चूना....
चुना खाने के फायदे.....
चूने के गुणों और सेवन के लाभ .....
- चूना जो पान में लगा के खाया जाता है , उसकी एक डिब्बी ला कर घर में रखे!
- चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है - अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे , जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उन्हें भी इस चूने का सेवन करना चाहिए!
- विद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है - गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के या पानी में मिला के लिया जा सकता है - इससे लम्बाई बढने के साथ साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है।
- जिन बच्चों की बुद्धि कम है ऐसे मतिमंद बच्चों के लिए सबसे अच्छी दवा है चूना . जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करता है, देर में सोचते है हर चीज उनकी स्लो है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से अच्छे हो जायेंगे।
- बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है चूना । मेनोपौज़ की सभी समस्याओं के लिए गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन खाना दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में घोल के पीना चाहिए ।इससे ओस्टीओपोरोसिस होने की संभावना भी नहीं रहती।
◼️गिल्टी (ट्यूमर) .....
चूना और शहद को एक साथ मिलाकर गिल्टी (टयूमर) पर बांधने से गिल्टी (टयूमर) में आराम मिलता है।
◼️चूना और अण्डे की सफेदी मिलाकर कपड़े में रखकर गिल्टी (टयूमर) पर बांधने से लाभ मिलता है।
◼️टीके से होने वाले दोष ....
चूने को हल्दी में मिलाकर टीका लगी हुई जगह पर लेप करने से टीके का घाव ठीक हो जाता है।
◼️गुल्म (वायु गोला) ....
3 ग्राम कलई चूना की छोटी गोली बनाकर गुड़ में रखकर खाने से गैस का गोला खत्म हो जाता है।
◼️नकसीर (नाक से खून आना) ....
रात को सोने से पहले 400 मिलीलीटर पानी के अन्दर 50 ग्राम चूने को डालकर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को छान लें। इस छने हुए पानी को लगभग 25 मिलीलीटर तक रोगी को पिलाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बन्द हो जाता है।
◼️उपदंश (सिफलिस) ....
लगभग 300 मिलीलीटर चूने के पानी में 1.80 मिलीलीटर कपूर का रस मिलाकर उपन्दश की फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।
◼️पेट में दर्द ....
1 गिलास चूने के पानी में 1 चम्मच सोड़ा बाई-कार्ब डालकर पीने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
◼️गठिया रोग ...
हल्दी, चूना और गुड़ का लेप बनाकर लगातार कई दिन तक मालिश करने से कलाई और जोड़ों का दर्द मिट जाता है।
◼️फोड़े-फुंसियां ...
तेल या घी में पुराने चूने को मिलाकर लेप करने से फोड़े-फुंसीकी सूजन खत्म हो जाती है।
◼️फोड़ों पर चूने के पानी में भिगा हुआ कपड़ा रखने से फोड़े ठीक हो जाते हैं।
◼️दाद ...
पुराना चूना और तिल्ली के तेल को मिलाकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
◼️सफेद दाग होने पर ....
1 चम्मच चूना और 5 ग्राम हरताल को एक साथ पीसकर नींबू के रस में मिलाकर लगभग 2 महीने तक सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
◼️सिर का दर्द ....
चूना और नौसादर को बारीक करके शीशी में भरकर उसकी डॉट को लगाकर रख दें। सिर में दर्द होने पर इस शीशी की डॉट को खोलकर मिश्रण को सूंघें और सुंघाने के तुरन्त ही रोगी की नाक के पास से इस शीशी को दूर हटा लें। ऐसा करने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
◼️शुद्ध घी में खाने का चूना मिलाकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
◼️मस्सा और तिल ....
पान के डण्ठल पर चूना लगाकर मस्से की जड़ पर लगाने से सिर्फ 1 ही हफ्ते में मस्सा बिल्कुल साफ हो जाता है।
◼️आग से जलने पर ...
चूने का छना हुआ पानी और उसी के बराबर अलसी का तेल मिलाकर अच्छी तरह साफ कपड़े पर लगा लें। कपड़े को जले हुए भाग पर रखकर बांध दें। इससे जलन कम हो जाती है और जख्म भी ठीक हो जाते हैं।
◼️चूने के पानी और तिल्ली के तेल को कांसे की थाली में फेंटकर रूई से हर 4-4 घंटे के बाद शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से बहुत ज्यादा जला हुआ व्यक्ति भी ठीक हो जाता है और उसके शरीर में जले हुए के सफेद दाग भी नहीं पड़ते हैं।
◼️इस औषधि को अमृत व कैल्शियम की माँ कहा है सिर्फ एक ही इंसान इसका सेवन नही कर सकता जिसे पथरी हो या पथरी होती रहती है
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