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बुधवार, 9 सितंबर 2020

बने आत्मनिर्भर लगाये अपना व्यवसाय सरकार दे रही मदद शुरू करें अगरबत्ती कारोबार

बने आत्मनिर्भर लगाये अपना व्यवसाय सरकार दे रही मदद शुरू करें अगरबत्ती कारोबार

अगर आप भी बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है. क्योंकि कोविड-19 महामारी के बीच अगरबत्ती और धूप का घरेलू बाजार सालना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. गरबत्ती और धूप का घरेलू बाजार 15,000 करोड़ रुपये का है. देश में अगरबत्तियों की मौजूदा मांग तीन हजार टन की है जबकि आपूर्ति इसकी आधी है. बाकी माल चीन और वियमतनाम जैसे देशों से आता रहा है. केंद्र सरकार अगरबत्ती की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अगरबत्ती एवं धूप उद्योग को सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. आइए आपको बताते हैं कि अगरबती का बिज़नेस आप कैसे शुरू कर सकते हैं और इसको करने से आपको कितना फायदा होगा.

*अगरबत्ती उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम*

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने इस साल की शुरुआत में बैम्बू स्टीक पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया था. केवीसी ने कहा था कि इस कदम से अगरबत्ती उद्योग में 8 से 10 महीनों में कम से कम 1 लाख रोजगार पैदा होंगे. आत्मनिर्भर भारत के लिए घरेलू बैम्बू को बढ़ावा देने के यह बढ़ोतरी की गई थी और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट कर इस बढ़ोतरी की घोषणा की थी.

*मशीन की कीमत*
भारत में अगरबत्ती बनाने की मशीन की कीमत 35 हजार से 1.75 लाख रुपये तक है. कम दाम वाली मशीन में प्रोडक्शन कम होती है और आपको इससे ज्यादा मुनाफा नहीं होगा. मेरा ये सुझाव है कि आप अगरबत्ती बनाने वाली आटोमेटिक मशीन से काम स्टार्ट करें क्यूंकि ये बहुत तेजी से अगरबत्ती बनता है. ऑटोमेटिक मशीन की कीमत 90 हजार से 1.75 लाख रुपये तक है. एक ऑटोमेटिक मशीन एक दिन में 100 किलोग्राम अगरबत्ती बन जाती है.

*अगरबत्ती बनाने की मशीन*
अगरबत्ती बनाने में कई तरह की मशीनें काम में लाई जाती हैं. इनमें मिक्सचर मशीन, ड्रायर मशीन और मेन प्रोडक्शन मशीन शामिल है. मिक्सचर मशीन कच्चे माल का पेस्ट बनाने के काम आता है और मेन प्रोडक्शन मशीन पेस्ट को बांस पर लपेटने का काम करता है. अगरबत्ती बनाने के मशीन सेमी और पूरी ऑटोमेटिक भी होती है. मशीन का चुनाव करने के बाद इंस्टॉलेशन के बजट के हिसाब से मशीनों के सप्लायर से डील करें और इंस्टॉलेशन करवाएं. मशीनों पर काम करने की ट्रेनिंग लेना भी आवश्यक है.

*कच्चे माल की सप्लाई*
मशीन इंस्टॉलेशन के बाद कच्चे माल की सप्लाई के लिए मार्केट के अच्छे सप्लायरों से संपर्क करें. अच्छे सप्लायरों की लिस्ट निकालने के लिए आप किसी अगरबत्ती उद्योग में पहले से बिजनेस करने वाले लोगों से मदद ले सकते हैं. कच्चा माल हमेशा जरूरत से थोड़ा ज्यादा मंगाए क्योंकि इसका कुछ हिस्सा वेस्टेज में भी जाता है. अगरबत्ती बनाने के लिए सामग्री में गम पाउडर, चारकोल पाउडर, बांस, नर्गिस पाउडर, खुशबूदार तेल, पानी, सेंट, फूलों की पंखुड़ियां, चंदन की लड़की, जेलेटिन पेपर, शॉ डस्ट, पैकिंग मटीरियल आदि शामिल हैं.

*पैकेजिंग और मार्केटिंग*
आपका प्रोडक्ट आकर्षक डिजाइन पैकिंग पर बिकता है. पैकिंग के लिए किसी पैकेजिंग एक्सपर्ट से सलाह लें और अपनी पैकेजिंग को आकर्षक बनाएं. पैकेजिंग के द्वारा लोगों के धार्मिक मनोस्थिति को छूने की कोशिश करें. अगरबत्तियों की मार्केटिंग करने के लिए अखबारों, टीवी में एड दे सकते हैं. इसके अलावा अगर आपका बजट इजाजत देता हो तो कंपनी की ऑनलाइन वेबसाइट बनाएं.

*इतने रुपये में शुरू कर सकते हैं बिजनेस*
इस बिजनेस को आप 13,000 रूपये की लागत के साथ घरेलू तौर पर भी हाथों से निर्माण कर शुरू कर सकते है, लेकिन अगर आप अगरबत्ती के बिजनेस को मशीन बैठाकर शुरू करने की सोच रहे है तो इसको शुरू करने में लगभग 5 लाख रूपये तक की लागत लग सकती है. अपने प्रोडक्ट को बाजार में अच्छा भाव मिले, इसलिए प्रोडक्ट में यूनिकनेस लाने की कोशिश करें. अगर आप इस बिजनेस में कुछ नया करते हैं तो इसे एक ब्रांड बनने में देर नहीं लगेगा.

मोदी सरकार द्वारा 'ग्रामोदय विकास योजना' (Gramodyog Vikas Yojana) के तहत अगरबत्ती निर्माण (Agarbatti Manufacturing) में कारीगरों को लाभान्वित करने के लिए एक कार्यक्रम को मंजूरी देने के एक महीने के बाद, इसके आकार और लाभार्थियों की लक्ष्य संख्या को बढ़ाया गया है. कार्यक्रम के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इसका कुल आकार 2.66 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 55 करोड़ रुपये कर दिया गया है और संभवतः इससे 6,500 कारीगरों को फायदा होगा. एमएसएमई मंत्रालय के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) कार्यक्रम को लागू करेगा और मंत्रालय के अनुसार आवश्यक सहायता के साथ पिछड़े और आगे के संपर्कों के साथ कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों (SHG) को संभालेगा.

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एकपाद उत्तानासन: अस्थमा रोगियो को फायदों के साथ जानिये योग के अन्य लाभ और योग विधि

योग से बने जीवन सुंदर :एकपाद उत्तानासन: अस्थमा रोगियो को फायदों के साथ जानिये योग के अन्य लाभ और योग विधि

एकपाद उत्तानासन को एक पैर पर खड़ी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है जो कि पेट तथा जंघा की मांसपेशियों को दुरूस्त रखने के लिये किया जाता है। इसके अलावा यह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिये भी अच्छा आसन है। इससे वक्ष खुल जाता है और पूरा श्वसन तन्त्र जीवन्त हो जाता है जिससे कि शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा पहुँच जाती है। यह आसन शरीर में लचीलापन भी लाता है और आपके कूल्हे की मांसपेशियों को लचीला बनाने के साथ-साथ शरीर के निचले हिस्से को मजबूत भी बनाता है । यह इस बात पर निर्भर करता है कि आसन को कैसे किया जा रहा है क्योंकि एकपाद उत्तानासन पाचन को सुधारने के साथ-साथ सेक्स से सम्बन्धी अंगों की भी मालिश करता है जिससे वे स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा अगर आप माहवारी की समस्याओं से ग्रस्त हैं तो यह आसन बिल्कुल सटीक होता है ।

*एकपाद उत्तानासन करने की लाभ*

अस्थमा से ग्रस्‍त लोगों के लिए एकदम सही है क्योंकि यह 

फेफड़ों को खोलने में मदद करता है और पूरे श्वसन प्रणाली को ऑक्‍सीजन से भर देता है।

यह आसन कूल्हों को अधिक लचीला बनाने में सहायक है 

पाचन में सुधार कर अपच में लाभ देता है। पाचन को बेहतर तथा पेट को सही रखने व पेट की समस्यायों में लाभकारी। 

वायु को नियंत्रित करता है। 

कामेच्छा से संबंधित ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है।

आँतो लिवर व गुर्दों में भी लाभप्रद ।

पेट के आसपास की मांसपेशियों को टोन कर पेट के निचले हिस्से की चर्बी कम करता है।

इस आसन से उदर के काफ़ी रोग ठीक होते हैं  । 

*एकपाद उत्तानासन करने का सही तरीका*

सीधे पीठ के बल लेट जाएं। 

हाथों को बिल्कुल शरीर के बराबर रखें। 

ध्यान रखें कि आपका शरीर बिल्कुल शान्त रहे।

अब धीरे से सांस लेते हुए दाएं पैर को (घुटने से सीधा रखते हुए) 60 डिग्री का कोण बनाते हुए उठाएं ऐसा तेजी से न करें क्योकि पीठ को क्षति हो सकती है।

पैर को 5-7 सेकंड ऊपर उठाए ही स्थिर रखे और सांस निकालते हुए वापस लेकर आएं। 

ऐसे ही इस प्रक्रिया को बाएं पैर से दोहराएं।

*एकपाद उत्तानासन  में सावधानियां*

यह आसन तीव्र गति से ना करें अन्यथा लाभ क़ी जगह नुकसान हो सकता है साथ ही नवसिखिये इस आसन को विशेषज्ञ क़ी सलाह और डेखरेक में ही करें ।

मुंह के छालों के कारण और निवारण

मुंह के छाले मुंह ना लगेंगे, कारण जान अगर उपाय करेंगे, जानिये मुंह के छालों के कारण और निवारण_*

 *मुंह में छाले कैसे आते हैं?*
*मुंह में छाले (Mouth ulcer) होने का कारण क्या है?*

मुंह में छाले होने के कई कारण हो सकते हैं।  

*कारण :*

1. खट्टे फल

खट्टे और रसीले फल जैसे टमाटर, नींबू , संतरा और स्ट्रॉबेरी मुंह के छाले का कारण हो सकता है। इसके अलावा चॉकलेट भी छालों को बढ़ाने का काम करती है। अगर आपके मुंह में छाले हैं तो इन चीजों को न खाएं आपको जल्दी आराम मिलेगा।

2. कब्ज

पेट का पुराना कब्ज भी मुंह के छाले का कारण होता है। जब पेट ठीक से साफ नहीं होता तो पेट में गर्मी के कारण मुंह में छाले हो जाते हैं। इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें कि पेट ठीक से साफ हो रहा है या नहीं।

3. धूम्रपान छोड़ना

वैसे तो धूम्रपान बहुत बुरी लत है और इसे जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी छोड़ देना चाहिए लेकिन, कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि धूम्रपान छोड़ने पर कुछ लोगों के मुंह में छालों की शिकायत हो जाती है।

4. तनाव और चिंता

चिंता और तनाव भी मुंह के छाले का कारण बनते हैं इसलिए जो लोग ज्यादा चिंताग्रस्त रहते हैं उन्हें अक्सर माउथ अल्सर की दिक्क्त होती है।

5. जीभ या गाल का कट जाना

बहुत बार ऐसा होता है की कुछ खाते या बोलते समय जीभ या गाल दांत से कट जाता है और फिर यह घाव की शक्ल ले लेता है या फिर छाले जैसा बन जाता है।

6. विटामिन्स की कमी

विटामिन बी-12, जिंक, फॉलेट और आयरन की कमी से भी छाले होते हैं।

7. दवाइयों का सेवन भी हो सकता है मुंह के छाले का कारण

एलोपेथिक ट्रीटमेंट जब लॉन्ग टर्म चलता है तो भी मुंह में छाले होने की संभावना रहती है। एलोपेथिक दवाइयां गर्म होती हैं जो कि पेट में गर्मी करती है जिससे माउथ अल्सर की परेशानी हो जाती है।

*मुंह में छाले होने पर क्या खाएं?*

मुंह में छाले होने पर आप क्रीम, सूप, चीज, दही, मिल्कशेक, हलवा, आइसक्रीम, तरल प्रोटीन सप्लिमेंट आप खा सकते हैं। ये आपको मुंह के छालों में आराम देने में मदद करेंगे।

*खाएं हाई प्रोटीन चीजें :*

इसके अलावा, कैलोरी और हाई प्रोटीन से युक्त नरम मलाईदार खाद्य पदार्थ खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। उच्च-कैलोरी खाद्य पदार्थ खाने से आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी और छालों के दौरान इन्हें खाने से जलन और दर्द भी कम होगा। आप एक चम्मच ठंडी क्रीम वेनिला एक्सट्रेक्ट और थोड़ी-सी शक्कर के साथ मिलाकर खाएं।

अपना भोजन भिगोएं। 

ठंडे अनाज को दूध में भिगोएं, ताकि जब आप इसे खाएं, तो यह बहुत ही गाढ़ा हो। चावल और पास्ता को सब्जी के रस में भिगोएं, ताकि वे मुलायम हो जाएं। 

पकी हुई सब्जियां और नरम फल खाएं। कच्चे फलों से आपके मुंह में घाव हो सकते हैं। आप एक ब्लेंडर के माध्यम से फल और सब्जियां भी डालकर उन्हें छोटे टुकड़ों में कट कर सकते हैं।

ठंडे खाद्य पदार्थ जैसे आइसक्रीम, कैंडी खाएं। इनकी ठंडक से मुंह के छालों में राहत प्रदान करती है।

*मुंह में छाले हो जाने पर आप इन चीजों के सेवन से बचें :*

तीखा, अम्लीय, या नमकीन खाद्य पदार्थों से बचें, जैसे गरम मसालों बनी सब्जी, तीखे चिप्स, नमकीन या कोई भी मसालेदार भोजन।

खट्टे और टमाटर वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें। खट्टी चीजें छाले या घाव को बढ़ा सकती हैं।

सूखे टोस्ट और ग्रेनोला जैसे मोटे खाद्य पदार्थों से बचें। इनसे मुंह में जलन हो सकती है।

ऐसे मसालों से बचें, जो मुंह में जलन पैदा कर सकते हैं जैसे कि मिर्च पाउडर, करी और गर्म सॉस।

खैनी, तंबाकू आदि से भी दूर रहें।

अगर आप बार-बार मुंह में छालों की समस्या हो रही है, तो इसे अनदेखा न करें। डॉक्टरी सलाह और दवाओं से आप बहुत जल्दी छालों की समस्या से बच सकते हैं। मुंह में छाले हो जाने पर रात में सोने से पहले कुल्ला करें। ये छोटे-छोटे कदम से मुंह के छालों से बचा जा सकता है। 

करें खेती मोती क़ी बने आत्म निर्भर कमाएंगे आप लाखो हो के निडर सरकार दे रही सहायता और पर्ल फाउंडेशन दे रहा प्रशिक्षण

करें खेती मोती क़ी बने आत्म निर्भर कमाएंगे आप लाखो हो के निडर सरकार दे रही सहायता और पर्ल फाउंडेशन दे रहा प्रशिक्षण

 कोरोना काल में सब कुछ छोड़ कर घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मोती की खेती एक सुनहरे अवसर के रूप में सामने आई है. जिला के दलसिंहसराय वार्ड संख्या दो निवासी राजकुमार शर्मा ने 2017 में जब अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ मोती की खेती शुरू की थी तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे. लेकिन कुछ नया करने की सोच लेकर उसने भुवनेश्वर और जयपुर में इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया. आज वो एक बड़े से पानी के टैंक में सीप डालकर मोती की खेती करते हैं. साथ ही इसका प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.

बाहरी बाजारों में होती है बिक्री

*कोरोना काल में अब वह प्रवासियों को प्रशिक्षित करना शुरू करेंगे*

मिली जानकारी अनुसार 12 प्रवासियों ने प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है ताकि वह अपने गांव में ही रहकर स्वरोजगार कर सकें. बता दें कि मोतियों की बिक्री स्थानीय बाजार सहित बाहर के बाजार में भी होती है.

*कई लोगों ने कराया है रेजिस्ट्रेशन*

इस संबंध में राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने अपने दोस्त प्रणव कुमार के साथ मिलकर बुलाकीपुर गांव में पर्ल फाउंडेशन नामक से प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है, जहां जिला के साथ-साथ मुजफ्फरपुर, बेगुसराय, पटना सहित दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों ने मोती की खेती के प्रशिक्षण को लेकर रजिस्ट्रेशन कराया है.

*स्वरोजगार उपलब्ध कराने को हैं तत्तपर*

कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से लौटे लोगों को प्रशिक्षण देकर घर पर ही लाखों रुपये की आमदनी कराने को लेकर पर्ल फाउंडेशन के संस्थापक बताते हैं कि कोरोना ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल कर रख दी है. सबसे से ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को हुई है. ऐसे में प्रवासियों को मोती की खेती का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार उपलब्ध कराने को लेकर हम तप्तर हैं. लॉकडाउन के दौरान मिली कृषि में छूट को लेकर लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं कई प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन भी कराया है.

*कम लागत में है ज्यादा मुनाफा*

राजकुमार बताते है कि एक मोती के उत्पादन से लेकर बाजार तक पहुंचने में करीब 40 रुपए का खर्च आता है. वही मोती स्थानीय बाजार में 300 से लेकर 400 रुपए तक में बेची जाती है. मोती की खेती में करीब 12 से 18 माह का समय लगता है. उन्होंने बताया कि मोती के तीन किस्मों की खेती वह करते हैं, इसमें केवीटी, गोनट और मेंटलटीसू मोती की खेती शामिल है.

उन्होंने बताया कि एक सीप लगभग 10 से 15 रुपए की आती है. बाजार में 1 से 20 मिमी सीप के मोती का दाम करीब 300 से लेकर 400 रुपये होता है. आजकल डिजायनर मोतियों को खासा पसन्द किया जा रहा है. जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. सीप से मोती निकाल लेने के बाद सीप को भी बाजार में बेंचा जा सकता है. सीप से कई सजावटी सामान तैयार किये जाते है. जैसे कि सिलिंग झूमर, आर्कषक झालर, गुलदस्ते आदि.

*जानें मोती की खेती का तरीका*

राजकुमार और प्रणव बताते हैं कि मोती की खेती के लिए तैयार इन्फ्रास्ट्रक्चर सीमेंटेड पानी टैंक सहित लगभग 40 हजार रुपए तक का खर्च आता है. मोती की खेती के लिए सीप जिसे ओयस्टर भी कहा जाता है, उसमें न्यूक्लियस डाला जाता है. इस सीप को जाल के बैग पर लगाते हैं और डंडे के सहारे खड़ा कर देते हैं. इसके बाद इसे पानी के टैंक या तालाब में 3-4 फुट गहरे पानी में लगभग 12 से 18 महीने तक छोड़ा जाता है, जिसके बाद डिजाइनर मोती के साथ गोल मोती बनकर तैयार हो जाती है.

https://youtu.be/AWCz4xqL5bU

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अगर आपकी गैस सबसिडी बैंक में नही आ रही है तो जांचे अपनी जानकारी व स्थिति और ऐसे करें आवेदन

अगर आपकी गैस सबसिडी बैंक में नही आ रही है तो जांचे अपनी जानकारी व स्थिति और ऐसे करें आवेदन

 अगर आप अपने गैस सब्सिडी की स्थिति जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं । जिसके ऊपर हम चर्चा करेंगे ।

■ पहले आपको यह देखना होगा कि आप जिस भी गैस सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं वह किस कंपनी की है सामान्य तौर पर भारत में तीन कंपनियों के ही घरेलू गैस सिलेंडर प्रयोग किए जाते हैं जो हैं
1. Bharat Gas
2. HP Gas
3. Indane Gas

◆ सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर ले कि आप भारत गैस Bharat Gas के एक ग्राहक हैं ।

सब्सिडी की जानकारी हेतु सबसे पहले आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जानी होगी ।

◆ Bharat Gas Official Website / भारत गैस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें ♂

◆ वेबसाइट पर जाने के बाद आपको my.lpg वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ♂

◆ इसके बाद आपको Check PAHAL Status वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।

◆ अब यहां पर आपको अपना आधार कार्ड संख्या और 17 अंकों की एलपीजी आईडी(lpg id) के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करनी होगी ।

◆ यहां पर एक और विकल्प मौजूद होता है अगर आपके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में आप अपने राज्य,जिला, डिस्ट्रीब्यूटर और ग्राहक संख्या दर्ज कर भी इसकी जानकारी देख सकते हैं ।

◆ जैसे ही आप प्रोसीड के बटन पर क्लिक करते हैं आपके सामने आपके गैस सब्सिडी (lpg gas subsidy ) की स्थिति आ जाती है ।

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अगर लोन न मिले तो यहां करें शिकायत

अगर आपका बेंक आवेदन कर पात्रता हासिल करने के बावजूद नही दे रहा लोन तो यहा करें शिकायत

मुद्रा लोन के लिए आप अपना आवेदन अपना लोन प्रपोजल के साथ मुद्र लोन की वेबसाइट पर जरूरी फॉर्म भर सकते हैं।

 आवेदन के लिए https://www.mudra.org.in/ पर क्लिक करें। इसमें जाकर निर्धारित लोन जरूरत के लिए अप्लाई करें।

*अगर लोन न मिले तो यहां करें शिकायत*

टोल फ्री नंबर

नेशनल : 1800 180 1111 और 1800 11 0001
उत्तर प्रदेश: 18001027788
उत्तराखंड: 18001804167
बिहार: 18003456195
छत्तीसगढ़: 18002334358
हरियाणा: 18001802222
हिमाचल प्रदेश:18001802222
झारखंड: 1800 3456 576
राजस्थान: 18001806546
मध्य प्रदेश: 18002334035
महाराष्ट्र:18001022636

*विभिन्न बैंको के अनुसार बैंक अधिकारी नाम संपर्क नंबर व ई-मेल*

1 Allahabad Bank Sudhanshu Gaur GM 033-22622883,
Ho.Sme@allahabadbank.in

2 Andhra Bank M Sreenivasa Rao GM 040-23252352
sme@andhrabank.co.in

3 Bank of Baroda Purnima Rao GM 022-66985857
GM.SME.BCC@bankofbaroda.com

4 Bank of India Shri Mina Ketan Das GM 022-66684839
Mina.Das@bankofindia.co.in

5 Bank of Maharashtra Mr. Vasant Mhaske GM 02025614206, 020-25614264
Dgmpri@mahabank.co.in

6 Canara Bank Sri. D.Madhavaraj GM 080-22248409
madhavarajd@canarabank.com

7 Central Bank of India Shri.S.S.Rao GM 022-61648740
dgmmsme@centralbank.co.in

8 Corporation Bank G M Bellad GM 0824-2861412, 2861821
hosme@corpbank.co.in

9 Indian Bank Mr. Veeraraghavan B DGM 044-28134542
veeraraghavan.b@indianbank.co.in

10 Indian Overseas Bank Anilkumar loothra 044-28889250
anilkumarloothra@iobnet.co.in

11 Punjab & Sind Bank Sh. H.M. SINGH GM 011-25812931
HO.PS@PSB.CO.IN

12 Punjab National Bank Ms. Neerja Kumar GM 011-23312625
neerja_kumar@pnb.co.in

13 State Bank of India S Kalyanram GM 022-22740510
gm.micofinance@sbi.co.in

14 Syndicate Bank Prasanna Kumar S J GM 080-22204564
corbd@syndicatebank.co.in

15 UCO Bank M K SURANA GM 033-44558027
msme.calcutta@ucobank.co.in

16 Union Bank of India P NARSIMHA RAO GM 022-22892201
pnarasimharao@unionbankofindia.com

17 United Bank of India Naresh Kumar Kapoor GM 033-22480499
gmact@unitedbank.co.in

15 UCO Bank M K SURANA GM 033-44558027
msme.calcutta@ucobank.co.in

16 Union Bank of India P NARSIMHA RAO GM 022-22892201
pnarasimharao@unionbankofindia.com

17 United Bank of India Naresh Kumar Kapoor GM 033-22480499
gmact@unitedbank.co.in

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:भू नमनासन : रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती का आसन

योग अपनावे सुंदर जीवन पावे :भू नमनासन : रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती का आसन जानिये इस योग के और फायदे और कायदे

 
जैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट है भूनमनासन दो शब्दों से मिलकर बना है भू और नमन जिसमे भू अर्थात भूमि और नमन यानी प्रणाम करना। यह आसन बैठकर किये जाने वाले आसनो में से एक होता है। भू नमन आसन को अंग्रेजी में Greeting The Earth Pose, Spinal Twist Prostration Pose कहा जाता है। 

भू नमन आसन के अभ्यास से कंधों और गर्दन के लचीलेपन में सुधार आता है। साथ ही छाती की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। ये रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखने में भी मदद करता है।

भू नमन आसन शरीर में विभिन्न ग्रंथियों के कामकाज को मुख्य रूप से थायरॉयड ग्लैंड के लिए प्रोत्साहित करता है। तीसरे नेत्र चक्र या अजना चक्र को खोलने के लिए यह आसान अच्छा माना जाता है। सायटिका से राहत दिलाने के लिए भी यह आसन लाभकारी होता है ।

*भू नमन आसन के लाभ*
  
भू नमन आसन, रीढ़ की हड्डी के कमर वाले भाग में लचीलापन और मज़बूती लाता है।

इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरों की मांसपेशियों को मज़बूती है।

भू नमन आसन के नियमित रूप से अभ्यास करने पर पाचन क्रिया में सुधार आता है।

विभिन्न आंतरिक अंगों के कार्यों में सुधार करने के लिए भू नमन आसन बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।

यह आसन पेट की मांसपेशियों को टोन करके पेट की अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है।

*भू नमन आसन करने की विधि*

सबसे पहले आप एक शांत समतल और साफ जगह पर आसन बिछाकर उस पर अपने पैरो को सामने की तरफ फैला कर बैठ जाए।

ध्यान रखे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।

अब हांथो को जांघों पर रखे।

साँस लेते हुए बाजुओं को सीधा करके आगे कंधे की ऊंचाई तक उठाये।

इसके बाद साँस को छोड़ते हुए पीठ को सीधा रखें और धड़ को थोड़ा सा पीछे की ओर झुकायें साथ ही बायीं ओर मोडें।

अब अपने हांथो की शरीर के पीछे फर्श पर रख दे।

इसके बाद अपनी बाजुओं को झुका ले और सिर को भी फर्श की तरफ ले जाए।

आपकी पैर और शरीर एक सीध में आ जाते हैं।

ध्यान रखे की दाया नितम्ब फर्श के पास होना चाहिए।

अब साँस लेते हुए बाजुओं को सीधा लाये और फिर से सामने की तरफ आ जायें।

इसके बाद साँस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाये।

इसके बाद यह पूरी प्रक्रिया दूसरी ओर से भी करे।

*भू नमन आसन में सावधानियां*

तीव्र ज्वर व हड्डी रोगी को इस आसन को करने से बचना चाहिए 

यदि किसी व्यक्ति की स्लिप्ड डिस्क खिसक गयी हो तो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म के समय यह आसन नहीं करना चाहिए।

जिन लोगो को पेट में अल्सर हो उसे भी इस आसन से दूर रहना चाहिए।

यदि किसी को माइग्रेन, रक्त चाप और हरनिया की समस्या है तो उसे भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

जुकाम में यह काढ़ा उपयोगी है और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता हेतु

जुकाम में यह काढ़ा उपयोगी है और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता हेतु

संक्रमण के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना के सबसे आम लक्षणों में से एक सर्दी और गले में खराश है। इसके अलावा, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में वायरस के संकुचन का खतरा अधिक होता है। ऐसी स्थिति में, आपको अपने आहार में केवल स्वस्थ भोजन और फलों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, आयुर्वेद में, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सर्दी से राहत पाने के कई तरीके हैं। तुलसी और शहद से बने काढ़े प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। इस काढ़े को बनाने का तरीका बताएं-

  बनाने की सामग्री:

 8 से 10 तुलसी के पत्ते

 - 2 चम्मच शहद

 - 3 से 4 लौंग

 - 1 चम्मच हल्दी पाउडर

 - 1 टुकड़ा दालचीनी

 तैयारी: सबसे पहले एक पैन में पानी लें और उसमें तुलसी के पत्ते, लौंग, हल्दी पाउडर और दालचीनी डालें। अब इस पानी को कम से कम 15-20 मिनट तक उबालें। इस पानी को उबालने के बाद छान लें और जब यह थोड़ा ठंडा हो जाए तो इसे पी लें। आपको स्वाद के लिए इस जलसेक में शहद जोड़ना होगा। इसके अलावा आप इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

 इस काढ़े को कब लें: यदि आप जल्द से जल्द परिणाम चाहते हैं, तो इस काढ़े को रोजाना सुबह खाली पेट लें। इसके अलावा आप इसे रात के खाने के बाद और रात के खाने के बाद भी पी सकते हैं। काढ़े का उपयोग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और पाचन को भी बढ़ाता है।

 अन्य इम्यूनोसप्रेसिव उपाय:

 - ताज़े पुदीने या अजवाइन को दिन में एक या दो बार स्टीम करें।

 - खाना पकाने में, रोजाना हल्दी, जीरा, सीताफल और लहसुन जैसे मसालों का उपयोग करें।

 - दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। कोई भी दिन में एक या दो बार ऐसा दूध पी सकता है।

 - आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है और आश्चर्यजनक रूप से विटामिन सी प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

 - अपना रक्तचाप सामान्य रखें।

 प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, अदरक को सब्जी, चाय, काढ़े के रूप में खाया जा सकता है। अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है और पुराने दर्द के साथ काम करता है।
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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

आत्मनिर्भर भारत अभियान की राष्ट्रीय टीम

बड़े ही हर्ष का विषय है की *आत्मनिर्भर भारत अभियान की राष्ट्रीय टीम के महत्वपूर्ण स्तम्भ आदरणीय सुनील जी टावरी* जो की वर्तमान में महाराष्ट्र में किसानो के बीच वृहद स्तर पर 300 गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने पर कार्य कर रहे है, कृषि उत्पादों के बड़े व्यवसायी भी है, हमारे आत्मनिर्भर मेवाड़ संकल्प से जुड़कर *राजस्थान में चन्दन और महोगनी और अन्य औषधीय वृक्षों के वृहद स्तर पर व्यावसायिक उत्पादन हेतु वृक्षारोपण के लिए कंधे से कन्धा मिलाकर कार्य करने पर सहमत हुवे है |* 
वर्तमान में सुनील जी टावरी मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर सवा लाख एकड़ जमीन पर इसी प्रकार के व्यावसायिक वृक्षारोपण पर कार्य कर रहे है | 
इसी क्रम में उनकी संस्था के प्रतिनिधि *कृषि विशेषज्ञ श्रीमान तुलसी राम चन्द्र पाटील जी अपनी टीम के साथ कल राजसमन्द पधार रहे है जो की राजसमन्द की पिपलान्त्री पंचायत में इस प्रकार के व्यावसायिक वृक्षारोपण की संभावनाओ, उपयोगिता, इनसे होने वाली आय आदि पर विस्तार से चर्चा व मार्गदर्शन करेंगे |* 
जो भी सदस्यगण इस विषय पर निवेश कर कार्य करने के इच्छुक है वे मुझे whatsapp पर पर्सनली massage कर दे, ताकि आपको होने वाली मीटींग समय की सुचना व्यक्तिगत रूप से दी जा सके | यह टीम विजिट करेगी, किसान भाइयों के साथ मिलकर उनकी जमीन पर वृक्षारोपण का कार्य शुरू कराया जाएगा

इसके अतिरिक्त भी कोई सदस्य अपने पास उपलब्ध भूमी पर इसी प्रकार से व्यवसायिक वृक्षारोपण पर कार्य करने के इच्छुक है तो अवश्य सुचित करे, ताकि विशेषज्ञों की टीम के साथ मीटींग का समय तय किया जा सके |

कैलाश चंद्र लड्ढा
9352174466
9468542315
जितेन्द्र लड्ढा, राजसमन्द
9414677357

कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे

एक चिकित्सक का आम आदमी के नाम खुला
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My dear Public
कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे।

केस इसलिये बढ़ रहे हैं क्योंकि 

-6 महीने बाद भी आपको यह समझ नहीं आया कि मास्क नाक के ऊपर रखना है और दूसरों से दूरी बना कर रखनी है

-आपको क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भी जाना है, मेलो में भी जाना है, धार्मिक आयोजन भी करने है, शव यात्राओं में भी शरीक होना है, बरसात में घूमने का कोई मौका नही छोड़ना

-आप को बिना जरूरत के बाजार में भी जाना है 

-आप को जिनसे बीते 6 महीनों में नही मिले, उन सब से अब जब कोरोना पूरे शबाब पर है, तब मिलने भी जाना है 

-अब जब सरकारी मशीनरी अन्य जरूरी कामों में वापसी कर रही है, तब आप को तनिक भी कष्ट उठाये, रोज इधर उधर सारे जहान की पंचायती भी करनी है और हर वो काम करना है जिसमे आप खुद को और परिवार को संक्रमित होने का मौका देते है ।

● आप चकित हैं कि आपके दादाजी को कोरोना कैसे हो गया, जब कि वो तो 6 महीने से घर से बाहर ही नहीं निकले!

     तो आपको लाउड स्पीकर से सूचित हो कि उन्हें कोरोना आपके घर के उस मेंबर की वज़ह से हुआ जो बाहर निकला और जिसने बचाव के इन बहुत ही सिंपल नियमों का पालन नहीं किया और फ़िर अपने साथ कोरोना को घर ले कर आया। वो खुद तो बच गया, लेकिन उसने घर के बुज़ुर्ग का बैंड बजा दिया।

● आप गुस्से में हैं कि हॉस्पिटल ने आपको लूट लिया। आपके टेस्ट की ग़लत रिपोर्ट दे दी, आपके साथ वालो को किसी को तो हुवा ही नही, आपको कोरोना कैसे हो सकता है।

तो प्रभु मेरी विनती है कि सबसे पहले गुस्सा ख़ुद पर करें कि

- आप हॉस्पिटल गए किसलिये? 

- आपकी तबियत ख़राब हुई क्यों? 

- आपको कोरोना हुआ कैसे? 

- क्या आपने मास्क ढंग से नहीं पहना? 

- क्या आप दूसरों से चिपके चिपके नही घूम रहे थे ? 

- क्या आपने हाथ ठीक से साफ़ नहीं किये? 

-क्या आप अपने जरूरी कामो का कहकर इधर-उधर भटकते नही फिर रहे थे ?

अग़र आपने कोई कोताही नहीं बरती, तो आपको कोरोना हो ही नहीं सकता

*( ऐसा आप मानते है )*

लेकिन श्रीमान जी, आपके ये सारे तर्क कोरोना नही समझता 

ये एक ऐसा वायरस है जिसके प्रकृति बहुत अलग है, ये कितनी डोज में शरीर मे प्रवेश करता है, कितनी बार होता है, किस माध्यम से होता है और फिर उस वायरस के प्रति आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कितनी है, ये वायरस खुद 10-12 टाइप का है, आपको कौनसी टाइप वाला का कितनी डोज में, कितनी बार मे हुवा है

इस सब पर निर्भर करता है आपकी रिपोर्ट +ve आएगी या -ve 

आपकी रिपोर्ट +ve लाकर किसी को 1 रुपया भी नही मिलने वाला और आपकी किसी से कोई अदावत भी नही है और अदावत हो तो भी रिपोर्ट कम से कम 6 घण्टे की प्रक्रिया के बाद आती है, आपकी रिपोर्ट +ve आएगी या -ve, इसको कोई manage नहीं कर सकता 

~~~ *यह बात आप बिना भावुक हुए मान लीजिये।*

● आपने कोरोना से बचने में घनघोर लापरवाही की, लेकिन आप ये चाहते हैं कि आपका इलाज़ करने वाला डॉक्टर, नर्स बिना ख़ुद की जान की परवाह किये, आपके बिल्कुल नज़दीक आ कर आपको पूरा चैक करे, दिन में चार बार आपको देखने आए, आपकी पल पल की मॉनिटरिंग करे, आप खुद अपने परिवार वाले +ve से भागे भागे फिर रहे है पर चाहते है कि डॉक्टर, आपको पूरी attention दे तो वाकई में बड़े सयाने हैं आप !!

● इस झगड़े को ख़त्म करने का एक ही उपाय है कि आप डॉक्टरों और हॉस्पिटल पर तान तोड़ना छोड़ें, कोरोना से बचने के सरल नियमों का समझ और ईमानदारी से पालन करें। ना होगा कोरोना, और ना लूटेंगे डॉक्टर। 

● और दूसरा उपाय जो आप कर सकते है और पूरी तरह से आपके खुद हाथ मे है, वो ये है कि जल्दी से जल्दी आप अपना कोरोना टेस्ट करवाये नजदीकी अस्पताल में करवाये, विश्वास करें, जितना जल्दी पता लगेगा, उतना ही आप स्वयं और आप के परिवार के अन्य लोग सेफ रहेंगे, विशेष ध्यान रखे कि टेस्ट करवाने के बाद जब तक रिपोर्ट न आये, स्वयं को  isolate रखे और यदि रिपोर्ट +ve आती है तो जब आप को स्वास्थ्य विभाग प्रथम बार चेक कर लें और आप को घर पे रहने के लिए उपयुक्त पाए तो बराये मेहरबानी आप और आपके घर के अन्य सदस्य घर से बाहर घूमते नही फिरें, 10 दिन सबसे दूर हो जाएंगे तो कोई प्रलय नही आ जाएगी, 10 दिन दुकान बंद रख लेंगे तो आप भूखे नही मर जाओगे लेकिन आप ने इन सामान्य नियमो का पालन कर लिया तो आप अपने आप को, अपने आसपड़ोस को और अपने समाज, अपने देश को बचा लेंगे

एक बात और हो सकता है कि कोई +ve आने पर हम ( स्वास्थ्य विभाग ) बहुत ज्यादा न कर पाए पर इतना हम आपको विश्वास दिलाते है कि हम ( आपका अपना स्वास्थ्य विभाग ) अपना बेस्ट इस आपदा के टाइम  आपको, इस देश को, इस समाज को देने के लिए तैयार है और पिछले छ महीने से बेस्ट दे भी रहे हैं।

     और अगर आपको ऐसा नहीं करना है तो लादें कोरोना को अपने सिर, अपने किसी प्रियजन की बुरी खबर अखबार या व्हाट्सएप पे पढ़े 

और 

फ़िर सरकारी अस्पताल की तरफ़ अपनी गाड़ी मोड़ लें...क्योंकि सरकारी तो बैठे ही आपकी सेवा में है ।

ईश्वर आपको नियमों को समझने लायक बुद्धि दे और आपको सदा स्वस्थ रखे

 *कोरोनाकाल मे समर्पित एक चिकित्सक* 
 *आपका कोरोना वारियर जिसके लिए आपने ताली और थाली बजाई...

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