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बुधवार, 9 सितंबर 2020

मोदी जी साम दाम दंड भेद सब नीतियों में निपुण है

इस बार का झगड़ा ठाकरे परिवार के लिए सामान्य झगड़ा नहीं है... 
राजनीतिक गोटियाँ बिछ चुकी हैं... 
राजनीतिक, कूटनीतिक चालें दोनों पक्षों से चलना शुरू हो चुकी हैं...

जो लोग बीजेपी को जानते हैं वे यह भी जानते होंगे कि वे बहुत दिनों बाद भी बहुत छोटे-छोटे घावों तक के बदले लेते हैं।

महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ न जाकर उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और मोदी-शाह की जो बेइज्जती की थी मोदी-शाह उसके गहरे घाव लिए बैठे हैं।

वे झुक सकते थे, संघ के बीच-बचाव करने से सरकार बन भी सकती थी लेकिन इस बार मोदी-शाह ने शिवसेना से ख़ुद को दूर करना ही ज़रूरी समझा।

आने वाले दिनों में ठाकरे परिवार की कमर टूटने वाली है, यह तय है... लिखकर रख लीजिए...
उद्धव जानते हैं कि उन्होंने आग में हाथ दे दिया है इसलिए अब वे विकल्प की तरफ़ तेज़ी से ख़ुद को फ्रेम्ड कर रहे हैं।

जिन्हें लग रहा है कि हिंदुत्ववादी शिवसेना, अचानक सेक्युलर क्यों होना चाहती है तो इसकी वज़ह यही है कि वे लोग मोदी-शाह के इरादे भाँप गए हैं। 

इस देश के पिछले 30-40 सालों की राजनीति का ट्रैक रिकॉर्ड उठाकर देख लें, मोदी-शाह से भिड़ने वालों के करियर ख़त्म हो गए हैं। 
यह दोनों अज़ीब तरह से राजनीति करते हैं, एकदम ग़ैर पारंपरिक। 
निर्मम, क्रूर।

आप विपक्ष की बात कर रहे हैं , गुजरात में केशुभाई पटेल की तूती बोलती थी, 
बीजेपी में आडवाणी सर्वेसर्वा थे, सञ्जय जोशी बड़े नाम थे, सुषमा दिल्ली लॉबी की मज़बूत नेत्री थीं, 
गड़करी संघ में मज़बूत थे , राजनाथ अटल के बाद महत्त्वपूर्ण नेता माने जाते थे...

सोचिए, इतने बड़े बड़े धुरंधरों को साइड करना, मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है... कोई भी आम राजनेता ऐसा नहीं कर पायेगा... 
यह सब ईश्वरीय कारनामें हैं... ईश्वरीय सत्ता चाहती है कि 21 वीं सदी भारत की हो, 
भारत विश्व गुरु बन सनातन संस्कृति का लोहा मनवाए... इसलिए यह सब दिव्य कारनामे होते चले जा रहे हैं... 
यही कारण है कि प्रभु श्री राम के शुभाशीर्वाद से विश्व के सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक व्यक्तित्व मोदी-शाह की इस दिव्य जोड़ी ने सबको ठिकाने लगा दिया... 

अटल बिहारी मोदी को पनिशमेंट देने गए थे, ख़ुद अलग-थलग पड़ गए। 
चुनाव भी हार गए। 
6 साल के पीएम 120 सांसदों पर सिमट गए... 
अटल जी की हार... यह बेहद आश्चर्यचकित करने वाला था... पूरे भारत में भाजपा का साइनिंग इंडिया चला... 
लेकिन परिणाम हार के रूप में मिला... 
शायद ईश्वरीय सत्ता भी अटल जी की नरम कार्यशैली को पसंद नहीं कर रही थी... 
क्योंकि राष्ट्रहित के लिए कुछ कार्य सिद्धांत व नीतियों से अलग हटकर किये जाते हैं... 
वह अटल जी जैसा सरल व सीधा व्यक्तित्व नहीं कर सकता था... 
उसके लिए कुटिल चालें आवश्यक थीं... 
मोदी व शाह की यह जोड़ी इन चालों में कुशल है.... 
सनातन संस्कृति व हिंदुत्व इन दोनों की नस नस में कूट कूट कर भरा है... 
इसलिए ईश्वरीय सत्ता ने इन दोनों महारथियों पर अपनी अनुकम्पा व दिव्य आशीष दे, भारत वर्ष की राजनीति में इन्हें विधर्मियों व सेक्युलर गैंग के सामने उतार दिया...

न जाने कैसी राजनीतिक समझ है इनकी, 
न जाने कैसी वैचारिक तैयारी है इनकी, 
इनका रोडमैप और घेरने के सारे शस्त्र सदैव इनके पास रहते हैं।

सॉनियाँ, राहुल, प्रियंका, अखिलेश, लालू, ममता, केजरीवाल, मुलायम, मायावती, देवेगौड़ा, शरद पवार जैसे राजनीति के कुशल खिलाड़ी भी इन दोनों की चालों से न बच सके... 
गत लोकसभा चुनाव में इनके चक्रव्यूह को इस जोड़ी ने तार तार कर दिया, 
पूरा चक्रव्यूह बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया... 
आज के समय में उपर्युक्त नेताओं में कई अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं... 
कई राजनीतिक दल समाप्ति की ओर हैं... 
राजनीतिक वजूद खत्म होता चला जा रहा है... 
इन जातिवादियों व परिवारवादियों पर अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है...
सबसे आश्चर्यजनक यह था कि सपा बसपा के मजबूत गठबन्धन के किले को यूपी से बुरी तरह ध्वस्त कर रौंद दिया था... 

आप देखिए कश्मीर, तीन तलाक़, एनआरसी, राममंदिर –  आप ठीक से सोचिए सारे के सारे असम्भव मुद्दे थे, 
इनलोगों ने सारे मनचाहे तरीक़े से हल कर लिए... 
राम मन्दिर की पूरी जमीन हिंदुओं को दिलवा दी... 
सुई की नोंक के बराबर भी भूमि मुस्लिम न ले पाए... 
धारा 370 व 35 A जड़ से ही उखाड़ फेंकी...

तमाम राजनीतिक घृणाओं के बावज़ूद आपको इन दोनों से सीखना तो चाहिए कि देखते ही देखते आख़िर कैसे पूरे सिस्टम को अपनी तरफ़ झुका लिया है...
इसलिए मैं कहता हूँ मोदी जी साम दाम दंड भेद सब नीतियों में निपुण हैं,, 
और वर्तमान में इसके बगैर हिंदू राष्ट्र निर्माण कि कल्पना भी नहीं की जा सकती।

कोई माने या न माने... 
यह मोदी व शाह की जोड़ी दिव्य है व इनपर ईश्वरीय अनुकम्पा है... 
प्रभु श्री राम ने इनको भारत वर्ष में विलुप्त होती जा रही सनातन संस्कृति को पुनर्स्थापन हेतु अवतरित किया है...

दोनों में कुछ बात तो है। 
क्या आप नहीं मानते ??
                                      
                                                                                                      #जय_हिंदू_राष्ट्र 🚩

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