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रविवार, 12 मार्च 2023

दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है!

 इस मूर्ति को गौर से देखो, यह विष्णु भगवान के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को समुद्र में से निकालते हुए दिखाए गए है!

अब सबसे बड़ा आश्चर्य ये होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया!

और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है!

सनातन का गौरवपूर्ण इतिहास अपनी चीख-चीख कर अपनी श्रेष्ट होने की गवाही दे रहा है!

इसीलिए तो हमारे विषय का नाम भी भू+गोल रखा, भू+चपटे भी रख सकते थे, क्योंकि हमे ज्ञान था की पृथ्वी किस आकार की है!

हमारा इतिहास तो पत्थरो पर लिखा हुआ है !

सुंदरता देखनी हो तो यूरोप जाओ और अगर सुंदरता के साथ-साथ आश्चर्यके साथ सत्य देखना एवं जानना हो तो हमारे मंदिर आओ !

🙏🙏

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जीने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। यह सिर्फ हकीकत दिखाने वाली तस्वीर है।

जीने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। यह सिर्फ हकीकत दिखाने वाली तस्वीर है। लड़का हो या लड़की दुनिया में बने रहने के लिए आपको बहुत कुछ त्यागना होगा।

बहुत से लोग इस डर से आगे नहीं बढ़ना चाहते कि लोग क्या कहेंगे, कई ऐसे भी हैं जिन्हें इस डर से चलना नहीं आता कि समाज क्या कहेगा, आप नहीं खाओगे तो समाज नहीं देखेगा,

यदि आप असफल होते हैं, तो समाज इसे नहीं देखेगा, लेकिन यदि आप सफल होते हैं, तो समाज आपको प्रसन्न करेगा।यह हमारे समाज की मूल संरचना है।

हां, बहुत से लोग सोचेंगे कि यदि आवश्यक हुआ तो वे मर जाएंगे, लेकिन मैं ऐसा नहीं हो सकता, मैं आपको ऐसा नहीं कह रहा हूं, यदि आप जीना चाहते हैं, तो आपको ऐसा होना होगा, अन्यथा आपको खाने के बिना बैठने के लिए, आपको जीवित रहने के लिए लड़ना होगा।

हो सकता है कि ये लड़की सूरज से मिल जाए, अगर इस गुफा से निकल जाए तो जिंदा रह सकती है, कम से कम खाए बिना तो नहीं मरेगी, गुफा से बाहर निकले तो सब कुछ कर सकती है, लेकिन यहां कोई और मर जाएगा पक्का।

फोटो: एकत्रित की गई

इस फिल्म ने सिर्फ एक वास्तविक तस्वीर पेश की है, किसी के धार्मिक विचार या किसी लड़की के विशिष्ट सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई गई है, हालांकि अगर आपको दर्द महसूस होता है, तो आप डाउनवोट कर सकते हैं।

मैं इतना ही कहूंगा, किसी की चिंता मत करो, जीना है तो सबसे लड़ना होगा। मैं मरने से पहले एक बार जीना चाहता हूं।

धन्यवाद और स्वस्थ रहें 🥰😊🤔

क्या आप मच्छरदानी लगाकर सोते हैं?

 

हमारे घर में बहुत सारे मच्छर हैं।

लेकिन ये साधारण मच्छर नहीं हैं। स्मार्ट, प्रशिक्षित मच्छर। विश्वास नहीं हो रहा? यह देखो

यह मेरा हाथ है मैं मच्छरदानी के अंदर सो रहा हूं। सोते समय किसी तरह मेरा हाथ मच्छरदानी पर लग गया। और मच्छरदानी के बाहर घंटों इंतजार करने के बाद मच्छर इकट्ठे होकर खाने लगे हैं।

तुम समझते हो, अगर तुम मच्छरदानी में घुस गए, तो तुम इन दिनों नहीं बचोगे। घर भी मच्छरों से मुक्त होना चाहिए।

ऐसे में कहीं मच्छर तो ​​नहीं लटका देते? 😐😐

नोट: मैंने तस्वीर नहीं ली। तस्वीर लेने वाले के मुताबिक और भी कई मच्छर थे जो तस्वीर लेते वक्त उड़ गए।

धन्यवाद

😊🥰😊

ध्यान से स्वस्थ रहें

गुरुवार, 9 मार्च 2023

शब्दों की ताकत


शब्दों की ताकत

एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, “अरे छोटू, कहाँ जा रहे हो तुम ?” “मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !” चीता रोमांचित होते हुए बोला। “हा-हा-हा-, लकड़बग्घा हंसा” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं, तुम इतने छोटे हो, तुम्हें शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं है, तुम क्या शिकार करोगे !! लकड़बग्घे की बात सुनकर चीता उदास हो गया।

दिन भर शिकार के लिए वो बेमन इधर-उधर घूमता रहा, कुछ एक प्रयास भी किये पर सफलता नहीं मिली और उसे भूखे पेट ही घर लौटना पड़ा

अगली सुबह वो एक बार फिर शिकार के लिए निकला। कुछ दूर जाने पर उसे एक बूढ़े बन्दर ने देखा और पुछा, “कहाँ जा रहे हो बेटा ?” “बंदर मामा, मैं शिकार पर जा रहा हूँ।” चीता बोला। “बहुत अच्छे” बन्दर बोला, तुम्हारी ताकत और गति के कारण तुम एक बेहद कुशल शिकारी बन सकते हो।

जाओ तुम्हें जल्द ही सफलता मिलेगी। यह सुन चीता उत्साह से भर गया और कुछ ही समय में उसने एक छोटे हिरन का शिकार कर लिया

मित्रों, हमारी ज़िन्दगी में “शब्द” बहुत मायने रखते हैं। दोनों ही दिन चीता तो वही था, उसमें वही फूर्ति और वही ताकत थी पर जिस दिन उसे डिस्करेज किया गया वो असफल हो गया और जिस दिन एनकरेज किया गया वो सफल हो गया।

शिक्षा:-
इस छोटी सी कहानी से हम तीन ज़रूरी बातें सीख सकते हैं :-

पहली, हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने “शब्दों” से किसी को Encourage करें, Discourage नहीं। Of Course, इसका ये मतलब नहीं कि हम उसे उसकी कमियों से अवगत न करायें, या बस झूठ में ही एन्करजे करें।

दूसरी, हम ऐसे लोगों से बचें जो हमेशा निगेटिव सोचते और बोलते हों, और उनका साथ करें जिनका Outlook Positive हो।


तीसरी और सबसे अहम बात, हम खुद से क्या बात करते हैं, Self-Talk में हम कौन से शब्दों का प्रयोग करते हैं इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखें, क्योंकि ये “शब्द” बहुत ताकतवर होते हैं, क्योंकि ये “शब्द” ही हमारे विचार बन जाते हैं, और ये विचार ही हमारी ज़िन्दगी की हकीकत बन कर सामने आते हैं, इसलिए दोस्तों, Words की Power को पहचानिये, जहाँ तक हो सके पॉजिटिव वर्ड्स का प्रयोग करिये, इस बात को समझिए कि ये आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं।

जय श्रीराम

इन बातों का रखेंगे ध्यान तो जूते भी चमका सकते हैं आपका भाग्य

इन बातों का रखेंगे ध्यान तो जूते भी चमका सकते हैं आपका भाग्य
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व्यक्ति के पहनावें में उसके कपड़ों के साथ जूते भी बहुत मुख्य होते हैं । कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की हैसियत का अंदाजा लगाना हो तो सबसे पहले उसके जूते देखने चाहिए। चाहे आप किसी से मिलने जाएं, किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाएं या फिर नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं, जूते व्यक्ति की सभी कार्यों और संघर्ष में सदैव उसके साथ होते हैं। जूते सामने वाले व्यक्ति की नजर में आपकी छवि बनाते हैं, इसलिए जूतों का अच्छा और साफ-सुथरा होना बहुत भी बहुत आवश्यक होता है लेकिन क्या आपको पता है कि ज्योतिष और वास्तु के अनुसार जूतों का संबंध आपके भाग्य से भी होता है। यदि कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो जूते आपका भाग्य बिगाड़ भी सकते हैं और यदि जूतों से संबंधित कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए तो जूते आपका भाग्य चमका भी सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में आठवें भाव का संबंध पैरों से होता है और जूते पैर में पहने जाते हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि जूते आपकी कुंडली में आंठवे भाव को प्रभावित करते हैं इसलिए जूते पहनते समय बहुत ध्यान रखना चाहिए। यदि किसी शुभ कार्य से जा रहे हैं या फिर कहीं इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो कभी भी गंदे या फिर फटे जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। इससे आपकी छवि तो खराब होती ही है साथ ही सफल होने की संभावना भी कम हो जाती है।

व्यक्ति को कभी भी चोरी के जूते या फिर दूसरों के लिए हुए जूते नहीं पहने चाहिए। खासतौर पर कहीं पर भी ऐसे जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। माना जाता है कि इससे आपके धन और सेहत दोनों की हानि होती है।

किसी भी व्यक्ति को कभी भी उपहार में जूते नहीं देने चाहिए और न ही किसी से उपहार में जूते लेने चाहिए। इससे आपका शनि खराब हो सकता है। इससे कार्य क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जिन लोगों की कुंडली में शनि और राहु प्रभावी होते हैं, उनके लिए जूतों का व्यापार करना बहुत फायदेमंद रहता है। यह व्यक्ति की किस्मत चमका सकता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रभावी हो उन्हें काले, नीले और भूरे रंग के जूते पहनने चाहिए।



मंगलवार, 7 मार्च 2023

राव हेमा जी गहलोत ( मंडोर रा प्रधान व जागीरदार ) सैनिक क्षत्रिय योद्धा ( जोधपुर में राव जी की गेर के जनक )

राव हेमा जी गहलोत ( मंडोर रा प्रधान व जागीरदार ) सैनिक क्षत्रिय योद्धा ( जोधपुर में राव जी की गेर के जनक ) 
राव हेमा गहलोत का जन्म कुचेरा में राव पदम जी गहलोत के यहां हुआ। राव पदम जी के पूर्वजों में  राव ईसरदास जो राव काजल जी, जिन्होंने चित्तौड़ छोड़ कुचेरा बसाया, के वंशज थे। काजल जी सिसोदिया वंश के राजपूत जो बप्पा रावल (ई. 712) के वंशज थे। अतः राव ईसरदास बप्पा रावल वंश के सिसोदिया राजपूत हुए। हेमा गहलोत के माता का नाम गंवरी पुत्री प्रेमसी सोलंकी व पत्नी का नाम पार्वती पुत्री रामौजी देवड़ा था।

एक दिन माता गंवरी अपने खेत में कृषि कार्य कर रही थी उसी समय कुचेरा के ठाकुर राणा जयसिंह अपने आदमियों के साथ शिकार खेलने हेतु निकले हुए थे। राणाजी के आदमियों द्वारा गोपण (विशेष प्रकार का चमड़े से बना लम्बा रस्सीनुमा जिसमें रबड़ में कंकर को फंसाकर फेंका जाता है) से खरगोश पर गोली चलायी परन्तु घायल खरगोश दौड़ता हुआ राव हेमा गहलोत के माता गंवरी जो अपने खेत में कृषि कार्य कर रही थी, उनकी गोद में चला गया। गंवरी ने उसे अपनी गोद में छुपा लिया। राणा जयसिंह और उनके आदमियों ने खरगोश की मांग की परन्तु गंवरी ने देने से मना कर दिया, कहा मेरी गोद में आए घायल जीव की मैं हत्या नहीं होने दूंगी, न ही मैं आपको दूंगी, यह मेरी शरण में आया हुआ है, इसलिए इसे बचाना मेरा धर्म है। आप कोई दूसरा शिकार कर लें, परन्तु राणा जयसिंह और उनके आदमियों ने अपनी बेज्जती समझते हुए उन्होंने जबरदस्ती छीनने की कोशिश की परन्तु क्षत्राणी गंवारी ने विरोध किया। दोनों में आपसी झड़प  के कारण लड़ाई बढ़ने लगी। ठाकुर के आदमियों द्वारा माता के साथ झगड़े को देख राव हेमा गहलोत का खून खोल उठा व आपस में तलवारें खींच गई लड़ाई इतनी बढ़ गई थी, कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था। इस लड़ाई में कई लोग घायल हुए। राणा जयसिंह जी भी सिसोदिया वंश के राणा थे, राव हेमा गहलोत भी इसी वंश के थे। राव हेमा गहलोत के पूर्वजों ने करीब 200 वर्ष पूर्व अपना कर्म छोड़ा था क्षत्रिय धर्म नहीं। शरण में आये घायल खरगोश की रक्षा की व साहसी राव हेमा गहलोत अपनी आन-बान-शान की रक्षा व माता के साथ हुए अभद्र व्यवहार के कारण साहस और वीरता के साथ ठाकुर जयसिंह के साथ लड़ाई लड़ी। उनकी साहस और वीरता की चर्चा चारों तरफ फैल गयी कि एक साहसी वीर ने अपनी माता के अभद्रता का बदला लिया। जब इस वीरता का पता बालेसर के ईंदा परिहार राजपूत राजाओं को चला तो उन्होंने अपने पास बुलाकर राव हेमा गहलोत को मण्डोर का प्रधान बना दिया। प्रधान बनाने के मुख्य कारण उनकी वीरता पराक्रम व साहस तो था ही इसके अलावा ईंदा परिहारों द्वारा अपनी खोई हुई ताकत को बढ़ाना भी था, क्योंकि मण्डोर पर दिल्ली के बादशाह जलालुदीन फिरोज खिलजी ने वि.सं. 1349 में परिहार राजा रोपड़ा को पराजित कर मण्डोर अपने अधीन कर लिया था।

प्रधान नियुक्ति के बाद अपने काका राव खेखो, राव जाजो, राव नरसिंह, राव मोहण, राव तीथों, पुत्र राव थीरपाल व अन्य परिवार के सदस्यों को दलबल सहित अपनी कुलदेवी बाण माता व इष्ट देव काला गोरा भैरूजी की मूर्ति को छाबड़ी में डाल बैल गाड़ी में रख कुचेरा से रवाना हुए। मण्डोर में वि. सं. 1446 चैत्र कृष्ण एकम (12 मार्च 1389, सोमवार) को मूर्ति थापित कर चांदणी की नवमी की पूजा की।

सोमवार, 6 मार्च 2023

काली हल्‍दी के टोटके खाली नहीं जाते होली विशेष

काली हल्‍दी के टोटके खाली नहीं जाते

इस धरती पर प्रकृति ने जो कुछ भी उत्पन्न किया है, वह बेवजह नहीं है। बहुत सी वस्तुएं है, जिनके बारे में अज्ञान हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही दुर्लभ वस्तुओं में से एक काली हल्दी के बारे में बतायेंगे जिसे आप-अपने जीवन में उपयोग करके अनेक प्रकार की समस्याओं से निजात पाकर सुखद एंव समृद्धिदायक जीवन व्यतीत कर सकेंगे। खास बात यह है कि काली हल्‍दी से जुड़े टोटके जल्‍दी खाली नहीं जाते हैं।
हल्दी को मसाले के रूप में भारत में बहुत प्राचीन समय से उपयोग में लाया जा रहा है। पीली हल्दी को बहुत शुद्ध माना जाता है इसलिए इसका उपयोग पूजा में भी किया जाता है।। हल्दी की अनेक प्रजातियां हैं लेकिन पीली हल्दी के अलावा काली हल्दी से पूजा की जाती है तंत्र की दुनियां में काली हल्दी का प्रयोग विभिन्न तरह के टोटको में किया जाता है। काली हल्दी को धन व बुद्धि का कारक माना जाता है। काली हल्दी का सेवन तो नहीं किया जाता लेकिन इसे तंत्र के हिसाब से बहुत पूज्यनीय और उपयोगी माना जाती है। अनेक तरह के बुरे प्रभाव को कम करने का काम करती है। नीचे लिखे इसके कुछ उपायों को अपनाकर आप भी जिन्दगी से कई तरह के दुष्प्रभावों को मिटा सकते हैं।

काली हल्दी बड़े काम की है। वैसे तो काली हल्दी का मिल पाना थोड़ा मुश्किल है, किन्तु फिर भी यह पन्सारी की दुकानों में मिल जाती है। यह हल्दी काफी उपयोगी और लाभकारक है।

काली हल्दी से भी होता है वशीकरण
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- काली हल्दी के 7 से 9 दाने बनायें। उन्हे धागे में पिरोकर धुप, गूगल और लोबान से शोधन करने के बाद पहन लें। जो भी व्यक्ति इस तरह की माला पहनता है वह ग्रहों के दुष्प्रभावों से व टोने- टोटके व नजर के प्रभाव से सुरक्षित रहता है।

- गुरुपुष्य-योग में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर धुप देने के बाद लाल कपड़े में लपेटकर एक दो सिक्को के साथ उसे बक्से में रख दें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होने लगती है।

- काली हल्दी का चुर्ण दूध में डालकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से त्वचा में निखार आ जाता है।

- यदि आप किसी भी नए कार्य के लिए जा रहे है तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाएं। यह टीका वशीकरण का कार्य करता है। काली हल्दी को तंत्र के अनुसार वशीकरण के लिए जबरदस्त माना जाता है। यदि आप भी चाहते हैं कि आप किसी को वश में कर पाएं तो काली हल्दी का तिलक एक सरल तंत्रोक्त उपाय है।
1- यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चीने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

2- यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।


3- किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे।

4- यदि किसी के पास धन आता तो बहुत किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा।

5- यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है।

6- यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मॅहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।

7- दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

8- यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीडि़त हो तो किसी अच्छे मूहूर्त में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़ें में छेद कर धागे की मद्द से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें। अवश्य लाभ मिलेगा।

होली पर विशेष उपाय

🙏🏻 *फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इस बार ये पर्व 6 और 7 मार्च अलग अलग स्थानो पर अलग अलग मनाएंगे         

      🌹 होली पर विशेष उपाय 🌹    

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,इस दिन किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको होली पर किए जाने वाले ऐसे ही अचूक उपायों के बारे में बता रहे हैं,जो इस प्रकार हैं-*

🙏🏻 *1.होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।*

🙏🏻 *2.यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो,तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे बिजनेस में फायदा होने लगेगा।*

🙏🏻 *3.होली पर किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी।*

🙏🏻 *4. यदि राहु के कारण परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। इससे राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाएगा।*

🙏🏻 *5. धन हानि से बचने के लिए होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धन हानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि नहीं होगी।*

🙏🏻 *6. घर की सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।*

🙏🏻 *7. अगर किसी ने आप पर कोई टोटका किया है तो होली की रात जहां होलिका दहन हो, उस जगह एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। जो भी तंत्र क्रिया आप पर किसी ने की होगी वह नष्ट हो जाएगी

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गुरुवार, 2 मार्च 2023

वसंत ऋतु*होली के 1 महीने पहले से 1 महीने बाद तक वसंत ऋतु रहती है। रात में ठंड रहती है लेकिन दिन गर्म होने लगता है।

.         *Health Tips :
                       *वसंत ऋतु*

होली के 1 महीने पहले से 1 महीने बाद तक वसंत ऋतु रहती है। रात में ठंड रहती है लेकिन दिन गर्म होने लगता है।
*रक्षण काल* : शीत ऋतु में शरीर का पोषण मुख्य होता है लेकिन इस ऋतु में पोषण की जगह पोषित शरीर का रक्षण मुख्य है। सर्दी में शरीर में पित्त (गर्मी) बढ़ाना आवश्यक था। अब इस बढ़ी हुई गर्मी को शांत करना आवश्यक है। वरना बढ़ी गर्मी शरीर की धातुओं को पिघलाकर कफ के रूप में निकालने लगती है। इससे फेफड़ों से संबंधित विकार, जैसे; जुकाम-खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस; पेट की अग्नि मंद होने से भोजन न पचना, अजीर्ण, एसिडिटी, जी मचलाना, खट्टी डकारें और शरीर में भारीपन, आलस्य, चर्म रोग, ज्वर (fever) आदि व्याधियाँ जन्म लेने लगती हैं।

                        *उपाय*
*मूल मंत्र* – शीत ऋतु का आहार विहार त्यागें।

1. *आहार* – गर्म की जगह ठंडी प्रकृति का आहार लें :–
*पानी* – तांबे की जगह मिट्टी की मटकी का पानी। भोजन में चांदी के पात्र काम लें।
*अन्न* – गेहूँ, मक्का की जगह जौ और ज्वारी। नया गेहूँ बिल्कुल न खायें। बाजरे की गर्म रोटी की जगह ठंडी रोटी
*दाल* – उड़द, मसूर, तुवर की जगह मूंग, मोठ,
*सब्जी* – बैंगन, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मेथी, पालक, मूली, गाजर, मटर, शकरकंद(रतालू), चुकंदर(beet root), शिमला मिर्च की जगह लौकी (दूधी), सफेद पेठा, कद्दू, तुरई, टमाटर, ककड़ी
*फल* – *आम बिल्कुल न खायें,* तरबूज (कलिंगड़), खरबूजा की जगह अंगूर, संतरा, अनार, 
*दूध* – मावे की मिठाई न खायें, *ठंडाई* पीयें (फ्रिज की नहीं), दही की जगह छाछ लें
*पेय*(drinks) – चाय-कॉफी की जगह सौंफ, धनिये, जीरे, इलाइची, मिश्री का काढ़ा पीयें, *सुबह* प्राकृतिक शर्बत पीयें, जैसे; नारियल पानी, नीरा (ताड़ का रस), नींबू शर्बत, कोकम शर्बत, हल्का मीठा गुलाब, केवड़ा, खसखस, सौंफ शर्बत
*मसाला* – गर्म मसाले की जगह सामान्य मसाला, सौंठ की जगह अदरक, लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च, काली मिर्च, हरा धनिया, कढ़ी पत्ता (मीठा नीम)
*ड्राई फ्रूट्स* – बादाम, अखरोट, खजूर, केसर सूखे खाने की जगह भिगाकर, काजू , पिश्ता की जगह मुनक्का, किशमिश, मिन्जी (बीज)
*नींबू* का सेवन खूब करें; गुड़ की जगह मिश्री, देशी शक्करें; तेल की जगह देशी गाय का घी
*औषधि* – *भांग* (औषधि रूप में, नशा होने जितनी मात्रा में नहीं), नवरात्रि में *नीम की कोंपले* (नये पत्ते), रातभर मेथी भिगाकर सुबह उसका पानी पीयें।

मांस, अंडे, अल्कोहल जैसे अत्यंत गर्म पदार्थ का बिल्कुल त्याग करें। अन्यथा हार्ट, लिवर, किडनी के बर्बाद होने का योग कई गुना बढ़ जाता है।
 
2. *व्यायाम* – पसीना बहने तक

3. *वमन* – प्रतिदिन सुबह पेट भर हल्का गर्म पानी पीकर 4-5 मिनिट बाद उल्टी कर दें। इसके बाद 10 मिनिट के लिए शवासन करें। 1 घंटे तक कुछ खाना-पीना नहीं है।

4. *नींद* – नींद कम करें। सूर्योदय के पहले उठें। दिन में 20-25 मिनिट से अधिक न सोयें। आलस्य आता हो तो शारीरिक श्रम करें।

5. *स्नान* – प्रतिदिन सूर्योदय के पहले ठंडे जल से। संभव न हो तो गुनगुने जल से।

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

अब किस-किस को महंगाई ज्यादा लगी ??????

: 10 वर्ष पूर्व 4 लाख रुपये में लिया घर आज 40 लाख में बेचना है, परन्तु 10 वर्ष पूर्व 400 रुपये में मिलने वाला गैस सिलैंडर आज भी 400 रुपये में ही चाहिये.
     मानसिकता बदलो,सरकार नहीं.....
   
: 😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎

जिनका मानना है, अब बहुत महंगाई हो गई है तो उनसे ही पूँछता है भारत कि जैसे 2004 में किसी चीज के रेट थे, उसके बाद 2014 तक इतने गुना बढ़े तो अब 2024 में इतने गुना बढ़कर कितने होने चाहिए ?????

काँग्रेस आई 2004 में पेट्रोल 35 था,
गई 2014 में 73 था मतलब 35×2=70 से भी ज्यादा
तो 
2024 में 73×2=146
मतलब 150 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब आटा 8 रूपए किलो था !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब आटा 24 रूपए किलो था !
मतलब 8×3=24
तो 
2024 में 24×3=72, 
मतलब 72 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब चीनी 13 रूपए किलो थी !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब चीनी 38 रूपए किलो थी !
मतलब 13×3=39
तो 
2024 में 39×3=117 मतलब 117 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब सरसों तेल 35 रूपए लीटर था !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब सरसों तेल 100 रूपए लीटर था !
मतलब 35×3=105
तो,
2024 मे 100×3=300, मतलब 300 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब चाँदी 7,000 रूपए किलो थी !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब चाँदी 70,000 रूपए किलो थी !
मतलब 7,000×10=70,000,
तो 
2024 मे 70,000×10=7,00,000
मतलब 7,00,000 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब सोना 6,000 रूपए 10 ग्राम था !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब सोना 42,000 रूपए 10 ग्राम था !
मतलब 6,000×7=42,000
तो 
2024 में 42,000×7=2,94,000 मतलब 2,94,000 होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी,
तब जो मकान 10 लाख रूपए का था !
2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गई,
तब वो मकान 1 करोड़ रूपए का था !
मतलब 10×10=1 करोड़
तो 
2024 में 1×10=10 करोड़
मतलब 10 करोड़ होना चाहिए,
लेकिन अब कितना है ??????

मनमोहन सिंह सरकार के 10 सालों में
प्रॉपर्टी की कीमतें 10 से 20 गुणा तक बढ़ी.....!!

जिसे मोदीजी के कार्यकाल में मंहगाई लगती हो खुली आँखों से काँग्रेस शासनकाल की तुलना करे।
वह तो भारत देश की खुशकिस्मती थी कि 2014 में मोदी प्रधानमंत्री बन गये अन्यथा इतनी बड़ी जनसंख्या के साथ आज विश्व भर की मंदी के दौर में श्रीलंका, बांग्लादेश व पाकिस्तान से बुरी स्थिति में भारत खड़ा होता!!

अब किस-किस को महंगाई ज्यादा लगी ?????? 
🙏

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