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मंगलवार, 26 जून 2018

वृंदावन में टटिया स्थान

"   तटिया या टटिया स्थान "

स्थान - श्री रंग जी मंदिर के दाहिने हाथ यमुना जी के जाने वाली पक्की सड़क के आखिर में ही यह रमणीय टटिया स्थान है.विशाल भूखंड पर फैला हुआ है

किन्तु कोई दीवार,पत्थरो की घेराबंदी नहीं है केवल बॉस की खपच्चियाँ या टटियाओ से घिरा हुआ है इसलिए तटिया स्थान के नाम से प्रसिद्ध है. संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास जी महाराज की तपोस्थली है.

यह एक ऐसा स्थल है जहाँ के हर वृक्ष और पत्तों में भक्तो ने राधा कृष्ण की अनुभूति की है,संत कृपा से राधा नाम पत्ती पर उभरा हुआ देखा है.

स्थापना - स्वामी श्री हरिदास जी की शिष्य परंपरा के सातवे आचार्य श्री ललित किशोरी जी ने इस भूमि को अपनी भजन स्थली बनाया था.उनके शिष्य महंत श्री ललितमोहनदास जी ने सं १८२३ में इस स्थान पर ठाकुर श्री मोहिनी बिहारी जी को प्रतिष्ठित किया था.

तभी चारो ओर बॉस की तटिया लगायी गई थी तभी से यहाँ के सेवा पुजाधिकारी विरक्त साधू ही चले आ रहे है.उनकी विशेष वेशभूषा भी है.
विग्रह - श्रीमोहिनी बिहारी जी का श्री विग्रह प्रतिष्ठित है.

मंदिर का अनोखा नियम...
ऐसा सुना जाता है कि श्री ललितमोहिनिदास जी के समय इस स्थान का यह नियम था कि जो भी आटा-दाल-घी दूध भेट में आवे उसे उसी दिन ही ठाकुर भोग ओर साधू सेवा में लगाया जाता है.

संध्या के समय के बाद सबके बर्तन खाली करके धो माज के उलटे करके रख दिए जाते है,कभी भी यहाँ अन्न सामग्री कि कमी ना रहती थी.

एक बार दिल्ली के यवन शासक ने जब यह नियम सुना तो परीक्षा के लिए अपने एक हिंदू कर्मचारी के हाथ एक पोटली में सच्चे मोती भर कर सेवा के लिए संध्या के बाद रात को भेजे.

श्री महंत जी बोले -वाह खूब समय पर आप भेट लाये है.महंत जी ने तुरंत उन्हें खरल में पिसवाया ओर पान बीडी में भरकर श्री ठाकुर जी को भोग में अर्पण कर दिया कल के लिए कुछ नहीं रखा.

असी संग्रह रहित विरक्त थे श्री महंत जी.
उनका यह भी नियम था कि चाहे कितने मिष्ठान व्यंजन पकवान भोग लगे स्वयं उनमें से प्रसाद रूप में कणिका मात्र ग्रहण करते सब पदार्थ संत सेवा में लगा देते ओर स्वयं मधुकरी करते.

मंदिर में विशेष प्रसाद -

इस स्थान के महंत पदासीन महानुभाव अपने स्थान से बाहर कही भी नहीं जाते स्वामी हरिदास जी के आविर्भाव दिवस श्री राधाष्टमी के दिन यहाँ स्थानीय ओर आगुन्तक भक्तो कि विशाल भीड़ लगती है.

श्री स्वामी जी के कडुवा ओर दंड के उस दिन सबको दर्शन लाभ होते है.
उस दिन विशेष प्रकार कि स्वादिष्ट अरबी का भोग लगता है ओर बटता है.जो दही ओर घी में विशेष प्रक्रिया से तैयार की जाती है यहाँ का अरबी प्रसाद प्रसिद्ध है. इसे सखी संप्रदाय का प्रमुख स्थान माना जाता है.

जब मजदूर का घड़ा अशर्फियों से भर गया
एक दिन श्रीस्वामी ललितमोहिनी देव जी संत-सेवा के पश्चात प्रसाद पाकर विश्राम कर रहे थे,किन्तु उनका मन कुछ उद्विग्न सा था. वे बार-बार आश्रम के प्रवेश द्वार की तरफ देखते, वहाँ जाते और फिर लौट आते.

वहाँ रह रहे संत ने पूंछा - स्वामी जी ! किसको देख रहे है आपको किसका इन्तजार है?
स्वामी जी बोले - एक मुसलमान भक्त है श्री युगल किशोर जी की मूर्तियाँ लाने वाला है उसका इन्तजार कर रहा हूँ.

इतने मे वह मुसलमान भक्त सिर पर एक घड़ा लिए वहाँ आ पहुँचा और दो मूर्तियों को ले आने की बात कही.श्री स्वामी जी के पूंछने पर उसने बताया,कि डींग के किले में भूमि कि खुदाई चल रही है

मै वहाँ एक मजदूर के तौर पर खुदाई का काम कई दिन से कर रहा हूँ. कल खुदाई करते में मुझे यह घड़ा दीखा तो मैंने इसे मुहरो से भरा जान कर फिर दबा दिया ताकि साथ के मजदूर इसे ना देख ले.

रात को फिर मै इस कलश को घर ले आया खुदा का लाख लाख शुक्र अदा करते हुए कि अब मेरी परिवार के साथ जिंदगी शौक मौज से बसर होगी घर आकर जब कलश में देखा तो इससे ये दो मूर्तियाँ निकली,एक फूटी कौड़ी भी साथ ना थी.

स्वामी जी - इन्हें यहाँ लाने के लिए तुम्हे किसने कहा ?
मजदूर - जब रात को मुझे स्वप्न में इन प्रतिमाओ ने आदेश दिया कि हमें सवेरे वृंदावन में टटिया स्थान पर श्री स्वामी जी के पास पहुँचा दो इसलिए में इन्हें लेकर आया हूँ.

स्वामी जी ने मूर्तियों को निकाल लिया और उस मुसलमान भक्त को खाली घड़ा लौटते हुए कहा भईया ! तुम बड़े भाग्यवान हो भगवान तुम्हारे सब कष्ट दूर करेगे .

वह मुसलमान मजदूर खाली घड़ा लेकर घर लौटा,रास्ते में सोच रहा था कि इतना चमत्कारी महात्मा मुझे खाली हाथ लौटा देगा - मैंने तो स्वप्न में भी ऐसा नहीं सोचा था.आज की मजदूरी भी मारी गई.घर पहुँचा एक कौने में घड़ा धर दिया और उदास होकर एक टूटे मांझे पर आकर सो गया

पत्नी ने पूँछा - हो आये वृंदावन ?
क्या लाये फकीर से ?
भर दिया घड़ा अशर्फिर्यो से ?
क्या जवाव देता इस व्यंग का ?

उसने आँखे बंद करके करवट बदल ली.
पत्नी ने कोने में घड़ा रखा देखा तो लपकी उस तरफ देखती है कि घड़ा तो अशर्फियों से लबालव भरा है,

आनंद से नाचती हुई पति से आकर बोली मियाँ वाह ! इतनी दौलत होते हुए भी क्या आप थोड़े से मुरमुरे ना ला सके बच्चो के लिए ?

अशर्फियों का नाम सुनते ही भक्त चौककर खड़ा हुआ और घड़े को देखकर उसकी आँखों से अश्रु धारा बाह निकली.

बोला मै किसका शुक्रिया करू,खुदा का ,या उस फकीर का जसने मुझे इस कदर संपत्ति बख्शी.फिर इन अशर्फिर्यो के बोझे को सिर पर लाड लाने से भी मुझे बारी रखा कैसी रहमत ?

आज का पंचांग 26 june 2018

.           ।। 🕉 ।।
   🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
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कलियुगाब्द................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
रवि.......................उत्तरायण
मास............................ज्येष्ठ
पक्ष............................शुक्ल
तिथी.......................त्रयोदशी
प्रातः 06.22 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी
सूर्योदय...........05.47.12 पर
सूर्यास्त............07.11.26 पर
सूर्य राशि....................मिथुन
चन्द्र राशि...................वृश्चिक
नक्षत्र......................अनुराधा
प्रातः 07.00 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा
योग.............................शुभ
रात्रि 12.46 पर्यंत पश्चात शुक्ल
करण..........................तैतिल
संध्या 07.17 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु............................ग्रीष्म
दिन........................मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :- 
26 जून सन 2018 ईस्वी |

☸ शुभ अंक.............8
🔯 शुभ रंग...........काला

👁‍🗨 *राहुकाल* :
दोप 03.48 से 05.29 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.07 से 10.48 तक चंचल
प्रात: 10.48 से 12.28 तक लाभ
दोप. 12.28 से 02.09 तक अमृत
दोप. 03.49 से 05.30 तक शुभ
रात्रि 08.30 से 09.49 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ विनायकाय नमः ||

🎙 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
अहं च त्वं च राजेन्द्र लोकनाथौ उभावपि ।
बहुव्रीहिरहं राजन् षष्ठीतत्पुरूषो भवान ॥
अर्थात :-
एक भिखारी राजा से कहता है, “हे राजन्, मै और आप दोनों लोकनाथ है । बस फर्क इतना है कि मै बहुव्रीही समास हूँ तो आप षष्ठी तत्पुरूष हो ।।

🍃 *आरोग्यं :-*
*मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक उपचार*

*1. तुलसी और हल्दी -*
तुलसी शरीर को फ्री रेडिकल्स से आपको बचाता है, तुलसी की पत्तियों के साथ-साथ इसका तेल प्राचीन काल से भारतीय महिलाओं के सौंदर्य उत्पाद में उपयोग किया जाता रहा है। वहीं हल्दी एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है और त्वचा के लिए इसके बहुत ही लाभ है। मुँहासे हटाने के लिए आप फूड प्रोसेसर में तुलसी की 20 पत्तियां और दो चम्मच हल्दी डालें और इसे अच्छी तरह से पीस लें। सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि के भोजन से पहले आप इसका सेवन कीजिए।

*2. लौकी और नमक -*
विटामिन सी और जिंक से भरपूर लौकी समय से पहले उम्र बढ़ने से निपटने में मदद करता है और चेहरे पर दिखाई देने वाली झुर्रियों को रोकता है। लौकी त्वचा को ठंडा करता है और आपके सिस्टम को साफ करता है, जिससे पाचन और मलत्याग में सुधार होता है। यह आपको बेहतर नींद में भी मदद करता है। इसके लिए आप लौकी को छिल लीजिए और उसे छोटे टुकड़ों में काट लीजिए। फिर इसे अच्छी तरह से फूड प्रोसेसर में ब्लेंड कर लीजिए। अगर जरूरत हो तो इसमें थोड़ा पानी डाल दीजिए। इसमें थोड़ा नमक डालिए और इसे पीजिए। पिंपल्स हटाने के लिए आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
कुसंगति से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। निवेश व नौकरी लाभप्रद रहेंगे।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
शोक संदेश मिल सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दौड़धूप अधिक व लाभ कम होगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
धन प्राप्ति सुगम होगी। मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। अपेक्षित कार्यों में बाधा होगी। तनाव रहेगा। लाभ कम रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
नए अनुबंध होंगे। योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

☯ आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

इतने महान् सम्राट होने पर भी भारत के इतिहास में गुमनाम कर दिए गए

*बाबर ने मुश्किल से कोई 4 वर्ष राज किया। हुमायूं को ठोक पीटकर भगा दिया। मुग़ल साम्राज्य की नींव अकबर ने डाली और जहाँगीर, शाहजहाँ से होते हुए औरंगजेब आते आते उखड़ गया।*
*कुल 100 वर्ष (अकबर 1556ई. से औरंगजेब 1658ई. तक) के समय के स्थिर शासन को मुग़ल काल नाम से इतिहास में एक पूरे पार्ट की तरह पढ़ाया जाता है....*
*मानो सृष्टि आरम्भ से आजतक के कालखण्ड में तीन भाग कर बीच के मध्यकाल तक इन्हीं का राज रहा....!*

*अब इस स्थिर (?) शासन की तीन चार पीढ़ी के लिए कई किताबें, पाठ्यक्रम, सामान्य ज्ञान, प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न, विज्ञापनों में गीत, ....इतना हल्ला मचा रखा है, मानो पूरा मध्ययुग इन्हीं 100 वर्षों के इर्द गिर्द ही है।*

*जबकि उक्त समय में मेवाड़ इनके पास नहीं था। दक्षिण और पूर्व भी एक सपना ही था।*
*अब जरा विचार करें..... क्या भारत में अन्य तीन चार पीढ़ी और शताधिक वर्ष पर्यन्त राज्य करने वाले वंशों को इतना महत्त्व या स्थान मिला है ?*
*अकेला विजयनगर साम्राज्य ही 300 वर्ष तक टिका रहा। हीरे माणिक्य की हम्पी नगर में मण्डियां लगती थीं।महाभारत युद्ध के बाद 1006 वर्ष तक जरासन्ध वंश के 22 राजाओं ने । 5 प्रद्योत वंश के राजाओं ने 138 वर्ष , 10 शैशुनागों ने 360 वर्षों तक , 9 नन्दों ने 100 वर्षों तक , 12 मौर्यों ने 316 वर्ष तक , 10 शुंगों ने 300 वर्ष तक , 4 कण्वों ने 85 वर्षों तक , 33 आंध्रों ने 506 वर्ष तक , 7 गुप्तों ने 245 वर्ष तक राज्य किया ।*
*फिर विक्रमादित्य ने 100 वर्षों तक राज्य किया था । इतने महान् सम्राट होने पर भी भारत के इतिहास में गुमनाम कर दिए गए ।*

*उनका वर्णन करते समय इतिहासकारों को मुँह का कैंसर हो जाता है। सामान्य ज्ञान की किताबों में पन्ने कम पड़ जाते है। पाठ्यक्रम के पृष्ठ सिकुड़ जाते है। प्रतियोगी परीक्षकों के हृदय पर हल चल जाते हैं।*
*वामपंथी इतिहासकारों ने नेहरूवाद का मल भक्षण कर, जो उल्टियाँ की उसे ज्ञान समझ चाटने वाले चाटुकारों...!*
*तुम्हे धिक्कार है !!!*

*यह सब कैसे और किस उद्देश्य से किया गया ये अभी तक हम ठीक से समझ नहीं पाए हैं और ना हम समझने का प्रयास कर रहे हैं।*

एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हिन्दू योद्धाओं को इतिहास से बाहर कर सिर्फ मुगलों को महान बतलाने वाला नकली इतिहास पढ़ाया जाता है। महाराणा प्रताप के स्थान पर अत्याचारी व अय्याश अकबर को महान होना लिख दिया है। अब यदि इतिहास में हिन्दू योद्धाओं को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाता है तो कांग्रेस शिक्षा के भगवा करण करने का आरोप लगाती है।

*नोट : दबाकर कॉपी-पेस्ट करें.... ताकी इस आलेख का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो सके !*
*जय हिंदू राष्ट्र*

सोमवार, 25 जून 2018

हमारे स्कूल देश के बेस्ट नागरिक नही देश के बेस्ट मजदूर बनाने में दिन रात एक करके जुटे हुए हैं

मैंने कभी नही सुना कि अमेरिका में बोर्ड इग्जाम के रिजल्ट आ रहे हैं या यूके में लड़कीयो ने बाजी मार ली है या आस्ट्रेलिया में किसी छात्र के 99.5 % आये है।

मई-जून के महीने में भारत के हर घर में दस्तक देती है एक भय, एक उत्तेजना, एक जिज्ञासा, एक मानसिक विकृति वाली स्तिथि।
हर माता-पिता, हर बोर्ड के इग्जाम में बैठा बच्चा हर बीतते हुए पल को एक ओबसेसन, एक डिप्रेशन, एक इनसेक्योरीटी में काट रहा होता है,
कि क्या होगा ?

माता-पिता फ़सल की तरह बच्चों को पाल रहे है कि कब फ़सल पके कब उनकी अधूरी रह चुकी आकाँक्षाऐ पूरी हों, कब वे फ़सल काटेंगे।

हमारे पूंजीवादी इनवेस्टर्स को क्या प्रोडक्ट चाहिए, इस हिसाब से शिक्षा और उसके उद्देश्य तय हो रहे हैं। एक परिवार सुख-चैन त्याग, दिन-रात खट के, सँघर्षो, घोर परीश्रम में गुज़र जाता है।
उस परिवार का अपना अस्तित्व और सुख चैन और मानवीय भावनाएं इसलिए भेंट चढ जाती है।
क्योंकि टीसीएस को एक बेहतरीन सोफ्टवेयर डेवलेपर चाहिए।
या मेकेन्से को बेस्ट ब्रेन चाहिए।
या रिलायन्स को बेहतरीन गेम डिजाइनर चाहिए।

हमारी शिक्षा व्यवस्था व उसके आदर्श कहाँ रह गये ?
हमारे स्कूल देश के बेस्ट नागरिक नही देश के बेस्ट मजदूर बनाने में दिन रात एक करके जुटे हुए हैं।
और माता-पिता बच्चो को बच्चा नही, एक मेकेनिकल डीवाईस बनाने को प्रतिज्ञाबद्ध हैं।
बच्चों को जीने दो..
दुनिया खत्म नही होने जा रही।
उन्हे बेस्ट इम्प्लोई नही, बेस्ट सीटीजन बनाने में यकीन रखो दोस्तों।
बचपन की भी खुद से कुछ अपेक्षाएँ होती हैं, अपने निस्वार्थ स्वप्न होते हैं, क्या उनका हमारे लिये कोई अर्थ नही।
बच्चों को बचपन से ही दबाव में डालकर इस बोझ तले मत दबाओं की वह अपना बचपन ही भूल जायें और आपकी हर अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए जूझता रहें।
उन्हे मनोरोगी मत बनाओ।

ये एक मानसिक रुग्णता ही तो है।
टोपर्स की खबरें..
उन्हे मिठाई खिलाते माता-पिता की फोटो ..
क्या ये एक आम सामान्य स्तर के बच्चों को मानसिक हीनता की अनुभूति नही कराती होंगी? अक्सर माँ-बाप अपने बच्चों को वो अखबार में छपी तस्वीरें दिखा कर ताने देते है वो क्यूँ नहीं समझ पाते कि....
अरे..टापर तो दो चार होंगे बाकी देश का बोझ तो 99%  इन्ही फूल से कोमल सामान्य बच्चो ने ही उठाना है।
उनकी मुस्कान मत छीनो।
देश से उसकी सृजनात्मक शक्ति मत छिनो।

जैसे हमारे लिये नेपाल के माँ बाप मजदूर तैयार कर रहे हैं वैसे ही हम टाटा, रिलायंस, एल एंड टी, मारुति, मेकेन्से, देन्सू etc के लिये मजदूर तैयार कर रहे हैं।

वे कुछ भी बन जाएं .. एमएनसी में सीईओ हो जाएं पर जो बचपन की रिक्तता हमने आरोपित कर दी है। वो उन्हे जीवन भर खलेगी और मानवीय विकृतियों के रुप में फलेगी।
हमको बेस्ट सीईओ मिलेंगे जिनकी प्राथमिकता उनकी कंपनी होगी,
देश नही  और साथ ही साथ आपके बच्चों की प्राथमिकता भी कोई एमएनसी ही होगी न कि आप ।।।।
किसी की फ़ोटो दिखा कर आप ये तो कह देते है कि देसख इसके जैसा बन लेकिन वो 2 3 दिन के बाद शायद आपको न वो न उनकी फोटो नजर आती है इसलिए विश्वास करिए मौका दीजिये  एक नही 2 4 मौके दीजिये । आपका सिक्का खोटा नही है बस उस भीड़ में आप उसे भेज कर खोटा बनाने में दिल से जुड़े पड़े है जो कि एक अंधी दौड़ है जिसका न कोई अंत है बस ये जरूर है कि बचपन छीन के आपने उसको आपसे भी अलग कर दिया ।।।

मंगलवार, 19 जून 2018

यदि ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री है तो हमें गर्व क्यों ना हो..

It's true story...
Must read

🌱👁🦋

बात 1990 की गर्मियों की है।

इंडियन रेलवेज (ट्रैफिक) सर्विसेज में चयनित दो प्रोबेशनर युवतियां (लीना सरमा व उनकी एक साथी) दिल्ली में अपनी ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए लखनऊ से दिल्ली तक का रेल सफर कर रहीं थीं।

उनके डिब्बे में 2 सांसद भी सफर कर रहे थे।

उन सांसदों के साथ उनके दर्जन भर चमचे भी थे जिनके पास टिकट भी नहीं थे।

वो जबरदस्ती डिब्बे में घुस गए थे।

उन चमचों / गुर्गों ने उन दोनों युवतियों पर भद्दे अराजक अश्लील व्यंग्य करते हुए उन्हें उनकी रिजर्व सीट छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।

दोनों युवतियों ने जमीन पर रखे अपने सामान पर बैठकर दिल्ली तक की अपनी यात्रा दोनों सांसदों के उन चमचों/गुर्गों के हुड़दंग के बीच भयाक्रांत होकर पूरी की थी।

इस पूरी यात्रा के दौरान TTE गायब रहा था।

दिल्ली पहुंचकर दोनों युवतियों ने राहत की सांस ली थी।

दिल्ली में ट्रेनिंग का प्रथम चरण पूर्ण कर उनको अपनी ट्रेनिंग के अगले चरण के लिए अहमदाबाद जाना था।

किन्तु लीना सरमा की साथी युवती ने लखनऊ से दिल्ली तक की यात्रा के भयानक अनुभव के कारण अहमदाबाद की यात्रा करने से मना कर दिया।

परिणामस्वरूप लीना सरमा अपनी एक अन्य बैचमेट उत्पलपर्णा हजारिका के साथ दिल्ली से अहमदाबाद के लिए रवाना हुईं थीं।

किन्तु प्रथम श्रेणी का उनका वेटिंग लिस्ट का टिकट कन्फर्म नहीं हुआ था।

TTE से बात करने पर उसने पूरी सीटें फुल होने की बात कहकर दोनों युवतियों को यह कहकर एक कूपे में बैठा दिया था कि यदि कोई सीट खाली मिली तो आपको दूंगा।

उस कूपे में खादी का कुर्ता पायजामा पहने लगभग 45 और 40 वर्ष के नेतानुमा दो युवक पहले से बैठे हुए थे।

TTE ने दोनों युवतियों को आश्वस्त किया कि दोनों युवक नियमित आते जाते रहते हैं।

दोनों सज्जन व्यक्ति हैं।

मैं दोनों को जानता हूं इसलिए आप लोग चिंतित मत होइएगा।

यात्रा के दौरान दोनों युवकों से बातचीत हुई तो हिन्दू महासभा मुस्लिम लीग से होते हुए श्यामाप्रसाद मुखर्जी तक पहुंची।

लीना सरमा की साथी युवती उत्पलपर्णा चूंकि इतिहास की छात्रा रहीं थीं इसलिए बातचीत लम्बी खिंची।

दोनों युवतियों की बातचीत से प्रभावित उन दोनों युवकों में से आयु में छोटे दिख रहे युवक ने धीरे से कहा था कि इनको तो बहुत अच्छी जानकारी है।

इसपर बड़े दिख रहे युवक ने कहा कि आप गुजरात में हमारी पार्टी ज्वाइन कर लीजिए।

इसपर दोनों युवतियों ने हंसते हुए कहा था कि हम गुजरात के नहीं बल्कि असम के रहने वाले हैं।

इसपर छोटी आयु वाले युवक ने तपाक से कहा था कि कोई फर्क नहीं हम अपने राज्य में प्रतिभा का स्वागत करते हैं, फिर चाहे वो जहां से भी हो।

इतने में खाने की 4 थाली आ गयी थी।

चारों ने भोजन किया और पैसे उस छोटी आयु वाले युवक ने ही दिए।

इतने में TTE ने आकर दोनों युवतियों को बताया कि पूरी सीटें फुल हैं, आपको सीट नहीं दे पाऊंगा।

यह सुनते ही छोटे युवक ने कहा कोई परेशानी की बात नहीं हमलोग एडजस्ट कर लेंगे।

इतना कहकर दोनों युवकों ने अपना बिस्तर जमीन पर बिछाकर अपनी दोनों सीटें लीना सरमा व उनकी साथी युवती को दे दीं।

सवेरे उठने पर बड़े युवक ने दोनों युवतियों से कहा कि यदि रहने की कोई समस्या हो तो आप दोनों मेरे घर में रह सकती हैं।

इसपर छोटे युवक ने कहा कि मैं तो बंजारा जीवनशैली का व्यक्ति हूं।

मेरा घर इस लायक नहीं है लेकिन इनके घर में आप आराम से रुक सकती हैं।

यदि कोई समस्या हो तो हमारी मदद ले सकती हैं।

इसपर दोनों युवतियों ने दोनों युवकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि नहीं अहमदाबाद में हमारे रुकने की कोई समस्या नहीं है।

तब तक अहमदाबाद स्टेशन करीब आ चुका था।

अतः लीना सरमा ने अपनी डायरी निकालकर दोनों युवकों से अपना नाम पता लिखने का अनुरोध किया था।

लीना सरमा के अनुरोध पर उनकी डायरी में छोटी आयु वाले युवक ने अपने पते के साथ अपना नाम लिखा था *नरेन्द्र मोदी* और बड़ी आयु वाले युवक ने अपने पते के साथ अपना नाम लिखा था *शंकर सिंह वाघेला*।

लीना सरमा ने अपना यह अनुभव 1995 में असम के एक समाचारपत्र में लिखा था कि किसतरह गुजरात के दो अनजान राजनेताओं ने असम की दो युवतियों की मदद बहन समझकर की।

1995 में अखबार में अपना अनुभव लिखते समय तक लीना सरमा जी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि दोनों व्यक्ति अगले कुछ वर्षों में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।

लेकिन शंकर सिंह वाघेला और नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लीना सरमा गर्वानुभूति से सराबोर हो गईं थीं।

असम के एक अन्य अखबार ने 1995 में प्रकाशित उनके उस अनुभव को पुनः प्रकाशित किया था।

लेकिन मई 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री का पद सम्भाला तो लीना सरमा जी उस समय General Manager of the Centre for Railway Information System, Indian Railways, New Delhi. के पद पर कार्यरत थीं।

और उस अविस्मरणीय यात्रा में उनकी सहयात्री रहीं उनकी साथी उत्पलपर्णा हजारिका Railway Board में Executive Director के पद पर कार्यरत थीं।

नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लीना सरमा अपने उस अनुभव को पूरे देश के सामने प्रस्तुत करने से स्वयं को रोक नहीं सकी थीं।

अतः  1 जून 2014 को अंग्रेज़ी अखबार The Hindu में उन्होंने अपने उस अविस्मरणीय अनुभव को ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर दिया था।

आज हमारे देश के प्रधानमंत्री वही नरेन्द्र मोदी हैं, जिनका जिक्र लीना सरमा ने किया है।

अतः यदि ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री है तो हमें गर्व क्यों ना हो...!!!

*लीना सरमा जी के लेख का लिंक*👇🏼

http://www.thehindu.com/opinion/open-page/a-train-journey-and-two-names-to-remember/article6070562.ece

🍃😊🍂

सोमवार, 18 जून 2018

#पोर्न_industry

#पोर्न_industry
ये victorians ने शुरू किया था.... हां वो ही राजपरिवार वाले... बाद में पूरी दुनिया को brothels + strip club दे दिये. - - - भारत में अंग्रेजो ने ही sonagachi - Bengal (Asia's second largest red light) बसाया था.
... दुनिया का 85% Internet porn Chatsworth, callifornia से आता है... ये Illuminati के weaponless war के मुख्य हथियारों में से है.... समाज को Free porn उपलब्ध करा कर एक तीर से कई शिकार हो रहे हैं. आखिर ये Free कयो है? और attractive कैसे बनाया गया है?, दरअसल, system को यौन-चकाचौंध से भरा गया है.. ये Industry जितनी मजेदार लगती है उतनी है नही. दूर के ढोल सुहावने होते हैं. यकीन करने के लिए pink cross foundation की chief " Shelly lubben" से पूछ लें....
... किसी भी देश को तोडने के लिये उसको बस नग्नता दे दो. फिर वहां का youth अपने बाप की भी नही सुनेगा... बाकी का काम मैकाले ब्रांड सिस्टम ने कर ही दिया है... अब गांजा + Marijuana + alcohol से youth बोर हो गया तो धंधा बैठ जायेगा. फिर क्या, drugs + free porn = non curable addiction वाला principle अपनाया... Hollywood के बाद bollywood सबसे बडा अड्डा है porn industry का. सबसे ज्यादा "drug-usage" porn industry मे होती है. सब interconnected हैं. Drug dealing = human trafficking, या ये कहें कि कि दोनो एक दूसरे के पूरक. बिना नशे के porn movie बनती नही. American companies के condom को बिकवाने में बॉलिवुड का बहुत बड़ा योगदान है... दरअसल, Bollywood में Theory of relativity of time लग गया. मतलब कि जिस bollywood को 50-60s में घर घर जाकर भी कोई अभिनेत्री नही मिलती थी और 70-80s में kiss scene पर बवाल मच गया था, क्योंकि तब अभिनेत्रियों को बाजारू बोला जाता था, वो ही bollywood आज संभोग के scene बिना रोकटोक दिखाता है... मुंबई में Line लगी है मैकाले ब्रांड लडकियों की. Casting couch धडाधड होते हैं. जो जितना "compromise" करेगी उतनी बढिया movie-serial मिलेगा. लग गयी ना time-relativity Theory? समय समय की बात है.
ईलू बाबा के Main principles में ये hypnotism type atmosphere भी है. जिससे- - -
1- भारत में नग्नता + rape % बढेगा. (जैसा ईलू ने misconception फैलाया था अफ्रीका में कि sex with virgins = aids curable.
2- drugs जो दिल्ली-मुंबई के अमीरजादे नोट जलाकर सूंघते हैं, वो हर नुक्कड़ पर बिकेगा.
3- भयंकर सामाजिक पतन होगा.
4- ईलू का बनाया हुआ HIV-AIDS का graph बहुत ऊपर जायेगा.
5- Aids की सालों से बन रही महंगी दवाइयों का यहां use होगा और viagra तो normal बिकेगी kit Kat की तरह.
6- जैसा कि पहले मैने बहुत बार कहा है war (weapons) + virus (medicine) = illuminati's economy.
8- मलेच्छों के झुंड में honey Singh और Sunny Leon का नाम बहुत ऊपर है.
9- बालीवुडिया वेश्याओं की लौटरी लग गयी है ईलू बाबा की किरपा से.
10- सस्ते मोबाइल + Free porn = conspiracy है बहुत बडी.
मोदी ने झाडू तो उठा लिया लेकिन कुछ प्रतिशत ही साफ किए . साफ करना है तो देश से porn industry + slaughter house को साफ करो, वह भी पूरी तरह से l
ये सडकें साफ करने से क्या देश चलेगा?.. लेकिन ये सफाई इनके "आका" नही होने देंगे.... दो साल पहले हमारे देश की चूतिया पब्लिक sex education के support में थी. जिसमें "आका" का शासन नही है जैसे North Korea में, वहां punishment "मौत" है porn देखने का, बनाना तो दूर की बात है. यहां भी कुछ चूतियो को Democracy चाहिये.
याद रखना,
Maclauy educational system + illuminati porn industry = biggest threat है भारत के भविष्य के लिए.

वंदेमातरम।

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