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बुधवार, 9 सितंबर 2020

बने आत्मनिर्भर लगाये अपना व्यवसाय सरकार दे रही मदद शुरू करें अगरबत्ती कारोबार

बने आत्मनिर्भर लगाये अपना व्यवसाय सरकार दे रही मदद शुरू करें अगरबत्ती कारोबार

अगर आप भी बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है. क्योंकि कोविड-19 महामारी के बीच अगरबत्ती और धूप का घरेलू बाजार सालना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. गरबत्ती और धूप का घरेलू बाजार 15,000 करोड़ रुपये का है. देश में अगरबत्तियों की मौजूदा मांग तीन हजार टन की है जबकि आपूर्ति इसकी आधी है. बाकी माल चीन और वियमतनाम जैसे देशों से आता रहा है. केंद्र सरकार अगरबत्ती की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अगरबत्ती एवं धूप उद्योग को सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. आइए आपको बताते हैं कि अगरबती का बिज़नेस आप कैसे शुरू कर सकते हैं और इसको करने से आपको कितना फायदा होगा.

*अगरबत्ती उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम*

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने इस साल की शुरुआत में बैम्बू स्टीक पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया था. केवीसी ने कहा था कि इस कदम से अगरबत्ती उद्योग में 8 से 10 महीनों में कम से कम 1 लाख रोजगार पैदा होंगे. आत्मनिर्भर भारत के लिए घरेलू बैम्बू को बढ़ावा देने के यह बढ़ोतरी की गई थी और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट कर इस बढ़ोतरी की घोषणा की थी.

*मशीन की कीमत*
भारत में अगरबत्ती बनाने की मशीन की कीमत 35 हजार से 1.75 लाख रुपये तक है. कम दाम वाली मशीन में प्रोडक्शन कम होती है और आपको इससे ज्यादा मुनाफा नहीं होगा. मेरा ये सुझाव है कि आप अगरबत्ती बनाने वाली आटोमेटिक मशीन से काम स्टार्ट करें क्यूंकि ये बहुत तेजी से अगरबत्ती बनता है. ऑटोमेटिक मशीन की कीमत 90 हजार से 1.75 लाख रुपये तक है. एक ऑटोमेटिक मशीन एक दिन में 100 किलोग्राम अगरबत्ती बन जाती है.

*अगरबत्ती बनाने की मशीन*
अगरबत्ती बनाने में कई तरह की मशीनें काम में लाई जाती हैं. इनमें मिक्सचर मशीन, ड्रायर मशीन और मेन प्रोडक्शन मशीन शामिल है. मिक्सचर मशीन कच्चे माल का पेस्ट बनाने के काम आता है और मेन प्रोडक्शन मशीन पेस्ट को बांस पर लपेटने का काम करता है. अगरबत्ती बनाने के मशीन सेमी और पूरी ऑटोमेटिक भी होती है. मशीन का चुनाव करने के बाद इंस्टॉलेशन के बजट के हिसाब से मशीनों के सप्लायर से डील करें और इंस्टॉलेशन करवाएं. मशीनों पर काम करने की ट्रेनिंग लेना भी आवश्यक है.

*कच्चे माल की सप्लाई*
मशीन इंस्टॉलेशन के बाद कच्चे माल की सप्लाई के लिए मार्केट के अच्छे सप्लायरों से संपर्क करें. अच्छे सप्लायरों की लिस्ट निकालने के लिए आप किसी अगरबत्ती उद्योग में पहले से बिजनेस करने वाले लोगों से मदद ले सकते हैं. कच्चा माल हमेशा जरूरत से थोड़ा ज्यादा मंगाए क्योंकि इसका कुछ हिस्सा वेस्टेज में भी जाता है. अगरबत्ती बनाने के लिए सामग्री में गम पाउडर, चारकोल पाउडर, बांस, नर्गिस पाउडर, खुशबूदार तेल, पानी, सेंट, फूलों की पंखुड़ियां, चंदन की लड़की, जेलेटिन पेपर, शॉ डस्ट, पैकिंग मटीरियल आदि शामिल हैं.

*पैकेजिंग और मार्केटिंग*
आपका प्रोडक्ट आकर्षक डिजाइन पैकिंग पर बिकता है. पैकिंग के लिए किसी पैकेजिंग एक्सपर्ट से सलाह लें और अपनी पैकेजिंग को आकर्षक बनाएं. पैकेजिंग के द्वारा लोगों के धार्मिक मनोस्थिति को छूने की कोशिश करें. अगरबत्तियों की मार्केटिंग करने के लिए अखबारों, टीवी में एड दे सकते हैं. इसके अलावा अगर आपका बजट इजाजत देता हो तो कंपनी की ऑनलाइन वेबसाइट बनाएं.

*इतने रुपये में शुरू कर सकते हैं बिजनेस*
इस बिजनेस को आप 13,000 रूपये की लागत के साथ घरेलू तौर पर भी हाथों से निर्माण कर शुरू कर सकते है, लेकिन अगर आप अगरबत्ती के बिजनेस को मशीन बैठाकर शुरू करने की सोच रहे है तो इसको शुरू करने में लगभग 5 लाख रूपये तक की लागत लग सकती है. अपने प्रोडक्ट को बाजार में अच्छा भाव मिले, इसलिए प्रोडक्ट में यूनिकनेस लाने की कोशिश करें. अगर आप इस बिजनेस में कुछ नया करते हैं तो इसे एक ब्रांड बनने में देर नहीं लगेगा.

मोदी सरकार द्वारा 'ग्रामोदय विकास योजना' (Gramodyog Vikas Yojana) के तहत अगरबत्ती निर्माण (Agarbatti Manufacturing) में कारीगरों को लाभान्वित करने के लिए एक कार्यक्रम को मंजूरी देने के एक महीने के बाद, इसके आकार और लाभार्थियों की लक्ष्य संख्या को बढ़ाया गया है. कार्यक्रम के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इसका कुल आकार 2.66 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 55 करोड़ रुपये कर दिया गया है और संभवतः इससे 6,500 कारीगरों को फायदा होगा. एमएसएमई मंत्रालय के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) कार्यक्रम को लागू करेगा और मंत्रालय के अनुसार आवश्यक सहायता के साथ पिछड़े और आगे के संपर्कों के साथ कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों (SHG) को संभालेगा.

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