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गुरुवार, 10 जून 2021

बुत का अर्थ मूर्ति है।फ़ारसी में यह शब्द बुद्ध का पर्याय है।

बुत का अर्थ मूर्ति है।
फ़ारसी में यह शब्द बुद्ध का पर्याय है।


हमें लगता है कि भारत से निकलकर बौद्ध मत चीन जापान की तरफ फैला जबकि सच्चाई यह है कि भारत के पश्चिम में इसका प्रभाव उससे कई कई गुना था।
बौद्ध धर्म का अरब जगत में बहुत प्रभाव था। वहाँ हरेक जगह बुद्ध की इतनी मूर्तियां थीं कि वहाँ मूर्ति का पर्याय ही बुद्ध बन गया।
जैसे हाल ही में बामियान (अफगानिस्तान में)  बुद्ध की विशाल मूर्तियां थीं जिन्हें तालिबान आतंकवादियों ने तोप से उड़ा दिया।
इस्लाम के उदय और प्रसार में बौद्ध बहुत बड़ी बाधा थे। बौद्धों की मूर्ति पूजा से चिढ़कर ही #बुतशिकन की अवधारणा गढ़ी गई।
बुतपरस्त अर्थात बुद्ध की भक्ति/ आस्था और बुतशिकन अर्थात बुद्ध को तोड़ना या तहस नहस करना।
बाद में इतिहास लेखकों ने चाहे जो गोलमाल लिखा हो लेकिन इस्लाम का हथौड़ा सर्वाधिक बौद्धियों पर ही चला और जमकर मूर्तियां तोड़ी गईं। अच्छा सच्चा मुसलमान बनने की पहली शर्त ही यह हो गई कि वह कितनी मूर्तियां तोड़ता है। यह आज भी जारी है। रेगिस्तान में दबी कई मूर्तियों को अब भी खोजकर तोड़ा जाता है।
भारत में मूर्तिकला की दो शैलियाँ हैं 1.गांधार शैली और 2.मथुरा शैली।
दोनों का ही सम्बन्ध बुद्ध की मूर्तियों से है।
आज नवबौद्ध चर्च और वामपंथियों के प्रभाव में जो बौद्ध-मुस्लिम एकता की बातें करते हैं उन्हें यह तथ्य अवश्य जानना चाहिए कि किसने किसको मारा था।
तथ्य यह भी है कि भारत पर प्रथम मुस्लिम आक्रमण 712 ईसवी में जो मुहम्मद बिन कासिम ने किया, उससे पहले वे कई हमलों में भयंकर मार खाकर लौट चुके थे और तब वहां के बौद्ध भिक्षुओं ने राजधानी ब्रह्मनाबाद के वे सारे गुप्त रहस्य कासिम को पहले ही बता दिए थे, जिनमें एक गुप्त झरना भी था जिससे राजधानी को पानी की आपूर्ति होती थी। इसके अलावा बहुत सारे मुस्लिम सैनिक दिन के समय बौद्ध भिक्षुओं के वेश में नगर में प्रविष्ट हो चुके थे क्योंकि भिक्षुओं की सर्वत्र निर्बाध एंट्री थी।
इस प्रकार परिवार सहित दाहिरसेन का बलिदान हुआ और नगर जीतने के बाद शेष बचे सभी पुरुषों को, जिनके निचले बाल उग चुके थे उन सबको पंक्ति बनाकर कत्लेआम किया गया और शेष महिलाओं, बच्चों को भेड़ बकरी की तरह हांक कर बगदाद की मंडियों में गुलामों के रूप में बेचा गया। 30हजार से अधिक पुरुषों को मारा गया और दो लाख महिलाओं बच्चों को गुलाम के रूप में बेचा गया।
सिंध में फैले बौद्ध मठों के भिक्षु  वहाँ से उठा लिए गए और बुखारा की मस्जिदों में झाड़ू लगाते हुए पाए गए।
#ks_कुमार

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