मैं एक बहुत ही साधारण इंसान हूँ | जीवन में कई सारे अनुभव से गुजरते हुए में आज अपने आप को आप लोगों के सामने स्थापित कर पाया हूँ . बचपन से लेकर
आज तक आप सभी लोगो ने अपने जीवन में कई लोगो को भूखे सोते देखा
होगा, कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास पहनने को कपडे नहीं है,
किसी को पढना है पर किताबें नहीं है, कई बालक नहीं चाहते हुए भी किस्मत के कारण भीख मांगने को मजबूर हो जाते है | इन सभी परिस्थितियों को
हम सभी अपने जीवन में भी कही ना कही देखते ही हैं लेकिन बहुत कम लोग ही
उन पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है या उन लोगो के बारे में सोच पाते है
किन्तु भगवान् की दया से आज मुझे उन सभी की मदद करने की प्रेरणा जागृत हुई और इसलिए आज मेने एक संकल्प लिया है उन अनाथ भाई बहिनों की मदद करने का, जिनका इस दुनिया में भगवान् के अलावा कोई नहीं है और मेने निश्चय किया है कि उन भाइयों की मुझसे जिस
भी प्रकार कि मदद होगी मैं करूँगा | मैं इसमें अपना तन -मन -धन
मुझसे जितना होगा बिना किसी स्वार्थ के दूंगा . आज दिनांक
31-07-2009 से सावन के महीने में भगवान का नाम लेकर इस अभियान हेतु
इस वेबसाइट की शुरुआत कर रहा हूँ | और इस वेबसाइट को बनाने का मेरा
और कोई मकसद नहीं है बस मैं सिर्फ उन निस्वार्थ लोगो से
संपर्क रखना चाहता हूँ जो इस तरह की सोच रखते है और दुसरो को
मदद करना चाहते है मुझे उनसे और कुछ नहीं चाहिए बस मेरे इस
संकल्प को पूरा करने के लिए मुझे अपनी शुभकामनाये और आशीर्वाद
ज़रूर देना ताकि मैं बिना किसी रुकावट के गरीब लोगो की मदद
कर सकूँ .
ये वेबसाइट आप जेसे लोगों से संपर्क रखने के उद्देश्य से बनाई है
अगर
आप मेरे इस काम मैं सहयोग करना चाहते हैं तो अपनी श्रद्धानुसार
तन-मन-धन से जिस भी प्रकार आप से हो सके आपके स्वयं के क्षेत्र में ही
आप अपने घर मैं जो भी चीज़ आपके काम नहीं आ रही हो जैसे -
कपडे , बर्तन , किताबे इत्यादि को फेंके नहीं और उन्हें किसी गरीब
के लिए इकठ्ठा कर के रखे और यदि कोई पैसे की मदद करने की
इच्छा रखता हो तो वो भी खुद ही रोजाना अपनी जेब खर्च में से
बचत करना शुरू कर दे ताकि वो भी किसी गरीब के काम आ सके इस तरह
एक दिन बचाते बचाते बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपके पास बहुत सारे
कपडे , बर्तन , किताबें और पैसे हो जायेंगे जो की उन लोगो के काम आ जायेंगे जिनके पास कुछ भी नहीं है |
कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते हैं
"अपने लिए तो सभी करते हैं दूसरों के लिए कर के देखो
कलियुग में राष्ट्र सेवा, गौ सेवा, और दीन दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है
"साँवरिया" का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गरीबों, दीन दुखियों,
असहाय एवं निराश्रितों के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की
वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से
सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से
गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं
लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के
उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन
पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले
गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो
जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए
आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती
जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक
दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया" का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न
निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर
सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया
की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर
से पहले जैसा हो जाये |
"सर्वे भवन्तु सुखिनः "
"सांवरिया" अभियान का आगाज
जय श्री कृष्णा मित्रों
आज पर्यावरण दिवस के मोके पर "सांवरिया" अभियान का आगाज किया गया
पर्यावरण
दिवस के अवसर पर मारवाड़ी महासभा, ठाणे(महाराष्ट्र) और उनकी सम्बन्ध
संस्था "सांवरिया" के संयुक्त तत्वावधान में "हरयालो राजस्थान अभियान" की
शुरुआत जोधपुर में सांवरिया के संस्थापक श्री कैलाश चन्द्र लढा एवं
श्रीमती सोनू लढा तथा उनके सहयोगी मित्र पवन मेवाडा, गौरव जाजू, अनिल बंग,
विक्रम माहेश्वरी एवं अन्य क्षेत्रवासियों ने मिलकर अपने आस पास के
क्षेत्रों में नीम के वृक्ष लगाकर राजस्थान को हराभरा करने का संकल्प लिया
और इसी के साथ "सांवरिया" ने श्री महेश राठी (संस्थापक) मारवाड़ी महासभा के
सहयोग से जोधपुर में जल्द ही अन्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की शुरुआत
की घोषणा भी की |
श्री कैलाश ने बताया कि "साँवरिया" का
मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय
एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर
सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तुएं/कपडे/किताबे/अन्य सामग्री और अपनी धार्मिक कार्यों के
लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो
भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी
और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं
अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए
भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले
गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और
आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा
देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश
में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी
भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया" का लक्ष्य ऐसे भारत का
सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न
ही भ्रष्टाचार हो| चारो
ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ
डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव
फिर से पहले जैसा बना रहे |
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने मिलकर फेसबुक के मध्यम से दिया अनाथ बच्चो को सहारा
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों द्वारा दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए
जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया
वितरित कर मनाने की नई परंपरा शुरू करने का अभियान चलाया जा रहा है इसी
दौरान फ़ेसबुक के रमेश शारदा द्वारा "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के
संचालकों को पिता के कैंसरग्रस्त होने के बाद छोटे भाई-बहनों सहित परिवार
को पालने के लिए भीख मांगने को विवश हुई बारह साल की अंजलि की खबर फ़ेसबुक
पर बताया जिसमे पहले से ही इस कार्य के लिए एक हुए "साँवरिया" व "स्वाति
नक्षत्र" के संचालकों ने खबर के आधार पर पढ़ी तो स्वाति जैसलमेरिया व कैलाश
लढा ने पता लगाकर उसकी मदद करने करने लिए स्वाती जैसलमेरिया ने स्वयं जाकर
अंजलि के परिवार को सांत्वना दी ओर तत्काल राशन की सामग्री/कपड़े/ स्कूल
बेग/ स्कूल ड्रेस आदि ले जाकर उसे सहारा देने के लिए जिला कलेक्टर से मिलकर
उसे आर्थिक सहयता दिलवाने को कहा तथा फ़ेसबुक पर लोगो से अपील की | उसी
दिन स्वाती जी ने स्वयं अंजलि ओर उसकी बहिन को लेजाकर पास के ही प्राइवेट स्कूल मे शुल्क जमा करवाकर उसकी शिक्षा का प्रबंध भी कर दिया|
अंजलि
के सिर पर अब पिता का साया तो नहीं रहा लेकिन देश-विदेश से सैकड़ों हाथ
उसकी मदद के लिए आगे आए हैं।देश के कई हिस्सों से अंजलि को शिक्षा व आर्थिक
मदद पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया मदद मिलने से अब अंजलि के चेहरे पर
खुशी के साथ इस बात का सुकून है कि उसके परिवार का बेहतर पालन हो सकेगा।
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ग्रूप का प्रथम प्रयास सफल हुआ
इसके
साथ ही "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालक स्वाति जैसलमेरिया, कैलाश
लढा, सोनू लढा, राज मालपानि, निलेश मंत्री, अमित चंद्रकांत कालांत्री व ने
मिलकर दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर
जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया वितरित कर मनाने की नई परंपरा
की शुरुआत जोधपुर से की|
जिसमे
सोशल मीडिया फ़ेसबुक पर "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" सभी लोगो ने समर्थन
किया ओर देश के कई हिस्सो से लोगो ने इस कार्य के लिए अपना सहयोग करने
हेतु "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" को अलग अलग शहरों मे सहयोग राशि
भिजवाई, इससे "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने जोधपुर के स्वाति
जैसलमेरिया, कैलाश लढा, सोनू लढा व पवन मेवाड़ा, विक्रम तोषणीवाल ने,
आंध्रप्रदेश मे श्री राज मालपानि ने, नासिक मे निलेश मंत्री व अमित
चंद्रकांत कालांत्री ने सभी जगहो पर ग़रीबो मे सर्दी के कपड़े, शॉल व मिठाई
वितरित की| इससे प्रेरित होकर सभी लोगो ने इस प्रदूषणमुक्त दीवाली का अपने
अपने शहरो मे भी इसी प्रकार आयोजन किया ओर भविष्य मे इसी प्रकार त्योहार
मनाने का निश्चय किया
भीलवाड़ा
के श्री रामनारायण जी लढा के पुत्र और साँवरिया के संचालक श्री कैलाश लढा
ने बताया कि "साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना
जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत
आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत
से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय
नहीं लगेगा | आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं
अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में
बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं
भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी
खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले
लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली
लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से
पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
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