गर्मियों
के मौसम में कई सारे कीडे मकौड़े बाहर आ जाते है। जिनसे हमें कई तरह का
खतरा बना रहता है। कई बार यह हमारे कान में घुस जाते है। जिससे बहुत पीड़ा
होती है। हम घर पर भी इसे निकालने का प्रयास करते है। लेकिन यह संभव नहीं
हो पाता है। और चिकित्सक तक ले जाने तक हमे कई सारी परेशानियों का समाना
करना पड़ जाता है। इस दौरान इसके हमारे कान में काटने का भी डर होता है।
जिससे कान में कई तरह के इनफेक्शनंस भी हो सकते है।
कान मे घुसने वाले कीडों में चींटी, कसारी, व कनखजूरा
अगर चींटी जैसा चीज कान में चली जाए तो सामान्य तौर पर पानी कान में डालने
पर निकल जाती है। वहीं इससे ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है। लेकिन जब कन खजुरा कान मे चला जाए तो बहुत सारी परेशानियों का समाना करना पड़ता है। इसके डंक मारने पर बहुत तेज दर्द होता है।
वहीं
इसके काटने पर हमारे शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा कम होनें लगती है। और
हमारा शरीर मे थकावट महसूस होनें लगती है। इसके कान में चले जाने पर सेंधा
को पानी में मिलाकर कान में डाले जिससे कनखजूरा या तो कान में ही मर जाएगा।
या फिर पानी के साथ बाहर आ जाएगा
क्योंकि
सेंधा नमक की वजह से यह ज्यादा दैर तक कान में नहीं रह सकता है। जब यह कान
से निकल जाए तब भी चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि इसके डंक से
कई परेशानिया हो सकती है।
कानखजूरा
नमक यह जीव अक्सर गर्मियों के मौसम के अधिक देखने को मिलता है। वैसे तो
गर्मियों के मौसम में कई प्रकार के अन्य खतरनाक जीव, जंतु, कीड़े-मकोड़े अपने
अपने बिलो से बहार निकल आते है। पर उन सभी जीवो में कनखजूरा बहुत ही अधिक
खतरनाक जीव होता है। इसलिए सोते हुए व्यक्ति को काटना जैसी घटना कई बार
देखने को मिलती है। वैसे तो कनखजूरे का जहर और इसका काटना बहुत अधिक
जानलेवा नहीं होता है। पर यदि एक बड़े अकार का गोजर किसी बच्चे या कमजोर
हृदय वाले व्यक्ति को कटा ले। और उसका समय पर इलाज न हो तो उसे हृदय आघात
भी हो सकता है। पर यह समस्या अतयंत दुर्लभ है क्योकि ऐसे मामले काम देखने
को मिले है। सामन्यतः यह भी देखा गया है की कनखजूरा काटने के अलावा कई बार
कान के अंदर भी घुस जाता है।
यदि कनखजूरा कान में घुस जाये और काट ले तो निम्न लक्षण महसूस हो सकते है –
- कान लाल होना
- कान में खुजली होना
- कान में जलन
- कान में दर्द होना
- कान में घाव होना
- कान का भारी होना आदि इसके लक्षण हैं।
- सावधानियाँ व रोकथाम
यदि
स्थिति बहुत अधिक गंभीर न हो तो कनखजूरे के द्वारा काटने पर उसका इलाज
सामान्य तरीको से किया जा सकता है। पर अक्सर ऐसा माना जाता है की, इलाज से
बेहतर सावधानी है। तो आइये जानते है की किन सावधानियों को बरतने से आप
कनखजूरे के द्वारा काट खाने या कान में घुसने की समस्या से बच सकते है।
यह सभी सावधानी निम्नलिखित है –
- गर्मी व बरसात के मौसम में खुले में जमीन पर न सोएँ
- जूता पहनने से पहले उसे जांच ले व नंगे पैर न रहे
- घर के अंदर पलंग पर ही सोएँ
- सोते समय खुद को चादर से ढँक कर रखे
- कान को किसी रुमाल या कपडे से बांध कर सोएँ
बच्चो को जमीन में पाए जाने वाले खुले बिलो से दूर रखें।।
कनखजूरा के काटने पर घरेलु उपाय
1. सेंधा नमक
सेंधा
नमक बहुत ही कारगर तरीका है। अगर कनखजूरा किसी व्यक्ति के कान में घुस
जाये तो सेंधा नमक को पानी में मिला कर कान में डालने से वह मर जाता है। और
आसानी से कान से बहार निकल आता है।
2. चीनी (शक्कर)
यदि
कनखजूरे आपके शरीर से चिपक जाये तो उस कनखजूरे के मुँह पर चीनी डालने से
वह अपनी पकड़ ढीली कर देता है। और तुरंत आपके शरीर से अलग हो जाता है।
3. हल्दी व गाय का घी
जब
किसी व्यक्ति को कनखजूरा काट ले। तो हल्दी में सेंधा नमक व गाय का घी मिला
कर एक मिश्रण तैयार कर लें। और कनखजूरे द्वारा काटे गए स्थान पर यह मिश्रण
लेप करने से कनखजूरे का विष ख़त्म हो जाता है व तुरंत रहत मिलती है।
4. ठंडा पानी या बर्फ
कनखजूरे
के द्वारा काटे जाने पर, घाव वाले स्थान को तुरंत ठन्डे पानी से धोये व
बर्फ से सिकाई करें। इस से उस स्थान की नसे सुन्न पढ़ जाएँगी व खून का बहना
रुक जायेगा, और जहर आपके शरीर में नहीं फैलेगा।