अधिकतर लोगों के मुंह से 420 तो सुना ही होगा। हमारे आसपास बहुत लोग किसी गलत काम करने वाले को या झूठ बोलने वाले को 420 जरूर बोलते सुना होगा। लेकिन 420 नम्बर के बारे में कभी सोचा जरूर होगा कि आखिर हर गलत काम में इसका प्रयोग क्यों होता है।
आइए जानते हैं कि आखिर 420 का प्रयोग झूठ बोलने वाले और किसी भी गलत काम करने वाले को क्यों बोला जाता है क्या इसके पीछे कोई रोचक राज छुपा है या फिर कुछ ऐसे ही।
1. आखिर 420 किसको बोलते है
हमारे समाज में कोई भी व्यक्ति या उनके समुदाय जो किसी व्यक्ति को धोखा दें या उसे बेईमानी करके कोई संपत्ति हड़पना चाहे या किसी भी प्रकार का कोई गलत काम करता है तो कौन गलत करने वाले व्यक्तियों को 420 ही बोलते हैं।
2. इसके पीछे कानूनी कारण
भारत की कानूनी दंड संहिता के अनुसार एक धारा 420 है जिसमें यह बताया गया है कि जो कोई भी व्यक्ति को धोखा दे या उसे बेईमानी से किसी भी व्यक्ति को कोई भी संपत्ति देने या किसी बहुमूल्य वस्तु या उसके हिस्से को या किसी हस्ताक्षरित या मुहरबंद दस्तावेज जो एक बहुमूल्य वस्तुओं पर भर्ती होने में सक्षम है।
और उसको किसी बहुमूल्य वस्तुएं परिवर्तित करने या बनाने या नष्ट करने के लिए प्रेरित करता है तो उस व्यक्ति को किसी की एक अवधि के लिए उसको सजा हो सकती है।
और करावास 7 साल तक भी बढ़ाया जा सकता है इसके साथ उसे आर्थिक दंड भी दिया जा सकता है।
3. 420 के पीछे कानूनी सजा
अब आप तो समझ ही गए होंगे कि 420 कोई नाम नहीं यह एक अपराध है जिसके लिए भारत सरकार द्वारा सजा भी निर्धारित की गई है।
अगर कोई व्यक्ति छल करता है या बेईमानी करके किसी संपत्ति को परिवर्तित करने या नष्ट करने की कोशिश करता है तो उसे सत साल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है क्योंकि यह एक गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है।
यह प्राप्त किसी भी न्यायाधीश के द्वारा ही विचार किया जाता है।
अगर
कोई अपराधी पीड़ित व्यक्ति से समझौता करना चाहता है तो वह बिना न्यायालय
के यदि व्यक्ति से समझौता नहीं कर सकता है।इसके लिए अपराधी को न्यायालय से
अनुमति लेनी पड़ेगी।
अब आप लोग समझ ही गए होंगे कि 420 कोई नाम नहीं बल्कि एक अपराध है जिसके द्वारा कोर्ट भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को दंडित करता है और अपराधी को सजा भी देती है।
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