ऐसे करें उपवास तो बीमारियां कभी नहीं आएंगी पास
उपवास के अनगिनत फायदे हैं। इसलिए उपवास को हमारे धर्मों में अनिवार्य
माना गया है क्योंकि उपवास सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक शुद्धि भी
करता है। उपवास जितना लंबा होगा, शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ेगी। उपवास
करने वाले की सांस लेने और छोडऩे की क्रिया विकार रहित हो जाती है। इससे
स्वाद ग्रहण करने वाली ग्रंथियां पुन: सक्रिय होकर काम करने लगती हैं। उपवास
आपके आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकता है कि आप अपने शरीर, जीवन और भुख पर
अधिक नियंत्रण हासिल कर सकें। हमारा शरीर एक स्वनियंत्रित एवं खुद को ठीक
करने वाली प्रजाति का हिस्सा है।
उपवास रखने वालों को ध्यान रखना
चाहिए कि व्रत के प्रारंभ में भूख लगने पर नींबू पानी व शहद का उपयोग करें।
इससे भूख को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। निर्जला उपवास की मनाही
है क्योंकि पानी के अभाव में अपशिष्ट पदार्थ बाहर नहीं आ पाते हैं। ऐसा भी न
हो कि एक साथ खूब पानी पी लें। इसके बदले दिन में बार-बार नींबू-पानी का
सेवन उचित है। उपवास में साबूदाना व आलू के बजाय खीरा व रेशेदार फलों का
उपयोग लाभप्रद होता है।
उपवास डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, मानसिक रोग जैसे रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
उपवास को रखने से पहले इसकी पूर्व तैयारी अवश्य कर लेनी चाहिए। इसमें ताजे
फल व सब्जियों के साथ पानी की भरपूर मात्रा हितकर होती है। उपवास के दिनों
में बड़ी आंत के एक भाग की सफाई के लिए सादे पानी का एनीमा लेना भी हितकर
होता है। इसके अलावा उपवास के दौरान ईसबगोल लेना भी अच्छा होता है। थ़ोडी
मात्रा में फलों का रस पीने से भी शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते
हैं।उपवास के दौरान इसके दौरान ध्यान लगाना, साधारण व्यायाम, शुद्ध वायु
एवं सूर्य स्नान अत्यंत उपयोगी है। साधारण मसाज के बाद पूरे शरीर का भाप
स्नान, सी सॉल्ट बाथ एवं साधारण प्राणायाम शरीर से बहुत ही जल्दी वैषैले
पदार्थ को बाहर कर देते हैं।
by aditya mandovara
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