अपना आयकर रिटर्न भरने के लिए करे सही फार्म का चुनाव
वैयक्तिक करदाता को अपनी आय के प्रकार और आवासीय स्थिति के आधार पर ITR फॉर्म (इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म) चुनना जरूरी है। ITR फॉर्म एक ऐसा दस्तावेज है जो इनकम टैक्स विभाग को आय की रिपोर्ट करने और टैक्स दाखिल करने की सुविधा प्रदान करता है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR दाखिल करने के लिए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस साल अप्रैल में सात फॉर्म जारी किए हैं। ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7 जिनके जरिये टैक्सपेयर्स आईटीआर फाइल कर सकते हैं। टैक्सपेयर्स को नियत तारीख पर या उससे पहले उनके लिए लागू ITR फॉर्म के जरिये टैक्स रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। विभिन्न ITR फॉर्म व्यक्तियों के आय स्रोतों, टैक्स योग्य आय और टैक्सपेयर्स की श्रेणी, जैसे व्यक्ति, HUF, कंपनियां, आदि द्वारा तय की जाती है।
आपको कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए?
इनकम टैक्स विभाग ने 7 ITR फॉर्म अधिसूचित किए हैं और अक्सर टैक्सपेयर्स भ्रमित हो जाते हैं कि उनके लिए कौन सा ITR फॉर्म उपयुक्त है। यहां हम ITR फॉर्म 1 से फॉर्म 4 पर बात करेंगे। जो आम लोगों द्वारा फाइल किया जाता है। कौन इसके लिए पात्र हैं।
ITR-1 (सहज):
पात्रता : ITR-1 ऐसे निवासी और सामान्य निवासी द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी निम्नलिखित स्रोतों से कुल आय 50 लाख रुपए तक है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय और अन्य स्रोतों से आय।
ITR-1 (सहज): कौन नहीं है पात्र
आईटीआर-1 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसके पास भारत के बाहर स्थित कोई संपत्ति (किसी इकाई में वित्तीय हित सहित) है,भारत के बाहर किसी स्रोत से आय है, जिसके पास किसी भी आय शीर्षक के तहत कोई आगे लाया गया घाटा या आगे ले जाने योग्य घाटा है, व्यवसाय और पेशे से आय और पूंजीगत लाभ है।
ITR-2:
पात्रता ITR-2 ऐसे व्यक्तियों या HUF द्वारा दाखिल किया जा सकता है जो व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति के अंतर्गत आय नहीं रखते हैं।
ITR-2: कौन पात्र नहीं है
आईटीआर-1 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसकी आय ब्याज, वेतन, बोनस कमीशन या पारिश्रमिक के रूप में हो, चाहे वह किसी भी नाम से पुकारा जाता हो, किसी साझेदारी फर्म से देय हो या उससे प्राप्त हुई हो।
ITR-3
पात्रता ITR-3 उन व्यक्तियों या HUF द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जो व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति शीर्षक के अंतर्गत आय रखते हैं। साझेदारी फर्म से प्राप्त ब्याज, वेतन, बोनस कमीशन या पारिश्रमिक के रूप में आय प्राप्त करते हैं।
ITR-3: कौन पात्र नहीं है
आईटीआर-3 का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जिसके पास बिजनेस या पेशे के लाभ के अंतर्गत आय नहीं है।
ITR-4
पात्रता ITR-4 उन निवासियों और सामान्य निवासियों के लिए लागू है जिनकी पेशे से कुल आय 50 लाख (निर्दिष्ट मामलों में 75 लाख रुपये) या व्यवसाय से आय 2 करोड़ (निर्दिष्ट मामलों में 3 करोड़ रुपये) तक है, जो इस प्रकार है:-
व्यवसाय से आय जहां ऐसी आय की गणना इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AD/44AE के अंतर्गत अनुमानित आधार पर की जाती है। पेशे से आय जहां ऐसी आय की गणना इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44ADA के अंतर्गत अनुमानित आधार पर की जाती है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय शामिल है।
ITR-4: कौन पात्र नहीं है
ITR-4 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसके पास भारत के बाहर स्थित कोई संपत्ति (किसी इकाई में वित्तीय हित सहित) है। भारत के बाहर किसी स्रोत से आय है। लॉटरी से जीत के रूप में अन्य स्रोतों से आय है। किसी अन्य व्यक्ति के हाथों में स्रोत पर कर कटौती के क्रेडिट का कोई दावा है।
आईटीआर-4 (सुगम) अनिवार्य नहीं है लेकिन टैक्सपेयर द्वारा अनुमानित टैक्स का विकल्प चुनने की स्थिति में इसे दाखिल करना जरूरी है।
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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सोमवार, 1 जुलाई 2024
अपना आयकर रिटर्न भरने के लिए करे सही फार्म का चुनाव
खुद भरना चाहे अपना आयकर रिटर्न तो पूरा करे ऐसे प्रोसेस
खुद भरना चाहे अपना आयकर रिटर्न तो पूरा करे ऐसे प्रोसेस
रिटर्न की अनिवार्यता
यदि आप किसी वित्त वर्ष में एक निश्चित राशि से अधिक कमाते हैं, तो उस व्यक्ति को एक तय समय सीमा के भीतर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है। अगर आपको जितना टैक्स चुकाना चाहिए था, उससे अधिक का भुगतान कर दिया है, तो आईटीआर फाइल करने से आपको टैक्स रिफंड प्राप्त करने की अनुमति मिलती है।
वेरिफिकेशन जरूरी
आईटीआर इनकम वेरिफिकेशन का एक यूजफुल टूल भी है, जो वीजा, लोन्स और कई सरकारी काम के लिये आवेदन करते समय यूज आता है। रिटर्न फाइल करने के बाद ई वेरिफिकेशन जरूरी है बिना इसके किये आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा
ई-फाइलिंग साइट पर करना होगा रजिस्टर
इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भरने के लिये सबसे पहले फर्स्ट टाइम टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन रजिस्टर करना होगा। आपको ई-फाइलिंग साइट पर रजिस्टर करना होगा। इससे आप पोर्टल की कई टैक्स से जुड़ी सर्विसेस का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिये आपके पास एक वैलिड और एक्टिव पैन, वैलिड मोबाइल नंबर और वैलिड ई-मेल आईडी होनी चाहिए।
इनकम टैक्स पोर्टल पर ई-फाइलिंग के लिये कैसे रजिस्टर करें
स्टेप 1: ई-फाइलिंग पोर्टल होमपेज (https://www.incometax.gov.in/) पर जाएं,
स्टेप 2: रजिस्टर पर "एक करदाता के रूप में पंजीकरण करें" विकल्प के अंतर्गत अपना पैन दर्ज करें और वैलिडेट पर यदि पैन पहले से पंजीकृत है या अमान्य है, तो एक त्रुटि संदेश दिखाई देगा।
स्टेप 3: बेसिक डिटेल पेज पर अपना नाम, जन्म तिथि, लिंग (यदि लागू हो) और आवासीय स्थिति जैसी सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करें और फिर जारी रखें
स्टेप 4: एक बार आपके पैन को वैलिडेट कर लेने के बाद व्यक्तिगत करदाताओं को कॉन्टैक्ट डिटेल पेज दिखाई देगा। यहां अपना प्राइमरी मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता दर्ज करें।
स्टेप 5: बताए गए प्राइमरी मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर दो अलग-अलग ओटीपी भेजे जाते हैं। मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर प्राप्त अलग-अलग 6 अंकों के ओटीपी दर्ज करें।
स्टेप 6: यदि आवश्यक हो तो पेज में डिटेल एडिट करें और कंफर्म हो जाने पर आगे बढ़े।
स्टेप 7: पासवर्ड सेट करें पेज पर अपने पासवर्ड को सेट करें और कंफर्म करें।
स्टेप 8: जब आप सफलतापूर्वक रजिस्टर हो जाते हैं, तो लॉगिन प्रक्रिया शुरू करने के लिए लॉगिन के लिए आगे बढ़ें।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और सभी उपलब्ध सेवाओं का उपयोग करने के लिए अपनी प्रोफ़ाइल अपडेट करें। अब आप अपना कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं या अन्य टैक्स संबंधी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
इनकम टैक्स की वेबसाइट पर आपको रिटर्न फाइल करने के लिए मुख्यतः दो प्रकार की प्रक्रिया दे रखी है
Offline
online
दोनों प्रक्रिया में से एक प्रक्रिया चुने
ऑनलाइन फाइल करने पर आपको आपके सारे डेटा पहले से ही भरे हुए मिल जाएंगे और उसको कंफर्म करते हुए आप आगे बढ़कर रिटर्न फाइल कर सकते हैं
ऑफलाइन की स्थिति में इनकम टैक्स वेबसाइट से उस रिटर्न से संबंधित यूटिलिटी डाउनलोड कर उसमें अपना रिटर्न कंप्लीट करें और फिर अपलोड करें
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हनुमानजी की अद्भुत पराक्रम कथा
हनुमानजी की अद्भुत पराक्रम कथा
राम रावण युद्ध के समय जब रावण ने देखा कि हमारी पराजय निश्चित है तो उसने अपने 60 हजार अमर राक्षसों को बुलाकर रणभूमि में भेजने का आदेश दिया ! ये ऐसे थे जिनको काल भी नहीं खा सका था! विभीषण के गुप्तचरों से समाचार मिलने पर श्रीराम को चिंता हुई कि हम लोग इनसे कब तक लड़ेंगे ? सीता का उद्धार और विभीषण का राज तिलक कैसे होगा? क्योंकि युद्ध कि समाप्ति असंभव है !
श्रीराम कि इस स्थिति से वानरवाहिनी के साथ कपिराज सुग्रीव भी विचलित हो गए कि अब क्या होगा ? हम अनंत काल तक युद्ध तो कर सकते हैं पर विजयश्री का वरण नहीं ! पूर्वोक्त दोनों कार्य असंभव हैं ! अंजनानंदन हनुमान जी आकर वानर वाहिनी के साथ श्रीराम को चिंतित देखकर बोले –प्रभु क्या बात है ? ……श्रीराम के संकेत से विभीषण जी ने सारी बात बतलाई ! अब विजय असंभव है !
पवन पुत्र ने कहा –असम्भव को संभव और संभव को असम्भव कर देने का नाम ही तो हनुमान है ! प्रभु आप केवल मुझे आज्ञा दीजिए मैं अकेले ही जाकर रावण की अमर सेना को नष्ट कर दूँगा ! कैसे हनुमान ? वे तो अमर हैं !
प्रभु ! इसकी चिंता आप न करें सेवक पर विश्वास करें ! उधर रावण ने चलते समय राक्षसों से कहा था कि वहां हनुमान नाम का एक वानर है उससे जरा सावधान रहना ! एकाकी हनुमानजी को रणभूमि में देखकर राक्षसों ने पूछा तुम कौन हो क्या हम लोगों को देखकर भय नहीं लगता जो अकेले रणभूमि में चले आये !
मारुति –क्यों आते समय राक्षस राज रावण ने तुम लोगों को कुछ संकेत नहीं किया था जो मेरे समक्ष निर्भय खड़े हो ! निशाचरों को समझते देर न लगी कि ये महाबली हनुमान हैं ! तो भी क्या ? हम अमर हैं हमारा ये क्या बिगाड़ लेंगे !भयंक र युद्ध आरम्भ हुआ पवनपुत्र कि मार से राक्षस रणभूमि में ढेर होने लगे चौथाई सेना बची थी कि पीछे से आवाज आई हनुमान हम लोग अमर हैं हमें जीतना असंभव है ! अतः अपने स्वामी के साथ लंका से लौट जावो इसी में तुम सबका कल्याण है !
आंजनेय ने कहा लौटूंगा अवश्य पर तुम्हारे कहने से नहीं ! अपितु अपनी इच्छा से ! हाँ तुम सब मिलकर आक्रमण करो फिर मेरा बल देखो और रावण को जाकर बताना ! राक्षसों ने जैसे ही एक साथ मिलकर हनुमानजी पर आक्रमण करना चाहां वैसे ही पवनपुत्र ने उन सबको अपनी पूंछ में लपेटकर ऊपर आकाश में फेंक दिया ! वे सब पृथ्वी कि गुरुत्वाकर्षण शक्ति जहाँ तक है वहां से भी ऊपर चले गए ! चले ही जा रहे हैं ………चले मग जात सूखि गए गात गोस्वामी तुलसीदास ! उनका शरीर सूख गया अमर होने के कारण मर सकते नहीं !
अतः रावण को गाली देते हुए और कष्ट के कारण अपनी अमरता को कोसते हुए अभी भी जी रहे हैं ! इधर हनुमान जी ने आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाया !श्रीराम बोले –क्या हुआ हनुमान ! प्रभो ! उन्हें ऊपर भेजकर आ रहा हूँ !
राघव –पर वे अमर थे हनुमान! हाँ स्वामी इसलिए उन्हें जीवित ही ऊपर भेज आया हूँ अब वे कभी भी नीचे नहीं आ सकते ? रावण को अब आप शीघ्रातिशीघ्र ऊपर भेजने की कृपा करें जिससे माता जानकी का आपसे मिलन और महाराज विभीषण का राजसिंहासन हो सके !
पवन पुत्र को प्रभु ने उठाकर गले लगा लिया ! वे धन्य हो गए अविरल भक्ति का वर पाकर ! श्रीराम उनके ऋणी बन गए ! और बोले –हनुमानजी—आपने जो उपकार किया है वह मेरे अंग अंग में ही जीर्ण शीर्ण हो जाय मैं उसका बदला न चुका सकूँ ,क्योकि उपकार का बदला विपत्तिकाल में ही चुकाया जाता है !
पुत्र ! तुम पर कभी कोई विपत्ति न आये !निहाल हो गए आंजनेय !
हनुमानजी की वीरता के समान साक्षात काल देवराज इन्द्र महाराज कुबेर तथा भगवान विष्णु की भी वीरता नहीं सुनी गयी –ऐसा कथन श्रीराम का है –
न कालस्य न शक्रस्य न विष्णर्वित्तपस्य च !
कर्माणि तानि श्रूयन्ते यानि युद्धे हनूमतः !
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जय श्रीराम
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