मित्रों कुछ रोचक जानकारी दुनिया की सबसे रहस्यमय झील बैकाल के बारे में आप सब से शेयर कर रहा हूँ -
बैकाल झील या बयकाल झील दुनिया की सब से प्राचीन और गहरी झील है।
यह झील 3 करोड़ वर्ष से लगातार बनी हुई है और इसकी औसत गहराई 744.40 मीटर है।
हालाँकि कैस्पियन सागर विश्व की सबसे ज़्यादा पानी वाली झील है, बैकाल का स्थान दूसरे नंबर पर आता है क्योंकि कैस्पियन का पानी खारा है, इसलिए बैकाल दुनिया की सब से बड़ी मीठे पानी की झील है ,, अगर बर्फ़ में जमे हुए पानी और ज़मीन के अन्दर बंद हुए पानी को अलग छोड़ दिया जाए, तो दुनिया की सतह पर मौजूद 20% मीठा पानी इसी एक झील में समाया हुआ है, बैकाल झील रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिण भाग में, रूस के दो राज्यों (इरकुत्स्क ओबलस्त/प्रांत और बुर्यात गणतंत्र) की सीमा पर स्थित है।
हालाँकि कैस्पियन सागर विश्व की सबसे ज़्यादा पानी वाली झील है, बैकाल का स्थान दूसरे नंबर पर आता है क्योंकि कैस्पियन का पानी खारा है, इसलिए बैकाल दुनिया की सब से बड़ी मीठे पानी की झील है ,, अगर बर्फ़ में जमे हुए पानी और ज़मीन के अन्दर बंद हुए पानी को अलग छोड़ दिया जाए, तो दुनिया की सतह पर मौजूद 20% मीठा पानी इसी एक झील में समाया हुआ है, बैकाल झील रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिण भाग में, रूस के दो राज्यों (इरकुत्स्क ओबलस्त/प्रांत और बुर्यात गणतंत्र) की सीमा पर स्थित है।
इस झील को यूनेस्को ने विश्व की अनूठी प्राकृतिक विरासतों की सूची में शामिल कर रखा है।
इस झील की लम्बाई 636 किलोमीटर है और इस झील में दुनिया में उपस्थित कुल पीने लायक पानी का पाँचवा हिस्सा और रूस में उपस्थित कुल पीने लायक पानी का 90% हिस्सा सुरक्षित है। इस झील में पाए जान वाले बहुत-से जीव, और बहुत-सी वनस्पतियाँ दुनिया भर में किसी अन्य जलाशय में नहीं पाए जाते।
बैकाल की सबसे अधिक गहराई 1,642 मीटर है (यानि 5,387 फ़ुट) और इसका पानी विश्व की सब झीलों में साफ़ माना जाता है,,इस झील का आकार एक पतले, लम्बे चाँद की तरह है।
फंड फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ लेक बैकाल के हवाले से रिया नोवोस्ती ने खबर दी है कि बैकाल झील की तली में रूसी मीर-2 मिनी पनडुब्बी को कुछ चमकने वाली धातु की वस्तुएँ मिली हैं। यह करीब 92 साल पहले रूसी गृहयुद्ध के समय जार का खोया हुआ खजाना हो सकता है।
किस्से कहानियों में जिक्र है कि अरबों डॉलर का 1600 टन (सोलह लाख किलो) सोना यहाँ पड़ा है। व्हाइट एडमिरल एलेक्जेंडर कोलचाक ट्रेन से गुजर रहा था और उस समय यह सोना मीठे पानी की इस झील में गिर गया। गृह युद्ध के समय कोलचाक ने खुद को साइबेरिया का शासक घोषित कर दिया था और क्रुगोबैकालस्काया लाइन से जाते केप पोल्विनी में ट्रेन झील में गिर गई थी।
इस झील की लम्बाई 636 किलोमीटर है और इस झील में दुनिया में उपस्थित कुल पीने लायक पानी का पाँचवा हिस्सा और रूस में उपस्थित कुल पीने लायक पानी का 90% हिस्सा सुरक्षित है। इस झील में पाए जान वाले बहुत-से जीव, और बहुत-सी वनस्पतियाँ दुनिया भर में किसी अन्य जलाशय में नहीं पाए जाते।
बैकाल की सबसे अधिक गहराई 1,642 मीटर है (यानि 5,387 फ़ुट) और इसका पानी विश्व की सब झीलों में साफ़ माना जाता है,,इस झील का आकार एक पतले, लम्बे चाँद की तरह है।
फंड फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ लेक बैकाल के हवाले से रिया नोवोस्ती ने खबर दी है कि बैकाल झील की तली में रूसी मीर-2 मिनी पनडुब्बी को कुछ चमकने वाली धातु की वस्तुएँ मिली हैं। यह करीब 92 साल पहले रूसी गृहयुद्ध के समय जार का खोया हुआ खजाना हो सकता है।
किस्से कहानियों में जिक्र है कि अरबों डॉलर का 1600 टन (सोलह लाख किलो) सोना यहाँ पड़ा है। व्हाइट एडमिरल एलेक्जेंडर कोलचाक ट्रेन से गुजर रहा था और उस समय यह सोना मीठे पानी की इस झील में गिर गया। गृह युद्ध के समय कोलचाक ने खुद को साइबेरिया का शासक घोषित कर दिया था और क्रुगोबैकालस्काया लाइन से जाते केप पोल्विनी में ट्रेन झील में गिर गई थी।
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