आनलाइन फ्राड/धोखेबाज़ी या आनलाईन फिशिंग से कैसे बचा जा सकता है? क्या आपका कोई अच्छा या बुरा अनुभव है जो आप साझा करना चाहेंगे?
मेरे पास तो कम से कम 20 से 25 बार काॅल आ चुके हैं धोखाधड़ी के लिए। लेकिन हर बार मैं अपनी समझदारी के कारण बच गया हूँ और फ्राड काॅलर अपना सिर धुनते रह गया है। कई बार तो नामी गिरामी कंपनियों के काॅल सेंटर से काॅल करके बेवकूफ़ बनाने का प्रयास किया गया है। कई बार तो नामी गिरामी कंपनियों के काॅल सेंटर से काॅल करके बेवकूफ़ बनाने का प्रयास किया गया है।
मैं एक ग्राफिक डिज़ाईनर हूँ और पिछले 20 सालों से मैं कम्प्यूटर/आनलाइन कार्य करता हूँ और काफी जानकारी भी एकत्रित करता रहता हूँ इस कारण धोखेबाज़ों के जाल में नहीं फंसा।
इस प्रश्न के उत्तर में अपना अनुभव आप लोगों से साझा करना चाहता हूँ, ताकि और लोग भी सचेत हो सके।
मेरे पास किस तरह के फ्राड काॅल आते हैं उनके बारे विस्तार से लिख रहा हूँ -
बैंक एटीएम की जानकारी के लिए - धोखेबाज़ कई बार फोन करके एटीएम नंबर और पिन माँग चुके हैं। एक अनुभव साझा करता हूँ - मेरे पास एक काॅल आया, ‘आप अलाउदिन अंसारी बोल रहे हैं। मैं एसबीआई/इंडिया बैंक से फलाना मैनेजर बोल रहा हूँ। आपका एटीएम कार्ड ब्लाॅक होने वाला है एक-दो दिन में। आप अगर वेरिफिकेशन करवा लेते हैं तो आपका एटीएम बंद नहीं होगा।’’ (अपना नाम और बैंक के बारे सुनकर आम लोग सोचते हैं कि बैंक से ही फोन होगा, जबकि सच्चाई यह है कि आपका सारा डाटा आनलाइन चोर मार्केट में मिल सकता है, 1 रूपये से भी कम में।) उसने मुझे भरोसे में लेने के लिए कहा कि हम आपसे कार्ड का नंबर और खूफिया जानकारी नहीं मांगेंगे। मुझे तो समझ आ गया कि यह एक फ्राड काल है।
मैंने कहा बताइए कैसे वेरिफिकेशन करेंगे। तो काॅलर ने मुझसे पूछा आपका कार्ड वीसा कंपनी का है या मास्टर कार्ड का। मैंने बताया कि वीसा कंपनी का। तो उसके कहा मैं आपको नंबर कंफर्म करा रहा हूँ, और उसने मेरे कार्ड के 16 नंबरों में से शुरूआती 4 नंबर बता दिए और फिर मुझसे बाकी के नंबर पूछने चाहे। मैंने मना कर दिया। क्यों? क्योंकि वीज़ा/अमेरिकन एक्सप्रेस/मास्टर कार्ड सबके शुरूआती नंबर कंपनी के हिसाब एक ही होते हैं। इन शुरूआती 4 डिज़िट से ही कार्ड किस कंपनी द्वारा जारी किया गया है पता चलता है। इस कारण मैंने उसको साफ मना कर दिया। काफी देर तक उसने मुझपर दबाव डाला तब मैंने कहा कि "भाई साहब मैं साइबर सेल में हूँ और आपसे इसलिए इतनी देर से बात कर रहा कि आपका काल ट्रेस हो सके।" बस इतना सुनना था कि सामने वाले का काल कट गया।
अब इतनी आदत हो गई है कि 5 सेकेंड में पता चल जाता है काॅल फ्राड है कि सही। कई बार मैं आफिस में होता हूँ और ज्यादा बात करने का समय नहीं होता तो साफ बोल देता हूँ तुम फ्राड कालर हो और फोन कट जाता है।
सुझाव-
याद रखें बैंक वाले कभी भी आपसे आपका पिन या कार्ड नंबर नहीं मांगेंगे। अगर उन्हें ज़रूरत भी होगी तो आपको ही ब्रांच में बुलाएंगे। आप कभी भी अपना पिन या फिर मोबाईल पर आया हुआ ओटीपी किसी को न बताएँ। क्योंकि धोखेबाज़ों के आप आप की अधिकतर जानकारी होती है, कार्ड नंबर, सीवीवी कोड और मोबाइल नंबर तक उनको पता होता है। बस लेनदेन के लिए जो ओटीपी आता है वो आपके मोबाइल पर ही आयेगा इसलिए धोखोबाज आपको फोन पर पहले ही फंसा लेते है और जब उनको लगता है कि आप ओटीपी बता देंगे तो वो आॅनलाइन किसी चीज़ का भुगतान करते हैं (आपके कार्ड की डिटेल्स से)। आप जैसे ही ओटीपी बतायेंगे तो आपके बैंक से कट जाएंगे।
कृपया ऐसे फोन काॅल से सावधान रहें।
नौकरी के झांसे वाले काॅल - एक बार नौकरी.काॅम से ई-मेल आया था। जिसमें एक अच्छे पैकेज का आफर था। उन्होंने रिज्यूमे माँगा और 10 मिनट बाद ही मुझे फोन आया कि आपको सेलेक्ट कर लिया गया है। चूंकि मेल नौकरी.काॅम की मेल सर्विस से आया था तो मैंने फ्राड काॅल नहीं समझा। कुछ देर बाद मुझे फिर से एक काॅल आया कि 5000/- रूपये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करो तो आपको कल ही ज्वाईनिंग लेटर भेज दिया जाएगा और सैलरी भी लगभग 40 हजार के आस-पास फाइनल हो गई है।
बस यहीं मेरे दिमाग की बत्ती जली। फिर मैंने ईमेल एड्रेस, जिससे मेल आया था उसको ध्यान से पढ़ा तो पता चला कि सिर्फ एक अक्षर का अंतर था कंपनी और फ्राड ईमेल एड्रेस में।
बस इस जरा सी सावधानी से मैं एक बार फिर बच गया। मेरा एक पड़ोसी जो इंजीनिरिंग कर चुका था उसने ऐसे ही फ्राड ईमेल के झांसे में आकर धीरे-धीरे 60-70 हज़ार रूपये गंवा दिए थे। इसका मुझे बाद में पता चला।
सुझाव -
नौकरी के ऐसे आफर की सत्यता की जाँच कंपनी के आफिशियल वेबसाईट पर करें। किसी की भी चिकनी-चुपड़ी बातों में आसानी से न आएँ, दो-तीन लोगों से सलाह लें जो इंटरनेट के अच्छे जानकार हों और सबसे जरूरी वक्त लें थोड़ा, जल्दबाजी न करें।
लकी नंबर वाला फ्राॅड - मेरे पास कई ऐसे फोन भी आए हैं जिनमें कहा गया कि आपका आयडिया का नंबर लकी नंबर के रूप में चुना गया है। आपको मोबाईल/बाईक/कार/घर ईनाम के रूप में मिलेगा। बस आपको सिक्यूरिटी के रूप में 10/20/30/40 हज़ार रूपये जमा करने पड़ेंगे। अब जाहिर सी बात है कोई जबरन में आपको काॅल करके क्यों गिफ्ट देगा वो भी आपके बिना भाग लिए हुए। सोचने वाली बात है।
सुझाव-
कृपया लालच न करें। यह कलयुग है, सतयुग नहीं। कोई भी आपको अपनी जेब से गिफ्ट नहीं देगा, वो भी जबरदस्ती। ऐसे काॅल को महत्त्व न दें।
आनलाईन खरीदी के बाद वाला फ्राॅड काल- यह नया-नया फ्राॅड है। मेरे साथ 2 बार हो चुका है। मैंने फ्लिपकार्ट से एक सामान आर्डर किया। दूसरे ही दिन मेरे पास काॅल आया कि आपने फ्लिपकार्ट से अमुक समान खरीदा है, इतने रूपये का और आपके इस एड्रेस पर डिलीवरी होनी है। (इतने में आम लोग आश्वस्त हो जाते हैं कि कंपनी से ही काॅल आया होगा) मेरे हाँ में जवाब देने पर काॅलर ने कहा ‘‘बधाई हो आप एक बाईक जीत गए हैं, फिलिपकार्ट पर शाॅपिंग करने के लिए’’। बस मेरे लिए इतना ही काफी था फेक अलार्म पकड़ने के लिए। मैंने उसे साफ मना कर दिया मैं कोई पैसा नहीं दूँगा आपको तो सामने वाले काॅल कट कर दिया।
होम शाॅप 18 से भी खरीदी करने पर भी मेरे साथ एक बार यही चीज़ हो चुकी है।
सुझाव-
आनलाईन कंपनियाँ जो भी डिस्काउंट या ईनाम देती हैं अपनी वेबसाईट या जो सामान आप खरीद रहे हैं वहीं पर बता देते है। आपकी खरीदारी के बाद नहीं बताती कि आपने यह ईनाम जीता है।
आपका एड्रेस और खरीदारी का अमाउंट धोखेबाज़ कुरियर कंपनी से खरीद लेते हैं इसलिए आप भ्रमित न हों। लोगों से सलाह लें।
आनलाईन जाॅब पोर्टल - एक बहुत बड़ी जाॅब प्रोवाईडर कंपनी है, मैं नाम नहीं लूंगा। इनके काॅल सेंटर से काॅल आया। अच्छी जाॅब दिलाने के बहाने मुझसे रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया। बहुत मनाने के बाद मैंने 3000 रूपये में रजिस्ट्रेशन इस शर्त पर किया की इसके बाद मुझे एक भी रूपये नहीं देने पड़ेंगे और जाॅब के नोटीफिकेशन आने लगेंगे। पर जैसे ही मैंने रजिस्ट्रेशन फीस जमा की उन्होंने और पैसे की माँग की अलग-अलग बहाने से। मैंने मना कर दिया और आनलाईन कंप्लेंट करके बड़ी मुश्किल से अपने पैसे वापस पाए। आप इनको व्हाईट काॅलर धोखेबाज़ बोल सकते हैं।
सुझाव -
किसी भी जाॅब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने से पहले सारे तथ्य एवं शुल्क की जाँच कर लें। साथ ही कंपनी के बारे में आनलाइन रिव्यू एवं फीडबैक भी पढ़ लें।
एम्स में गरीबों के इलाज के लिए - एक बार मेरे पास एक काॅल आया जिसमें कहा गया कि एक गरीब बच्चे के टीबी के इलाज के लिए 1 लाख रूपये चाहिए। 60 हजार रूपये आप जैसे लोगों से एकत्रित हो गए हैं, बस 40 हज़ार की और जरूरत है। आपसे जितनी मदद हो सके कर दीजिए कम से कम 1 रूपये से आप कितना भी अमाउंट आप पेटीएम कर सकते हैं।
अब चूंकि मैं काफी संवेदनशील हूँ तो मैंने सोचा थोड़ी बहुत मदद तो मैं कर ही सकता हूँ। फिर भी मैंने सोचा की एक बार कंफर्म तो करना चाहिए ताकि पैसा सही जगह पहुँच जाए। तो काॅलर ने बच्चे का एम्स का एडमिट कार्ड और रसीदें व्हट्सअप पर दिखाई और कहा कि आप एम्स की वेबसाइट पर लाॅगइन करके देख सकते हैं।
मैंने रसीदें चेक की वो तो असली थी, लेकिन उस पर जो तारीख़ लिखी थी उसपर मुझे संदेह हुआ। मुझे फोटोशाॅप की अच्छी जानकारी है मुझे पता है कि तारीख बदलना तो कितना मामूली काम है। इसलिए उस जानकारी से एम्स की वेबसाईट पर लाॅगइन किया तो कोई डिटेल्स नहीं मिली। वह केस शायद बंद हो गया था। यह बात मैंने काॅलर को बताई तो उसने मुझे बरगलाने की कोशिश की, लेकिन फिर मैंने काॅल कट कर दिया। उसके बाद उसके कई काॅल आए अलग-अलग नंबर से धमकाते हुए और कहते हुए कि मेरा समय बर्बाद कर दिया और पैसे भी नहीं भेजे। लेकिन मुझे ऐसे फ्राड लोगों पर पैसे खर्च करने का न तो कोई शौक है और नही लुटाने के लिए पैसे। जब भी मुझे लगता है मैं खुद से ज़रूरतमंदों की मदद कर देता हूँ।
सुझाव -
आम लोग काफी संवेदनशील होते हैं और फ्राड आपके इसी कमज़ोरी का फ़ायदा उठा कर इस तरह से आपसे पैसों की माँग करते हैं। हम और आप दान या मदद करने की भावना से पैसे भेज भी देते हैं। मगर हमको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मेहनत से कमाए पैसे सही जगह पहुँचे।
उम्मीद है कि आप सुझावों पर अमल करेंगे।
#fraud
#police
rajasthan police, india
#public
#india
#rajasthan
#Jodhpur
#instapic
#like4like
#likeforfollow
#policepublicpress
#sanwariya
#2020
#bharat
#instagram
#twitter
#viralindia
#jodhpuri
#marwari
#cybercrime
#Facebook Account for #Cloning #Securitytips
Know tips and safety measures for #Facebook #BeAware #BeSecure #CyberExpert