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शुक्रवार, 4 मार्च 2022
श्रीरामकिंकर वचनामृत
सबसे आश्चर्यजनक छलावरण वाले जीव
सबसे आश्चर्यजनक छलावरण वाले जीव
जानवरों का एक पूरा झुंड है जो छलावरण का उपयोग करते हैं।
* रैटलस्नेक
रैटलस्नेक छलावरण में महान हैं। वे आमतौर पर रेगिस्तानी वातावरण में रहते हैं, इसलिए वे रेत की तरह दिखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह न केवल साँप को खाने से रोकता है, बल्कि उसे अपने शिकार पर छींटाकशी करने की भी अनुमति देता है! अन्य सांप भी छलावरण का उपयोग कर सकते हैं, मैंने सिर्फ एक उदाहरण के रूप में रैटलस्नेक का उपयोग किया है!
* वोबबेगॉन्ग शार्क
वोब्बेगॉन्ग शार्क शार्क का प्रकार नहीं है जो शार्क का चित्र बनाते समय दिमाग में आता है, लेकिन वे शार्क का एक प्रकार हैं! वे अपने परिवेश में सम्मिश्रण के लिए कुख्यात हैं। वे मूंगा, चट्टानों और रेत की तरह दिख सकते हैं!
* लकड़ी का कीड़ा
लकड़ी का कीड़ा नाम इन कीड़ों को अच्छी तरह से सूट करता है, जैसा कि वे सिर्फ लाठी की तरह लगते हैं! वे कीट साम्राज्य में निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ छलावरणों में से एक हैं!
आम पोटो
मानो या न मानो, इन तस्वीरों में से एक में एक पक्षी है। उनका छलावरण इतना शानदार है, कि वे पेड़ के तने / शाखा की तरह दिखते हैं।
हिम तेंदुए
नहीं, ये केवल चट्टानों की तस्वीरें नहीं हैं। प्रत्येक तस्वीर के भीतर, एक हिम तेंदुआ है।
यह आश्चर्यजनक है कि उनका छलावरण कितना अच्छा है। वे चट्टानों के बीच लगभग अदृश्य दिखते हैं! जैसा मैंने कहा, ऐसे कई और जानवर हैं जो छलावरण का उपयोग करने की क्षमता प्रदर्शित करते हैं। ये तो चंद उदाहरण थे!
गणेशजी को गजराज का सर लगाने के बाद, उनके असली कटे हुए सर का क्या हुआ?
इस गुफा में आज भी मौजूद है भगवान गणेश का कटा हुआ असली सिर
यहां और भी हैं कई रहस्य
भगवान का कटा सिर धरती पर एक गुफा में रखा है.
आइये आपको बताते हैं इस पवित्र गुफा के और भी कई रहस्य.
गणेश के सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं
कटने के बाद कहां गिरा था भगवान गणेश का सिर?
पाताल भुवनेश्वर की गुफा से जुड़ी जाने रोचक बातें
इस गुफा में कई अद्भुत करने वाले तथ्य नजर आते हैं। यहां पौराणिक कथाओं के अनुसार कई साक्ष्य मौजूद हैं, जो गणपति जी के सिर कटने से जुड़ी घटना की जानकारी देते हैं।
सर्वप्रथम पहली बार इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी और तब यह पता चला था कि गणपति जी का सिर यही कट कर गिरा था।
मान्यता है कि इस गुफा में पाया जाने वाले चार पत्थर चारों युगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मान्यता है कि चौथा पत्थर कलयुग का प्रतीक है।
दिनो दिन ये चौथा पत्थर बढ़ता रहता है। पौराणिक मान्यता है कि जिस दिन चौथा पत्थर गुफा की दीवार को छू लेगा, उस दिन कलयुग का अंद हो जाएगा।
गुफा के अंदर पाताल में माना जाता है कि बहुत से पौराणिक रहस्य छुपे हैं। यहां आने वाले भक्त इस पौराणिक साक्ष्यों का अपनी आंखों से देखते हैं।
गुफा के अंदर भगवान गणेशजी का कटा हुआ सिर मूर्ति के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि गणपति जी का सिर इसी पाताल में आ कर गिर गया था।
गणेशजी के सिर के ऊपर 108 पंखुड़ियों का ब्रह्मकमल भी नजर आता है और इस
ब्रह्म कमल से गणेशजी के कटे मस्तक पर जल की बूंदें सदा टपकी तरती हैं। इसे इस ब्रह्मकमल इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी।
पाताल भुवनेश्वर गुफा में बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की प्रतिमाएं भी विराजित हैं। यह पहला स्थान हैं जहां दिनों प्रतिमाएं एक साथ नजर आती हैं।
गुफा के अदंर शेषनाग और तक्षक नाग के प्रतीक भी नजर आते हैं। साथ ही बद्री पंचायत में लक्ष्मी-गणेश, यम-कुबेर, तथा वरुण-गरूड़ भी विराजित हैं।
गुफा में अमरनाथ की भी गुफा है, शिवजी की जटाएं पत्थर पर फैली नजर आती हैं वहीं इस गुफा के पास कालभैरव की जिह्वा के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
आभार — शिव पुराण
गुरुवार, 3 मार्च 2022
बालों को घना बनाने के उपाय
जी हाँ, आप अपने बालो को घना कर सकते है वो भी मात्र तीन स्टेप में आइये जानते है वो तीन स्टेप।
- सुबह खाली पेट शौचालय जाने से पहले पानी पिए। शौच से आने के बाद जब ब्रश कर ले और ३ -४ कड़ी पता का सेवन करे।
2 . अपने बालो को हेल्थी रखने के लिए बाजार के केमिकल वाले शैम्पू
का प्रयोग करे ,धुप से बालो को बचाये ,बाल्यालम करे गर्म पानी सर पर न डाले।
3.रात को खाने के बाद आमलकी रसयान
का प्रयोग करे ध्यान रहे इसके सेवन और भोजन में २ घंटे का अंतराल रहना चाहिए। खाने के २ घंटे बाद इसका सेवन करे गाय का घी खाये।
इसके साथ कुछ एक्सरसाइज करे। निचे फोटो है उस एक्सरसाइज का
बलायलम
2
अब वो कौन से शैम्पू है जो सही है इसके लिए मैंने ऊपर लिंक दे दिया जहाँ पर शैम्पू लिखा हुआ है।
ये अपनाये रिजल्ट १००% दिखेगा
.क्या आपके पास भी है आकस्मिक खर्चो से बचने के लिए पर्याप्त हेल्थ कवर?
1.क्या आपके पास भी है आकस्मिक खर्चो से बचने के लिए पर्याप्त हेल्थ कवर?
2.क्या आपकी हेल्थ पॉलिसी भी करती है कवर (ABCD) यानि अस्थमा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खर्चा?
3.क्या आपकी हेल्थ पालिसी भी देती है वर्ल्डवाइड मेडिकल असिस्टेंस?
4.क्या आपकी पालिसी भी देती है हेल्थ कवर एक्सास्ट होने पर 100% कवर रीलोड का बेनिफिट?
5.क्या आपकी पॉलिसी में है नो क्लेम बोनस का एक छोटे से क्लेम से 0 ना हो जाने वाला फीचर?
6.सबसे महत्वपूर्ण सवाल, क्या आपकी पॉलिसी देती है आपको स्वयं को फिट रखने पर अगले साल के प्रीमियम में 30% to 100% तक का डिस्काउंट?
अगर इन सभी सवालों का जवाब है "नहीं" तो जानिए कैसे आप ये सब बेनिफिट ले सकते हैं l••
एक फैमिली में पांच मेम्बर है
पति राजेंद्र (व्यापारी)
पत्नी रागिनी (हाउसवाइफ)
पिता राजेश (रिटायर्ड)
बड़ा बेटा ( राहुल)
छोटा बेटा ( राज)
अब आपको पता होगा यह पूरा परिवार राजेंद्र जी पे डिपेंड हैं।।।
राजेंद्र जी इस परिवार के पिल्ल्लर है।।
अगर राजेंद्र जी बीमार हो जाते है तो क्या क्या दिक्कत आ सकती है ।।।🏨🏥
सोचिए जरा उनकी सेविंग जाएगी और पिता जी में अचानक से जिम्मेदारी आएगी ।।।💸
पत्नी जी को जादा जिम्मेदारी आ जाएगी।।
हॉस्पिटल के बिल्स दवाइयों का पैसा बहुत सारे टेस्टों का पैसा एडवांस जमा करवाना होगा।।।
आपको रिस्तेदारो की मदद लेनी होगी।।।
ऐसे में आप परिवार को बहुत दिक्कत में कर रहे है ।।।
इसलिए जागरूक बनिए बिना कोई लापरवाही किए बिना ।।हैल्थ कार्ड बनवाइए।।इलाज मुफ्त करवाइए।।।
इसलिए घर के परिवार के मुखिया को कुछ होता है तो हम है उनके हैल्थ कार्ड के द्वारा सारा इलाज का खर्च का भुगतान हम कंपनी द्वारा किया जाएगा।।।
इसलिए आज ही अपना हैल्थ कार्ड बनवाए ।।।
जिससे आप भारत में कहीं भी इलाज करवाईए।।
हैल्थ कार्ड बनवाने के बाद आपके परिवार में हॉस्पिटल में लेके कभी कोई शिकायत नहीं रहेगी।।।
Kailash Chandra Ladha
9352174466
ADITYA BIRLA HEALTH INSURANCE CARD
TATA AIG HEALTH INSURANCE CARD
Day Care Treatment :
Day Care Treatment होता वो treatment जो एक दिन मैं हो जाते है जैसे Eye treatment ,Nose ,Ear treatment। तो इस पालिसी मैं कुल 586 listed procedures cover है। आप इन treatments को अपने SI use कर सकते है।
Health Check-up Program :
Health Check-up की बात करे तो साल मैं एक बार आपको Health Check-up free मैं मिलेगा।
Organ Donor Expenses :
अगर आपको कभी organ donor की जरूरत पड़ती है तो इसका भी खर्चा इस पालिसी मैं कवर होता है।
Domestic & International Emergency Assistance Services भी इस पालिसी मैं available है including Air Ambulance।✈️✈️✈️🏨🏥
HealthReturns™:
इस पालिसी मैं आपको फिट रहो और पायो upto 100 % discount अगले साल की Policy मैं वाला ऑप्शन दिया जा रहा है।
आपको एक app आपके फ़ोन मैं install करना है नाम है Activ health app जो आपको playstore मैं मिल जाएगी और हर महीने 13 Active days complete करने है या (325 Days for 100 % cash back) या 10000 steps हर दिन या 30 minutes Gym main या 300 Calories burned करनी है और आपको अगले साल 30 % to 100 % discount
In-patient Hospitalization :
इसका मतलब होता है की आपको अपना कवर तभी मिलता है जब आप 24 घंटो के लिए hospitalized होते है किसी भी treatment के लिए।
महामारी के लिए कवर -
हम जानते हैं की लोग कोरोना वायरस के वजह से डरे हुए हैं इसलिए हम उसको भी कवर करते हैं |
Domiciliary Hospitalization :
यानि home care कई बार ऐसा होता है आपको घर से इलाज करवाना पड़ता है और उस मैं डॉक्टर घर पर ही visit करता है
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गारंटी भी और Maturity भी - Aditya Birla Life Insurance GMS Plan 360
जय श्री कृष्णा सा
Aditya Birla Life Insurance GMS Plan 360
जैसा आप जानते है जीवन मे समय समय पर उतार चढ़ाव आते रहते है जिसके लिए हमे हमारे द्वारा कमाए गये पैसे को सही तरह से मार्केट मे एसा investment करना चाहिए की आने वाली ज़रूरत के हिसाब से हमारे काम आ सके और inflation के हिसाब के पैसे की value भी कम ना हो, जिसमे गारंटी भी हो और Maturity पर एकमुश्त राशि भी मिल जाए
इस प्लान मे आपको 12 वर्ष तक 200000 रुपये देने है
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योजना सीमित अवधि तक
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अति आवश्यक कागज पत्र:-
1- आधार कार्ड
2 - पेन कार्ड
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कैलाश चन्द्र लढा
जिंदगी भर 99 वर्ष उम्र तक प्रति वर्ष आय - जहां पैसा कुछ समय के लिए दिया जाए पर
क्या आप चाहते है की कुछ ऐसा इन्वेस्टमेंट प्लान किया जाए जहां पैसा कुछ समय के लिए दिया जाए पर उसके पश्चात कुछ बड़ी रकम एक साथ मिल जाये और तदुपरांत जिंदगी भर 99 वर्ष उम्र तक प्रति वर्ष आय के रूप में पैसा मिलता रहे।
आदित्य बिरला कैपिटल का विज़न लाइफ इनकम प्लान कुछ इस तरह का ही है।
मानलो आपकी उम्र 35 वर्ष
आप 330,000 की बचत 12 वर्ष करते है आप की कुल बचत 39.60 लाख हुई
12 वर्ष पश्यात आप को 15'48000 मैच्योरिटी के रूप में मिल जाते है
यहां आप की उम्र 49 वर्ष हो जाती है अब आप को प्रति वर्ष 150000+129000= 279000 मिलते रहेंगे 99 वर्ष* उम्र तक।
आय के दौरान डेथ / सरेंडर या 99 वर्ष उम्र पर आपको एक मुश्त 39लाख और मिलेंगे।
यह प्लान अगर बच्चो के नाम से लेने पर बच्चो की उम्र 99 वर्ष तक प्रति वर्ष 279000 मिलते रहेंगे।
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यह योजना बेटी और बेटे दोनों के लिए उपलब्ध है
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कामयाब होने की भी एक वजह होती है, लेकिन ये वजह हर किसी के पास नही होती।।
कामयाब होने की भी एक वजह होती है, लेकिन ये वजह हर किसी के पास नही होती।।
नेटवर्क बनाने की भी एक वजह है लेकिन इस वजह से हर कोई परिचित नही।। अगर हर कोई इस वजह से परिचित हो जाये तो हर व्यक्ति चाहे पार्ट टाइम में ही सही नेटवर्किंग के क्षेत्र से जुड़ जाता।।
किसी ने एक सवाल पूछा है कि विशाल जी , अगर नेटवर्क मार्केटिंग सबसे आसान जरिया है जहाँ बिना भारी पूंजीनिवेश के भी सपने पूरे हो सकते हैं तो फिर हर कोई इसके साथ जुड़ क्यों नही जाता।।
मैंने कहा, हर काम को करने की एक वजह होती है और अभी बहुत से लोगों के पास नेटवर्क बनाने की वजह नही है।।
फिर उन्होंने पूछा, लेकिन विशाल जी
नेटवर्क बनाने की वजह आखिर है क्या?
मैंने कहा, एक व्यक्ति जो पूरा जीवन अकेला ही काम करता है वह या तो नौकरी करता है या खुद का कोई सीमित दायरे वाला बिज़नेस करता है जैसे कोई दुकानदार या प्रोफेशनल इत्यादि।।
नौकरी करने वाला शायद बस इतना ही जानता है कि उसे लगभग 60 साल की उम्र तक नौकरी करनी है और उसके बाद वह रिटायर हो जायेगा और फिर बाद में आराम करेगा।। लेकिन बजाय यह सोचने के कि वह 60 साल की उम्र में काम से रिटायर हो जायेगा, वह यह भी तो सोच सकता है कि क्यों ना वह 15-20 साल पहले ही काम से रिटायरमेंट ले ले।।
उन्होंने पूछा, लेकिन क्या ऐसा संभव हो सकता है कि कोई व्यक्ति बुढापा आने से पहले ही काम से रिटायरमेंट ले ले।।
मैंने कहा, रिटायरमेंट से मेरा मतलब है कि अगर आपकी भाग दौड़ सिर्फ पैसे के लिये है तो उतना कमाने के लिये एक समय निर्धारित किया जा सकता है और उसके लिये जरूरी नही कि आपको 60 साल की उम्र का इंतेज़ार करना पड़े।।
लेकिन ऐसा करने के लिये कुछ सालों तक खुद काम करना होगा और फिर आगे आपके लिये वो लोग काम करेंगे जिनको आपने सिखाया होगा।। जैसा कि नेटवर्क मार्केटिंग में एकदम संभव है।।
उन्होंने पूछा, लेकिन यह संभव कैसे है।।
मैंने कहा, अगर आप कुछ साल काम करके यह सीख जाते हो कि नेटवर्क मार्केटिंग में प्लान व प्रोडक्ट्स के ऊपर काम कैसे किया जाता है और आप कुछ सालों में 50 हज़ार या 5 लाख कमाना सीख जाते हो तो इसी बीच आपको अपने नेटवर्क को लगातार ये ही सिखाना है कि अगर वो भी इतना पैसा कमाना चाहते हैं तो उनको किस प्रकार से नेटवर्क बनाने का कार्य करना होगा।। अब ये ही बात टीम का हर व्यक्ति जल्द से जल्द अपने रिटायरमेंट के लिये आगे लोगों को सिखाता चलेगा।। जिसके फलस्वरूप आपके प्लान के अनुसार आपकी कमाई की रॉयल्टी भी बढ़ती जायेगी।। मतलब एक दिन ऐसा आयेगा कि जितनी भागदौड़ आपने शुरू के कुछ सालों में 50 हज़ार से 5 लाख कमाने के लिये की थी उससे बहुत कम या बिल्कुल नही के बराबर काम करना होगा और अगर आपने टीम जिम्मेदारी को सही से निभाया होगा तो आपकी कमाई आने वाले वक्त में 10 गुना से भी ज्यादा हो सकती है।।
उन्होंने कहा, अच्छा विशाल जी
इसका मतलब है कि नेटवर्क मार्केटिंग अपनी टीम को वो काम सिखाने का बिज़नेस है जो काम आप खुद करते हैं और इस वजह से आप लगातार बढ़ती हुई इनकम को पा सकते हैं और इसके लिये 60 साल की उम्र तक का इंतेज़ार करने की भी आवश्यकता नही।।
मैंने कहा, जी बिल्कुल।। अब आप बताओ क्या हर व्यक्ति को नेटवर्क नही बनाना चाहिये अगर जल्द से जल्द रिटायरमेंट चाहिये तो? यह काम तो सिर्फ नेटवर्क पद्धति से जुड़ा व्यक्ति ही कर सकता है जो अपनी सर्विस या सीख व अनुभव को सैकड़ो, हज़ारों व लाखों लोगों को दे सकता है।।
मैने आखिर में कहा, आज तमाम लोगों के पास बहाने तो हैं मगर वो वजह नही है क्योंकि लोग सीमित बहुत हैं।।
खैर,आगे के लेख में कुछ और वजहों पर भी बात करेंगे।।
नोट:- ऊपर बताया गया रिटायरमेंट नेटवर्क लाभ तभी मिल सकता है जब आप व आपका बना हुआ नेटवर्क, प्लान पर टिक सके।।
शिव में छिपे रहस्य
"शिव में छिपे रहस्य"
1. भस्म
हमारे धर्म शास्त्रों में जहाँ सभी देवी-देवताओं को वस्त्र-आभूषणों से सुसज्जित जित बताया गया है वहीं भगवान शंकर को सिर्फ मृग चर्म (हिरण की खाल) लपेटे और भस्म लगाए बताया गया है।
भस्म शिव का प्रमुख वस्त्र भी है क्योंकि शिव का पूरा शरीर ही भस्म से ढंका रहता है। शिव का भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक कारण भी हैं। भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है।
इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। भस्मी त्वचा संबंधी रोगों में भी दवा का काम करती है। भस्मी धारण करने वाले शिव यह संदेश भी देते हैं कि परिस्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालना मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है।
2 त्रिशूल
त्रिशूल भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र है। यदि त्रिशूल का प्रतीक चित्र देखें तो उसमें तीन नुकीले सिरे दिखते हैं। यूं तो यह अस्त्र संहार का प्रतीक है पर वास्तव में यह बहुत ही गूढ़ बात बताता है।
संसार में तीन तरह की प्रवृत्तियां होती हैं- सत, रज और तम। सत मतलब सात्विक, रज मतलब सांसारिक और तम मतलब तामसी अर्थात निशाचरी प्रवृति। हर मनुष्य में ये तीनों प्रवृत्तियां पाई जाती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि इनकी मात्रा में अंतर होता है।
त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिशूल के माध्यम से भगवान शिव यह संदेश देते हैं कि इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। यह त्रिशूल तभी उठाया जाए जब कोई मुश्किल आए। तभी इन तीन गुणों का आवश्यकतानुसार उपयोग हो।
3. श्मशान निवासी
भगवान शिव को वैसे तो परिवार का देवता कहा जाता है, लेकिन फिर भी श्मशान में निवास करते हैं। भगवान शिव के सांसारिक होते हुए भी श्मशान में निवास करने के पीछे लाइफ मैनेजमेंट का एक गूढ़ सूत्र छिपा है। संसार मोह-माया का प्रतीक है जबकि श्मशान वैराग्य का।
भगवान शिव कहते हैं कि संसार में रहते हुए अपने कर्तव्य पूरे करो, लेकिन मोह-माया से दूर रहो। क्योंकि ये संसार तो नश्वर है। एक न एक दिन ये सबकुछ नष्ट होने वाला है। इसलिए संसार में रहते हुए भी किसी से मोह मत रखो और अपने कर्तव्य पूरे करते हुए वैरागी की तरह आचरण करो।
4 नाग
भगवान शिव जितने रहस्यमयी हैं, उनका वस्त्र व आभूषण भी उतने ही विचित्र हैं। सांसारिक लोग जिनसे दूर भागते हैं। भगवान शिव उसे ही अपने साथ रखते हैं। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो गले में नाग धारण करते हैं।
देखा जाए तो नाग बहुत ही खतरनाक प्राणी है, लेकिन वह बिना कारण किसी को नहीं काटता। नाग पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण जीव है। जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं।
लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को गले में धारण कर ये संदेश देते हैं कि जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।
5. कैलाश पर्वत
शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। पर्वतों पर आम लोग नहीं आते-जाते। सिद्ध पुरुष ही वहां तक पहुंच पाते हैं। भगवान शिव भी कैलाश पर्वत पर योग में लीन रहते हैं। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से देखा जाए तो पर्वत प्रतीक है एकांत व ऊंचाई का।
यदि आप किसी प्रकार की सिद्धि पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एकांत स्थान पर ही साधना करनी चाहिए। ऐसे स्थान पर साधना करने से आपका मन भटकेगा नहीं और साधना की उच्च अवस्था तक पहुंच जाएगा।
6. विष
देवताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से निकला विष भगवान शंकर ने अपने कंठ में धारण किया था। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। समुद्र मंथन का अर्थ है अपने मन को मथना, विचारों का मंथन करना।
मन में असंख्य विचार और भावनाएं होती हैं उन्हें मथ कर निकालना और अच्छे विचारों को अपनाना। हम जब अपने मन को मथेंगे तो सबसे पहले बुरे विचार ही निकलेंगे। यही विष हैं, विष बुराइयों का प्रतीक है। शिव ने उसे अपने कंठ में धारण किया। उसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
शिव का विष पीना हमें यह संदेश देता है कि हमें बुराइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। बुराइयों का हर कदम पर सामना करना चाहिए। शिव द्वारा विष पीना यह भी सीख देता है कि यदि कोई बुराई पैदा हो रही हो तो हम उसे दूसरों तक नहीं पहुंचने दें।
7. त्रिनेत्र
धर्म ग्रंथों के अनुसार सभी देवताओं की दो आंखें हैं, लेकिन एकमात्र शिव ही ऐसे देवता हैं जिनकी तीन आंखें हैं। तीन आंखों वाला होने के कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से देखा जाए तो शिव का तीसरा नेत्र प्रतीकात्मक है।
आंखों का काम होता है रास्ता दिखाना और रास्ते में आने वाली मुसीबतों से सावधान करना। जीवन में कई बार ऐसे संकट भी आ जाते हैं, जिन्हें हम समझ नहीं पाते। ऐसे समय में विवेक और धैर्य ही एक सच्चे मार्गदर्शक के रूप में हमें सही-गलत की पहचान कराता है।
यह विवेक अत:प्रेरणा के रूप में हमारे अंदर ही रहता है। बस ज़रुरत है उसे जगाने की। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक बुद्धि का स्रोत है। यही हमें विपरीत परिस्थिति में सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
8. नंदी
भगवान शंकर का वाहन नंदी यानी बैल है। बैल बहुत ही मेहनती जीव होता है। वह शक्तिशाली होने के बावजूद शांत एवं भोला होता है। वैसे ही भगवान शिव भी परमयोगी एवं शक्तिशाली होते हुए भी परम शांत एवं इतने भोले हैं कि उनका एक नाम ही भोलेनाथ जगत में प्रसिद्ध है।
भगवान शंकर ने जिस तरह काम को भस्म कर उस पर विजय प्राप्त की थी, उसी तरह उनका वाहन भी कामी नही होता। उसका काम पर पूरा नियंत्रण होता है।
साथ ही नंदी पुरुषार्थ का भी प्रतीक माना गया है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी बैल कभी थकता नहीं है। वह लगातार अपने कर्म करते रहता है। इसका अर्थ है हमें भी सदैव अपना कर्म करते रहना चाहिए। कर्म करते रहने के कारण जिस तरह नंदी शिव को प्रिय है, उसी प्रकार हम भी भगवान शंकर की कृपा पा सकते हैं।
9. चंद्रमा
भगवान शिव का एक नाम भालचंद्र भी प्रसिद्ध है। भालचंद्र का अर्थ है मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाला। चंद्रमा का स्वभाव शीतल होता है। चंद्रमा की किरणें भी शीतलता प्रदान करती हैं।
लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव कहते हैं कि जीवन में कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न आ जाए, दिमाग हमेशा शांत ही रखना चाहिए। यदि दिमाग शांत रहेगा तो बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकल आएगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है।
मन की प्रवृत्ति बहुत चंचल होती है। भगवान शिव का चंद्रमा को धारण करने का अर्थ है कि मन को सदैव अपने काबू में रखना चाहिए। मन भटकेगा तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। जिसने मन पर नियंत्रण कर लिया, वह अपने जीवन में कठिन से कठिन लक्ष्य भी आसानी से पा लेता है।
10. बिल्व पत्र
शिवपुराण आदि ग्रंथों में भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है। 3 पत्तों वाला बिल्व पत्र ही शिव पूजन में उपयुक्त माना गया है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल्वपत्र के तीनों पत्ते कहीं से कटे-फटे न हो।
लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो बिल्व पत्र के ये तीन पत्ते चार पुरुषार्थों में से तीन का प्रतीक हैं- धर्म, अर्थ व काम। जब आप ये तीनों निस्वार्थ भाव से भगवान शिव को समर्पित कर देते हैं तो चौथा पुरुषार्थ यानी मोक्ष अपने आप ही प्राप्त हो जाता है।
11. भांग-धतूरा
भगवान शिव को भांग-धतूरा मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान को भांग-धतूरा चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। भांग व धतूरा नशीले पदार्थ हैं।
आमजन इनका सेवन नशे के लिए करते हैं। लाइफ मैनेजमेंट के अनुसार भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाने का अर्थ है अपनी बुराइयों को भगवान को समर्पित करना।
यानी अगर आप किसी प्रकार का नशा करते हैं तो इसे भगवान को अर्पित करे दें और भविष्य में कभी भी नशीले पदार्थों का सेवन न करने का संकल्प लें। ऐसा करने से भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी और जीवन सुखमय होगा।
12. शिव के गण
शिव को संहार का देवता कहा गया है। अर्थात जब मनुष्य अपनी सभी मर्यादाओं को तोडऩे लगता है तब शिव उसका संहार कर देते हैं। जिन्हें अपने पाप कर्मों का फल भोगना बचा रहता है वे ही प्रेतयोनि को प्राप्त होते हैं।
चूंकि शिव संहार के देवता हैं। इसलिए इनको दंड भी वे ही देते हैं। इसलिए शिव को भूत-प्रेतों का देवता भी कहा जाता है। दरअसल यह जो भूत-प्रेत है वह कुछ और नहीं बल्कि सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है।
शिव का यह संदेश है कि हर तरह के जीव जिससे सब घृणा करते हैं या भय करते हैं वे भी शिव के समीप पहुंच सकते हैं, केवल शर्त है कि वे अपना सर्वस्व शिव को समर्पित कर दें।
हर हर महादेव
ओम नमः शिवाय
बुधवार, 2 मार्च 2022
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