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सोमवार, 16 अगस्त 2021
पंचांग क्या है? इसे कैसे देखा जाता है?
● तिथि -
सूर्य एवं चन्द्रमा के मध्य रहने वाली विभिन्न कोणीय दूरी का नाम ही तिथि है यह तिथियाँ चन्द्र मास को मिलाकर 30 होती है जिसमे 15 तिथियां शुक्ल पक्ष मे होती है एवं 15 तिथियां कृष्ण पक्ष की होती है जिस समय सूर्य एवं चन्द्र का भोगांश एक समान हो वह बिन्दु अमावस्या का अंतिम बिन्दु होता है जैसे ही चन्द्र का भोगांश सूर्य से अधिक होता है तो शुक्ल पक्ष प्रति पदा का आरंभ हो जाता है ।
सूर्य की औसत दैनिक गति 1° लगभग होती है एवं चन्द्रमा की औसत दैनिक गति लगभग 13° होती है अतः दोनो के बीच एक दिन मे लगभग 12° का अंतर रहता है एवं कुल चन्द्रमा पृथ्वी का घूर्णन करते हुए 360° के भचक्र मे 30 तिथियो का निर्माण होता है अतः 360° ÷12 = 30 तिथि
अतः एक तिथि का मान 12° होता है ।
या तिथि = चन्द्रमा का भोगांश - सूर्य का भोगांश / 12°
सूर्य तथा चन्द्र के भोगांश मे अंतर द्वारा तिथि निर्माण -
● वार -
सूर्योदय से दूसरे दिन के सूर्य उदय तक के समय को वार कहते है सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को दिनमान और सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय को रात्रिमान कहते है सूर्य नवग्रह मे सबसे शक्तिमान व प्रभावशाली ग्रह होने के कारण ग्रहाधिपति माना जाता है इसी कारण दिन का आरंभ सूर्योदय से मान्य किया गया है ,
अंग्रेजी पद्धति के अनुसार दूसरा दिन मध्यान्ह रात्रि 12 बजे के पश्चात आरंभ होता है और दूसरा दिन उसी समय रात्रि को समाप्त होता है ।
वार क्रमश रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार होते है ।
● नक्षत्र -
ज्योतिष शास्त्र मे सभी विद्वानो ने भचक्र की सूक्ष्म इकाई तक समझने का प्रयास किया है इस क्रम मे उन्होंने भचक्र को पहले 12 भागो मे राशियो के रूप मे परिर्वतित किया पुनः इसे 27 भागो मे बांटा जिसे नक्षत्र का नाम दिया गया है इस प्रकार विभिन्न 12 राशियो मे 27 नक्षत्रो का वर्गीकरण एवं विभाजन किया गया है तत्पश्चात इस नक्षत्र की सूक्ष्म इकाई तक पहुंचने के लिए पुनः प्रत्येक नक्षत्र को चार- चार भागो मे बाँटा जिसे नक्षत्र पद का नाम दिया गया है ।
भचक्र का मान = 360°
नक्षत्र की संख्या = 27
एक नक्षत्र का मान = 360° ÷ 27 = 13° 20'
एक नक्षत्र का पद का मान = 3° 20' × 4 = 13° 20' एक नक्षत्र
● योग -
योग का निर्माण सूर्य एवं चन्द्रमा का एक दूसरे से स्थिति के अनुसार होता है यह 27 प्रकार के होते है ।
योग = चन्द्र का भोगांश + सूर्य का भोगांश/ 13°20'
इसमे विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिधि, वैधृति योग अशुभ माने जाते हैं ।
● करण -
तिथि के आधे भाग को करण कहा जाता है इस प्रकार प्रत्येक तिथि मे दो करण होते है एवं प्रत्येक चन्द्र मास मे 60 करण होते हैं । वास्तव मे करण 11 होते है इनके अन्तर्गत 4 स्थिर करण एवं 7 चर करण होते हैं -
चर करण-1- वव ,2-बालव,3- कौलव, 4-तैतिल,5- गर ,6-वणिज ,7- वृष्टि
स्थिर करण- 1- शकुनि 2 - चतुष्पद 3 - नाग 4 - किंस्तुध्न
करण = चन्द्र का भोगांश- सूर्य का भोगांश/ 6°
उपरोक्त पंचाग के पाँचो अंगो का निर्धारण वैदिक ज्योतिषीय गणित के माध्यम से किया जाता है जिसका मुहूर्त निर्धारण मे विशेष महत्व होता है ।
● पंचाग देखने की विधि -
किसी भी प्रचलित पंचाग ले और वर्तमान दिनांक देखे निम्नवत प्रकार का चार्ट बना हुआ मिलेगा उदाहरण के लिए मेने विश्व विजय पंचाग का उपयोग किया है ।
लाल रंग से अंकित कालम को देखे प्रथम कालम मे वारो का उल्लेख किया गया है से अगले कालम मे तिथि लिखा है , के आगे तिथि घं मि तक रहेगी साथ ही घटी पल तक रहेगी बताया है ।
इससे आगे नक्षत्र का कालम है के आगे घं मि एवं घटी पल तक स्थिति रहेगी लिखा है ।
से आगे योग कालम है घं मिनट तक स्थिति रहेगी बताया गया है , के आगे करण का उल्लेख है के आगे घं मिनट तक स्थिति लिखी है
से आगे सूर्योदय, सूर्यास्त दिनमान के बाद अंग्रजी तारीख , दिनांक का उल्लेख किया गया है जिससे आसानी से पंचाग के पाँचो अंग तिथि ,वार, नक्षत्र, योग, करण के बारे मे जान सकते हैं ।
आशा है आपकी जिज्ञासा के अनुरूप जानकारी हासिल हुई होगी ज्योतिषीय जिज्ञासा का अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रश्न करने के लिए आपका ह्दय से आभार आपका उत्साह वर्धन नवीन प्रेरणा प्रदान करने वाला मनोबल को बढाने वाला रहेगा जी ।
मूल स्रोत- ज्योतिष के मूल सिद्धांत लेखिका श्रीमती प्रियंम्बदा अग्रवाल
( वरिष्ठ प्राध्यापक भारतीय विद्या भवन नई दिल्ली )
शिव जी की आराधना में कौन सा मन्त्र जप करना चाहिए:
१ —ॐ नमः शिवाय
२—नमः शिवाय
उत्तर
★तो आइए पहले ॐ का मूल अर्थ समझते हैं।
● यह ॐ -अ उ म इन तीन से मिलकर बना है। इस ॐ को प्रणव भी कहते हैं ये तीन अक्षर सृष्टि स्थिति लय के और क्रमशः ब्रह्मा विष्णु महेश के प्रतीक भी हैं। त्रिकाल संध्या में प्रातः मध्याह्न संध्या गायत्री के भी प्रतीक मान सकते हैं।
★ॐ की व्याख्या मुण्डक उपनिषद में की गई है जो संभवतः सबसे छोटा उपनिषद है । इसमें बताया गया है कि यह ॐ अविनाशी परब्रह्म परमात्मा ही है।इस ॐ में चार पद हैं।इसके स्थूल जगत सूक्ष्म जगत और कारण जगत ये तीन पद हैं जो चिन्तन में आते हैं।पर इस प्रणव ओंकार का चौथा पद या रूप भी है जो अ-चिन्तय है। ॐ का यह चौथा रूप है - शान्तं शिवं अद्वैतं चतुर्थं । (मुण्डक छन्द ७) शिव का यहाँ सामान्य अर्थ कल्याणकारी से है शिव शंकर से नहीं है। (शैव दर्शन वाले चाहे तो मान सकते हैं।)
ॐ ओम का अर्थ इस प्रकार परमात्मा ब्रह्म तत्व हुआ। इसलिए अधिकतर मंत्रों की शुरुआत ॐ से होती है पर कई बार बिना ॐ के भी मन्त्र लिखे जाते हैं।
★मन्त्र में वर्णाक्षर सङ्ख्या नियत है फिक्स है । मन्त्र में sound is the lowest form of ,energy—ध्वनि ऊर्जा का सबसे आरम्भिक रूप है—इस सिद्धांत पर कार्य होता है। जैसे हमने ताप गतिक यांत्रिक विद्युत परमाणु आदि विविध ऊर्जा रूपों केफार्मूले बनाए हैं वैसे ही मन्त्र की ऊर्जा के फार्मूले हैं।
इसके वर्णाक्षरों से मन्त्र सृष्टा ऋषियों ने इसकी ऊर्जा तय की हैऔर उद्देश्य भेद से मन्त्र जप व विधि तय की है।मन्त्र को इस प्रकार गणित का या कहें विज्ञान के सूत्रकी तरह समझें।इसे हम बदल नहीं सकते।
इसलिए जब बिना ॐ के मन्त्र दिया वहाँ ॐ नहीं लगाना चाहिए।
जहाँ ॐ लगा है वहां लगाना चाहिए।इसी तरह जहाँ नमः लगा वहाँ एक्स्ट्रा नमः नहीं लगाना चाहिए।(व्हाट्सएप्प पर नारद कृत 12 अक्षर के मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र में एक्सट्रा नमः बाद में भी लगा हुआ प्रेषित होता रहता है जो इसे 14 अक्षर का बना देता है। )
अब हम ॐ नमः शिवाय और नमः शिवाय इन दो मंत्रों में क्या अंतर है, इस पर चर्चा करते हैं।
●ॐ नमः शिवाय— में छह अक्षर है यह षड अक्षर है।
●नमः शिवाय —में पाँच अक्षर हैं।यह पंचाक्षर है।
●मंत्रों में हम संख्या की दृष्टि से एक दो तीन चार पांच छह इत्यादि कई अक्षरों वाले मन्त्र देखते हैं।इनके पीछे कुछ उद्देश्य होते हैं जो हमें स्पष्ट रूप से लिखे नहीं मिलते केवल अनुमान लगाना होता है।
★1 ॐ युक्त नमः शिवाय मन्त्र आध्यात्मिक क्षेत्र की साधना की दृष्टि से उत्तम है क्योंकि ॐ परब्रह्म परमात्म स्वरूप है
◆इस ॐ युक्त नमः शिवाय के छह अक्षर वाले मन्त्र को उसे करना चाहिए जो सांसारिक उपलब्धि नहीं चाहता ,आत्म तत्व का अन्वेषण करना चाहता है।
चित्र परिचय: सृष्टि के मूल तत्व की खोज के लिए बनी विश्व की सबसे बड़ी कण भौतिकी प्रयोग शाला CERN ,स्विट्ज़रलैण्ड के प्रवेश द्वार पर नटराज शिव की प्रतिमा स्थापना के 18 जून 2004 समय औपचारिकता पूर्णकरते वैज्ञानिक।इस प्रतिमा के नीचे भौतिकविद फ्रिट्ज़ोफ काप्रा का यह वाक्य लिखा है कि शिव का यह नृत्य आधुनिक पार्टिकल फिजिक्स की दृष्टि से सूक्ष्म कण भौतिकी का ही नृत्य है जो समस्त अस्तित्व का कारण है।
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मुण्डक उपनिषद 2–2–4 में कहा गया है-,
प्रणवो धनुः शरो आत्मा, ब्रह्म तल्लक्ष्यम उच्यते।
अर्थात ओमकार या प्रणव ही धनुष है, आत्मा ही बाण है, ब्रह्म उसका लक्ष्य है ऐसा कहा गया है।
★2 नमः शिवाय यह पाँच अक्षर का मन्त्र भी अलग से है। इतना ही क्यों केवल इन पाँच अक्षरों — न म शि व य में से प्रत्येक अक्षर से छन्द आरम्भ करते हुए बहुश्रुत शिवपञ्चाक्षरस्तोत्र भी है जिसमें शुरू में ॐ नहीं लगाया गया है।यह
-'न' नागेन्द्र हाराय से शुरू होकर 'य' यक्षस्वरूपाय…पर सम्पन्न होता है
पांच अक्षर के इस शिव मन्त्र नमः शिवाय का उद्गम या स्रोत हम शुक्ल यजुर्वेद के अंतर्गत रुद्राष्टाध्यायी में देख सकते हैं जिसमें
नमः शिवाय च शिव तराय च
ऐसा पाठ दिया गया है ।रुद्र चमकम में भी ऐसा पाठ है।
एक महत्व पूर्ण बात◆कल्याण के शिव महापुराण अंक 2017 विशेषांक पूर्वार्ध के अध्याय 10 में शिव पंचाक्षर मन्त्र की महत्ता विस्तृत रूप से दी गई है।
जबकि अध्याय 17 में शिव के ओमकार स्वरूप को सूक्ष्म और पंचाक्षर को स्थूल रूप बताया गया है।
★★ इससे स्पष्ट होता है कि ॐ निराकार शिव का रूप है जबकि पंचाक्षर साकार पञ्च भूतात्मक जगत रूप शिव का रूप है★★
★★।(शाक्त ,वैष्णव गणपति आदि सभी मतों में उनके देव ,ओं कार या प्रणव रूप ही हैं )
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●इससे यह निष्कर्ष निकल सकता है कि जो सांसारिक समस्याओं से शीघ्र त्राण, राहत चाहते हैं उन्हें बिना ॐ लगाए केवल —नमः शिवाय —इस पांच अक्षर के मन्त्र का जप करना चाहिए।
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●और जब कोई सांसारिक संमस्या या इच्छा नहीं रह गई हो तो ॐ नमः शिवाय -इस छह अक्षर मन्त्र का जप करना चाहिए।
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●मेरा तो यही सुझाव वर्षों से रहता आया है।
नौकरी,स्वास्थ्यलाभ, विवाह, इच्छित संतान, दाम्पत्य सुख, पद प्राप्ति आदि की सांसारिक कामना के मामलों में जन्मपत्रिका के अनुसार शिव उपासना के सुझाव व प्रदोष व्रत के सुझाव का पालन करने पर सिद्धि की दृष्टि से शिव उपासना में अन्य स्तोत्र इत्यादि के साथ★ पंचाक्षर जप करने वाले भक्त जन की कामना शीघ्रता से सिद्ध होती देखी गई।यह मेरा अनुभव भी है।★
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●अब कोई कहे कि ॐ सहित और ॐ रहित पंचाक्षर जप वाले में से किसकी कामना जल्दी सिद्ध हुई तो ऐसी कोई वर्कशाप इस श्रद्धा जगत में आयोजित होती नहीं देखी, सम्भव ही नहीं।
●कुछ लोग जिद करते हैं कि ॐ लगाने में क्या कोई बुराई है ? बहुत से मंत्रों में ॐ लगा रहता है।वे ठीक कहते हैं ; पर यह भी तो देखें कि और देव तो वर देने थोड़ी देर भी लगाते हैं पर शिव जी देर नहीं लगाते।इसीलिए तो शिव "आशुतोष" हैं: आशु अर्थात शीघ्र , तोष अर्थात प्रसन्न।
वैसे शिव उपासना में भी ॐ से तो आत्म ज्ञान जैसी सर्वोत्तम भलाई आत्मज्ञान-भी शीघ्र ही है पर वह अभी चाहिए कहाँ?
अति महत्वपूर्ण :श्रीमद्भागवत में भी शुकदेव जी से परीक्षित का प्रश्न है कि विष्णु भक्त सांसारिक कष्ट क्लेश भोगते हुए देखे जाते हैं जबकि शिवभक्त भोग ऐश्वर्य सम्पन्न देखे जाते हैं -ऐसा क्यों ?परन्तु इस पर चर्चा फिर कभी ।
●तो बात ये कि अभी तो परीक्षा में पास होना है, विवाह होना संतान होना प्रमोशन होना बढिया डेपुटेशन होना चुनाव जीतना मांगता अपुन को। तो भैया सांसारिक कामना की शीघ्र पूर्ति के लिए नमः शिवाय ही जपें।
★वैसे भी केवल शिव ही आशुतोष हैं और सांसारिक कामना पूरी करने में देर नहीं करते इसलिए ऐसी स्थिति में शिव को शीघ्र प्रसन्न कर जल्दी कार्य सिद्धि के लिए, शब्द-स्पर्श-रूप-रस-गंध इन पंच तन्मात्राओं की सुख की इच्छा वाले साधक को पंचभौतिक जगत के प्रतिनिधि रूप शिव के पाँच अक्षर का मन्त्र ही करना चाहिए :
।।नमः शिवाय।।
शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् - साक्षात् नारायण ने पार्वतीजी को भी दिया था
(1)शिव तांडव स्तोत्र
(2)शिव शतनाम स्तोत्र
(3)शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र
(4)शिव पंचाक्षर स्तोत्र
(5)नील रुद्र शुक्त
🌹 इसका सही उत्तर है शिव शतनाम स्तोत्र 🌹
यह सब देखकर नारद जी की बुद्धि भी शांत और शुद्ध हो गई ।
उन्हें सारी बीती बातें ध्यान में आ गयीं । तब मुनि अत्यंत भयभीत होकर भगवान विष्णु के चरणों में गिर पड़े और प्रार्थना करने लगे कि- भगवन ! मेरा शाप मिथ्या हो जाये और मेरे पापों कि अब सीमा नहीं रही , क्योंकि मैंने आपको अनेक दुर्वचन कहे ।
इस पर भगवान विष्णु ने कहा कि -
जपहु जाइ संकर सत नामा। होइहि हृदयँ तुरत विश्रामाँ ।।
कोउ नहीं सिव समान प्रिय मोरें। असि परतीति तजहु जनि भोरें ।।
जेहि पर कृपा न करहि पुरारी। सो न पाव मुनि भगति हमारी ।।
विष्णु जी ने कहा नारद जी आप जाकर शिवजी के शिवशतनाम का जप कीजिये , इससे आपके हृदय में तुरंत शांति होगी । इससे आपके दोष-पाप मिट जायँगे और पूर्ण ज्ञान-वैराग्य तथा भक्ति-की राशि सदा के लिए आपके हृदय में स्थित हो जायगी । शिवजी मेरे सर्वाधिक प्रिय हैं , यह विश्वास भूलकर भी न छोड़ना । वे जिस पर कृपा नहीं करते उसे मेरी भक्ति प्राप्त नहीं होती।
यह प्रसंग मानस तथा शिवपुराण के रूद्रसंहिता के सृष्टि - खंड में प्रायः यथावत आया है । इस पर प्रायः लोग शंका करते हैं अथवा अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है कि वह शिवशतनाम कौन सा है, जिसका नारद जी ने जप किया ,जिससे उन्हें परम कल्याणमयी शांति की प्राप्ति हुई ?
यहां सभी लोगों के लाभ हेतु वह शिवशतनाम मूल रूप में दिया जा रहा है । इस शिवशतनाम का उपदेश साक्षात् नारायण ने पार्वतीजी को भी दिया था , जिससे उन्हें भगवान शंकर पतिरूपमें प्राप्त हुए थे और वह उनकी साक्षात् अर्धांगनी बन गयीं।
।। शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् ।।
जय शम्भो विभो रुद्र स्वयम्भो जय शङ्कर ।
जयेश्वर जयेशान जय सर्वज्ञ कामद ॥ १॥
नीलकण्ठ जय श्रीद श्रीकण्ठ जय धूर्जटे ।
अष्टमूर्तेऽनन्तमूर्ते महामूर्ते जयानघ ॥ २॥
जय पापहरानङ्गनिःसङ्गाभङ्गनाशन ।
जय त्वं त्रिदशाधार त्रिलोकेश त्रिलोचन ॥ ३॥
जय त्वं त्रिपथाधार त्रिमार्ग त्रिभिरूर्जित ।
त्रिपुरारे त्रिधामूर्ते जयैकत्रिजटात्मक ॥ ४॥
शशिशेखर शूलेश पशुपाल शिवाप्रिय ।
शिवात्मक शिव श्रीद सुहृच्छ्रीशतनो जय ॥ ५॥
सर्व सर्वेश भूतेश गिरिश त्वं गिरीश्वर ।
जयोग्ररूप मीमेश भव भर्ग जय प्रभो ॥ ६॥
जय दक्षाध्वरध्वंसिन्नन्धकध्वंसकारक ।
रुण्डमालिन् कपालिंस्थं भुजङ्गाजिनभूषण ॥ ७॥
दिगम्बर दिशां नाथ व्योमकश चिताम्पते ।
जयाधार निराधार भस्माधार धराधर ॥ ८॥
देवदेव महादेव देवतेशादिदैवत ।
वह्निवीर्य जय स्थाणो जयायोनिजसम्भव ॥ ९॥
भव शर्व महाकाल भस्माङ्ग सर्पभूषण ।
त्र्यम्बक स्थपते वाचाम्पते भो जगताम्पते ॥ १०॥
शिपिविष्ट विरूपाक्ष जय लिङ्ग वृषध्वज ।
नीललोहित पिङ्गाक्ष जय खट्वाङ्गमण्डन ॥ ११॥
कृत्तिवास अहिर्बुध्न्य मृडानीश जटाम्बुभृत् ।
जगद्भ्रातर्जगन्मातर्जगत्तात जगद्गुरो ॥ १२॥
पञ्चवक्त्र महावक्त्र कालवक्त्र गजास्यभृत् ।
दशबाहो महाबाहो महावीर्य महाबल ॥ १३॥
अघोरघोरवक्त्र त्वं सद्योजात उमापते ।
सदानन्द महानन्द नन्दमूर्ते जयेश्वर ॥ १४॥
एवमष्टोत्तरशतं नाम्नां देवकृतं तु ये ।
शम्भोर्भक्त्या स्मरन्तीह शृण्वन्ति च पठन्ति च ॥ १५॥
न तापास्त्रिविधास्तेषां न शोको न रुजादयः ।
ग्रहगोचरपीडा च तेषां क्वापि न विद्यते ॥ १६॥
श्रीः प्रज्ञाऽऽरोग्यमायुष्यं सौभाग्यं भाग्यमुन्नतिम् ।
विद्या धर्मे मतिः शम्भोर्भक्तिस्तेषां न संशयः ॥ १७॥
इति श्रीस्कन्दपुराणे सह्याद्रिखण्डे
शिवाष्टोत्तरनामशतकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
🌹 भोले बाबा के 108 नाम 🌹
भगवान शिव शतनाम-नामावली स्तोत्रम्!
ॐ शिवाय नमः ॥
ॐ महेश्वराय नमः ॥
ॐ शंभवे नमः ॥
ॐ पिनाकिने नमः ॥
ॐ शशिशेखराय नमः ॥
ॐ वामदेवाय नमः ॥
ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ कपर्दिने नमः ॥
ॐ नीललोहिताय नमः ॥
ॐ शंकराय नमः ॥ १० ॥
ॐ शूलपाणये नमः ॥
ॐ खट्वांगिने नमः ॥
ॐ विष्णुवल्लभाय नमः ॥
ॐ शिपिविष्टाय नमः ॥
ॐ अंबिकानाथाय नमः ॥
ॐ श्रीकंठाय नमः ॥
ॐ भक्तवत्सलाय नमः ॥
ॐ भवाय नमः ॥
ॐ शर्वाय नमः ॥
ॐ त्रिलोकेशाय नमः ॥ २० ॥
ॐ शितिकंठाय नमः ॥
ॐ शिवाप्रियाय नमः ॥
ॐ उग्राय नमः ॥
ॐ कपालिने नमः ॥
ॐ कौमारये नमः ॥
ॐ अंधकासुर सूदनाय नमः ॥
ॐ गंगाधराय नमः ॥
ॐ ललाटाक्षाय नमः ॥
ॐ कालकालाय नमः ॥
ॐ कृपानिधये नमः ॥ ३० ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ परशुहस्ताय नमः ॥
ॐ मृगपाणये नमः ॥
ॐ जटाधराय नमः ॥
ॐ क्तेलासवासिने नमः ॥
ॐ कवचिने नमः ॥
ॐ कठोराय नमः ॥
ॐ त्रिपुरांतकाय नमः ॥
ॐ वृषांकाय नमः ॥
ॐ वृषभारूढाय नमः ॥ ४० ॥
ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नमः ॥
ॐ सामप्रियाय नमः ॥
ॐ स्वरमयाय नमः ॥
ॐ त्रयीमूर्तये नमः ॥
ॐ अनीश्वराय नमः ॥
ॐ सर्वज्ञाय नमः ॥
ॐ परमात्मने नमः ॥
ॐ सोमसूर्याग्नि लोचनाय नमः ॥
ॐ हविषे नमः ॥
ॐ यज्ञमयाय नमः ॥ ५० ॥
ॐ सोमाय नमः ॥
ॐ पंचवक्त्राय नमः ॥
ॐ सदाशिवाय नमः ॥
ॐ विश्वेश्वराय नमः ॥
ॐ वीरभद्राय नमः ॥
ॐ गणनाथाय नमः ॥
ॐ प्रजापतये नमः ॥
ॐ हिरण्यरेतसे नमः ॥
ॐ दुर्धर्षाय नमः ॥
ॐ गिरीशाय नमः ॥ ६० ॥
ॐ गिरिशाय नमः ॥
ॐ अनघाय नमः ॥
ॐ भुजंग भूषणाय नमः ॥
ॐ भर्गाय नमः ॥
ॐ गिरिधन्वने नमः ॥
ॐ गिरिप्रियाय नमः ॥
ॐ कृत्तिवाससे नमः ॥
ॐ पुरारातये नमः ॥
ॐ भगवते नमः ॥
ॐ प्रमधाधिपाय नमः ॥ ७० ॥
ॐ मृत्युंजयाय नमः ॥
ॐ सूक्ष्मतनवे नमः ॥
ॐ जगद्व्यापिने नमः ॥
ॐ जगद्गुरवे नमः ॥
ॐ व्योमकेशाय नमः ॥
ॐ महासेन जनकाय नमः ॥
ॐ चारुविक्रमाय नमः ॥
ॐ रुद्राय नमः ॥
ॐ भूतपतये नमः ॥
ॐ स्थाणवे नमः ॥ ८० ॥
ॐ अहिर्भुथ्न्याय नमः ॥
ॐ दिगंबराय नमः ॥
ॐ अष्टमूर्तये नमः ॥
ॐ अनेकात्मने नमः ॥
ॐ स्वात्त्विकाय नमः ॥
ॐ शुद्धविग्रहाय नमः ॥
ॐ शाश्वताय नमः ॥
ॐ खंडपरशवे नमः ॥
ॐ अजाय नमः ॥
ॐ पाशविमोचकाय नमः ॥ ९० ॥
ॐ मृडाय नमः ॥
ॐ पशुपतये नमः ॥
ॐ देवाय नमः ॥
ॐ महादेवाय नमः ॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ हरये नमः ॥
ॐ पूषदंतभिदे नमः ॥
ॐ अव्यग्राय नमः ॥
ॐ दक्षाध्वरहराय नमः ॥
ॐ हराय नमः ॥ १०० ॥
ॐ भगनेत्रभिदे नमः ॥
ॐ अव्यक्ताय नमः ॥
ॐ सहस्राक्षाय नमः ॥
ॐ सहस्रपादे नमः ॥
ॐ अपपर्गप्रदाय नमः ॥
ॐ अनंताय नमः ॥
ॐ तारकाय नमः ॥
ॐ परमेश्वराय नमः ॥ १०८ ॥
🙏🏼 हर हर महादेव जी 🙏🏼
हमारा नुकसान कब शुरू हुआ था ? आओ आंखें खोल कर देखें
हमारा नुकसान कब शुरू हुआ था ?
आओ आंखें खोल कर देखें 🙏👇🏻
1. हमारा नुकसान उस समय से शुरू हुआ था जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया है!
2. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था!
3. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया था!
4. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस या नींबु पानी छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!
5. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने घानी का शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!
6. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!
7. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं! असली आयुर्वेद को बिल्कुल भुला दिया गया है!
8. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन 56 तरह के पकवान छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!
9. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी!
10. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन हम लोगों के घरों में एलुमिनियम के बर्तन, प्रेशर कुकर व घर में फ्रिज आया था!
11. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन पुरातन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी!
12. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था!
13. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां जीने की आजादी के नाम पर स्वेच्छाचारी बनना शुरू कर दिया था!
14. हमारा नुकसान तब शुरू हुवा, जब ना हमने अपनी संस्कृति को खुद जाना और ना ही अपने बच्चों को उसका ज्ञान दिया,
हमारे आदर्श हमारे संत व महापुरुष नही बल्कि संस्कारहीन फ़िल्म अभिनेता हो गए!
नोट :- हमारे नुकसान के अनेक कारण हैं परंतु आज हम लोगों को सिर्फ कोरोना ही दिखाई दिया
हमें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!
🙏आइये हम परमात्मा की आज्ञा के अनुसार आदर्श जीवन जीने की शुरुआत करते हैं।
भाईयों इन सबके लिए भूतकाल जिम्मेदार है वर्तमान नहीं लेकिन जिन्हें दुर्भाग्य से वर्तमान को जीना है भूतकाल के जहर को कैसे याद रखेंगे।
🙏 जय सिया राम 🙏
👍 भुना हुवा शेंगदान
👍 शेंगदाना चटनी (लहसुन और बिना लहसुन)
👍 शेंगदाना लडडू
👍 मसाला शेंगदाना
👍 लहसुन चटनी
👍 जवस (अलसी) चटनी
👍 करालू चटनी
👍 तिल चटनी
👍 नारियल चटनी
👍 पापड़ (हाथ से बने और घर पर बने)
👍 गुडमॉर्निंग मच्छर अगरबत्ती 👍 तेल बिना केमिकल के , घर पर निकले हुए
{शेंगदाना ,करड़ी, तिल, सरसो, बादाम, आक्रोड इन सभी के तेल निकल कर दिए जाते है
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ऑर्गेनिक मसाले, ऑर्गेनिक हल्दी, मिर्ची, गरम मसाला, ऑर्गेनिक धनिया, ऑर्गेनिक जीरा, ऑर्गेनिक चाय, ऑर्गेनिक शक्कर , ऑर्गेनिक गुड़, मल्टीग्रेन आटा, त्रिफला चूर्ण,
इसके अलावा गौमूत्र, गौ गव्य से बनने वाली सभी प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां, गुग्गल धूपबत्ती, गोबर के गमले, हवन सामग्री, नेत्र, कर्ण, नासिका, पेट के रोगों के लिए, आमाशय, अग्नाशय, आंतो, पेट के रोग, एवं सभी प्रकार के प्राकृतिक उपचार हेतु औषधियां उपलब्ध है
इसी के साथ सभी प्रकार के हर्बल रसायन मुक्त स्किन केयर प्रोडक्ट, हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स, न्यूट्रिशन पाउडर, प्रोटीन पाउडर, जोड़ो के दर्द के लिए ओर्थोप्राश, बालो के लिए टॉनिक, डेली प्रयोग के लिए नोनी juice, गिलोय जूस, त्रिफला जूस, एलोवेरा जूस, करेला जामुन जूस, wild forest honey, हल्दी एलोवेरा से निर्मित साबुन, शैंपू conditioners, toothpaste,
वात पित्त कफ को संतुलित करने के लिए जादुई प्रोडक्ट GIT-14 आदि कई प्रकार की आयुर्वेदिक और हर्बल प्रोडक्ट उपलब्ध है
जिसकी जानकारी आपको मिलती रहेगी
इन पर आने वाली स्कीम या ऑफर्स की जानकारी आपको मिलती रहेगी
कुछ प्रोडक्ट्स और कंपनी के लिए डिस्काउंट कार्ड बनता है
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धन्यवाद
P4 परिवार
गौसृष्टि ब्रांड
राजस्थान
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इतने कम पैसों में 50 लाख या 1 करोड़ का हेल्थ इंश्योरेंस - सुपर हेल्थ प्लस टॉप-अप प्लान
जय श्री कृष्णा साथियों
आप सभी की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी 5 लाख से 10 लाख तक की हो रखी होगी
जिसमे हॉस्पिटल के 5 या 10 लाख तक के खर्चे कवर होते है
उसके ऊपर के खर्चों के लिए लेकर आया हूं सुपर टॉपअप पॉलिसी
वो भी इतने कम पैसों में
जितने में आपने 5 लाख तक का बीमा कराया उससे कम दाम में 50 लाख या 1 करोड़ का हेल्थ इंश्योरेंस
मतलब 5 लाख तक के खर्चों में आपकी पुरानी पॉलिसी काम आयेगी और उससे ऊपर 50 लाख तक या 1 करोड़ तक के खर्चों में top-up पॉलिसी से क्लेम मिलेगा
*आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस*
*कोविड-19* दौर में जहां चाहिए एक *उच्चतम बीमा धन की किफायती हेल्थ पॉलिसी*
*मौजूदा पॉलिसी के साथ अपने बीमा धन को पर्याप्त बनाने के लिए लाएं हैं -*
*सुपर हेल्थ प्लस टॉप-अप प्लान*
✓ *65 साल* तक की आयु तक प्रवेश
✓ *एक करोड़* तक का बीमा धन
✓ अस्पताल के *किसी भी कमरे (Any Room)* में इलाज कराने की अनुमति
✓ *कोरोना में होम ट्रीटमेंट* का भी उपचार
✓ *डे-केयर प्रोसीजर्स* का कवरेज
✓ *प्री व पोस्ट* हॉस्पिटल के खर्चों का कवरेज
✓ *एम्बुलेंस के पूर्ण खर्चे बिना किसी रोक टोक* के
✓ अन्य शलीयों जैसे *होम्योपैथी, आयुर्वेदा, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी व योगा* से इलाज
✓ *देश दुनिया में हर जगह एयर एंबुलेंस* की सुविधा
✓ *प्री-एग्जिस्टिंग बीमारियों* का भी कवरेज
और सबसे महत्वपूर्ण *5 साल बाद* में अपनी *टॉप-अप पॉलिसी* को आपकी *बेस पॉलिसी* बनाने का उच्चतम ऑफर।
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कैलाश चन्द्र लढा(Jodhpur)
एक्टिव हेल्थ प्लेटिनम में हैल्थ रिटर्न्स लेने के लिए
हैल्थ रिटर्न्स लेने के लिए निम्न निर्देश का पालन करें।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.google.android.apps.fitness
2. फिर नीचे दिए गए लिंक से एक्टिव हेल्थ ऐप इंस्टॉल करें
और अपने मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करें और यूजरनेम और पासवर्ड बनाएं और फिर इसे गूगल फिट से कनेक्ट करें (स्वचालित रूप से पूछा गया) तब हैल्थ एसेसमेंट के लिए बुक करें स्वस्थ हृदय स्कोर का मूल्यांकन पाने के लिए और निम्न लिखे प्रीमियम का भाग कमाने के लिए -
एक्टिव हेल्थ प्लेटिनम में
- हरा - 100% (अधिकतम)
- पीला या - 40% (अधिकतम)
- लाल - 20% (अधिकतम)
और फिर प्रति मह 10000 कदम प्रति दिन मोबाइल साथ लेकर चलें
साल में 325 दिन for 100 % Health Returns
या 275 दिन या for 50 % Health Returns
हर महीने मात्र 13 दिन for 30% health returns
और आपको Health Returnz आपके एक्टिव हैल्थ ऐप में आने लगेंगे हर महीने के अंत।
Download Active Health app
अपना हैल्थ कार्ड बनवाए, भारत में कहीं भी इलाज करवाईए
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मेडिकल इमरजेंसी के मामले में 80 फीसदी केस पैसे की दिक्कत की वजह से बिगड़ जाते हैं. किसी दुर्घटना की स्थिति में न सिर्फ इलाज पर आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं, बल्कि आपकी कमाने की क्षमता भी घट जाती है. इस हिसाब से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति पर दोहरी मार पड़ती है.
पति राजेंद्र (व्यापारी)
पत्नी रागिनी (हाउसवाइफ)
पिता राजेश (रिटायर्ड)
बड़ा बेटा ( राहुल)
छोटा बेटा ( राज)
अब आपको पता होगा यह पूरा परिवार राजेंद्र जी पे डिपेंड हैं।।।
राजेंद्र जी इस परिवार के पिल्ल्लर है।।
अगर राजेंद्र जी बीमार हो जाते है तो क्या क्या दिक्कत आ सकती है ।।।
सोचिए जरा उनकी सेविंग जाएगी और पिता जी में अचानक से जिम्मेदारी आएगी ।।।
पत्नी जी को जादा जिम्मेदारी आ जाएगी।।
हॉस्पिटल के बिल्स दवाइयों का पैसा बहुत सारे टेस्टों का पैसा एडवांस जमा करवाना होगा।।।
आपको रिस्तेदारो की मदद लेनी होगी।।।
ऐसे में आप परिवार को बहुत दिक्कत में कर रहे है ।।।
इसलिए जागरूक बनिए बिना कोई लापरवाही किए बिना ।।
हैल्थ कार्ड बनवाइए।।इलाज मुफ्त करवाइए।।।
इसलिए घर के परिवार के मुखिया को कुछ होता है तो हम है उनके हैल्थ कार्ड के द्वारा सारा इलाज का खर्च का भुगतान हम कंपनी द्वारा किया जाएगा।।।
इसलिए आज ही अपना हैल्थ कार्ड बनवाए ।।।
जिससे आप भारत में कहीं भी इलाज करवाईए।।
हैल्थ कार्ड बनवाने के बाद आपके परिवार में हॉस्पिटल में लेके कभी कोई शिकायत नहीं रहेगी।।।
मैं आपका हैल्थ कार्ड बनाने में मदद करूंगा जिससे आप इलाज करवाइए कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल में कैशलेस ( बिना पैसे दिए हुए)
यह कार्ड पूरे इंडिया में उपयोग हो जाएगा
Kailash Chandra Ladha
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सरल शब्दों में, यदि आप किसी दुर्घटना या किसी भी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं तो मेडिक्लेम पॉलिसी आपकी जमा पूंजी की रक्षा के लिए काम आती है। यह आप को नर्सिंग, लॉजिंग और उपचार लागत के लिए कवर करता है जो पॉलिसी खरीदने के दौरान आपके द्वारा चुने गए कवरेज राशि के बराबर है।
बैरिएट्रिक सर्जरी को मोटापा कम करने वाली सर्जरी कहते है। जिसे लोग ओबेसिटी (Obesity) कम करने का अच्छा उपाय मानते है। जब व्यक्ति का मोटापा अधिक बढ़ जाता है और वजन बढ़ने लगता है तो ऐसे लोग कई तरह के डाईट और व्यायाम करने की कोशिश करते है। लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिलती है। आपको बता दे, मोटापा मधुमेह, स्लीप एपनिया, गठिया, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक जैसी कई हानिकारक बीमारियों को जन्म दे सकता है
पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम टैक्स छूट के अंतर्गत आता है। 80D
बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है. हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं.
Don't worry about ICU Charge...
All Operations are covered in Mediclaim...
इलाज के दौरान दवाई का खर्च कंपनी द्वारा
इस फोटो को ध्यान से देखिए आपको दिखेगा ऑपरेशन रोबोट द्वारा किया जा रहा है।।।
ये फैसिलिटी अपने यहां भी है।।
एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है।।।
हमारे पास डायबिटीज़ का प्लान है।।
इस प्लान में खासियत यह है 30 दिन के बाद शुगर बड़ने में भी एडमिट होते है।।
तो हमारे यहां फैसिलिटी उपलब्ध है।
क्या है ऑर्गन डोनेशन डोनेशन का मतलब दान होता है, मेडिकली भाषा में लोग जिंदा रहते यह शपथ लेते हैं कि ब्रेन डेड की स्थिति में उसकी बॉडी के ऑर्गन डोनेट कर दिया जाए। उनके ये ऑर्गन बीमार आदमी को नई जिंदगी देते हैं।
Organ Donor expenses include
55 वर्ष के मनुष्य को बीमार होने के चांसेज 200 प्रतिशत होती है।।।।
इन उम्र के लोगों में बीपी,सुगर होना आम बात हैं।।
इन उम्र के लोको में इम्यूनिटी पॉवर काम होती है जिससे हड्डियों की डेंसिटी काम होती है।
कैशलेस क्लेम में ग्राहक को ईलाज के खर्च के लिए अस्पताल को कोई रकम चुकाने की जरूरत नहीं है.!!!
1.क्या आपके पास भी है आकस्मिक खर्चो से बचने के लिए पर्याप्त हेल्थ कवर?
2.क्या आपकी हेल्थ पॉलिसी भी करती है कवर (ABCD) यानि अस्थमा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खर्चा?
3.क्या आपकी हेल्थ पालिसी भी देती है वर्ल्डवाइड मेडिकल असिस्टेंस?
4.क्या आपकी पालिसी भी देती है हेल्थ कवर एक्सास्ट होने पर 100% कवर रीलोड का बेनिफिट?
5.क्या आपकी पॉलिसी में है नो क्लेम बोनस का एक छोटे से क्लेम से 0 ना हो जाने वाला फीचर?
6.सबसे महत्वपूर्ण सवाल, क्या आपकी पॉलिसी देती है आपको स्वयं को फिट रखने पर अगले साल के प्रीमियम में 100% तक का डिस्काउंट?
अगर इन सभी सवालों का जवाब है "नहीं" तो जानिए कैसे आप ये सब बेनिफिट ले सकते हैं
Day Care Treatment :
Day Care Treatment होता वो treatment जो एक दिन मैं हो जाते है जैसे Eye treatment ,Nose ,Ear treatment। तो इस पालिसी मैं कुल 586 listed procedures cover है। आप इन treatments को अपने SI use कर सकते है।
Health Check-up Program :
Health Check-up की बात करे तो साल मैं एक बार आपको Health Check-up free मैं मिलेगा।
Organ Donor Expenses :
अगर आपको कभी organ donor की जरूरत पड़ती है तो इसका भी खर्चा इस पालिसी मैं कवर होता है।
Domestic & International Emergency Assistance Services भी इस पालिसी मैं available है including Air Ambulance।
HealthReturns™:
इस पालिसी मैं आपको फिट रहो और पायो 100 % discount अगले साल की Policy मैं वाला ऑप्शन दिया जा रहा है।
आपको एक app आपके फ़ोन मैं install करना है नाम है Activ health app जो आपको playstore मैं मिल जाएगी और हर महीने 13 Active days complete करने है यानि 10000 steps हर दिन या 30 minutes Gym main या 300 Calories burned करनी है और आपको अगले साल 30 % discount।
In-patient Hospitalization :
इसका मतलब होता है की आपको अपना कवर तभी मिलता है जब आप 24 घंटो के लिए hospitalized होते है किसी भी treatment के लिए।
महामारी के लिए कवर -
हम जानते हैं की लोग कोरोना वायरस के वजह से डरे हुए हैं इसलिए हम उसको भी कवर करते हैं |
Domiciliary Hospitalization :
यानि home care कई बार ऐसा होता है आपको घर से इलाज करवाना पड़ता है और उस मैं डॉक्टर घर पर ही visit करता है
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कैलाश चन्द्र लढा(Jodhpur)
+91 9352174466
http://sanwariyaa.blogspot.com/.../make-your-health-card...
रविवार, 15 अगस्त 2021
क्यों किया जाता है अंतिम संस्कार?
14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से
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