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बुधवार, 9 सितंबर 2020

एकपाद उत्तानासन: अस्थमा रोगियो को फायदों के साथ जानिये योग के अन्य लाभ और योग विधि

योग से बने जीवन सुंदर :एकपाद उत्तानासन: अस्थमा रोगियो को फायदों के साथ जानिये योग के अन्य लाभ और योग विधि

एकपाद उत्तानासन को एक पैर पर खड़ी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है जो कि पेट तथा जंघा की मांसपेशियों को दुरूस्त रखने के लिये किया जाता है। इसके अलावा यह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिये भी अच्छा आसन है। इससे वक्ष खुल जाता है और पूरा श्वसन तन्त्र जीवन्त हो जाता है जिससे कि शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा पहुँच जाती है। यह आसन शरीर में लचीलापन भी लाता है और आपके कूल्हे की मांसपेशियों को लचीला बनाने के साथ-साथ शरीर के निचले हिस्से को मजबूत भी बनाता है । यह इस बात पर निर्भर करता है कि आसन को कैसे किया जा रहा है क्योंकि एकपाद उत्तानासन पाचन को सुधारने के साथ-साथ सेक्स से सम्बन्धी अंगों की भी मालिश करता है जिससे वे स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा अगर आप माहवारी की समस्याओं से ग्रस्त हैं तो यह आसन बिल्कुल सटीक होता है ।

*एकपाद उत्तानासन करने की लाभ*

अस्थमा से ग्रस्‍त लोगों के लिए एकदम सही है क्योंकि यह 

फेफड़ों को खोलने में मदद करता है और पूरे श्वसन प्रणाली को ऑक्‍सीजन से भर देता है।

यह आसन कूल्हों को अधिक लचीला बनाने में सहायक है 

पाचन में सुधार कर अपच में लाभ देता है। पाचन को बेहतर तथा पेट को सही रखने व पेट की समस्यायों में लाभकारी। 

वायु को नियंत्रित करता है। 

कामेच्छा से संबंधित ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है।

आँतो लिवर व गुर्दों में भी लाभप्रद ।

पेट के आसपास की मांसपेशियों को टोन कर पेट के निचले हिस्से की चर्बी कम करता है।

इस आसन से उदर के काफ़ी रोग ठीक होते हैं  । 

*एकपाद उत्तानासन करने का सही तरीका*

सीधे पीठ के बल लेट जाएं। 

हाथों को बिल्कुल शरीर के बराबर रखें। 

ध्यान रखें कि आपका शरीर बिल्कुल शान्त रहे।

अब धीरे से सांस लेते हुए दाएं पैर को (घुटने से सीधा रखते हुए) 60 डिग्री का कोण बनाते हुए उठाएं ऐसा तेजी से न करें क्योकि पीठ को क्षति हो सकती है।

पैर को 5-7 सेकंड ऊपर उठाए ही स्थिर रखे और सांस निकालते हुए वापस लेकर आएं। 

ऐसे ही इस प्रक्रिया को बाएं पैर से दोहराएं।

*एकपाद उत्तानासन  में सावधानियां*

यह आसन तीव्र गति से ना करें अन्यथा लाभ क़ी जगह नुकसान हो सकता है साथ ही नवसिखिये इस आसन को विशेषज्ञ क़ी सलाह और डेखरेक में ही करें ।

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