यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 16 जून 2021

15x15x15 कैसे है करोड़पति FORMULA

15x15x15 कैसे है करोड़पति FORMULA

Mutual Funds में SIP में 15x15x15 का एक formula होता है, जिसे प्रत्येक Mutual Fund निवेशक को याद रखना चाहिए। इस सूत्र में कहा गया है कि कोई 15 साल के लिए 15,000 रुपये निवेश करता है और निवेश पर 15 प्रतिशत का returns पाता है तो उसको उसको मिलने वाला धन होगा वह करोड़ रुपये से ऊपर होगा.

Mutual Fund SIP (Systematic Investment Plan) निवेशकों के लिए अपनी संपत्ति को हजारों से बढ़ाना एक बहुत धीमी और उबाऊ प्रक्रिया है। लेकिन, यदि निवेश अनुशासित (Disciplined Investment) है, तो अमीर बनने की आकांक्षा पूरी हो सकती है। कर TAX और निवेश विशेषज्ञों Investment experts के अनुसार, , एक निवेशक को एसआईपी मासिक मोड में (MONTHLY MODE) एक राशि बचानी चाहिए जो वह हर महीने निवेश कर सकता है। दीर्घावधि में, यह निवेश वस्तुतः एक बूंद से धन के महासागर को विकसित करने की दिशा में काम करता है।

करोडपति कैलकुलेटर 

म्यूचुअल फंड्स SIP की ख़ूबसूरती यही है कि  “म्यूचुअल फ़ंड्स SIP में एक सूत्र है 15x15x15  जिसे प्रत्येक म्यूचुअल फ़ंड निवेशक को याद रखना चाहिए। इस फॉर्मूले में 15 साल के लिए 15,000 और वह रिटर्न जो वह शुद्ध निवेश पर उम्मीद कर सकता है वह 15 प्रतिशत है। ” विशेषज्ञों का कहना है कि 15 साल के अंत में, निवेशक को शुद्ध रिटर्न 1.02 करोड़ रुपये मिलेगा।

 

मान लीजिए, इसलिए, उस व्यक्ति को 10 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि (INCREMENT) भी मिलती है। फिर इस व्यक्ति को अपने मासिक एसआईपी को उस राशि के साथ टॉप-अप (TOP UP) भी करना चाहिए। फिर, उस स्थिति में, 15 साल के निवेश के बाद, निवेशक को मिलने वाला शुद्ध रिटर्न 1,60,63,163 रुपये या 1.61 करोड़ रुपये है – जो कि 15X15X15 म्यूचुअल फंड एसआईपी फॉर्मूले की तुलना में 50 लाख रुपये अधिक है।

 

15 साल के निवेश का यह हाल है। हालांकि, अगर यह अवधि 30 वर्ष तक बढ़ा दी जाए तो क्या होगा?

टैक्स और निवेश विशेषज्ञों ने कहा कि अगर कोई निवेशक 30 साल की उम्र में इन लाइनों पर निवेश करना शुरू कर देता है, तो वह 30 साल तक आसानी से निवेश जारी रख सकता है।

 

DO YOU KNOW HOW COMPOUNDING RETURNS WORKS??

निवेशकों को इस फॉर्मूले में लंबे समय तक चलने के लिए कहते हुए, यदि निवेश 30 के आसपास शुरू किया गया है, तो निवेशक को  रिटायरमेंट तक एसआईपी में निवेश जारी रखना चाहिए, बशर्ते कोई वित्तीय आपातकाल (फाइनेंसियल इमरजेंसी) न हो। लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड एसआईपी ब्याज लाभों पर ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) देता है जो निवेश के बाद के चरण में किसी के पैसे को तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं।

 

इसलिए, 15% 15X15X15 फॉर्मूले में 30 साल के लिए मासिक एसआईपी राशि में 10 प्रतिशत वार्षिक टॉप अप के साथ निवेश को देखते हुए, म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर का सुझाव है कि कोई व्यक्ति 19,77,91,975 रुपये या 19.77 करोड़ रुपये तक का कोष विकसित कर सकता है।

 

अब से 30 साल बाद, 19.77 करोड़ रुपये निश्चित रूप से एक राशि होगी जो किसी के दीर्घकालिक निवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी।

क्रेडिट कार्ड – क्या करें और क्या नहीं।

क्रेडिट कार्ड – क्या करें और क्या नहीं।

Credit Cards – Do’s and Don’t..

 

  1. Use of Credit card 

  2. Pay On Time

  3. Avoid Late Fee and Charges

  4. Use Of Credit Cards Limit

  5. Maintain Your CIBIL

  6. Cross check your Bills Before payments

  7. Know All kind of charges

  8. Use Reward Points

  9. Report on time of loss of cards to avoid misuse

 

 

  1. पहला क्रेडिट कार्ड (Credit Cards) प्राप्त करना कई लोगों को सशक्त और बहुत अच्छा महसूस कराता है। हर समय नकदी (Cash) ले जाना भी सुविधाजनक नहीं है। हालांकि, अगर कार्ड का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से नहीं किया जाता है, तो यह किसी के व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance) के साथ कई बड़ी परेशानियाँ भी पैदा कर सकता है। यहां क्रेडिट कार्ड से संबंधित कुछ त्रुटियां हैं जिनसे उपयोगकर्ताओं को बचने की आवश्यकता है।
  1. क्रेडिट कार्ड का उपयोग केवल उन चीजों को खरीदने के लिए करें जिनकी आपको ज़रूरत है और केवल वही खर्च करें जो आप महीने के अंत में पूरी तरह से चुकाने में सक्षम होंगे। Use Credit Cards only when you can clear its dues within time limit.

 

2. भुगतान के लिए नियत तारीख को ध्यान में रखें या स्वचालित भुगतान के लिए ECS (इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सेवा) जनादेश (Mandate) दें। यदि आप देर से भुगतान (Payment) करते हैं तो आपको ब्याज (Interest) के ऊपर और बाद में एक विलंब शुल्क (Late Payment Fee) के साथ Payment करना पड़ता है ।

 

3. कई क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता, विशेष रूप से अनुभवहीन लोग, हर महीने देय न्यूनतम राशि का भुगतान करते हैं, जो बकाया देय राशि के 5% के बराबर हो सकता है। यह एक ऋण जाल है। ऐसा करने से आपको केवल देर से भुगतान शुल्क (Late Payment Fee) से छूट मिलेगी। आपको शेष राशि पर भारी ब्याज देना होगा। शेष राशि अगले बिलिंग चक्र में जुड़ जाएगी और मौजूदा बिल चक्र (Billing Cycle) की नियत तारीख (Due Date) के बाद वित्त शुल्क (Fee) को आकर्षित करेगा। आपके द्वारा किया गया कोई भी ताजा लेनदेन भी पहले दिन से वित्त शुल्क को आकर्षित करेगा। औसत दैनिक संतुलन विधि पर प्रति माह 3.5%, शुल्क प्रति वर्ष 42% तक काम करता है।

 

4. प्रत्येक क्रेडिट कार्ड अधिकतम खर्च सीमा (Maximum Credit Limit) के साथ आता है, जो आपकी आय और क्रेडिट इतिहास (Credit History) पर निर्भर करता है। यदि आप बार-बार अपने कार्ड का अधिकतम स्वीकार्य सीमा तक उपयोग करते हैं, तो आप अपने क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाएंगे। यह भविष्य में उधार लेने की आपकी क्षमता (Credit Limit) को प्रभावित करेगा।

 

5. उधारदाताओं को भी बहुत सारे कार्ड के लिए आवेदन करने वाले लोग पसंद नहीं हैं। यदि आप थोड़े समय के भीतर ऐसा करते हैं, तो यह RED FLAG के रूप में काम करेगा। ऋणदाता आपके आवेदनों को अस्वीकार कर सकते हैं। कई कार्ड के मालिक बहुत अधिक क्रेडिट आसानी से उपलब्ध करवाते हैं, जिससे अधिक खर्च हो सकता है। यदि आपके पास सीमित संख्या में कार्ड हैं तो खर्चों का प्रबंधन करना आसान है। आपको विभिन्न कार्डों पर खर्चों को विभाजित नहीं करना होगा और कई कथनों का ध्यान रखना होगा।

 

6. अधिकांश लोग विसंगतियों के लिए अपने क्रेडिट कार्ड के बिल की जांच नहीं करते हैं। एक ही भुगतान के लिए दो बार चार्ज होने पर तकनीकी गड़बड़ियां हो सकती हैं। अतिरिक्त शुल्क या ब्याज आप पर थोपा जा सकता है। Always go through your Credit card Bills to get any discrepancy in the bill, may be.

 

7. सुनिश्चित करें कि आप प्रत्येक चार्ज को पहचानते हैं, सभी रिफंड आपके खाते में जाते हैं, और रद्द किए गए सदस्यता अब चार्ज नहीं किए जा रहे हैं। Always know the various Charges that attracts many Charges.

 

8. कैश कार्ड (Cash Card) का इस्तेमाल कैश बैक (Cash Back), ट्रैवल पॉइंट (Travel Points) और रिवॉर्ड पॉइंट (Reward Points) जीतने के लिए अनुशासित तरीके से किया जा सकता है। लेकिन कई लोग संचित बिंदुओं (Accumulated Reward Points) का उपयोग करने की जहमत नहीं उठाते। दूसरी ओर, कई लोग केवल इनाम अंक पाने के लिए अत्यधिक खर्च करते हैं, जो सही नहीं है। Never get  attracted by many reward schemes.

 

9. कई यूजर्स अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम (ATM) से पैसे निकालने के लिए भी करते हैं। इस तरह की राशि की वापसी की तारीख से ब्याज को आकर्षित करती है जब तक कि उसे चुकाया नहीं जाता है। 

 

10. कभी-कभी लोग अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग विदेश में होने पर करते हैं। बैंक अंतरराष्ट्रीय लेनदेन (जैसे क्रॉस-करेंसी चार्ज Cross Currency Charges) के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाते हैं, जो उन्हें महंगा बनाता है। निकासी और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन केवल गंभीरआपातकालके मामले में किया जाना चाहिए।

 

11. अंत में, कई उपयोगकर्ता अपने बैंकों को खोए हुए या चोरी हुए कार्डों की तुरंत रिपोर्ट नहीं करते हैं, ताकि बाद वाला खाता बंद या फ्रीज कर सके, और अनधिकृत रूप से रोक सके। Always Report at the time of loss of credit cards to avoid any misuse.


उपयोग।

  • क्रेडिट कार्ड एक विस्तृत उपकरण है, अगर इसका उपयोग पूरी तरह से किया जाता है। केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप क्या करते हैं, इसका उपयोग करें। यह अत्यधिक समीक्षा हो जाएगा

शादी, शर्त और सौदा - आज 30-35 साल तक के बच्चों के विवाह नहीं हो रहे है?

💓शादी, शर्त और सौदा💓
आज 30-35 साल तक के बच्चों के विवाह नहीं हो रहे है? 

कारण क्या है ?🤔🤔🤔

एक 24 वर्षीय  लड़की के पिताजी को नजदीक के परिजन ने एक विवाह प्रस्ताव के बारे में बताया कि लड़का शहर में नौकरी करता है। 

.... दिखने में सुस्वरूप है।
.... अच्छे संस्कारवाला है।
...  माँ बाप भी धनाढ्य और सम्पन्न हैं☺️

लड़के की उम्र 25 साल है, सब अनुरुप है।

लड़की के पिताजी ने कहा कि  वो सब ठीक है पर लड़के की कमाई कितनी है?🤔
 
मध्यस्थ ने बताया कि अच्छी है। 30 हजार रुपये है। धनाढ्य परिवार से है।

लड़की के पिताजी के जवाब दिया कि हूँ !! शहर में 30 हजार से क्या होता है? परिवार की कमाई से हमें क्या लेना-देना!!

मध्यस्थ ने कहा कि एक दूसरा लड़का भी है।...

दिखने में ठीक ठाक है।

तनख्वाह  अच्छा.... 50 हजार है। 

सिर्फ उसकी उम्र थोड़ी ज्यादा है। 

वह 28 साल का है।

लडके पिताजी ने कहा कि 50 हजार ?🤔

शहर में 1BHK फ्लैट भी वह खरीद सकता है क्या!🤔

सिर्फ  50 हजार में ?...🤔 

तो बेटी को कैसे खुश रख पायेगा वो!🤔
 
मध्यस्थ ने हिम्मत नहीं हारी और एक बताया कि एक और भी है।

.... लड़का दिखने मे ठीक ठाक है। 
.... सिर्फ थोड़ा मोटा है।
 .... थोडे से बाल झड़ गए है
 ....दिमाग से काम करने के कारण!
 ....  तनख्वाह भी ज्यादा है।
 ... 1 लाख महीना है। 
 ... पर उम्र मात्र 32 साल है !! 
 ... देखो अगर आपको जँचता हो तो!*

लड़की के पिताजी ने गुस्से में कहा कि क्या चाटना है 1 लाख पगार को?

.... मेरी कन्या को तो सुन्दर ही लड़का ही चाहिए।

.... और वो भी अकेला रहने वाला या बहुत छोटा परिवार। 

....कमाई भी ज्यादा होनी चाहिए, वरना लड़की को खुश कैसे रखेगा!

.... मेरी लड़की भी कमाती है! 

.... कोई अच्छा वर बताइये जी 

....लड़का कम उम्र का हो,....

ऐसे ही बातो में 3 से 5 साल  निकल गए। 

.... फिर  मध्यस्थ को बुलाकर बात की उसने कहा की
अब मेरे पास आपकी लड़की के अनुरूप 30 से 35 साल वाले लड़के ही मेरी नजर में है। 

आप बोलो तो बताऊ लड़की का बाप: "कोई भी लड़का बताइये!

.... इस उम्र में कही शादी हो जाये! ये क्या कम बड़ी बात है!!!

... लड़की की उम्र भी तो 29/30 हो रही है!! 

....अब मेरी लड़की ही बहुत बड़ी हो गयी है

.. तो मैं ज्यादा क्या अपेक्षा रखू.ऐसी बातें करके लड़की और लड़को की जिंदगी के साथ खिलवाड़ रोज देखता हूँ! अंत में समझौता ही करते देखा जाता है!😭

 ...आप अपने आस पास देखेंगे,  क्यों की ज्योतिषीय आधार पर भी बहुत बार भाग्य शादी के बाद उदय होता है।
 
... तो बहुत बार शादी के बाद व्यक्ति का सब कुछ चला जाता है

..... इसलिए पैसे को ही एकमात्र आधार नहीं बनाये!🙏

....सिर्फ एक सवाल का उत्तर दें कि जब आपकी शादी हुई थी तब आप कितना कमाते थे?

 ... आज क्या आपके पास नहीं है!
 
लड़का-लड़की को समानता का अधिकार वाले युग मे आप भी थोड़ा लड़की एवं लड़के के पीछे खड़े रहिये।

पर कृपा करके लड़के-लड़कियों की शादी योग्य उम्र में करिये या होने दीजिए।

.. और मां-बाप द्वारा शादी की बात करने पर घर में झगड़ा आम हो चुका है। 

..अपने माता-पिता की भी भावनाये एवं इच्छाओं का ध्यान रखिए।🙏

 .. आप भले ही डिग्री में उनसे ज्यादा हैं।

... पर आपके माता-पिता आपसे बहुत ज्यादा अनुभवी हैं।

 ... और कोई भी अपने बच्चों के लिए गलत संबंध नहीं देखता है।

कई जगह तो अच्छे लड़कों को इसलिए छोड़ दिया क्यों कि लड़कियां जॉब कर रही थी और पढ़ाई में लड़कों से ज्यादा थी।

...जब कि लड़के भले ही उनसे कम पढ़े थे .... परंतु उनके जैसी सैलरी वाले तो उनके परिवारिक व्यवसाय में जॉब कर रहे थे।

.... शादी के बाद जॉब करने वाली नहीं बल्कि परिवारिक काम में मददगार बहु!.

... उनके माता-पिता तो तैयार थे.... पर बच्चे नहीं माने!!*उम्रभर पैसा और नौकरीं तो आते-जाते रहेगी....पर "तारुण्य" और "उम्र" वापस नहीं आएगी...

एक बार अवश्य सोचे 🙏

कोविड से मृत्यु पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ढेर सारे राहत पैकेज की घोषणाएं की गई हैं

*कोरोना महामारी में दूसरी लहर में कोविड से मृत्यु पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ढेर सारे राहत पैकेज की घोषणाएं की गई हैं,* इसके अतिरिक्त भी परिवारजन निम्न राहत प्राप्त करने के अधिकारी हैं, यह प्रावधान आमजन के हित हेतु सूचना प्रेषित है... 

01. पीएम केयर्स फंड से माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु पर 18 वर्ष की उम्र में मासिक सहायता राशि, -23 वर्ष की उम्र में पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है,
-फ्री शिक्षा, उच्च शिक्षा के लोन, जिसका ब्याज पीएम केयर फण्ड से चुकाया जाएगा, 
-साथ ही 18 वर्ष की उम्र तक आयुष्मान भारत से 05 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस किया जाएगा। जिसका प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
02. राज्य में अनाथ बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के अलावा मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना भी है
जिसमें तत्काल ₹ 01 लाख का प्रावधान,
18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह ₹2500,
18 वर्ष पूर्ण होने पर ₹ 05 लाख तक की सहायता देय है।
-12वीं तक निशुल्क आवासीय शिक्षा या हॉस्टल में रहकर शिक्षा। -कॉलेज के छात्रों को समाज कल्याण के हॉस्टल में रहने की सुविधा और अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा. -युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के लिए प्रावधान किए गए हैं।
03. राज्य में विधवा पत्नी हेतु पति की कोविड से मृत्यु पर ₹ 01 लाख एकमुश्त, 
-1500/रुपए प्रति माह विधवा पेंशन का प्रावधान किया गया है इसमें सालाना आय की बाध्यता नहीं है और सभी आयु वर्ग हेतु प्रावधान है,
-विधवा स्त्री के बच्चों को ₹1000 प्रति माह एवं स्कूल ड्रेस और पुस्तकों के लिए एकमुश्त ₹2000 की राशि का प्रावधान किया है.
04. पति/पत्नी राजकीय सेवा में  कार्यरत हो तो कोविड ड्यूटी में लगे हुए हो तो,मृत्य पर 50 लाख रुपये की राशि सरकार द्वारा देय है।
05. प्राइवेट नौकरी में थे और उनका PF/ बीमा के पैसे कटते थे, तो क्लेम का प्रावधान है।
06. ESIC यानी कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत बीमा राशि बढ़ाकर ₹ 07 लाख कर दी गई है, और इस में पारिवारिक पेंशन मिलने का प्रावधान किया गया है, जो औसत दैनिक वेतन के 90% के बराबर तक होगी और यह लाभ 24-3-2020 से 24-3 -2022 तक लिया जा सकेगा.
07. जनधन योजना के खाता धारक को ₹2 लाख दुर्घटना या सामान्य मौत पर, दिए जाने का प्रावधान है।
08. माता पिता की मृत्यु पर समाज कल्याण विभाग की पालनहार योजना से भी लाभ लिया जा सकता है,इसमें केवल पिता या माता की मृत्यु पर भी यह लाभ मिल सकता है, विधवा के बच्चों को ₹1000 प्रतिमाह प्रति बच्चा,दिए जाने का प्रावधान है, इस हेतु अध्ययन प्रमाण पत्र या आंगनबाड़ी का प्रमाण पत्र लगाना पड़ेगा, साथ ही मां का विधवा पेंशन का पीपीओ भी लगेगा, और जन आधार कार्ड भी लगाना होगा।यह लकभ 18 वर्ष की आयु तक  मिलेगा, इसके बाद मुख्यमंत्री हुनर विकास या उच्च शिक्षा योजना के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए फीस सरकार के द्वारा स्पॉन्सर की जाएगी।
09. माता पिता की मृत्यु मार्च 2020 के बाद किसी भी कारण से हो जाने पर, बाल स्वराज स्वराज योजना भी है इसके लिए फोन न. 1098 पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। और केंद्र की स्कीम के अलावा भी इस योजना से लाभ मिलेगा।
10. 01-04-2020 से 31 मार्च 2021 और उसके बाद वित्तीय वर्ष में यदि ₹12 या ₹330 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और PMSBY के तहत बैंक खाताधारक की पासबुक में हुई 12 रुपये और 330 रुपये की कटौती की इंट्री ही इसी बीमा के क्लेम के लिए काफी है। इनमें एक एक्सीडेंटल बीमा की 12 रुपये और दूसरे सामान्य बीमा की 330 रुपये की रकम खाते से कटी होती है। इस पर 2 लाख रुपये क्लैम के दिये जाने के 2015 से ही प्रावधान हैं।
11. एटीएम कार्ड धारक द्वारा यदि 90 दिन में एक बार भी ट्रांजैक्शन किया गया है, तो असामयिक मृत्यु की स्तिथि में 50,000 रु से  10 लाख रुपए तक के बीमा क्लैम के प्रावधान हैं। जो बैंक द्वारा देय हैं। चाहे एटीएम सरकारी बैंक का हो या प्राइवेट बैंक का।
12. यदि मृतक द्वारा किसी भी प्रकार का टर्म इंश्योरेंस, बीमा कवर, एलआईसी की पॉलिसी आदि ली गई है तो वह भी लाभ उसके नॉमिनी को मिलेंगे।
13. राजकीय कर्मचारी को सेवाकाल के दौरान किए गए बीमे की राशि और अन्य लाभ देय होंगे साथ ही पारिवारिक पेंशन भी दी जाएगी।
14. यदि मृतक सरकार द्वारा अधिस्वीकृत पत्रकार था, तो राज्य सरकार द्वारा उसके परिवार को ₹50 लाख की राशि का प्रावधान है।
15 इसी प्रकार यदि किसी अधिवक्ता की मृत्यु होती है तो भी कई बार एसोसिएशन द्वारा उसके परिवार को मुआवजा का  प्रावधान है।
आवश्यक दस्तावेज- मृत्य प्रमाण पत्र, कोविड रिपोर्ट, HRCT रिपोर्ट, रोग प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि, नौकरी के प्रमाण पत्र,आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, फ़ोटो, बीमा पालिसी की प्रति आदि, आयु प्रमाण पत्र, एड्रेस प्रूफ आदि।
 यदि कोई भी संशोधन या और कोई योजना संज्ञान में आये तो कृपया ऐड कर दें और फारवर्ड करें।

*👉कृपया जनहित में इस मैसेज को अधिकतम फॉरवर्ड करने की कृपा करें ताकि अधिकतम लोगों को लाभ मिल सके, यह भी एक प्रकार की  समाजसेवा होगी ।*
निवेदक-

बच्चे का मुण्डन संस्कार क्यों कराया जाता है ?

बच्चे का मुण्डन संस्कार क्यों कराया जाता है ?

मुण्डन संस्कार को चूड़ाकरण संस्कार या चौलकर्म भी कहते है जिसका अर्थ है—वह संस्कार जिसमें बालक को चूड़ा अर्थात् शिखा दी जाए ।

बच्चे का मुण्डन संस्कार कराने के पीछे हमारे ऋषि-मुनियों की बहुत गहरी सोच थी । माता के गर्भ से आए सिर के बाल अपवित्रमाने गये हैं । इनके मुण्डन का उद्देश्य बालक की अपवित्रता को दूर कर उसे अन्य संस्कारों (वेदारम्भ, यज्ञ आदि) के योग्य बनाना है क्योंकि मुण्डन करते हुए यह कहा जाता है कि इसका सिर पवित्र हो, यह दीर्घजीवी हो। अत: यह बालक के स्वास्थ्य व शरीर के लिए नया संस्कार है।
 
दूसरी बात गर्भ के बाल झड़ते रहते हैं जिससे शिशु के तेज की वृद्धि नहीं हो पाती है । इन केशों को मुंडवा कर शिखा रखी जाती है । कहीं-कहीं पर पहले मुण्डन में नहीं वरन् दूसरी बार के मुण्डन में शिखा छोड़ते हैं । शिखा से आयु और तेज की वृद्धि होती है । मुण्डन बालिकाओं का भी होता है, किन्तु उनकी शिखा नहीं छोड़ी जाती है ।

उत्तम, मध्यम व अधम श्रेणी का मुण्डन संस्कार
शास्त्रों में जन्मकालीन बालों का बच्चे के प्रथम, तीसरे या पांचवे वर्ष में या कुल की परम्परानुसार शुभ मुहुर्त में मुण्डन करने का विधान है । जन्म से तीसरे वर्ष में मुण्डन संस्कार उत्तम माना गया है । पांचवे या सातवें वर्ष में मध्यम और दसवें व ग्यारहवें वर्ष में मुण्डन संस्कार करना निम्न श्रेणी का माना जाता है ।

बच्चे का मुण्डन शुभ मुहुर्त में किसी देवी-देवता या कुल देवता के स्थान पर या पवित्र नदी के तट पर कराया जाता है । अपने गोत्र की परम्परानुसार मुण्डन करके बालों को नदी के तट पर या गोशाला में गाड़ दिया जाता है । कहीं-कहीं कुल देवता को ये बाल समर्पित कर फिर उन्हें विसर्जित किया जाता है मुण्डन करने के बाद बच्चे के सिर पर दही-मक्खन, मलाई या चंदन लगाया जाता है।

 कुछ लोग मुण्डन के बाद बालक को स्नान कराकर सिर पर सतिया (स्वास्तिक) बना देते हैं । मुण्डन में अपने परिवार की परम्परा और रीतियों के अनुसार ही पूजा-पाठ और दान-पुण्य व अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं ।

यजुर्वेद (३।६३) में मुण्डन संस्कार पर एक श्लोक है जिससे स्पष्ट होता है कि मुण्डन संस्कार से बच्चे को कितने लाभ हैं—

‘नि वर्त्तयाम्यायुषेऽन्नाद्याय प्रजननाय रायस्पोषाय सुप्रजास्त्वाय सुवीर्याय ।।’
 
अर्थात्—हे बालक ! मैं तेरे दीर्घायु के लिए, उत्पादन शक्ति प्राप्त करने के लिए,ऐश्वर्य वृद्धि के लिए, सुन्दर संतान के लिए, बल और पराक्रम प्राप्त करने के योग्य होने के लिए तेरा मुण्डन-संस्कार करता हूँ।

आचार्य चरक ने मुण्डन संस्कार का महत्व बताते हुए कहा है कि इससे बालक की आयु, पुष्टि, पवित्रता और सौन्दर्य में वृद्धि होती है ।

मुण्डन संस्कार के अनेक मन्त्रों का भी यही भाव है कि—‘सूर्य, इन्द्र, पवन आदि सभी देव तुझे दीर्घायु, बल और तेज प्रदान करें ।’

—मुण्डन संस्कार बालक के आयु, सौन्दर्य, तेज और कल्याण की वृद्धि  के लिए किया जाता है । शुभ मुहूर्त में नाई से बच्चे का मुण्डन कराया जाता है और मर्मस्थान की सुरक्षा के लिए सिर के पिछले भाग में चोटी रखने का विधान है । बालक का मुण्डन कराने के बाद उसके सिर में मलाई या दही, मक्खन आदि की मालिश की जाती है जिससे मस्तिष्क के मज्जातन्तुओं को कोमलता, शीतलता और शक्ति प्राप्त होती है । आगे चलकर यही उसकी बुद्धि के विकास में सहायक होती है क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सिर ठण्डा होना चाहिए ।

—अधिकांशत: मुण्डन प्रथम या तीसरे वर्ष में किया जाता है ।  यह समय बच्चे के दांत निकलने का होता है । इसके कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होती हैं । बच्चे का शरीर निर्बल होकर उसके बाल झड़ने लगते हैं । हमारे शास्त्रकारो ने ऐसे समय में मुण्डन कराने का विधान बच्चे को अस्वस्थ होने से बचाने के लिए ही किया ।

—यह संस्कार त्वचा सम्बन्धी रोगों के लिए बहुत लाभकारी है। शिखा को छोड़कर शेष बालों को मूंड़ देने से शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है और उस समय होने वाली फुंसी, दस्त आदि बीमारियों स्वयं कम हो जाती हैं । एक बार बाल मूंड़ देने के बाद बाल फिर झड़ते नहीं, वे बंध जाते हैं । इस प्रकार मुण्डन संस्कार का उद्देश्य बालक की स्वच्छता, पवित्रता, सौन्दर्य वृद्धि और पुष्टि है । मनुष्य की समस्त शारीरिक क्रियाओं का केन्द्र मस्तिष्क ही है । यदि मस्तिष्क स्वस्थ है तो मनुष्य सौ वर्ष तक दीर्घजीवी हो सकता है।

मंगलवार, 15 जून 2021

नई गाइड लाइन दिशा निर्देश:- कल से लागू। 16 जून 2021

नई गाइड लाइन दिशा निर्देश:- 

कल से लागू। 

राजस्थान सरकार गृह ( ग्रुप -7 ) विभाग कमांक प . 7 ( 1 ) गृह -7 / 2021 जयपुर , दिनांकः 15.06.2021 आदेश विषय : विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 07.06.2021 त्रिस्तरीय जन - अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन दिशा - निर्देश 2.0 के क्रम में अतिरिक्त दिशा - निर्देश । 

विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 07.06.2021 त्रिस्तरीय जन - अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन दिशा - निर्देश 2.0 की निरन्तरता में निम्नानुसार अतिरिक्त दिशा - निर्देश जारी किये जाते हैं : 

1. प्रदेश के ऐसे समस्त सरकारी / निजी कार्यालय जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है , वहां 100 प्रतिशत कार्मिक एवं जिन कार्यालयों में कार्मिकों की संख्या 10 या 10 से अधिक है , उनमें 50 प्रतिशत कार्मिक अनुमत होंगे । 

सभी कार्मिकों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल ( विशेषकर 2 गज की दूरी ) की पालना सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा । 

2. किसी भी प्रकार की खेल - कूद संबंधी गतिविधियों का आयोजन सम्बन्धित परिसर / स्टेडियम में कोच के निर्देशन में कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करते हुए सोमवार से शनिवार प्रातः 06:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक अनुमत होगा । 

3. पूर्णतः वातानुकूलित शॉपिंग कॉम्पलेक्स / मॉल सोमवार से शनिवार प्रातः 06:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी । 
उनमें स्थित दुकानें अथवा व्यवसायिक प्रतिष्ठान , भवन की मंजिलों के अनुसार खुलेंगे । जैसे प्रथम दिन बेसमेंट एवं प्रथम फ्लोर की दुकानें तथा उसके अगले दिन ग्राउण्ड फ्लोर एवं द्वितीय फ्लोर पर स्थित दुकानें , एक छोडकर एक ( Alternate ) खोली जा सकेगी । जन अनुशासन कमेटी द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जायेगी । 

4. रेस्टोरेन्ट्स आदि संचालकों द्वारा बैठाकर खिलाने की सुविधा सोमवार से शनिवार प्रातः 09:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक रेस्टोरेन्ट की बैठक व्यवस्था का 50 प्रतिशत के साथ , एक छोडकर एक ( Alternate ) रूप से अनुमत होगी । 

रेस्टोरेन्ट्स संचालकों द्वारा वायु का उचित संचार ( proper ventilation ) , कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना , दो गज की दूरी बनाए रखना इत्यादि की सख्ती से पालना सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा । उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन द्वारा सम्बन्धित रेस्टोरेन्ट के विरूद्ध सीलिंग की कार्यवाही की जायेगी ।

रेस्टोरेन्ट्स द्वारा होम डिलीवरी की सुविधा रात्रि 10:00 बजे तक अनुमत होगी एवं Take away सुविधा सोमवार से शनिवार प्रातः 06:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक अनुमत होगी । रेस्टोरेन्ट संचालकों द्वारा रेस्टारेन्ट्स की बैठक क्षमता DOIT के माध्यम से बनाए गये वेब पोर्टल पर E - intimation के माध्यम से दिनांक 21.06.2021 तक अपडेट करनी होगी ।

 5. होटल संचालकों द्वारा अपने इन हाऊस ( in - house ) गेस्ट को सर्विस देना अनुमत होगा । 

6. शहर में संचालित सीटी / मिनी बसों का संचालन प्रातः 05:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुमति होगा । किसी भी यात्री को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी ( no standing ) |

 7. कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करते हुए मेट्रो रेल संचालन ( no standing ) की अनुमति होगी ।

 8. सिनेमा हॉल्स / थियेटर / मल्टीप्लेक्स को खोलने की अनुमति नहीं होगी । संचालकों द्वारा बैठक क्षमता DOIT द्वारा बनाए गये वेब पोर्टल पर E - intimation के माध्यम से दिनांक 21.06.2021 तक अपडेट करना अनिवार्य होगा । 

9. जिम एवं योगा सेन्टर को कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करते हुए सोमवार से शनिवार प्रातः 06:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी । संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिम एवं योगा सेन्टर में वायु का उचित संचार ( proper ventilation ) हो , कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना , दो गज की दूरी बनाए रखना इत्यादि की सख्ती से पालना की जाए । जिम एवं योगा सेन्टर संचालकों द्वारा जिम एवं योगा सेन्टर की क्षमता की सूचना DoIT द्वारा बनाए गये वेब पोर्टल पर E - intimation के माध्यम से दिनांक 21.06.2021 तक अपडेट करना अनिवार्य होगा । 

10. प्रदेश के समस्त पर्यटन स्थल , कला एवं संस्कृति से जुड़े स्मारकों को खोले जाने की अनुमति होगी । इस सम्बन्ध में पर्यटन विभाग एवं कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा पृथक से दिशा - निर्देश जारी किये जायेंगे । 

11. शनिवार सायं 05:00 से सोमवार प्रातः 5:00 बजे तक जन अनुशासन वीकेंड कप y रहेगा । इसके अलावा प्रतिदिन सायं 05:00 बजे से अगले दिन प्रातः 5:00 बजे तक जन अनुशासन कप y रहेगा । पूर्व में खोले जाने हेतु अनुमत समस्त बाजार / व्यवसायिक प्रतिष्ठान जोकि सोमवार से शुक्रवार तक अनुमत थे उन बाजारों / व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को सोमवार से शनिवार तक खोले जाने की अनुमति होगी । 

12. यह आदेश दिनांक 16 जून , 2021 बुधवार से प्रभावी होगा ।

#जोधपुरसिटी #jodhpurcity #Jodhpursuncity

अब बहुत सारी धार्मिक पुस्तक खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इस अद्भुत लिंक में सबकुछ शामिल है।

All Vedas and Slokas in
9 major Indian languages in one link.


 Please keep this link  for your permanent reference.


अब बहुत सारी धार्मिक पुस्तक खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इस अद्भुत लिंक में सबकुछ शामिल है।

🙏🏼 जय श्री राम🙏

निवेदक
कैलाश चंद्र लढा

लास्ट लेसन : कोरोना

लास्ट लेसन : कोरोना
---------------------------

सभी को देख लिया,
सालों साल सुबह नियम से गार्डन जाने वालों को भी,

खेलकूद खेलने वालों को भी,

जिमिंग वालों को भी,

रोजाना योगा करने वालों को भी,

'अर्ली टू बेड अर्ली टू राइज' रूटीन वाले अनुशासितों को भी,

कोरोना ने किसी को नहीं छोड़ा !!

उन स्वास्थ्य सजग व्यवहारिकों को भी, जिन्होंने फटाफट दोनों वैक्सीन लगवा ली थीं!!

बचा वही है, जिसका एक्स्पोज़र नहीं हुआ या कहिए कि किसी कारणवश वायरस से सामना नहीं हुआ!
हालांकि उनका खतरा अभी बरकरार है !!

दूसरी बात,
ऐसे बहुत लोग मृत्यु को प्राप्त हुए जिन्हें कोई को-मॉरबिडिटीज (अतिरिक्त बीमारियां) नहीं थीं!

वहीं, ऐसे अनेक लोग बहुत बिगाड़ के बावज़ूद बच गए जिनका स्वास्थ्य कमज़ोर माना जाता था.. और जिन्हें अनेक बीमारियां भी थीं!!

कारण क्या है ??

ध्यान से सुनिए,

हेल्थ, सिर्फ़ शरीर का मामला नहीं है !!

आप चाहें, तो खूब प्रोटीन और विटामिन से शरीर भर लें,
खूब व्यायाम कर लें और शरीर में ऑक्सीजन भर लें,
योगासन करें और शरीर को आड़ा तिरछा मोड़ लें,

मगर, संपूर्ण स्वास्थ्य सिर्फ  डायट, एक्सरसाइज़ और ऑक्सीजन से संबंधित नहीं है ..

चित्त, बुद्धि और भावना का क्या कीजिएगा ???

उपनिषदों ने बहुत पहले कह दिया था कि हमारे पांच शरीर होते हैं!

अन्न, प्राण, मन, विज्ञान और आनंदमय शरीर  !!

इसे ऐसे समझिए,

कि जैसे किसी प्रश्न पत्र में 20-20 नंबर के पांच प्रश्न हैं और टोटल मार्क्स 100 हैं !
सिर्फ बाहरी शरीर(अन्नमय) पर ध्यान देना ऐसा ही है, कि आपने 20 मार्क्स का एक ही क्वेश्चन अटेंप्ट किया है !
जबकि,

प्राण-शरीर का प्रश्न भी 20 नंबर का है,

भाव-शरीर का प्रश्न भी 20 नंबर का है,

बुद्धि और दृष्टा भी उतने ही नंबर के प्रश्न हैँ  !

जिन्हें हम कभी अटेम्प्ट ही नहीं करते, लिहाजा स्वास्थ्य के एग्जाम में फेल हो जाते हैं !

वास्तविक स्वास्थ्य पांचों शरीरों का समेकित रूप है  !

पांचों क्वेश्चंस अटेम्प्ट करना ज़रूरी हैं!

हमारे शरीर में रोग दो तरह से होता है  -

कभी शरीर में होता है और चित्त तक जाता है!

और कभी चित्त में होता है तथा शरीर में परिलक्षित होता है !!
दोनो स्थितियों में चित्तदशा अंतिम निर्धारक है!

कोरोना में वे सभी विजेता सिद्ध हुए, जिनका शरीर चाहे कितना कमजोर रहा हो, मगर चित्त मजबूत था ,

वहीं वे सभी हारे रहे, जिन का चित्त कमजोर पड़ गया  !!
अस्पताल में अधिक मृत्यु होने के पीछे भी यही बुनियादी कारण है!!

अपनों के बीच होने से चित्त को मजबूती मिलती है , जो स्वास्थ्य का मुख्य आधार है!

जिस तरह, गलत खानपान से शरीर में टॉक्सिंस रिलीज होते हैं

उसी तरह, कमज़ोर भावनाओं और गलत विचारों से चित्त में भी टॉक्सिंस रिलीज होते हैं !!

कोशिका हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई है  .. और एक कोशिका (cell) को सिर्फ न्यूट्रिएंट्स और ऑक्सीजन ही नहीं चाहिए बल्कि अच्छे विचारों की कमांड भी चाहिए होती है !

कोशिका की अपनी एक क्वांटम फील्ड होती है जो हमारी भावना और विचार से प्रभावित होती है!

 हमारे भीतर उठा प्रत्येक भाव और विचार,, कोशिका में रजिस्टर हो जाता है..फिर यह मेमोरी, एक सेल से दूसरी सेल में ट्रांसफर होते जाती है !!

यह क्वांटम फील्ड ही हमारे स्वास्थ्य की अंतिम निर्धारक है !

जीवन मृत्यु का अंतिम फैसला भी कोशिका की इसी बुद्धिमत्ता से तय होता है !!
इसीलिए,

बाहरी शरीर का रखरखाव मात्र एकांगी उपाय है!

भावना और विचार का स्वस्थ होना, स्थूल शरीर( gross body )के स्वास्थ्य से कहीं अधिक अहमियत रखता है !

हमारे बहुत से स्वास्थ्य सजग मित्र, खूब कसरत के बावजूद भी मोटे और बीमार हैं !

अनुवांशिकी के अलावा इस मोटापे का एक बड़ा एक बड़ा कारण भय, असुरक्षा और संग्रहण की मनोवृति भी है !!

नब्बे फीसदी बीमारियां मनोदेहिक ( psychosomatic) होती हैं!

अगर चित्त में भय है, असुरक्षा है, भागमभाग है.. तो रनिंग और जिमिंग जैसे उपाय अधिक काम नहीं आने वाले,

क्योंकि वास्तविक इम्युनिटी, पांचों शरीरों से मिलकर विकसित होती है!

यह हमारी चेतना के पांचों कोशो का  सुव्यवस्थित तालमेल है !!

और यह इम्यूनिटी रातों-रात नहीं आती, यह सालों-साल के हमारे जीवन दर्शन से विकसित होती है !!

असुरक्षा, भय, अहंकार और महत्वाकांक्षा का ताना-बाना हमारे अवचेतन में बहुत जटिलता से गुंथा होता है!

अनुवांशिकी, चाइल्डहुड एक्सपिरिएंसेस , परिवेश, सामाजिक प्रभाव आदि से मिलकर अवचेतन का यह महाजाल निर्मित होता है !!

इसमें परिवर्तन आसान बात नहीं !!

इसे बदलने में छोटे-मोटे उपाय मसलन..योगा, मेडिटेशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि ना-काफी हैं!

मानसिकता परिवर्तन के लिए, हमारे जीवन-दर्शन (philosophy of life) में आमूल परिवर्तन लाजमी है !!
मगर यह परिवर्तन विरले ही कर पाते हैं !

 मैंने अपने अनुभव में अनेक ऐसे लोग देखे हैं जो terminal disease से पीड़ित थे, मृत्यु सर पर खड़ी थी किंतु किसी तरह बचकर लौट आए !

जब वे लौटे तो कहने लगे कि

"हमने मृत्यु को करीब से देख लिया, जीवन का कुछ भरोसा नहीं है, अब हम एकदम ही अलग तरह से जिएंगे !"

किंतु बाद में पाया कि साल भर बाद ही वे वापस पुराने ढर्रे पर जीने लग गए हैं !

 वही ईर्ष्या, राग द्वेष, अभिनिवेश फिर से लौट आए  !
आमूल परिवर्तन बहुत कम लोग कर पाते हैं!

हमारे एक मित्र थे जो खूब जिम जाते थे!  एक बार उन्हें पीलिया हुआ और बिगड़ गया !

एक महीने में उनका शरीर सिकुड़ गया और वह गहन डिप्रेशन में चले गए !

दस साल जिस शरीर को दिए थे, वह एक महीने में ढह गया !!

अंततः इसी डिप्रेशन से उनकी मृत्यु भी हो गई !

 अंतिम वक्त में उन्हें डिप्रेशन इस बात का अधिक था कि अति-अनुशासन के चलते वे जीवन में मजे नहीं कर पाए,

 सुस्वादु व्यंजन नहीं चखे,

मित्रों के साथ नाचे गाए नहीं, लंगोट भी पक्के रहे.. मगर इतनी तपस्या से बनाया शरीर एक महीने में ढह गया  !!

जब वे स्वस्थ थे तो मैं अक्सर उनसे मजाक में कहा करता था

"शरीर में ऑक्सीजन तो डाल दिए हो, चेतना में प्रेम डाले कि नहीं ??

"शरीर में प्रोटीन तो भर लिए हो, चित्त में आनंद भरे कि नहीं? "

 छाती तो विशाल कर लिए हो, हृदय विशाल किए कि नहीं ?"

क्योंकि अंत में यही बातें काम आती हैं...

जीवन को उसकी संपूर्णता में जी लेने में भी ,

परस्पर संबंधों में भी, और स्वास्थ्य की आखिरी जंग में भी जीवन-दर्शन निर्धारक होता है, जीवन चर्या नहीं !!

कोरोना काल से हम यह सबक सीख लें तो अभी देर नहीं हुई  है!

बाहरी शरीर के भीतर परिव्याप्त चेतना का महा-आकाश अब भी हमारी उड़ान के लिए प्रतीक्षारत है !

सावधानी हटी दुर्घटना घटी सावधान रहें सुरक्षित रहे

एक शराबी की जब सुबह नींद खुली तो अचानक ही उसे याद आया कि कल रात जब वो अपने मित्रों के साथ पेलेस रोड स्थित गणेश  मंदिर से दर्शन करके घर आया तब अपनी बाईक वही भूल आया । बाईक भी महँगी थी कुछ दिनों पहले ही खरीदी थी, याद आते ही वह तुरंत ऑटो लेकर अपने घर से 7 km  मंदिर गया वहाँ जाकर अपनी बाईक ढूंढने लगा जो कि उसे मंदिर के पास जहा खड़ी की थी वहीं मिली, अपनी बाईक सही सलामत पाकर वो बड़ा खुश हुआ और 5 किलो शुद्ध देशी घी के लड्डू , ऐक बड़ी फूल माला और अगरबत्ती का पैकेट लेकर भगवान गणेश के मंदिर में पहुचा । हाथ जोड़कर भगवान को धन्यवाद देकर खुशी खुशी मंदिर से बाहर आया ।


बाहर आते ही उसके होश उड़ गए क्योंकि उसकी बाईक जो कल रात से सही सलामत खड़ी थी अब चोरी हो चुकी थी ।
😊
😂 
😊

ठीक इसी तरह कुछ लोग जो इस मुगालते में है कि कोरोना से अभी तक हमे कुछ नही हुआ तो आगे भी कुछ नही होगा और कुछ लोग जो ये सोचते है कि हमने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवा लिये है और अब कोरोना हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता उन लोगो से यही कहना चाहूंगा कि जो बाईक रात भर में चोरी ना हुई सुबह चंद लम्हो में चोरी हो गयी क्यो ? 
आगे आप समझदार है क्योंकि
*सावधानी हटी दुर्घटना घटी*
*सावधान रहें सुरक्षित रहे*
*अपना और अपनों का  ख्याल रखे*
*कोविड़ नियमो का पालन करे* ।। धन्यवाद ।।,

टाइटैनिक फ़िल्म के अंत में रोज़ हीरे के हार को समुद्र में क्यों फेंक देती है?

 

टाइटैनिक फ़िल्म के अंत में रोज़ हीरे के हार को समुद्र में क्यों फेंक देती है?

क्योंकि समुद्र में डूबे टाइटैनिक की खोज करनेवाली बोट पर जाने का उसका मकसद यही था.

यदि आप इसपर विचार करें तो- बहुत अधिक वृद्ध और कमज़ोर होने के बाद भी रोज़ ने बीच समुद्र में स्थित बोट तक जाने के लिए यात्रा करने का कष्ट क्यों उठाया? क्या उसने ऐसा केवल अपनी लंबी दुखद कहानी सुनाने के लिए किया, जिसे वह फोन पर भी या टाइटैनिक के अन्वेषकों को उनके तट पर लौटने के बाद भी सुना सकती थी?

रोज़ केल्दाइश नामक उस बोट पर इसलिए जाना चाहती थी क्योंकि वह टाइटैनिक की समाधिस्थल के ठीक ऊपर थी. उसने अन्वेषकों को अपनी कहानी इसलिए सुनाई क्योंकि वह उसके जीवन का सार और गहरा रहस्य था, जिसे सुना जाना ज़रूरी था. वह जैक के त्याग और अपने जीवन में उसके स्थान के बारे में अंततः सबको बताकर उसे वह सम्मान दिलाना चाहती थी जिसका वह हकदार था.

रोज़ ने अन्वेषकों को अपनी दुखांत कहानी का छोटे-से-छोटा किस्सा भी तफ़सील से सुनाया, और उस स्थान पर सुनाया जो इस काम के लिए सर्वथा उपयुक्त था. यह वह जगह थी जहां जैक ने रोज़ के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था.

फिर रोज़ ने वह काम किया जिसे करने के लिए वह वहां गई थी. उसने वह हीरे का हार समुद्र को वापस सौंप दिया. ऐसा करने के पीछे कुछ खास वजह थी.

पहली यह कि फ़िल्म दर्शकों को यह बताना चाहती थी कि हीरे का वह हार उस समय तक रोज़ के पास ही था. वह चाहती तो उसे बेचकर अमेरिका में अपनी नई ज़िंदगी की शानदार शुरुआत कर सकती थी, क्योंकि हादसे से बचने के बाद उसके पास कुछ भी नहीं था. वह हादसे से पहले के जीवन का अपना नाम उपयोग में नहीं लाना चाहती था, क्योंकि तब उसका मंगेतर उसे खोज लेता और उसे विवाह करने पर मजबूर कर देता. हीरे का वह हार उसके पास अंत समय तक होने से यह बात साबित होती थी कि उसने अमेरिका में अपने जीवन की शुरुआत शून्य से की, और उसके किरदार को स्थापित करने के लिए यह बात बहुत महत्वपूर्ण है. हीरे के हार को अंत में समुद्र में अर्पित कर देना उसके लिए बहुत ज़रूरी बन गया था. यह हमें बताता है कि रोज़ बहुत मजबूत व्यक्तित्व के रूप में विकसित हुई थी.

दूसरी बात यह है कि इस बात से हमें इसका पता चलता है कि रोज़ जैक से ताउम्र प्रेम करती रही, हालांकि उसने हादसे के बाद किसी से विवाह भी कर लिया था. लेकिन अपने हृदय के एक कोने में उसने जैक को हमेशा संजो कर रखा. वह उसे और उसके त्याग को कभी नहीं भूली.

अंत में, हीरे के हार को समुद्र में छोड़ते समय वह जैक को मुक्त कर देती है. हार को पानी में छोड़ते हुए वह यह सुनिश्चित कर देती है कि कोई और इसे कभी न प्राप्त कर सके. वह जैक के स्मृतिचिह्न को उसे वापस कर देती है. यही कारण है कि वह टाइटैनिक की समाधिस्थल पर तैर रही नौका तक गईः ताकि कोई दूसरी स्त्री कभी भी उस हार को नहीं पहन सके या रोज़ की मृत्यु होने के बाद उसे बेचकर रूपयों में बदल सके. हीरे के उस हार का नाम था "the Heart of the Ocean". और रोमानी भाव में कहें तो रोज़ का हृदय ही वह हार था. और इस हृदय पर केवल जैक का ही अधिकार था.

"स्त्री का हृदय रहस्यों का गहरा सागर है - A woman's heart is a deep ocean of secrets."

उस हार को तिलांजलि देकर रोज़ अपने जीवन के हर रहस्य को उस स्थान पर मुक्त कर देती है जहां उनका जन्म हुआ था.

function disabled

Old Post from Sanwariya