-25 मिनट अपने इष्ट का स्मरण करें तो कुछ समय में स्वप्न में पूर्वाभास मिलने लगते हैं।

पुराने समय से ही हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना जाता है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर से कलह और अशांति दूर होती है। इसके साथ ही तुलसी का पौधा होने पर घर-परिवार में महालक्ष्मी की विशेष कृपा भी रहती है। शास्त्रों में भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का वर्णन मिलता है। इस कारण तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है।

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