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रविवार, 30 जुलाई 2023

यूरोप के देशों में बेबी पावडर बिकता नहीं, यूरोप के देशों में बेबी पावडर को बेबी किलर कहते हैं

राष्ट्रप्रेमी भाइयों और बहनों

कल मैंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एक क्वालिटी प्रोडक्ट के बारे में आपको बताया था आज उसी की अगली कड़ी | और हमेशा की तरह ये लेख भी राजीव भाई के विभिन्न व्याख्यानों से लेकर प्रस्तुत किया गया है आप ज्यादा से ज्यादा इसे प्रेषित करें


2. बेबी (मिल्क) पावडर
हमारे देश में एक अमेरिकी कंपनी है - नेस्ले , नेस्ले बेबी पावडर (डब्बे का दूध) बेचती है | यूरोप के देशों में बेबी पावडर बिकता नहीं, यूरोप के देशों में बेबी पावडर को बेबी किलर कहते हैं | मैंने यूरोप के कई देशों में देखा है, बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे रहते हैं और सरकार की तरफ से उन होर्डिंगों पर प्रचार किया जाता है कि "आप अपने बच्चे को बेबी पावडर मत खिलाईये" | क्यों ? क्योंकि इसमें जहर है, तो पुरे यूरोप में ये जो बेबी पावडर "बेबी किलर" कहा जाता है वही बेबी पावडर धड़ल्ले से भारत के बाजार में बिक रहा है और बहुत वर्षों तक इस देश में जो बेबी पावडर बिकता था, उसके डब्बे पर कुछ भी लिखा नहीं होता था, जब कुछ अच्छे लोगों ने इस मुद्दे को उठाया, हमारे जैसे विचार वाले कुछ डोक्टरों ने संसद पर दबाव बनाया तब भारत की सरकार ने सिर्फ इतना सा संसोधन कर दिया कि "कंपनियों को बेबी पावडर के डब्बे पर ये लिखना आवश्यक होगा कि माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है", बस बात ख़त्म | होता ये कि भारत सरकार इन डब्बे के दूध को भारत में प्रतिबंधित कर देती, लेकिन नहीं | और भारत की पढ़ी-लिखी माताओं की हालत भी कुछ वैसी ही है, जो जितनी ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं वो उतना ही ज्यादा बेबी पावडर पिलाती हैं अपने बच्चों को | कभी-कभी तो मुझे ये लगता है कि जैसे भारत में जब से बेबी पावडर आया है तभी से बच्चे जवान हो रहे हैं, बिना बेबी पावडर के तो लोग बड़े ही नहीं हुए होंगे इस देश में ? कुछ ऐसा ही माहौल बनाया गया है इस देश में पिछले कुछ वर्षों से, और विरोधाभास क्या है इस देश में कि बाजार में बेबी पावडर भी बिक रहा है और "माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है" इस विषय पर सेमिनार भी आयोजित किये जाते हैं, करोड़ो रूपये खर्च कर के | सीधा ये नहीं करते कि बेबी पावडर को प्रतिबंधित कर दे इस देश में | जिनको समझना चाहिए कि "माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है" वो सेमिनार में आते नहीं और जिनको ये समझ है वो कोई कैम्पेन चलाते नहीं, ये इस देश का दुर्भाग्य है |
इसे पढ़े ------ http://www. babymilkaction.org/pages/ history.html

3. हेल्थ टॉनिक
हमारे देश में हेल्थ टॉनिक के नाम पर कई कंपनियाँ अपने उत्पाद बेचती हैं, जैसे होर्लिक्स, मालटोवा, बोर्नविटा, कॉम्प्लान,बूस्ट, प्रोटिनेक्स और खूबी की बात है कि इनमे हेल्थ के नाम पर कुछ भी नहीं है | कैसे ? ये कंपनियाँ इन हेल्थ सप्लीमेंट में मिलाती क्या हैं वो भी आप जान लीजिये | मालटोवा, बोर्नविटा, कॉम्प्लान और बूस्ट बनता है मूंगफली (सिंघदाना) की खली से | खली समझते हैं आप ? मूंगफली, सरसों, आदि का तेल निकालने के बाद जो उसका कचरा निकलता है, उसी को खली कहते है और भारत में गाय, बैल,भैंस जैसे जानवरों को खिलाने के लिए इस खली का प्रयोग किया जाता है | ये मालटोवा, बोर्नविटा, कॉम्प्लान और बूस्ट इसी मूंगफली की खली से बनाया जाता है, जो खली हमारे देश में जानवरों को खिलाया जाता है वही इस देश में अपने को पढ़े-लिखे और बुद्धिमान कहने वाले लोग खा रहे हैं | बाजार में आप चले जाइये, ये मूंगफली की खली 20 -25 रूपये प्रति किलो के हिसाब से मिल जाएगी आपको | आप सौ डब्बे भी इन हेल्थ टोनिकों के खा लीजिये या अपने बच्चों को खिला दीजिये, कुछ नहीं होने वाला उससे | और इसके बदले मूंगफली/सिंघदाना दीजिये गुड के साथ तो जितना प्रोटीन इससे मिलता है, जितनी कार्बोहाईड्रेट इससे मिलती है, या और भी जितनी स्वास्थ्यवर्धक तत्व इससे मिलती है, उतना 100 पैकेट इन उत्पादों के खाने से भी नहीं मिल सकती | ये अपने डब्बे पर लिखते है कि इससे विटामिन मिलता है, प्रोटीन मिलता है, कैल्सियम मिलता है, वगैरह वगैरह, लिखने में क्या जाता है ? किसी ने कभी टेस्ट कर के कोई समान ख़रीदा है क्या ? अरे मिटटी में भी 18 तरह के Micro Nutrients होते हैं तो क्या हम मिटटी खायेंगे ?
ऐसा ही एक और हेल्थ टॉनिक है - हॉर्लिक्स - हॉर्लिक्स में क्या है ? हॉर्लिक्स में है गेंहूँ का आटा, चने का सत्तू, जौ का सत्तू | बिहार में हमलोग उसको कहते हैं सत्तू और अंग्रेजी में कहते हैं - हॉर्लिक्स | आप किसी से पूछिये कि सत्तू खाओगे ? तो कहेगा कि - क्या फालतू की बात कर रहे हो और पूछेंगे कि हॉर्लिक्स खाओगे तो कहेगा -हाँ खायेंगे | क्योंकि अंग्रेजी का नाम है, और बड़ा भारी नाम है हॉर्लिक्स | उस पर साफ़-साफ़ लिखा है "It's malted " और malted का मतलब ही होता है आटा/सत्तू | जौ का सत्तू, चने का सत्तू बाजार से खरीद लीजिये 50 -60 रूपये किलो मिल जायेगा और और हॉर्लिक्स बिक रहा है 400 रूपये किलो के हिसाब से |
भारतीय बाजार में जितने हेल्थ टोनिक मिल रहे हैं उनसे एक पैसे का हेल्थ नहीं मिलता और भारत के लोग हर साल 1500 करोड़ का हेल्थ टोनिक खरीद कर पैसा विदेश भेज रहे हैं | सिर्फ mental satisfaction है और कुछ नहीं ? हमारे देश के लोग अजीब किस्म के निराशावाद में जी रहे है | ये इग्नोरेंस अनपढ़ लोगों में होता तो मुझे समझ में भी आता लेकिन भारत के पढ़े लिखे लोगों में ये सबसे ज्यादा है | इनमे मिलाये हुए तत्वों की सूचि नीचे दी गयी है जो कि इनके UK की वेबसाइट से ली गयी है, भारत के वेबसाइट पर ये उपलब्ध नहीं है|
Ingredients of Horlicks : Wheat Flour (55%), Malted Barley (15%), Dried Whey, Sugar, Calcium Carbonate, Vegetable Fat, Dried Skimmed Milk, Salt, Vitamins (C, Niacin, E, Pantothenic Acid, B6, B2, B1, Folic Acid, A , Biotin, D, B12), Ferric Pyrophosphate, Zinc Oxide.May contain traces of soyabeans..
Source : http://www.horlicks.co.uk/ downloads/Horlicks- Traditional-2011.pdf

4. लाइफबॉय

दुनिया में तीन तरह के साबुन होते हैं | एक होते हैं- बाथ सोप-मतलब नहाने का साबुन, दुसरे होते हैं-टॉयलेट सोप - मतलब हाथ धोने का साबुन और एक होता है - कार्बोलिक सोप - मतलब जानवरों को नहलाने का साबुन | और ये लाइफबॉय साबुन, कार्बोलिक साबुन है, ये कंपनी वाले कहते हैं, मैं नहीं कह रहा हूँ | और यूरोप के देशों में जिस लाइफबॉय से कुत्ते नहाते हैं, बिल्लियाँ नहाती हैं, घोड़े नहाते हैं उसी लाइफ बॉय से भारत के लोग रगड़-रगड़ के नहाते हैं | प्रचार देख के ऐसा हमारा दिमाग ख़राब हुआ है कि अकेले भारत में ये लाइफबॉय साबुन एक साल में 7 करोड़ बिक जाता है और तो और कुछ दिन पहले तक लाइफबॉय साबुन बिक रहा था "Family Doctors Welfare Association of India द्वारा प्रमाणित" के नाम से | ये कौन सा एसोसिएसन है ? ये कब बना ? और कब इन्होने लाइफबॉय को प्रमाण-पत्र दे दिया थे ? लेकिन रोज इनका विज्ञापन था ये और हम सब ख़ामोशी के साथ बैठे हुए इसको देख रहे हैं कि कैसे देश के साथ भयंकर गद्दारी और बेईमानी का काम चल रहा है | और लाइफबॉय के प्रचार पर ध्यान दीजियेगा, उनका कहना है कि "ये मैल में छिपे कीटाणुओं को धो डालता है" ध्यान दीजियेगा, मैल को धोता है, कीटाणुओं को नहीं धोता और कीटाणुओं को धोता है, मारता नहीं | सबसे घटिया साबुन भारत के बाजार में बिक रहा है और हम इस्तेमाल कर रहे हैं | इसके घटिया होने का प्रमाण क्या है ? साबुन में केमिकल जितना ज्यादा, साबुन उतना ही घटिया | मैं आपको इसका प्रमाण देता हूँ, आप लाइफबॉय से नहाइए, नहाने के बाद जब शरीर सुख जाये तो नाख़ून से शरीर पर लाइन खिचिये, सफ़ेद रंग की लाइन खिंच जाएगी, ये लाइन कैसे खिंची ? लाइफबॉय के केमिकल कचरे ने आपके त्वचा के प्राकृतिक तेल को पू री तरह से सुखा दिया, तो त्वचा एकदम रुखी-सुखी हो गयी और बार-बार जब आप इस प्रयो ग को करेंगे तो एक दिन आपको एक् जीमा होना ही है, सोरैसिस होना ही है, अन्य चमड़े के रोग होने ही वाले हैं | एक दिन मैंने इस कंपनी के बैलेंस शीट में से इस लाइफबॉय का लागत खर्च (Cost of Production) निकाला तो वो है 2 रुपया और भारत के बाजार में बिकता है 18 -20 रुपया में, अब आप इसका लाभ प्रतिशत निकाल लीजिये |
http://www.wisegeek.com/what- is-carbolic-soap.htm

5. रिफाइन

आज से 50 साल पहले तो कोई रिफाइन तेल के बारे में जानता नहीं था, ये पिछले 20 -25 वर्षों से हमारे देश में आया है | कुछ विदेशी कंपनियों और भारतीय कंपनियाँ इस धंधे में लगी हुई हैं | इन्होने चक्कर चलाया और टेलीविजन के माध्यम से जम कर प्रचार किया लेकिन लोगों ने माना नहीं इनकी बात को, तब इन्होने डोक्टरों के माध्यम से कहलवाना शुरू किया | डोक्टरों ने अपने प्रेस्क्रिप्सन में रिफाइन तेल लिखना शुरू किया कि तेल खाना तो सफोला का खाना या सनफ्लावर का खाना, ये नहीं कहते कि तेल, सरसों का खाओ या मूंगफली का खाओ, अब क्यों, आप सब समझदार हैं समझ सकते हैं |

ये रिफाइन तेल बनता कैसे हैं ? मैंने देखा है और आप भी कभी देख लें तो बात समझ जायेंगे | किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 केमिकल का प्रयोग किया जाता है और डबल रिफाइन करने में ये संख्या 12 -13 हो जाती है | ये सब केमिकल मनुष्य के द्वारा बनाये हुए हैं प्रयोगशाला में, भगवान का बनाया हुआ एक भी केमिकल इस्तेमाल नहीं होता, भगवान का बनाया मतलब प्रकृति का दिया हुआ जिसे हम ओरगेनिक कहते हैं | तेल को साफ़ करने के लिए जितने केमिकल इस्तेमाल किये जाते हैं सब Inorganic हैं और Inorganic केमिकल ही दुनिया में जहर बनाते हैं और उनका combination जहर के तरफ ही ले जाता है | इसलिए रिफाइन तेल, डबल रिफाइन तेल गलती से भी न खाएं | फिर आप कहेंगे कि, क्या खाएं ? तो आप शुद्ध तेल खाइए, सरसों का, मूंगफली का, तीसी का, या नारियल का | अब आप कहेंगे कि शुद्ध तेल में बास बहुत आती है और दूसरा कि शुद्ध तेल बहुत चिपचिपा होता है | हमलोगों ने जब शुद्ध तेल पर काम किया या एक तरह से कहे कि रिसर्च किया तो हमें पता चला कि तेल का चिपचिपापन उसका सबसे महत्वपूर्ण घटक है | तेल में से जैसे ही चिपचिपापन निकाला जाता है तो पता चला कि ये तो तेल ही नहीं रहा, फिर हमने देखा कि तेल में जो बास आ रही है वो उसका प्रोटीन कंटेंट है, शुद्ध तेल में प्रोटीन बहुत है, दालों में ईश्वर का दिया हुआ प्रोटीन सबसे ज्यादा है, दालों के बाद जो सबसे ज्यादा प्रोटीन है वो तेलों में ही है, तो तेलों में जो बास आप पाते हैं वो उसका Organic content है प्रोटीन के लिए | 4 -5 तरह के प्रोटीन हैं सभी तेलों में, आप जैसे ही तेल की बास निकालेंगे उसका प्रोटीन वाला घटक गायब हो जाता है और चिपचिपापन निकाल दिया तो उसका Fatty Acid गायब | अब ये दोनों ही चीजें निकल गयी तो वो तेल नहीं पानी है, जहर मिला हुआ पानी | और ऐसे रिफाइन तेल के खाने से कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं, घुटने दुखना, कमर दुखना, हड्डियों में दर्द, ये तो छोटी बीमारियाँ हैं, सबसे खतरनाक बीमारी है, हृदयघात (Heart Attack), पैरालिसिस, ब्रेन का डैमेज हो जाना, आदि, आदि | जिन-जिन घरों में पुरे मनोयोग से रिफाइन तेल खाया जाता है उन्ही घरों में ये समस्या आप पाएंगे, अभी तो मैंने देखा है कि जिनके यहाँ रिफाइन तेल इस्तेमाल हो रहा है उन्ही के यहाँ Heart Blockage और Heart Attack की समस्याएं हो रही है |

जब हमने सफोला का तेल लेबोरेटरी में टेस्ट किया, सूरजमुखी का तेल, अलग-अलग ब्रांड का टेस्ट किया तो AIIMS के भी कई डोक्टरों की रूचि इसमें पैदा हुई तो उन्होंने भी इसपर काम किया और उन डोक्टरों ने जो कुछ भी बताया उसको मैं एक लाइन में बताता हूँ क्योंकि वो रिपोर्ट काफी मोटी है और सब का जिक्र करना मुश्किल है, उन्होंने कहा "तेल में से जैसे ही आप चिपचिपापन निकालेंगे, बास को निकालेंगे तो वो तेल ही नहीं रहता, तेल के सारे महत्वपूर्ण घटक निकल जाते हैं और डबल रिफाइन में कुछ भी नहीं रहता, वो छूँछ बच जाता है, और उसी को हम खा रहे हैं तो तेल के माध्यम से जो कुछ पौष्टिकता हमें मिलनी चाहिए वो मिल नहीं रहा है |" आप बोलेंगे कि तेल के माध्यम से हमें क्या मिल रहा ? मैं बता दूँ कि हमको शुद्ध तेल से मिलता है HDL (High Density Lipoprotin), ये तेलों से ही आता है हमारे शरीर में, वैसे तो ये लीवर में बनता है लेकिन शुद्ध तेल खाएं तब | तो आप शुद्ध तेल खाएं तो आपका HDL अच्छा रहेगा और जीवन भर ह्रदय रोगों की सम्भावना से आप दूर रहेंगे |

अभी भारत के बाजार में सबसे ज्यादा विदेशी तेल बिक रहा है | मलेशिया नामक एक छोटा सा देश है हमारे पड़ोस में, वहां का एक तेल है जिसे पामोलिन तेल कहा जाता है, हम उसे पाम तेल के नाम से जानते हैं, वो अभी भारत के बाजार में सबसे ज्यादा बिक रहा है, एक-दो टन नहीं, लाखो-करोड़ों टन भारत आ रहा है और अन्य तेलों में मिलावट कर के भारत के बाजार में बेचा जा रहा है | 7 -8 वर्ष पहले भारत में ऐसा कानून था कि पाम तेल किसी दुसरे तेल में मिला के नहीं बेचा जा सकता था लेकिन GATT समझौता और WTO के दबाव में अब कानून ऐसा है कि पाम तेल किसी भी तेल में मिला के बेचा जा सकता है | भारत के बाजार से आप किसी भी नाम का डब्बा बंद तेल ले आइये, रिफाइन तेल और डबल रिफाइन तेल के नाम से जो भी तेल बाजार में मिल रहा है वो पामोलिन तेल है | और जो पाम तेल खायेगा, मैं स्टाम्प पेपर पर लिख कर देने को तैयार हूँ कि वो ह्रदय सम्बन्धी बिमारियों से मरेगा | क्योंकि पाम तेल के बारे में सारी दुनिया के रिसर्च बताते हैं कि पाम तेल में सबसे ज्यादा ट्रांस-फैट है और ट्रांस-फैट वो फैट हैं जो शरीर में कभी dissolve नहीं होते हैं, किसी भी तापमान पर dissolve नहीं होते और ट्रांस फैट जब शरीर में dissolve नहीं होता है तो वो बढ़ता जाता है और तभी हृदयघात होता है, ब्रेन हैमरेज होता है और आदमी पैरालिसिस का शिकार होता है, डाईबिटिज होता है, ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है |
http://www.healthy-eating/- politics.com/vegetable-oil.htm

क्रमशः ......
जय हिंद
राजीव दीक्षित

भाजपा सत्ता में आई, उसमें गुजरात का बहुत बड़ा योगदान है!

*भाजपा सत्ता में आई, उसमें गुजरात का बहुत बड़ा योगदान है!*

*गुजरात को मीडिया के लोग "हिंदुत्व की प्रयोगशाला" कहते थे!*

*गुजरात पहला राज्य है, जहां भाजपा सत्ता में आई, और जिस जमाने में भाजपा के केवल दो संसद सदस्य थे! उसमें से एक मेहसाना से थे!*

*आपको जानकर बड़ा आश्चर्य होगा, कि गुजरात में भाजपा सत्ता में कैसी आई?*

*मित्रों, गुजरात में भाजपा को सत्ता में लाने में कुख्यात "माफिया डॉन अब्दुल लतीफ" का बहुत बड़ा योगदान है*

*अगर अब्दुल लतीफ नहीं होता, तो संभव है भाजपा सत्ता में नहीं आती!* 

*अब्दुल लतीफ इतना कुख्यात डॉन था, कि उसने सबसे पहले एके-५६ का उपयोग किया था! और १२ पुलिस कर्मियों सहित, १५० से अधिक नागरिकों का वध किया था, जिसमें "राधिका जिमखाना" वध  बहुत प्रसिद्ध हुआ था!*

*जब "राधिका जिमखाना" क्लब में लतीफ ने अंधाधुंध गोलीबारी करके, एक साथ ३५ नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था!*

*लतीफ के ऊपर कांग्रेस और जनता दल दोनों के नेताओं का वरदहस्त था!*

*लतीफ की इतनी पहुंच थी, कि वह मुख्य मंत्री चिमन भाई पटेल के चेंबर में, बगैर अपॉइंटमेंट के, चला जाता था, और तस्करी, सोने चांदी की स्मगलिंग, ड्रग्स की स्मगलिंग, इत्यादि में अरबों रुपए कमाये, और उसमें नेताओं को हिस्सा जाता था!*

*यदि लतीफ या लतीफ के गैंग के किसी गुर्गे को कोई हिंदू लड़की पसंद आ जाती थी, तो वो रातों-रात उठा ली जाती थी!*

*लतीफ, जब चाहे तब, किसी हिंदू का बंगला, दुकान खाली करवा लेता था! उस समय भाजपा गुजरात में संघर्ष के दौर में थी*

*नरेंद्र मोदी, शंकर सिंह वाघेला, केशुभाई पटेल साइकिल स्कूटर पर, चप्पल पहन कर घूमते थे!*

*एक दिन, गोमतीपुर में भाजपा की एक सभा थी! भाषण देते देते, केशुभाई पटेल ने जोश में बोल दिया, कि जब भाजपा की सरकार आएगी, तब अब्दुल लतीफ का एनकाउंटर करवा दिया जाएगा! बोलने के बाद, वह डर गए! उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई! लेकिन गुजरात की जनता के अंदर एक संदेश चला गया, कि आखिर यह कौन से पार्टी के नेता हैं, जो अब्दुल लतीफ के गढ़ में, उसका इनकाउंटर करने की बात कर रहे हैं?*

*केशुभाई पटेल के इस भाषण के बाद, जब चुनाव हुए, तब गुजरात में भाजपा की ३५ सीटे आई, जो अपने आप में बहुत बड़ी विजय थी!*

*उसके बाद, भाजपा ने अब्दुल लतीफ और उसके गुर्गों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया, और अगले चुनावों में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई! और अपने वायदे के अनुसार, शंकर सिंह वाघेला ने अब्दुल लतीफ का एनकाउंटर करवा दिया!*

*अब्दुल लतीफ का एनकाउंटर भी बड़े जोरदार तरीके से हुआ था! शंकर सिंह वाघेला के सामने डीएसपी जाडेजा आए, और बोले सर लतीफ का एनकाउंटर करना चाहता हूं, क्योंकि इसने मेरे इंस्पेक्टर झाला का मर्डर किया था, जब वह अपनी गर्भवती पत्नी को देखने छुट्टी पर जा रहा था!*

*अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार किया गया! और नवरंगपुरा स्थित पुराने उच्च न्यायालय में उसकी पेशी होनी थी! पेशी के पहले, डीएसपी जडेजा ने कहा, "दाबेली खाओगे?" लतीफ ने हां बोला, तो उसकी हथकड़ी खोल दी गई! और फिर उसे ८ गोलियां मार दी गई! और मीडिया में कह दिया गया, लतीफ ने नाश्ता करने के लिए हथकड़ी खुलवाई, और भागने का प्रयास किया! जिसके फलस्वरूप वह मारा गया!*

*उसके बाद, शंकरसिंह वाघेला ने एक और बहुत अच्छा काम किया, कि उन्होंने "अशांत धारा एक्ट" लागू कर दिया, यानी गुजरात के विभिन्न शहरों में बहुत से विस्तार चिन्हित कर दिए गए! और इन विसतारों में किसी हिंदू की संपत्ति, कोई मुस्लिम नहीं खरीद सकता!*

*और उसके बाद भाजपा गुजरात से होती हुई मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बंगाल, इत्यादि अन्य कई जगह बढ़ती चली गई! और आज केंद्र में ३०३ बैठकों के साथ सत्ता में है!* 

*जब एक हिन्दू जागता है, और दूसरे सोये हुए हिन्दुओं को जगाता है, तब ये गुजरात वाला वातावरण बनता है!*

*जब केशूभाई ने लतीफ का एनकाउंटर करने की घोषणा की थी, गुजरातियों ने बिना किसी प्रश्न-उत्तर के भाजपा को अपना भरपूर समर्थन किया था!*

*अगर पूरे देश में गुजरात वाला परिणाम हिन्दुओं को चाहिए, तो सभी को वही करना होगा, जो तब गुजरातियों ने किया था!*

*इसीलिए भाजपा और मोदी को, बिना प्रश्न किये, साथ दें! तभी पूरे देश में से लतीफों का सफाया मोदीजी और भाजपा कर पाएंगे!*

*गुजराती नागरिक सदैव दूर की सोचते हैं, और ये एक पाठ देशवासियों को, और विशेष कर हिन्दुओं को, उनसे सीखना होगा!*

*छोटी-छोटी बातों में मोदीजी और भाजपा का विरोध न करें! बल्कि उन्हें अपना पूरा समर्थन दें! ताकि वे अपना काम पूरी प्रामाणिकता से कर सकें!* 
🤔 🤔 🤔
*केवल २५ हिन्दू मित्रों को भेजिए!*

*ll जय श्री राम ll*

सोमवार, 24 जुलाई 2023

हर खेत, हर गांव, कसबे, शहर मे बारिश का पानी धरती में उतारने का काम होना ही चाहिए...

बहुत ही प्रेरणादायक...

हर खेत, हर गांव, कसबे, शहर मे बारिश का पानी धरती में उतारने का काम होना ही चाहिए...

"विद्या भारती के मार्गदर्शन में भाऊराव देवरस सेवा न्यास भोपाल द्वारा जनजाति क्षेत्र में सरस्वती संस्कार केन्द्र(Singal Teacher School) संचालित है।

 जिसके माध्यम से सामाजिक सरोकार के कार्य किये जाते हैं। इसी कड़ी में वर्षा जल संग्रह कार्य किया जाता है। जिसमें वर्षाकाल में घर के पास सोखता गड्ढा(वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) बनाकर घर के पानी को उसमें उतारा जाता है।

बैतूल जिले के ग्राम बाचा में इस तरह सोखता गड्ढे बनाये गये। जिसमें आधे घंटे में 500 ली. पानी धरती में समा गया। यह विद्या भारती द्वारा बड़े पैमाने पर समाज हितैषी एवं देश हितैषी कार्य किया जा रहा है।

विद्या भारती द्वारा किये जा रहे कार्य में समस्त ग्रामजन, समाजजन को साधुवाद।"

सोख्ता गड्ढा बनाने की विधि इस प्रकार है-
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1.सोख्ता गड्ढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो।
2. सोख्ता गड्ढा की लम्बाई,चोड़ाई और गहराई =1मीx1मीx1मी  
3. इस गड्ढे के बीचो बीच 6 इंच व्यास का 15 फीट का बोर करे
4. अब इस् बोर में पिल्ली ईंटों (नरम ईंटों) की रोड़ी भरें।
5. अब नीचे 1/4 भाग में 5 इंच x 6 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े,फिर 
1/4 भाग में 4 इंच x 5 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े भर देते है। 
6. शेष 1/4 भाग में बजरी (2इंचx2इंच साईज़) भर देते है।
7. अब 6 इंच की एक परत मोटे रेत की बना देते है। 
8. एक मिट्टी का घड़ा या पलास्टिक का डिब्बा लेकर उस में सुराख कर देते है फिट उस में नारियल की जटाएं या सुतली जूट भर देते है यह इसलिए कि पानी के साथ आने वाला ठोस गंद उपर ही रह जाएगा और कभी कभी सफाई करने के लिए भी सुविधा हो जाएगी।
9. अब निकास नाली को इस घड़े या डिब्बे के साथ जोड़ देते है वेस्ट पानी इस में सबसे पहले आएगा।   
10. खाली बोरी से गड्ढे को ढक देते है।
11. बोरी के उपर मिट्टी डाल कर गड्ढे को ईंटों से बंद कर देते है।
12. अब तैयार हो गया सोख्ता गड्ढा ..अब यह गड्ढा प्रतिदिन लगभग 500 लीटर बेकार पानी को 5-6 सालों तक सोख्ता रहेगा।

www.sanwariya.org
www.sanwariyaa.blogspot.in

क्या है रूद्राभिषेक? कैसे किया जाता है? क्यों किया जाता है?

 क्या है रूद्राभिषेक? कैसे किया जाता है? क्यों किया जाता है? पढें भूतभावन भोलेनाथ के पवित्र मास श्रावण में एक उपयोगी एवम विस्तृत प्रस्तुति।





रुद्राभिषेक का महत्त्व तथा लाभ भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है। रूद्रहृदयोपनिषद अनुसार शिव हैं – सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।

 भगवान शंकर सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनकी पूजा,अराधना समस्त मनोरथ को पूर्ण करती है। हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।

भगवान शिव को शुक्लयजुर्वेद अत्यन्त प्रिय है कहा भी गया है वेदः शिवः शिवो वेदः। इसी कारण ऋषियों ने शुकलयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से रुद्राभिषेक करने का विधान शास्त्रों में बतलाया गया है यथा –

यजुर्मयो हृदयं देवो यजुर्भिः शत्रुद्रियैः।
पूजनीयो महारुद्रो सन्ततिश्रेयमिच्छता।।

शुकलयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी में बताये गये विधि से रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है ।जाबालोपनिषद में याज्ञवल्क्य ने कहा – शतरुद्रियेणेति अर्थात शतरुद्रिय के सतत पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 परन्तु जो भक्त यजुर्वेदीय विधि-विधान से पूजा करने में असमर्थ हैं या इस विधान से परिचित नहीं हैं वे लोग केवल भगवान शिव के षडाक्षरी मंत्र– ॐ नम:शिवाय  का जप करते हुए रुद्राभिषेक का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते है।

महाशिवरात्रि पर शिव-आराधना करने से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होते है। शिव भक्त इस दिन अवश्य ही शिवजी का अभिषेक करते हैं।

क्या है  रुद्राभिषेक ?

अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है –  स्नान करना अथवा कराना। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। यह पवित्र-स्नान रुद्ररूप शिव को कराया जाता है। वर्तमान समय में अभिषेक रुद्राभिषेक के रुप में  ही विश्रुत है।

अभिषेक के कई रूप तथा  प्रकार होते हैं। शिव जी को प्रसंन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना। वैसे भी अपनी  जटा में गंगा को धारण करने से भगवान शिव को जलधाराप्रिय  माना गया है।

रुद्राभिषेक क्यों करते हैं?

रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रूद्र हैं और रुद्र ही शिव है। रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:  अर्थात रूद्र रूप में प्रतिष्ठित शिव हमारे सभी दु:खों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। वस्तुतः जो दुःख हम भोगते है उसका कारण हम सब स्वयं ही है हमारे द्वारा जाने अनजाने में किये गए प्रकृति विरुद्ध आचरण के परिणाम स्वरूप ही हम दुःख भोगते हैं।

रुद्राभिषेक का आरम्भ कैसे हुआ ?

प्रचलित कथा के अनुसार भगवान विष्णु की नाभि से उत्पन्न कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्माजी जबअपने जन्म का कारण जानने के लिए भगवान विष्णु  के पास पहुंचे तो उन्होंने ब्रह्मा की उत्पत्ति का रहस्य बताया और यह भी कहा कि मेरे कारण ही आपकी उत्पत्ति हुई है। परन्तु  ब्रह्माजी यह मानने के लिए तैयार नहीं हुए और दोनों में भयंकर युद्ध हुआ।

 इस युद्ध से नाराज भगवान  रुद्र लिंग रूप में प्रकट हुए। इस लिंग का आदि अन्त जब ब्रह्मा और विष्णु को कहीं पता नहीं चला तो  हार मान लिया और लिंग का अभिषेक किया, जिससे भगवान प्रसन्न हुए।  कहा जाता है कि यहीं से रुद्राभिषेक का आरम्भ हुआ।

एक अन्य कथा के अनुसार ––

एक बार भगवान शिव सपरिवार वृषभ पर बैठकर विहार कर रहे थे। उसी समय माता पार्वती ने मृत्यु लोक में रुद्राभिषेक कर्म में प्रवृत्त लोगो को देखा तो भगवान शिव से जिज्ञासा कि की हे नाथ  मृत्यु लोक में इस इस तरह आपकी पूजा क्यों की जाती है? तथा इसका फल क्या है?

भगवान शिव ने कहा – हे प्रिये! जो मनुष्य शीघ्र ही अपनी कामना पूर्ण करना चाहता है वह आशुतोषस्वरूप मेरा विविध द्रव्यों से विविध फल की प्राप्ति हेतु अभिषेक करता है। जो मनुष्य शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से अभिषेक करता है उसे मैं प्रसन्न होकर शीघ्र मनोवांछित फल प्रदान करता हूँ।

जो व्यक्ति जिस कामना की पूर्ति के लिए  रुद्राभिषेक करता  है  वह उसी प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करता है  अर्थात यदि कोई वाहन प्राप्त करने की इच्छा से रुद्राभिषेक करता है तो उसे दही से अभिषेक करना चाहिए यदि कोई रोग दुःख से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे कुशा के जल से अभिषेक करना या कराना चाहिए।

रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ?

शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है अर्थात आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे है उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए का उल्लेख शिव पुराण में किया गया है उसका सविस्तार विवरण प्रस्तुत कर रहा हू और आप से अनुरोध है की आप इसी के अनुरूप रुद्राभिषेक कराये तो आपको पूर्ण लाभ मिलेगा।

जरूर पढ़े “शिवजी को कौन सा फूल चढाने से क्या फल मिलता है”

जानिए शिवजी की पूजा में क्या नहीं चढ़ाना चाहिए
संस्कृत श्लोक

जलेन वृष्टिमाप्नोति व्याधिशांत्यै कुशोदकै
दध्ना च पशुकामाय श्रिया इक्षुरसेन वै।
मध्वाज्येन धनार्थी स्यान्मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा।
पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।
बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।
जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया।।
घृतधारा शिवे कार्या यावन्मन्त्रसहस्त्रकम्।
तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशयः।
प्रमेह रोग शांत्यर्थम् प्राप्नुयात मान्सेप्सितम।
केवलं दुग्धधारा च वदा कार्या विशेषतः।
शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्।
श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!
सार्षपेनैव तैलेन शत्रुनाशो भवेदिह!
पापक्षयार्थी मधुना निर्व्याधिः सर्पिषा तथा।।
जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै।
पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।
महलिंगाभिषेकेन सुप्रीतः शंकरो मुदा।
कुर्याद्विधानं रुद्राणां यजुर्वेद्विनिर्मितम्।

अर्थात

जल से रुद्राभिषेक करने पर —               वृष्टि होती है।
कुशा जल से अभिषेक करने पर —        रोग, दुःख से छुटकारा मिलती है।
दही से अभिषेक करने पर —                  पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।
गन्ने के रस से अभिषेक  करने पर —     लक्ष्मी प्राप्ति
मधु युक्त जल से अभिषेक करने पर — धन वृद्धि के लिए।
तीर्थ जल से अभिषेकक करने पर —     मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इत्र मिले जल से अभिषेक करने से —     बीमारी नष्ट होती है ।
दूध् से अभिषेककरने से   —                   पुत्र प्राप्ति,प्रमेह रोग की शान्ति तथा  मनोकामनाएं  पूर्ण
गंगाजल से अभिषेक करने से —             ज्वर ठीक हो जाता है।
दूध् शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से — सद्बुद्धि प्राप्ति हेतू।
घी से अभिषेक करने से —                       वंश विस्तार होती है।
सरसों के तेल से अभिषेक करने से —      रोग तथा शत्रु का नाश होता है।
शुद्ध शहद रुद्राभिषेक करने से   —-         पाप क्षय हेतू।

इस प्रकार शिव के रूद्र रूप के पूजन और अभिषेक करने से जाने-अनजाने होने वाले पापाचरण से भक्तों को शीघ्र ही छुटकारा मिल जाता है और साधक में शिवत्व रूप सत्यं शिवम सुन्दरम् का उदय हो जाता है उसके बाद शिव के शुभाशीर्वाद सेसमृद्धि, धन-धान्य, विद्या और संतान की प्राप्ति के साथ-साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती  हैं।

क्या श्री कृष्ण की जन्म की घटना सत्य थी अगर हा तो इसका क्या सबूत है?

 

क्या श्री कृष्ण की जन्म की घटना सत्य थी अगर हा तो इसका क्या सबूत है?

जी हां ये बात बिल्कुल सत्य है। श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ। फिर बासुदेव जी के जरिए उनको गोकुल में पहुंचाया गया। आप सभी जानते है जब वासुदेव जी श्री कृष्ण को गोकुल ले जा रहे थे। उस समय रास्ते में यमुना जी से होकर उन्हें जाना पड़ा था। जिसमें चलकर श्री कृष्ण को ले जाया गया था। इस बात का सबूत आप गूगल मैप पर देख सकते हो कि मथुरा और गोकुल के बीच में यमुना जी पड़ती है।


दुर्गा सप्तशती में भगवान विष्णु जी कानो के मैल से राक्षस मधु कैटभ ही क्यों उतपन्न हुए? कोई देवता शक्ति क्यों नहीं उतपन्न हुई

 

भगवान ने कौन सा काम क्यों किया यह समझ पाना हमारे वश का नहीं है फिर भी मधु कैटभ की उत्पत्ति और अंत पर कुछ बातें करते हैं।

प्रलय के अंत में सब कुछ जलमग्न था भगवान विष्णु योगनिद्रा के प्रभाव से शयन कर रहे थे लेकिन ब्रह्म जी उनकी कमल नाभि पर बैठे थे। जहां तक मुझे लगता है भगवान विष्णु कभी खाली नहीं रहते कुछ ना कुछ करते ही रहते हैं। ब्रह्म जी को ब्रह्मा होने का अभिमान बहुत बार हो चुका है , इस बार भी ब्रह्मा जी को एक पाठ पढ़ाने के लिए भगवान ने अपने कान के मैल से महा शक्तिशाली मधु कैटभ को उत्पन्न कर दिया है या उत्पन्न होने दिया।

मनु कैटभ उत्पन्न होते ही ब्रह्मा जी को मारने चल दिए, उन भयानक असुरों को देखकर ब्रह्मा जी ने सोचा भगवान तो सो रहे हैं अब उन्हें कौन बचाएगा ? तब ब्रह्म जी ने देवी की स्तुति करना प्रारंभ किया जिनके वश में आकर भगवान विष्णु शयन कर रहे थे।

ब्रह्मा जी ने कहा — " ये जो दोनों असुर मधु और कैटभ हैं, इनको मोह में डाल दो और जगदीश्वर भगवान विष्णु को शीघ्र ही जगा दो। साथ ही इनके भीतर इन दोनों असुरों को मार डालने की बुद्धि उत्पन्न कर दो "

तमोगुण की अधिष्ठात्री देवी योगनिद्रा इस स्तुति से प्रसन्न हुईं और भगवान विष्णु के नेत्रों से निकलकर ब्रह्मा जी के सामने खड़ी हो गईं।

योगनिद्रा से मुक्त होते ही जगत के आधार भगवान शेषनाग की शैय्या पर बैठ गए और दो असुर वीरों को ललकारते हुए देखा। जो लाल लाल नेत्र किए ब्रह्मा जी को खाने के लिए उद्यत थे।

भगवान विष्णु को उन महापराक्रमी असुरों ने युद्ध करने को आमंत्रित किया लेकिन भगवान बल के साथ बुद्धि के भी भंडार हैं, वे उन असुरों की स्तुति करके उनसे उन्हीं के मृत्यु का वरदान मांग लिया। तत्पश्चात भगवान ने उनका वध कर दिया।

भगवान के इस लीला से हमें बहुत कुछ मिला जैसे दुर्गा जी की स्तुति करने का तरीका, भगवान की पावन कथा और व्यवहारिक ज्ञान तो मिला ही। अगर भगवान ये सब ना करें तो भवसागर से पार होने के लिए हमारे पास कोई साधन नहीं रहेगा।

मणिपुर से आ रही वीडियो ने देश को बुरी तरह से झंझोर दिया है। इस पर आपकी कोई टिप्पणी?

 

मणिपुर हिंसा वर्तमान समय में लगभग 80 दिनों से उपर से हो रही है। नागा,मैती और कुकी इन तीनो जनजातियों की गलती है हिंसा में। जिन दो महिलाओं की वीडियो को लेकर सारा बबाल हो रहा है वो 3–4 मई की है जो ठीक संसद के मानसून सत्र के पहले आई।सूत्र तो ये भी कहते हैं की कई महिलाओं शायद 200 से लेकर 2000 की इज्जत तार तार हुई।ये वीडियो सामने न आती तो कुछ विशेष प्रवृति के मनावतावादियों के छाती में दूध शायद न उतरता।दरअसल महिलाओं को हमेशा से समाज में एक व्यक्ति के तौर पर नही बल्कि एक वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया गया है।एक ऐसी वस्तु जिसका मान मर्दन कर सामने वाले प्रतिद्वंदी को नीचा दिखाया जा सके।युद्धकाल और आपातकाल में महिलाएं खासकर कम उम्र की स्त्री की इज्जत को नीलाम करने वाले नरपिचाषों से स्वयं को बचाकर रखना बेहद कठिन कार्य है।इसके बारे में हम मुंह उठाकर कितना भी लिखें परंतु उस स्वाभिमानी नवयोवना के अलावा रूह कंपा देने वाली इस स्तिथि को कोई नहीं समझ सकता जिसने इसका सामना किया हो। कहते हैं किसी महिला ने ही इस कृत्य के लिए इनको उकसाया था।

आज समाज की हालात बद से बद्तर हो चुकी है। इसे सिर्फ मणिपुर तक ही क्यों देखा जाए। महिलाएं स्वयं को एक बाजारू वस्तु के रूप में प्रस्तुत करने में गौरवान्वित महसूस करती है।जीतने कम कपड़े हम उतने हाई क्लास सोच वाले और मॉर्डन।इसे तो समाज सहर्ष स्वीकार कर रहा है।

मणिपुर की घटना गलत तो ये सही कैसे 👇

आज जो गंदगी परोसी जा रही है उसपर समाज क्यूं नही बोलता ,सोचा है कभी कितना नीचे गिर चुके हैं।🤔

मणिपुर गलत तो बंगाल सही कैसे 👇

नीचे की तस्वीर भी मणिपुर की महिलाओं की ही है 👇 ये सही था क्या

नीचे जो तस्वीर है वो सूत्रों के अनुसार ऐसा कहा जाता है बंगाल की ही है हो सकता है न भी हो ।ये नग्न महिला पुलिस को खदेड़ रही है।यहां मानवता कहां गई।

दो अमर्यादित तस्वीर हटानी जरूरी थी सो हटा दी। दूसरे को नसीहत देने से पहले स्वयं के आचरण पर गौर करना चाहिए। उन तस्वीरों से किसी की भावना आहत हुई है खासकर किसी बहन की तो क्षमा चाहूंगा। 🙏पर क्या करूं कुछ लोगों को आईना दिखाना जरूरी हो जाता है। मैं स्वयं मर्यादा का पालन न करूं तो दूसरों से उम्मीद बेमानी है।

सूत्रों के अनुसार ये मुर्शिदाबाद बंगाल की है।मोदी को मानवता और नारीवाद के नाम पर कोसने वाले लिब्रांड कोरापुत्रों अपने मोतियाबिंद वाला काला चश्मा नैनो पर चढ़ा कर लिखते रहो,नारीवाद का एकतरफा RR करने वाले इसपर क्या बोलोगे 👆👇my body my choice इतना काफी है इसे सही साबित करने को क्यूं

एकतरफा सोच रखकर लिखने वाले अपनी पीछे वाली जेब में अपनी पक्षपाती सोच की बत्ती बनाकर डाल लें तो बेहतर रहेगा।

खुद से स्वयं का मॉर्डनाइजेशन के नाम पर दैहिक शौषण करना सही कैसे

ये मोहतरमा कहती है अनपढ़ रूल कर रहे जिसका खुद का पति पूरे देश में पान और गांजा बेचता फिरता है।जिसका सामाजिक बहिष्कार नही होता 🤔अनपढ़ कौन ये या हम।

एक महिला बिना कपड़ों के हो या पूरे कपड़ों में उसे खिलौना ही समझा जाता है जिसमे महिलाएं भी 100% जिम्मेदार हैं ।

बेटियों के साथ साथ बेटों को भी जिस दिन हर घर में बचपन से अच्छे संस्कार मिलेंगे तो शायद स्तिथि थोड़ी बेहतर हो सके

रविवार, 23 जुलाई 2023

संस्कारी इवेंट्स द्वारा संगीत प्रतियोगिता का सेमीफाइनल का आयोजन संपन्न फाइनल 6 अगस्त को होगा

दिनांक 23 जुलाई 2023 रविवार प्रातः संस्कारी इवेंट्स द्वारा संगीत प्रतियोगिता का सेमीफाइनल का आयोजन  रेलवे स्टेशन परिसर के पास स्थित होटल कॉस्मापॉलिटन में किया गया
संस्था द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता से पूर्व 16 जुलाई को ऑडिशन का प्रोग्राम रखा गया था जिसमे  8 वर्ष से लेकर 70 वर्ष से भी अधिक के उम्र के प्रतियोगियों  ने चाहे वह बच्चे हो वयस्क हो महिला हो चाहे पुरुष हो सभी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया ऑडिशन में चयनित कलाकारों द्वारा  सेमीफाइनल की शानदार प्रस्तुति दी गई 
कार्यक्रम में संगीत के क्षेत्र की कई जानी मानी हस्तियां उपस्थित रही 
 संस्था का अगला फाइनल का प्रोग्राम 6 अगस्त 2023 रविवार को जोधपुर में ही किया जाएगा जिसकी रूपरेखा आने वाले समय में सभी प्रतियोगियों को बता दी जाएगी और संस्था के अधिकारियों ने सभी के कलाकारों के साथ आगे बढ़ने की शपथ ली और कलाकारों की प्रतिभा को और अधिक प्रचलन प्रचलित करने के लिए सबका सहयोग चाहा और सभी कलाकारों के उज्जवल भविष्य की कामना की

शनिवार, 22 जुलाई 2023

हरियाणा में छाया सृष्टि का नाम। करंट अफेयर्स में आया सृष्टि का नाम।* सृष्टि की ऐतिहासिक उपलब्धि।

*हरियाणा में छाया सृष्टि का नाम। करंट अफेयर्स में आया सृष्टि का नाम।* 
सृष्टि की ऐतिहासिक उपलब्धि।
कहते हैं बेटियां बड़े भाग्य से मिलती है। वो माता पिता बड़े ही खुश किस्मत होते हैं जिनके घर बेटियां जन्म लेती है। छोटी उम्र में ही अनोखे काम करे बड़ी महान होती है वो बेटियां। ऐसी ही एक बेमिसाल बेटी से मिलाने जा रहे हैं आपको। जी हां हम बात कर रहे हैं फरीदाबाद हरियाणा की डी.सी.मॉडल.सीनियर.सेकेंडरी स्कूल कक्षा दो की छात्रा सृष्टि गुलाटी की। नन्ही बेटी का नाम पूरे हरियाणा में जाना जा रहा है। वजह जानकर आप हो जाएंगे हैरान। जी हां इस नन्ही सी बेटी का नाम हरियाणा के कर्रेंट अफेयर्स में आया है। करंट अफेयर्स में छाया सृष्टि गुलाटी का नाम। नित नए रिकॉर्ड बनाए, अनोखे काम किए। भिवानी से प्रकाशित एकलव्य क्लासेज हरियाणा के करंट अफेयर्स में नन्ही बेटी का नाम प्रकाशित हुआ है। एकलव्य हरियाणा करंट अफेयर्स 2021, 2022 ओर 2023 में भी नन्ही सृष्टि गुलाटी का नाम आया है। हरियाणा करंट अफेयर्स में सृष्टि के नाम का पूछा गया प्रश्न है।
 प्रश्न- साल 2021 ओर 2022 में यह प्रश्न आया।

 *मात्र 5 साल की आयु में नृत्य, कविता, रैंपवॉक, फ़ैशन शो में 68 अवार्ड, 18 मेडेल, 7 ट्रॉफी जितने वाली राज्य की किस लड़की का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।*
   *उतर- सृष्टि गुलाटी          फरीदाबाद* 

साल 2023 का प्रश्न-
 *मात्र 7 वर्ष की उम्र में नृत्य, कविता, फैशन शो, रैंपवॉक में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में राज्य की किस लड़की का नाम दर्ज किया गया है।*  
 *उत्तर- सृष्टि गुलाटी फरीदाबाद*
एकलव्य क्लासेज के लेखक प्रमोद चौधरी ने बताया कि हमारे संस्थान में करंट अफेयर्स में प्रकाशित होने वाले सभी प्रश्नों पर गहन अध्ययन ओर रिसर्च किया जाता है उसके बाद ही इन सभी प्रश्नों को हमारी करंट अफेयर्स बुक में प्रकाशित किया जाता हैं। प्रमोद ने बताया की हमारी बुक में हरियाणा के सभी जिलों, गांवों, कस्बो में होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जाती हैं साथ ही करंट में क्या घटित हो रहा है वह सब हम अपनी बुक में प्रकाशित करते हैं। प्रमोद चौधरी ने बताया कि हमारी पुस्तक hspc, hssc, ctet, htet के लिए बहुत उपयोगी हैं। सृष्टि गुलाटी के बारे में उन्होंने कहा कि नन्ही बेटी की कामयाबी पर बहुत खुशी होती हैं। धन्य है वे माता पिता जिन्होंने ऐसी होनहार बेटी को जन्म दिया। हम यही कोशिश करेंगे की आने वाले ओर सालो में भी सृष्टि बिटिया का नाम हमारी करंट अफेयर्स बुक में प्रकाशित होता रहे। वर्तमान में नन्ही सृष्टि गुलाटी के नाम 750 से ज्यादा प्रमाण पत्र, 100 अवॉर्ड, 40 ट्रॉफी ओर 25 मेडेल है। पिता प्रवीन गुलाटी ने बताया की सृष्टि पूरे हरियाणा में पहली ऐसी बेटी है जिसका नाम लगातार 3 साल से इस पुस्तक में प्रकाशित हो रहा है। माता प्रिया गुलाटी ने कहा की यह बड़े ही गर्व की बात है। करंट अफेयर्स में नन्ही सृष्टि का नाम आना अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि है। एकलव्य क्लासेज की यह पुस्तक बाजार में सभी जगह उपलब्ध है। कोई भी इस बुक को बाजार में आसानी से खरीद कर पढ़ सकते हैं और बुक में सृष्टि का नाम भी देख सकते है। विद्यालय की प्रधानाचार्य ज्योति गुप्ता ने कहा कि अनोखी सृष्टि की अनोखी कामयाबी। सृष्टि की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सभी सृष्टि को बधाई और आशीर्वाद दे रहे है।

मंगलवार, 18 जुलाई 2023

कांग्रेस भारत को संविधान के माध्यम से मुस्लिम राष्ट्र बना चुकी थी बस घोषणा नहीं कर पाई

*कांग्रेस भारत को संविधान के माध्यम से मुस्लिम राष्ट्र बना चुकी थी बस घोषणा नहीं कर पाई*
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अनुच्छेद 25, 28, 30 (1950)
एचआरसीई अधिनियम (1951)
एचसीबी एमपीएल (1956)
धर्मनिरपेक्षता (1975)
अल्पसंख्यक अधिनियम (1992)
POW अधिनियम (1991)
वक्फ अधिनियम (1995)
राम सेतु शपथ पत्र (2007)
केसर (2009)
*1)* उन्होंने अनुच्छेद 25 द्वारा धर्मांतरण को वैध बनाया।
*2)* उन्होंने अनुच्छेद 28 के माध्यम से हिंदुओं से धार्मिक शिक्षा छीन ली लेकिन अनुच्छेद 30 के माध्यम से मुस्लिमों और ईसाइयों को धार्मिक शिक्षा की अनुमति दी।
*3)* उन्होंने एचआरसीई अधिनियम 1951 लागू करके सभी मंदिरों और मंदिरों का पैसा हिंदुओं से छीन लिया।
*4)* उन्होंने हिंदू कोड बिल के तहत तलाक कानून, दहेज कानून द्वारा हिंदू परिवारों को नष्ट कर दिया लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ को नहीं छुआ। उन्हें बहुविवाह की अनुमति दी ताकि वे अपनी जनसंख्या बढ़ाते रहें।
*5)* 1954 में विशेष विवाह अधिनियम लाया गया ताकि मुस्लिम लड़के आसानी से हिंदू लड़कियों से शादी कर सकें।
*6)* 1975 में उन्होंने आपातकाल लगाया, जबरदस्ती धर्मनिरपेक्षता शब्द संविधान में जोड़ा और जबरदस्ती भारत को धर्मनिरपेक्ष बना दिया।
*7)* कांग्रेस यहीं नहीं रुकी. 1991 में वे अल्पसंख्यक आयोग कानून लेकर आये और घोषणा की
एमएसएल! एम को अल्पसंख्यक माना जाता है, हालांकि धर्मनिरपेक्ष देश में बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक नहीं हो सकते।
*8)* उन्होंने छात्रवृत्ति, सरकारी जैसे विशेष अधिकार दिए। अल्पसंख्यक अधिनियम के तहत उन्हें लाभ मिले।
*9)* 1992 में, उन्होंने हिंदुओं को उनके मंदिर कानूनी तरीके से वापस लेने से रोक दिया और पूजा स्थल अधिनियम द्वारा 40000 मंदिर हिंदुओं से छीन लिए।
*10)* कांग्रेस यहीं नहीं रुकी और 1995 में उन्होंने मुसलमानों को किसी भी जमीन पर दावा करने, वक्फ अधिनियम के जरिए किसी भी हिंदू की जमीन छीनने का अधिकार दे दिया और मुसलमानों को भारत का दूसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक बना दिया।
*11)* 2007 में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामसेतु हलफनामे में *श्री राम* के अस्तित्व को अस्वीकार कर दिया और हिंदू विरोधी धर्मयुद्ध में चरम बिंदु 2009 में था जब कांग्रेस ने भगवा चरमपंथ शब्द गढ़कर हिंदू धर्म को चरमपंथी धर्म घोषित किया।
*12)* और मजे की बात यह है कि इसी कांग्रेस ने अपने 136 साल के इतिहास में कभी बुर्के में, तीन तलाक में कोई अतिवाद नहीं पाया!
*13)* कांग्रेस धीरे-धीरे बड़ी चतुराई से हिंदुओं को नंगा करती रही। वे एक-एक करके हिंदू अधिकारों को छीनते रहे और अब हिंदू पूरी तरह से हर चीज से वंचित हो गए हैं और मजेदार बात यह है कि उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं है।
*14)* उनके पास अपने मंदिर नहीं हैं, उनके पास अपनी धार्मिक शिक्षा नहीं है, उनकी ज़मीनें उनकी स्थायी संपत्ति नहीं हैं।
और वे प्रश्न भी नहीं पूछते!
क्यों मस्जिद और चर्च स्वतंत्र हैं, लेकिन मंदिर सरकार के अधीन हैं? नियंत्रण?
सरकार क्यों हैं? वित्त पोषित मदरसे, कॉन्वेंट स्कूल लेकिन सरकारी नहीं। वित्त पोषित गुरुकुल?
उनका वक्फ अधिनियम तो हिंदू भूमि अधिनियम क्यों नहीं है?
उनका मु$ल क्यों है m पर्सनल बोर्ड लेकिन हिंदू पर्सनल बोर्ड नहीं?
यदि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है तो यहां बहुसंख्यक अल्पसंख्यक क्यों हैं? स्कूलों में रामायण और महाभारत क्यों नहीं पढ़ाई जाती?
*15)* औरंगजेब ने हिंदू धर्म को नष्ट करने के लिए तलवार का इस्तेमाल किया, कांग्रेस ने हिंदू धर्म को नष्ट करने के लिए संविधान, अधिनियमों, विधेयकों का इस्तेमाल किया और जहां तलवार विफल रही, वहां संविधान ने यह काम किया।
*16)* और फिर मीडिया है।
अगर कोई ये सवाल पूछने की कोशिश करता है तो उसे सांप्रदायिक, भगवा और भक्त घोषित कर दिया जाता है।
यदि कोई राजनेता इन गलतियों को सुधारने का प्रयास करता है तो उन्हें बुलाया जाता है क्योंकि वे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।
*17)* याद रखें शक्तिशाली रोमन धर्म के पतन में केवल 80 वर्ष लगे।
प्रत्येक हिंदू को रोमन सभ्यता के पतन के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए।
कोई भी बाहरी ताकत उन्हें हरा नहीं सकी, वे आंतरिक रूप से अपने ही शासक कॉन्सटेंटाइन और ईसाई धर्म से हार गए।
*18)* हिंदुओं ने 1950 से नेहरू और उनके परिवार को चुना और भारी कीमत चुकाई है और अधिकांश वर्षों तक कांग्रेस सरकारों से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
    हिंदुओं के लिए गुलाम मानसिकता से बाहर आने और शिवाजी और महाराणा प्रताप की तरह बनने का समय आ गया है, जो अपने शासनकाल के दौरान कभी गुलाम नहीं बने।
क्या हमें इस एक पार्टी की ज़रूरत है जिसने हिंदुओं को इतना नुकसान पहुंचाया है??

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