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मंगलवार, 20 जनवरी 2015

ईयर बड से करें घर के सामान की सफाई

ईयर बड से करें घर के सामान की सफाई
भले ही आपको अपने घर के सामानों को साफ करने के लिए कई प्रकार के ब्रश, वाइपर या स्क्रबर मिल जाते होंगे पर ईयर बड का मुकाबला इनमें से कोई ब्रश नहीं कर सकता। यह एक मिनी क्लीनर है, जिससे आपके कानों की सफाई तो होती ही है और साथ में घर के छोटे-बड़े सामानों की भी सफाई हो जाती है। जी हां, आज हम आपको बताएंगे कि ईयर बड को किस तरह से आप घर की सफाई करने के लिए प्रयोग कर सकती हैं।
* आपके मोबाइल या रिमोट कंट्रोल के बटन के आस-पास गंदगी चिपकी रहती है, जिसको आप पानी से नहीं साफ कर सकते। इसलिए इस गंदगी को साफ करने के लिए ईयर बड का ही प्रयोग करें।
* कम्प्यूटर की-बोर्ड और माऊस को आप साबुन के घोल में ईयर बड का प्रयोग कर के बिल्कुल नया जैसा बना सकते हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर स्क्रीन फ्रेम को भी इसकी मदद से साफ कर सकते हैं।
* घर में साज-सज्जा की चीजें जैसे शीशा, मैटेलिक शोपीस, लकड़ी के फ्रेम, पेंटिंग के फ्रेम आदि की धूल-मिट्टी को इस मिनी क्लीनर की मदद से साफ किया जा सकता है।
* फ्रिज डोर गार्ड, होल्डर, पर्दे के पेल्मेट तथा कब्जा आदि को इस ईयर बड की सहायता से चमकाया जा सकता है।
* इसके साथ ही किचन के बर्तनों को भी आप इससे चमका सकती हैं। कुछ ऐसे दाग जो बर्तन पर कस कर चिपक जाते हैं और काले पड़ जाते हैं, इनको आप ईयर बड से साफ कर सकते हैं। कड़ाही, कुकर, कप और प्लेट आदि की सफाई भी आसान से हो जाती है।
* जैम,सॉस और शहद की बोतलें कस कर चिपक जाती हैं, क्योंकि उनमें वह चिपचिपा पदार्थ लग जाता है, जिससे ढक्कन कस जाता है। पर अगर आप ढक्कन को ईयर बड से साफ करेंगी तो यह बिल्कुल साफ हो जाएगा और चींटियां भी नहीं लगेंगी।

घर के सदस्यों को विपत्ति से बचाती है मछली

घर के सदस्यों को विपत्ति से बचाती है मछली
शीशे का छोटा सा घर जिनमें छोटी-छोटी मछलियां तैरती रहती हैं। इन्हें देखकर न सिर्फ बच्चों को मजा आता है बल्कि बड़ों को भी सुकून मिलता है। इस प्रकार के छोटे से मछली घर को एक्वेरियम कहा जाता है। एक्वेरियम सिर्फ मन को प्रसन्नता नहीं देते बल्कि फेंगशुई के अनुसार इनसे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली विपत्तियां टलती हैं एवं घर में धन-संपत्ति के आगमन में निरंतरता बनी रहती है। लेकिन फेंगशुई के कुछ नियम हैं जिनका पालन करते हुए एक्वेरियम रखा जाए तभी इसका समुचित लाभ मिल पाता है।
मछलियों की संख्या
एक्वेरियम में मछलियों की संख्या का विशेष महत्व है। फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए। आठ मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए जबकि एक मछली काले रंग की। ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ बतायी गयी है। संभव है कि इन्हीं कारणों से फेंगशुई में नौ मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गयी है।

जब कभी कोई मछली मर जाये तो उसे एक्वेरियम से बाहर निकाल दें और उसकी जगह नई मछली लाकर रख दें। ध्यान रखें कि जिस रंग की मछली मरी हो उसी रंग की नई मछली हो। फेंगशुई के अनुसार जब कोई मछली मरती है तो अपने साथ घर पर आने वाली विपत्तियों को साथ लेकर चली जाती है। इसलिए एक्वेरियम में मछली के मरने पर दुःखी न हों।

बेड कोलेस्ट्रॉल-क्या लें, क्या न लें क्या लें :

बेड कोलेस्ट्रॉल-क्या लें, क्या न लें
क्या लें :

* एक दिन में तीन चम्मच तेल लेना चाहिए। एक ही तेल का सेवन लगातार नहीं करना चाहिए। बदल बदल कर तेल का प्रयोग करें। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने हेतु आलिव आयल और सरसों का तेल अच्छा होता है। इनके प्रयोग के लिए एक बात का ध्यान रखना पड़ता है कि इन्हें अधिक तेज गर्म न किया जाए।
* रेशेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें। फाइबल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में मदद करता है। अनाज में गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई आदि का सेवन करें। चाहें तो गेहूं और बाजरे के आटे को मिलाकर उससे बनी चपाती खा सकते हैं। दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों में फाइबर की मात्रा काफी होती है। इसका सेवन नाश्ते में कर सकते हैं। आटे में चोकर मिलाकर उसकी चपाती लें।
* मेथी, लहसुन, प्याज, हल्दी, सोयाबीन का सेवन करें। इनसे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
* एच डी एल गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने हेतु 5-6 बादाम, 1-2 अखरोट का नियमित सेवन करें।
* बींस, फिश लिवर आयल, फ्लैक्स सीड्स खाने चाहिए। इनमें ओमेगा थ्री की मात्रा काफी होती है। जो हृदय हेतु लाभप्रद है।
* हरी सब्जियों, शलगम, मटर, ओट्स, सनफ्लावर सीड्स में काफी मात्रा में फॉलिक एसिड होता है।
* कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाने में मदद करते हैं।
* अंडे की जर्दी का सेवन न करें। बस सफेद हिस्सा खाएं। स्किम्ड दूध या सोया मिल्क लें। इनमें फैट्स की मात्रा नहीं होती।
* कोलेस्ट्रॉल लिवर के डिस्आर्डर से बढ़ता है। लिवर की सफाई पर ध्यान दें। आंवला जूस और वेजीटेबल जूस लाभप्रद हैं। इसका नियमित सेवन करें।
क्या न लें :
* मलाई युक्त दूध, रेड मीट, अंडे के पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है इनसे बचें।
* बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एल डील एल बढ़ा हुआ है तो चीनी, चावल, मैदा न खाएं।
* मियोनिज, नारियल तेल, वनस्पति, तेल, देसी घी, मक्खन में सेचुरेडिट फैट होते हैं। इनके सेवन से बचें।
* बिस्किट, नमकीन, मट्ठी, बेकरी प्रॉडक्टस न लें क्योंकि इनमें ट्रासफैट होता है जो सीधा लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इन्हें न खाएं।
* प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें पेस्ट्री, केक, आइस्क्रीम, मिठाई आदि से परहेज करें।
* फुल क्रीम दूध और उससे बना पनीर, खोया खाने में परहेज करें।
* उड़द दाल, नमक, चावल, काफी का सेवन कम से कम करें।
* नारियल और नायिरल का दूध न पिएं।

ठण्ड में खाएं मिक्स्ड ग्रेन रोटी

ठण्ड में खाएं मिक्स्ड ग्रेन रोटी
ठण्ड में मिक्स ग्रेन रोटी बहुत फ़ायदा करती है, हफ्ते में दो बार ज़रूर खानी चाहिए.
सामग्री
मिक्स अनाज(गेहूं, जौ, चना, मक्का, ज्वार, बाजरा) का आटा-दो कप, जीरा, सौंफ-आधा-आधा छोटा चम्मच, अजवाइन-एक छोटा चम्मच, अदरक व हरी मिर्च-एक-एक छोटा चम्मच, नमक व लाल मिर्च-स्वादानुसार, घी या मक्खन- सेंकने के लिए
विधि
मिले जुले अनाज के आटे में बारीक कतरी अदरक व हरी मिर्च, दरदरा जीरा, सौंफ, अजवाइन, नमक, लाल मिर्च व दो बड़े चम्मच घी या मक्खन का मोयन डालकर अच्छी तरह मिलाएं. इसे पानी से थोड़ा सख्त गूंथे. अब इस आटे से मोटी रोटी बेलकर गर्म तवे पर डालें, अंगुली के पोरों से दबाते हुए गढ्डे बनाएं. उलट-पलटकर इन्हें दोनों तरफ से अच्छी तरह सेंके. तवे से उतारकर इन गढ्डों में अच्छी तरह घी या मक्खन भर दें. मिक्स ग्रेन रोटी घी को पूरी तरह सोख लेगी और अगले दिन तक नरम और स्वादिष्ट बनी रहेगी.

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