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बुधवार, 18 जुलाई 2012

व्यवस्था बदलनी है तो

आज़ादी के 65 सालों के बाद भी खाप पंचायतों की पहचान और प्रचलन उसी तरह से चलता आया है जैसे कभी यह अस्तित्व में आयी होंगी...राजनीति,राजनीतिक पार्टियां और खाप पंचायतों का घनिष्ठ रिश्ता पहले भी था और आज भी है...अपने तुगलकी फरमानों से यह खाप पंचायतें अक्सर हैरान परेशान करती रहीं हैं और आज भी कर रही हैं जबकि ग्राम पंचायतों को सत्ता में पूरी तरह से भागीदार बनाने की ज़रूरत है और खाप पंचायतों को ध्यान न देते हुये उनके प्रचलन को समाप्त कर दिया जाना चाहिए था ....खाप पंचायतें कोई विकास कार्यक्रम न चलाती हैं और न ही चला सकती हैं क्योंकि इनका आधार सामुदायिक एवं जातीय होता है और यह खाप पंचायतें राजनीति,राजनीतिक पार्टियों और राजनीतिक लोगों के लिए वरदान साबित होती रही हैं और आज भी हो रही हैं...यही खाप पंचायतें राजनीति के लिए वोट बैंक होती हैं...!!

राजनीति,पार्टियां और राजनीतिक लोग अक्सर इन्हीं खाप पंचायतों के आगे नतमस्तक रहते हैं और सरंक्षण भी प्रदान करते हैं...इन खाप पंचायतों के फैसले भी शायद राजनीति के इशारों पर ही होते हैं क्योंकि राजनीति तो लोगों को बांटने में विश्वास करती है और यह खाप पंचायतें उसी दिशा में विशेषज्ञ साबित होती हैं....चाहे वो किसी भी धर्म,समुदाय,जाति का प्रतिनिधित्व करती हों लेकिन धंधा उनका वही होता है...वोट बैंक बनकर चलना...किसी भी पार्टी या नेता के साथ समय देखकर पाला बदलने में भी महारत रहती है इन खाप पंचायतों के पास...!!

हम आप देख रहे हैं कि राजनीतिक लोग और पार्टियां इतनी जनता के सड़कों पर उतरने के बाद भी किस घमंड में चूर हैं और आम लोगों के लिए किसी भी पार्टी में कोई संवेदना है ही नहीं इन्हीं खाप पंचायतों के बूते पर राजनीति,पार्टियां और राजनीतिक लोग फलफूल रहे हैं और आम आदमी आजतक पिस रहा है...राजनीति,पार्टियां और राजनीतिक लोग इन्हीं खाप पंचायतों के दम पर आम आदमी को नज़रअंदाज़ करती आयी हैं...क्योंकि राजनीति वाले समझते हैं कि उनका वोट बैंक तो है ही उनके साथ...और आम आदमी को इस खाप पंचायत संस्कृति के पीछे के खेल की समझ नहीं है...!!

व्यवस्था बदलनी है तो ग्राम स्वराज का रास्ता ग्राम पंचायत से होकर निकलता है...खाप पंचायत से नहीं...खाप पंचायत के प्रचलन को अपने समाज से कैसे हटाना है...सोचना चाहिए हमको...!!
 आजकल खाप पंचायत याने जात पंचायत पर काफी बहस होती दिखाई दे रही है. एक समय में माहेश्वरी समाज के प्रबंधन में माहेश्वरी पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी, समस्याओं को पंचायत में ही सुलझाया जाता था. फिर धीरे-धीरे माहेश्वरी पंचायते बंद होती गयी. कुछ समाजशास्त्री कहते है की जात पंचायते समाज को जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है समाज की समस्याओं को भी सुलझाती है. यह एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ समाज के लोग अपना समय देकर, बिनाशुल्क समस्या सुलझाते है. जात पंचायतों के विरोधियों का कहना होता है की, पंचायतों के फैसले/ निर्णय कई बार गलत होते है. पंचायतों के समर्थक कहते है की पुलिस भी कई बार गलत काम कर जाती है; कोर्ट के फैसले भी कई बार गलत साबित हुए है तो क्या उन व्यवस्थाओं को बंद करने की बाते होती है? नहीं! तो जात पंचायतों के बारेमें ही ऐसा क्यों सोचा जाता है. हर एक व्यवस्था में समय के अनुसार सुधार होते रहते है; जात पंचायतों में भी उचित सुधार करते हुए इस व्यवस्था का लाभ लिया जाना चाहिए.
शायद आज माहेश्वरी पंचायत कार्यरत होती तो कहीं पर भी बूढ़े माँ-बाप को उनके बच्चे घरसे बाहर ना निकाल पाते, शायद लड़कियाँ अन्य जातिमे शादियाँ नही करती, अन्य लोगोंसे समाज के भाई- बहनों को, बेपारियों को कही कोई तकलीफ नही होती. समाज के संगठन भी एक तरह से जात पंचायतों का ही आधुनिक स्वरुप है लेकिन यह संगठन जात पंचायतों की तरह काम में कारगर या असरदार नही दिखाई देते है, जात पंचायतों की तरह विश्वसनीयता पाने में भी सफल नही हुए है.

नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

जितने भी लोग महाभारत को काल्पनिक बताते हैं...उनके मुंह पर पर एक जोरदार तमाचा है

जितने भी लोग महाभारत को काल्पनिक बताते हैं...उनके मुंह पर पर एक जोरदार तमाचा है

महाभारत के बाद से आधुनिक काल तक के सभी राजाओं का विवरण क्रमवार तरीके से नीचे प्रस्तुत किया जा रहा है...!

आपको यह जानकर एक बहुत ही आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी होगी कि महाभारत युद्ध के पश्चात् राजा युधिष्ठिर की 30 पीढ़ियों ने 1770 वर्ष 11 माह 10 दिन तक राज्य किया था..... जिसका पूरा विवरण इस प्रकार है :...
क्र................... शासक का नाम.......... वर्ष....माह.. दिन

1 राजा युधिष्ठिर (Raja Yudhisthir)..... 36.... 08.... 25
2 राजा परीक्षित (Raja Parikshit)........ 60.... 00..... 00
3 राजा जनमेजय (Raja Janmejay).... 84.... 07...... 23
4 अश्वमेध (Ashwamedh )................. 82.....08..... 22
5 द्वैतीयरम (Dwateeyram )............... 88.... 02......08
6 क्षत्रमाल (Kshatramal)................... 81.... 11..... 27
7 चित्ररथ (Chitrarath)...................... 75......03.....18
8 दुष्टशैल्य (Dushtashailya)............... 75.....10.......24
9 राजा उग्रसेन (Raja Ugrasain)......... 78.....07.......21
10 राजा शूरसेन (Raja Shoorsain).......78....07........21
11 भुवनपति (Bhuwanpati)................69....05.......05
12 रणजीत (Ranjeet).........................65....10......04
13 श्रक्षक (Shrakshak).......................64.....07......04
14 सुखदेव (Sukhdev)........................62....00.......24
15 नरहरिदेव (Narharidev).................51.....10.......02
16 शुचिरथ (Suchirath).....................42......11.......02
17 शूरसेन द्वितीय (Shoorsain II)........58.....10.......08
18 पर्वतसेन (Parvatsain )..................55.....08.......10
19 मेधावी (Medhawi)........................52.....10......10
20 सोनचीर (Soncheer).....................50.....08.......21
21 भीमदेव (Bheemdev)....................47......09.......20
22 नरहिरदेव द्वितीय (Nraharidev II)...45.....11.......23
23 पूरनमाल (Pooranmal)..................44.....08.......07
24 कर्दवी (Kardavi)...........................44.....10........08
25 अलामामिक (Alamamik)...............50....11........08
26 उदयपाल (Udaipal).......................38....09........00
27 दुवानमल (Duwanmal)..................40....10.......26
28 दामात (Damaat)..........................32....00.......00
29 भीमपाल (Bheempal)...................58....05........08
30 क्षेमक (Kshemak)........................48....11........21


इसके बाद ....क्षेमक के प्रधानमन्त्री विश्व ने क्षेमक का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 14 पीढ़ियों ने 500 वर्ष 3 माह 17 दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 विश्व (Vishwa)......................... 17 3 29
2 पुरसेनी (Purseni)..................... 42 8 21
3 वीरसेनी (Veerseni).................. 52 10 07
4 अंगशायी (Anangshayi)........... 47 08 23
5 हरिजित (Harijit).................... 35 09 17
6 परमसेनी (Paramseni)............. 44 02 23
7 सुखपाताल (Sukhpatal)......... 30 02 21
8 काद्रुत (Kadrut)................... 42 09 24
9 सज्ज (Sajj)........................ 32 02 14
10 आम्रचूड़ (Amarchud)......... 27 03 16
11 अमिपाल (Amipal) .............22 11 25
12 दशरथ (Dashrath)............... 25 04 12
13 वीरसाल (Veersaal)...............31 08 11
14 वीरसालसेन (Veersaalsen).......47 0 14

इसके उपरांत...राजा वीरसालसेन के प्रधानमन्त्री वीरमाह ने वीरसालसेन का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 16 पीढ़ियों ने 445 वर्ष 5 माह 3 दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 राजा वीरमाह (Raja Veermaha)......... 35 10 8
2 अजितसिंह (Ajitsingh)...................... 27 7 19
3 सर्वदत्त (Sarvadatta)..........................28 3 10
4 भुवनपति (Bhuwanpati)...................15 4 10
5 वीरसेन (Veersen)............................21 2 13
6 महिपाल (Mahipal)............................40 8 7
7 शत्रुशाल (Shatrushaal).....................26 4 3
8 संघराज (Sanghraj)........................17 2 10
9 तेजपाल (Tejpal).........................28 11 10
10 मानिकचंद (Manikchand)............37 7 21
11 कामसेनी (Kamseni)..................42 5 10
12 शत्रुमर्दन (Shatrumardan)..........8 11 13
13 जीवनलोक (Jeevanlok).............28 9 17
14 हरिराव (Harirao)......................26 10 29
15 वीरसेन द्वितीय (Veersen II)........35 2 20
16 आदित्यकेतु (Adityaketu)..........23 11 13

ततपश्चात् प्रयाग के राजा धनधर ने आदित्यकेतु का वध करके उसके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 9 पीढ़ी ने 374 वर्ष 11 माह 26 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण इस प्रकार है ..

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 राजा धनधर (Raja Dhandhar)...........23 11 13
2 महर्षि (Maharshi)...............................41 2 29
3 संरछि (Sanrachhi)............................50 10 19
4 महायुध (Mahayudha).........................30 3 8
5 दुर्नाथ (Durnath)...............................28 5 25
6 जीवनराज (Jeevanraj).......................45 2 5
7 रुद्रसेन (Rudrasen)..........................47 4 28
8 आरिलक (Aarilak)..........................52 10 8
9 राजपाल (Rajpal)..............................36 0 0

उसके बाद ...सामन्त महानपाल ने राजपाल का वध करके 14 वर्ष तक राज्य किया। अवन्तिका (वर्तमान उज्जैन) के विक्रमादित्य ने महानपाल का वध करके 93 वर्ष तक राज्य किया। विक्रमादित्य का वध समुद्रपाल ने किया और उसकी 16 पीढ़ियों ने 372 वर्ष 4 माह 27 दिन तक राज्य किया !जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 समुद्रपाल (Samudrapal).............54 2 20
2 चन्द्रपाल (Chandrapal)................36 5 4
3 सहपाल (Sahaypal)...................11 4 11
4 देवपाल (Devpal).....................27 1 28
5 नरसिंहपाल (Narsighpal).........18 0 20
6 सामपाल (Sampal)...............27 1 17
7 रघुपाल (Raghupal)...........22 3 25
8 गोविन्दपाल (Govindpal)........27 1 17
9 अमृतपाल (Amratpal).........36 10 13
10 बालिपाल (Balipal).........12 5 27
11 महिपाल (Mahipal)...........13 8 4
12 हरिपाल (Haripal)..........14 8 4
13 सीसपाल (Seespal).......11 10 13
14 मदनपाल (Madanpal)......17 10 19
15 कर्मपाल (Karmpal)........16 2 2
16 विक्रमपाल (Vikrampal).....24 11 13

टिप : कुछ ग्रंथों में सीसपाल के स्थान पर भीमपाल का उल्लेख मिलता है, सम्भव है कि उसके दो नाम रहे हों।

इसके उपरांत .....विक्रमपाल ने पश्चिम में स्थित राजा मालकचन्द बोहरा के राज्य पर आक्रमण कर दिया जिसमे मालकचन्द बोहरा की विजय हुई और विक्रमपाल मारा गया। मालकचन्द बोहरा की 10 पीढ़ियों ने 191 वर्ष 1 माह 16 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 मालकचन्द (Malukhchand) 54 2 10
2 विक्रमचन्द (Vikramchand) 12 7 12
3 मानकचन्द (Manakchand) 10 0 5
4 रामचन्द (Ramchand) 13 11 8
5 हरिचंद (Harichand) 14 9 24
6 कल्याणचन्द (Kalyanchand) 10 5 4
7 भीमचन्द (Bhimchand) 16 2 9
8 लोवचन्द (Lovchand) 26 3 22
9 गोविन्दचन्द (Govindchand) 31 7 12
10 रानी पद्मावती (Rani Padmavati) 1 0 0

रानी पद्मावती गोविन्दचन्द की पत्नी थीं। कोई सन्तान न होने के कारण पद्मावती ने हरिप्रेम वैरागी को सिंहासनारूढ़ किया जिसकी पीढ़ियों ने 50 वर्ष 0 माह 12 दिन तक राज्य किया !जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 हरिप्रेम (Hariprem) 7 5 16
2 गोविन्दप्रेम (Govindprem) 20 2 8
3 गोपालप्रेम (Gopalprem) 15 7 28
4 महाबाहु (Mahabahu) 6 8 29

इसके बाद.......राजा महाबाहु ने सन्यास ले लिया । इस पर बंगाल के अधिसेन ने उसके राज्य पर आक्रमण कर अधिकार जमा लिया। अधिसेन की 12 पीढ़ियों ने 152 वर्ष 11 माह 2 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 अधिसेन (Adhisen) 18 5 21
2 विल्वसेन (Vilavalsen) 12 4 2
3 केशवसेन (Keshavsen) 15 7 12
4 माधवसेन (Madhavsen) 12 4 2
5 मयूरसेन (Mayursen) 20 11 27
6 भीमसेन (Bhimsen) 5 10 9
7 कल्याणसेन (Kalyansen) 4 8 21
8 हरिसेन (Harisen) 12 0 25
9 क्षेमसेन (Kshemsen) 8 11 15
10 नारायणसेन (Narayansen) 2 2 29
11 लक्ष्मीसेन (Lakshmisen) 26 10 0
12 दामोदरसेन (Damodarsen) 11 5 19

लेकिन जब ....दामोदरसेन ने उमराव दीपसिंह को प्रताड़ित किया तो दीपसिंह ने सेना की सहायता से दामोदरसेन का वध करके राज्य पर अधिकार कर लिया तथा उसकी 6 पीढ़ियों ने 107 वर्ष 6 माह 22 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 दीपसिंह (Deepsingh) 17 1 26
2 राजसिंह (Rajsingh) 14 5 0
3 रणसिंह (Ransingh) 9 8 11
4 नरसिंह (Narsingh) 45 0 15
5 हरिसिंह (Harisingh) 13 2 29
6 जीवनसिंह (Jeevansingh) 8 0 1

पृथ्वीराज चौहान ने जीवनसिंह पर आक्रमण करके तथा उसका वध करके राज्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया। पृथ्वीराज चौहान की 5 पीढ़ियों ने 86 वर्ष 0 माह 20 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन

1 पृथ्वीराज (Prathviraj) 12 2 19
2 अभयपाल (Abhayapal) 14 5 17
3 दुर्जनपाल (Durjanpal) 11 4 14
4 उदयपाल (Udayapal) 11 7 3
5 यशपाल (Yashpal) 36 4 27

विक्रम संवत 1249 (1193 AD) में मोहम्मद गोरी ने यशपाल पर आक्रमण कर उसे प्रयाग के कारागार में डाल दिया और उसके राज्य को अधिकार में ले लिया।

इस जानकारी का स्रोत स्वामी दयानन्द सरस्वती के सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ, चित्तौड़गढ़ राजस्थान से प्रकाशित पत्रिका हरिशचन्द्रिका और मोहनचन्द्रिका के विक्रम संवत1939 के अंक और कुछ अन्य संस्कृत ग्रंथ है।

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सोमवार, 16 जुलाई 2012

Prenatal Yoga with Lara Dutta - Routine



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सोमवार, 11 जून 2012

"साँवरिया" activities

मैं एक  बहुत  ही  साधारण  इंसान  हूँ | जीवन में  कई  सारे  अनुभव  से  गुजरते  हुए  में  आज  अपने  आप  को  आप  लोगों  के  सामने  स्थापित  कर  पाया  हूँ . बचपन  से  लेकर  आज  तक  आप सभी लोगो ने अपने जीवन में कई  लोगो  को  भूखे  सोते  देखा होगा, कई  लोग  ऐसे भी होते हैं  जिनके  पास  पहनने  को  कपडे  नहीं  है, किसी  को  पढना  है  पर  किताबें  नहीं  है, कई  बालक  नहीं  चाहते  हुए  भी  किस्मत  के  कारण भीख  मांगने  को  मजबूर  हो जाते है | इन  सभी  परिस्थितियों  को  हम सभी अपने जीवन में भी कही ना कही देखते  ही हैं लेकिन बहुत कम लोग ही उन पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है या उन लोगो के बारे में सोच पाते है किन्तु भगवान् की  दया  से  आज  मुझे  उन  सभी  की  मदद  करने  की  प्रेरणा जागृत  हुई  और  इसलिए  आज  मेने  एक  संकल्प  लिया  है  उन अनाथ भाई बहिनों की  मदद  करने  का, जिनका  इस  दुनिया  में  भगवान् के अलावा कोई  नहीं  है और मेने निश्चय किया है कि उन  भाइयों  की  मुझसे  जिस  भी  प्रकार  कि  मदद  होगी  मैं  करूँगा | मैं  इसमें  अपना  तन -मन -धन  मुझसे  जितना  होगा  बिना  किसी  स्वार्थ  के  दूंगा . आज  दिनांक 31-07-2009 से  सावन  के  महीने में भगवान का  नाम  लेकर  इस अभियान हेतु इस वेबसाइट की शुरुआत  कर  रहा  हूँ | और इस वेबसाइट को बनाने  का  मेरा और कोई  मकसद  नहीं  है  बस  मैं  सिर्फ  उन  निस्वार्थ  लोगो  से  संपर्क  रखना  चाहता  हूँ  जो  इस  तरह  की  सोच  रखते  है  और दुसरो को मदद करना चाहते है मुझे  उनसे  और  कुछ  नहीं  चाहिए  बस  मेरे  इस  संकल्प  को  पूरा  करने  के  लिए  मुझे  अपनी  शुभकामनाये  और  आशीर्वाद  ज़रूर  देना  ताकि  मैं  बिना   किसी  रुकावट  के  गरीब  लोगो  की  मदद  कर  सकूँ .
             ये  वेबसाइट  आप  जेसे  लोगों  से  संपर्क  रखने  के  उद्देश्य  से  बनाई  है 
अगर  आप  मेरे  इस  काम  मैं  सहयोग  करना  चाहते  हैं  तो  अपनी श्रद्धानुसार तन-मन-धन से जिस भी प्रकार आप से हो सके आपके स्वयं के क्षेत्र में ही  आप  अपने  घर  मैं  जो  भी  चीज़  आपके  काम  नहीं  आ  रही  हो  जैसे   - कपडे , बर्तन , किताबे इत्यादि  को  फेंके  नहीं  और  उन्हें  किसी  गरीब  के  लिए  इकठ्ठा  कर  के  रखे  और  यदि  कोई  पैसे  की  मदद  करने  की  इच्छा  रखता  हो  तो  वो  भी  खुद  ही  रोजाना  अपनी  जेब खर्च  में  से  बचत  करना  शुरू  कर  दे  ताकि  वो भी किसी  गरीब के काम आ  सके  इस  तरह  एक  दिन  बचाते  बचाते  बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपके पास बहुत  सारे कपडे , बर्तन , किताबें और  पैसे  हो  जायेंगे  जो  की  उन  लोगो  के  काम  आ  जायेंगे  जिनके  पास  कुछ  भी  नहीं है |
   
 कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते हैं 
 "अपने  लिए  तो  सभी  करते  हैं  दूसरों  के  लिए  कर  के  देखो
कलियुग में राष्ट्र सेवा, गौ सेवा, और दीन दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है
"साँवरिया" का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया" का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा हो जाये |
                       
     "सर्वे  भवन्तु  सुखिनः "

 "सांवरिया" अभियान का आगाज
जय श्री कृष्णा मित्रों

आज पर्यावरण दिवस के मोके पर "सांवरिया" अभियान का आगाज किया गया
पर्यावरण दिवस के अवसर पर मारवाड़ी महासभा, ठाणे(महाराष्ट्र)  और उनकी सम्बन्ध संस्था "सांवरिया" के संयुक्त तत्वावधान में  "हरयालो राजस्थान अभियान" की शुरुआत जोधपुर में सांवरिया के संस्थापक श्री कैलाश चन्द्र लढा एवं श्रीमती सोनू लढा तथा उनके सहयोगी मित्र पवन मेवाडा,  गौरव जाजू, अनिल बंग, विक्रम माहेश्वरी एवं  अन्य क्षेत्रवासियों  ने मिलकर अपने आस पास के क्षेत्रों में नीम के वृक्ष लगाकर राजस्थान को हराभरा करने का संकल्प लिया और इसी के साथ "सांवरिया" ने श्री महेश राठी (संस्थापक) मारवाड़ी महासभा के सहयोग से जोधपुर में जल्द ही अन्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की शुरुआत की घोषणा भी की |
श्री कैलाश ने बताया कि "साँवरिया"  का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया"  के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तुएं/कपडे/किताबे/अन्य सामग्री और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने  वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया"  का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा बना रहे |



"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने मिलकर फेसबुक के मध्यम से दिया अनाथ बच्चो को सहारा

"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों द्वारा दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया वितरित कर मनाने की नई परंपरा शुरू करने का अभियान चलाया जा रहा है इसी दौरान फ़ेसबुक के रमेश शारदा द्वारा "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों को पिता के कैंसरग्रस्त होने के बाद छोटे भाई-बहनों सहित परिवार को पालने के लिए भीख मांगने को विवश हुई बारह साल की अंजलि की खबर फ़ेसबुक पर बताया जिसमे पहले से ही इस कार्य के लिए एक हुए "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों ने खबर के आधार पर पढ़ी तो स्वाति जैसलमेरिया व कैलाश लढा ने पता लगाकर उसकी मदद करने करने लिए स्वाती जैसलमेरिया ने स्वयं जाकर अंजलि के परिवार को सांत्वना दी ओर तत्काल राशन की सामग्री/कपड़े/ स्कूल बेग/ स्कूल ड्रेस आदि ले जाकर उसे सहारा देने के लिए जिला कलेक्टर से मिलकर उसे आर्थिक सहयता दिलवाने को कहा तथा फ़ेसबुक पर लोगो से अपील की | उसी दिन स्वाती जी ने स्वयं अंजलि ओर उसकी बहिन को लेजाकर पास के ही प्राइवेट स्कूल मे शुल्क जमा करवाकर उसकी शिक्षा का प्रबंध भी कर दिया|
अंजलि के सिर पर अब पिता का साया तो नहीं रहा लेकिन देश-विदेश से सैकड़ों हाथ उसकी मदद के लिए आगे आए हैं।देश के कई हिस्सों से अंजलि को शिक्षा व आर्थिक मदद पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया मदद मिलने से अब अंजलि के चेहरे पर खुशी के साथ इस बात का सुकून है कि उसके परिवार का बेहतर पालन हो सकेगा।
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ग्रूप का प्रथम प्रयास सफल हुआ

इसके साथ ही "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालक स्वाति जैसलमेरिया, कैलाश लढा, सोनू लढा, राज मालपानि, निलेश मंत्री, अमित चंद्रकांत कालांत्री व ने मिलकर दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया वितरित कर मनाने की नई परंपरा की शुरुआत जोधपुर से की|
जिसमे सोशल मीडिया फ़ेसबुक पर "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" सभी लोगो ने समर्थन किया ओर देश के कई हिस्सो से लोगो ने इस कार्य के लिए अपना सहयोग करने हेतु "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" को अलग अलग शहरों मे सहयोग राशि भिजवाई, इससे "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने जोधपुर के स्वाति जैसलमेरिया, कैलाश लढा, सोनू लढा व पवन मेवाड़ा, विक्रम तोषणीवाल ने, आंध्रप्रदेश मे श्री राज मालपानि ने, नासिक मे निलेश मंत्री व अमित चंद्रकांत कालांत्री ने सभी जगहो पर ग़रीबो मे सर्दी के कपड़े, शॉल व मिठाई वितरित की| इससे प्रेरित होकर सभी लोगो ने इस प्रदूषणमुक्त दीवाली का अपने अपने शहरो मे भी इसी प्रकार आयोजन किया ओर भविष्य मे इसी प्रकार त्योहार मनाने का निश्चय किया
भीलवाड़ा के श्री रामनारायण जी लढा के पुत्र और साँवरिया के संचालक श्री कैलाश लढा ने बताया कि "साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा | आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |


 
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Sanwariya News



































मंगलवार, 5 जून 2012

"सांवरिया" अभियान का आगाज

जय श्री कृष्णा मित्रों

आज पर्यावरण दिवस के मोके पर "सांवरिया" अभियान का आगाज किया गया
पर्यावरण दिवस के अवसर पर मारवाड़ी महासभा, ठाणे(महाराष्ट्र)  और उनकी सम्बन्ध संस्था "सांवरिया" के संयुक्त तत्वावधान में  "हरयालो राजस्थान अभियान" की शुरुआत जोधपुर में सांवरिया के संस्थापक श्री कैलाश चन्द्र लढा एवं श्रीमती सोनू लढा तथा उनके सहयोगी मित्र पवन मेवाडा,  गौरव जाजू, अनिल बंग, विक्रम माहेश्वरी एवं  अन्य क्षेत्रवासियों  ने मिलकर अपने आस पास के क्षेत्रों में नीम के वृक्ष लगाकर राजस्थान को हराभरा करने का संकल्प लिया और इसी के साथ "सांवरिया" ने श्री महेश राठी (संस्थापक) मारवाड़ी महासभा के सहयोग से जोधपुर में जल्द ही अन्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की शुरुआत की घोषणा भी की |
श्री कैलाश ने बताया कि "साँवरिया"  का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया"  के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तुएं/कपडे/किताबे/अन्य सामग्री और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने  वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया"  का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा बना रहे |


"साँवरिया" का लक्ष्य





"साँवरिया" का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है

मैं एक  बहुत  ही  साधारण  इंसान  हूँ | जीवन में  कई  सारे  अनुभव  से  गुजरते  हुए  में  आज  अपने  आप  को  आप  लोगों  के  सामने  स्थापित  कर  पाया  हूँ . बचपन  से  लेकर  आज  तक  आप सभी लोगो ने अपने जीवन में कई  लोगो  को  भूखे  सोते  देखा होगा, कई  लोग  ऐसे भी होते हैं  जिनके  पास  पहनने  को  कपडे  नहीं  है, किसी  को  पढना  है  पर  किताबें  नहीं  है, कई  बालक  नहीं  चाहते  हुए  भी  किस्मत  के  कारण भीख  मांगने  को  मजबूर  हो जाते है | इन  सभी  परिस्थितियों  को  हम सभी अपने जीवन में भी कही ना कही देखते  ही हैं लेकिन बहुत कम लोग ही उन पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है या उन लोगो के बारे में सोच पाते है किन्तु भगवान् की  दया  से  आज  मुझे  उन  सभी  की  मदद  करने  की  प्रेरणा जागृत  हुई  और  इसलिए  आज  मेने  एक  संकल्प  लिया  है  उन अनाथ भाई बहिनों की  मदद  करने  का, जिनका  इस  दुनिया  में  भगवान् के अलावा कोई  नहीं  है और मेने निश्चय किया है कि उन  भाइयों  की  मुझसे  जिस  भी  प्रकार  कि  मदद  होगी  मैं  करूँगा | मैं  इसमें  अपना  तन -मन -धन  मुझसे  जितना  होगा  बिना  किसी  स्वार्थ  के  दूंगा . आज  दिनांक 31-07-2009 से  सावन  के  महीने में भगवान का  नाम  लेकर  इस अभियान हेतु इस वेबसाइट की शुरुआत  कर  रहा  हूँ | और इस वेबसाइट को बनाने  का  मेरा और कोई  मकसद  नहीं  है  बस  मैं  सिर्फ  उन  निस्वार्थ  लोगो  से  संपर्क  रखना  चाहता  हूँ  जो  इस  तरह  की  सोच  रखते  है  और दुसरो को मदद करना चाहते है मुझे  उनसे  और  कुछ  नहीं  चाहिए  बस  मेरे  इस  संकल्प  को  पूरा  करने  के  लिए  मुझे  अपनी  शुभकामनाये  और  आशीर्वाद  ज़रूर  देना  ताकि  मैं  बिना   किसी  रुकावट  के  गरीब  लोगो  की  मदद  कर  सकूँ .
             ये  वेबसाइट  आप  जेसे  लोगों  से  संपर्क  रखने  के  उद्देश्य  से  बनाई  है 
अगर  आप  मेरे  इस  काम  मैं  सहयोग  करना  चाहते  हैं  तो  अपनी श्रद्धानुसार तन-मन-धन से जिस भी प्रकार आप से हो सके आपके स्वयं के क्षेत्र में ही  आप  अपने  घर  मैं  जो  भी  चीज़  आपके  काम  नहीं  आ  रही  हो  जैसे   - कपडे , बर्तन , किताबे इत्यादि  को  फेंके  नहीं  और  उन्हें  किसी  गरीब  के  लिए  इकठ्ठा  कर  के  रखे  और  यदि  कोई  पैसे  की  मदद  करने  की  इच्छा  रखता  हो  तो  वो  भी  खुद  ही  रोजाना  अपनी  जेब खर्च  में  से  बचत  करना  शुरू  कर  दे  ताकि  वो भी किसी  गरीब के काम आ  सके  इस  तरह  एक  दिन  बचाते  बचाते  बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपके पास बहुत  सारे कपडे , बर्तन , किताबें और  पैसे  हो  जायेंगे  जो  की  उन  लोगो  के  काम  आ  जायेंगे  जिनके  पास  कुछ  भी  नहीं है |
    
 
 कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते हैं 
 
"अपने  लिए  तो  सभी  करते  हैं  दूसरों  के  लिए  कर  के  देखो
कलियुग में राष्ट्र सेवा, गौ सेवा, और दीन दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है
"साँवरिया" का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया" का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा हो जाये |
                       
     "सर्वे  भवन्तु  सुखिनः "         

मंगलवार, 29 मई 2012

भगवान से कि गयी प्रार्थना पर विश्वास

एक छोटे से कस्बे में एक आदमी ने बार बिजनेस शुरू करने की सोची!

जो जगह उसने बार खोलने के लिए चुनी वह बिल्कुल मंदिर के सामने थी!

मंदिर कमेटी ने इस बात का बड़ा विरोध किया कि वहां पर बार कतई नहीं खुलना चाहिए!
मंदिर के पुजारियों ने तो आत्मदाह तक करने की धमकी दे डाली और एक याचिका कोर्ट में दे दी कि कोर्ट आदेश दें की वह आदमी मंदिर के सामने बार न बनायें! पर वह बिजनेसमैन नही माना उसने बार बनाने के लिए निर्माण कार्य शुरू कर दिया!

जब यह बनकर पूरा होने वाला था तो एक दिन अचानक ही जोर की बिजली कड़की और उसका बार पूरा टूट गया!
मंदिर कमेटी के सभी लोग काफी संतुष्ट थे कि बिना किसी विवाद के उसका बार खुद ही टूट गया!

परन्तु बार के मालिक ने कोर्ट जाकर मंदिर कमेटी के खिलाफ याचिका दर्ज की कि उसका बार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मंदिर वालों द्वारा की गयी प्रार्थनाओं की वजह से ही टूटा है!

कोर्ट ने दोनों पक्षवालों को कोर्ट में आने के आदेश दिए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज काफी असमंजस की स्थिति में पहुँच गया कि वह क्या निर्णय दें?

फिर जज ने दोनों पक्षों कि दलीलें सुनने व कागजी कार्यवाही देखने के बाद बोला मैं नही जानता कि मैं क्या नतीजा सुनाऊं?

एक तरफ बार वाला है जो भगवान से कि गयी प्रार्थना पर विश्वास करता है और एक तरफ मंदिर के वे अधिकारी है जो हमेशा मंदिर में ही रहते है पर प्रार्थना पर विश्वास नही करते!


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जागो, हिंदुस्तान के हिन्दुवों.... जागो : एक जनवरी (नववर्ष उत्सव) भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी संस्कृति का आतंक......
अंग्रेजी नववर्ष का उत्सव न मनायें..... हिन्दू नववर्ष मनायें !!!

भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव इस कदर छा गया है क़ि हम भारतीय अपने सारे रीती-रिवाज शन: शन: भूलते जा रहे है l अंग्रेजों का नया साल आने वाला है, जिसे मनाने के लिए सभी* हिन्दू जोर-शोर से लग जाते है, जब क़ि हिन्दुवों का नववर्ष कब आकर चला जाता है, ये उनको पता ही नहीं चलता l नवयुवकों को अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से यह जानना चाहिए क़ि हिन्दू नववर्ष आप लोग कैसे मानते थे ?
हिन्दुवों का साल विक्रम सम्वत होता है, जो क़ि अभी 2068 चल रहा है और 23 मार्च 2012 को नया विक्रम सम्वत 2069 चालू होगा l जब सारे त्यौहार (जितने भी हिन्दू त्यौहार) हिन्दू कैलेण्डर वर्ष से मनाये जाते है, तो फिर नया साल अंग्रेजी क्यों.......???
सोचे, समझें और विचार करें....... यह दृढ निश्चय करें क़ि मुझे हिन्दू नया साल मनाना है, अंग्रेजी नया साल मनाने नहीं जाना है या नहीं मानना है l

नया हिन्दू वर्ष कैसे मानते है ?
जहाँ तक मुझे मालूम है.... हमारे बड़े-बुजुर्ग हिन्दू नववर्ष के दिन सवेरे जल्दी नहाकर मन्दिर जाया करते थे और नये कपड़े पहना करते थे, इसके साथ ही मन्दिर में भगवान की मूर्ति को 'नीम' और 'मिश्री' अर्पण करते थे और फिर प्रसाद स्वरुप पाते थे, लेकिन आजकल ये सभी प्रथायें धीरे-धीरे गौण होती जा रही है l यदि आप सभी हिन्दू लोग समय रहते नहीं जागे, तो ये सभी प्रथायें निश्चित ही लुप्त हो जाएगी l हालाँकि, भारत वर्ष में ही नहीं पुरे विश्व में सरकारी या बिज़नस सम्बन्धी सारे कार्य अंग्रेजी वर्ष में ही होते है l ये हम लोगो क़ि मजबूरी है, जो माननी ही पड़ती है l
इसके अलावा जब सारे त्यौहार इत्यादी हिन्दू कैलेण्डर वर्ष से मनाये जाते है तो फिर नया साल हिन्दू वर्ष वाला क्यों नहीं ???
मेरे सभी मित्रो, भाइयो, माताओं-बहनों, बन्धुवों व हर भारतीय से निवेदन है क़ि आने वाला अंग्रेजो का नया साल न मनाकर हिन्दुवों का नया साल मनावें l भारतीय संस्कृति को जिन्दा रखें और पश्चिमी संस्कृति को भूलें l अंग्रेजी नये वर्ष की बधाई देना बुरी बात नहीं है, परन्तु हिन्दू नववर्ष को भूलकर उसे मनाना, हिन्दू संस्कृति का अपमान है l आप सभी से सहयोग क़ि आशा में, धन्यवाद !!!

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ क़ि नया हिन्दू वर्ष 23 मार्च 2012 को चालू होगा l जिसकी जानकारी समय पर आप सभी को दी जाएगी l नया हिन्दू वर्ष नये सूर्योदय से माना जाता है, न क़ि जिस समय पुराना संवत्सर समाप्त हो उस समय से l अत: नव हिन्दू वर्ष 23 मार्च 2012 को चालू होगा न क़ि 22 मार्च को l आप सभी से निवेदन है की इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और सभी तक पहुंचावें, धन्यवाद !!!


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सफलता का रहस्य


एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?

सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.

सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”

लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”

सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.


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