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सोमवार, 28 सितंबर 2020

सिर्फ एक केंचुआ एक किसान के बचा देता है 4800 रू,जाने कैसे


👉सिर्फ एक केंचुआ एक किसान के बचा देता है 4800 रू,जाने कैसे
केंचुए मिट्टी को नरम बनाते है पोला बनाते है उपजाऊ बनाते हैं केंचुए का काम क्या है ?? ऊपर से नीचे जाना ,नीचे से ऊपर आना पूरे दिनमे दस वीस  चक्कर वो ऊपर से नीचे ,नीचे से ऊपर लगा देता है !

अब जब केंचुआ नीचे जाता तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है ! तो इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक एक बूंद इन छिद्रो से होते हुए तल मे जमा हो जाता है !

साथ ही अगर एक केंचुआ साल भर जिंदा रहे तो एक वर्ष मे 36 मेट्रिक टन मिट्टी को उल्ट पूलट कर देता है और उतनी ही मिट्टी को ट्रैक्टर से उल्ट पलट करना पड़े तो सौ लीटर डीजल लग जाता है 100 लीटर डीजल 4800 का है ! मतलब एक केंचुआ एक किसान का 4800 रूपये बचा रहा है ऐसे करोड़ो केंचुए है सोचो कितना लाभ हो रहा है इस देश को !

👉गोबर खाद डालने से फायदा क्या होता है ?

रसायनिक खाद डालो केंचुआ मर जाता है गोबर का खाद डालो केंचुआ ज़िंदा हो जाता है क्योंकि गोबर केंचुए का भोजन है केंचुए को भोजन मिले वह अपनी जन संख्या बढ़ाता है और इतनी तेज बढ़ाता है की कोई नहीं बढ़ा शकता भारत सरकार कहती है हम दो हमारे दो !

केंचुआ इसे नहीं मानता इसको । एक एक केंचुआ 50 50 हजार बच्चे पैदा करके मरता है एक प्रजाति का केंचुआ तो 1 लाख बच्चे पैदा करता है ! तो वो एक ज़िंदा है तो उसने एक लाख पैदा कर दिये अब वो एक एक लाख आगे एक एक लाख पैदा करेंगे करोड़ो केंचुए हो जाएंगे अगर गोबर डालना शुरू किया !!

ज्यादा केंचुआ होंगे तो ज्यादा मिट्टी उलट पलट होगी तो फिर छिद्र भी ज्यादा होंगे तो बारिश का सारा पानी मिट्टी मे धरती मे चला जाएगा ! पानी मिट्टी मे चला गया तो फालतू पानी नदियो मे नहीं जाएगा ,नदियो मे फालतू पानी नहीं गया तो बाढ़ नहीं आएगी तो समुद्र मे फालतू पानी नहीं जाएगा इस देश का करोड़ो करोड़ो रूपये का फायदा हो जाएगा !! इसलिए आप किसानो को समझाओ की भाई गोबर की खाद डालो एक ग्राम भी उत्पादन कम नहीं होगा

दरअसल गोबर जो है वो बहुत तरह के जीव जन्तुओ का भोजन है और यूरिया भोजन नहीं जहर है ।आपके खेत मे एक जीव होता है जिसे केंचुआ कहते हैं केंचुआ को कभी पकड़ना और उसके ऊपर थोड़ा यूरिया डाल देना आप देखोगे केंचुआ तडपना शुरू हो जाएगा और तुरंत मर जाएगा ! जब हम टनों टन यूरिया खेत मे डालते है करोड़ो केंचुए मार डाले हमने यूरिया डाल डाल के !!

जिस किसान के खेत मे यूरिया डालेगा तो केंचुआ मर जाएगा केंचुआ मर गया तो मिट्टी मे ऊपर नीचे कोई जाएगा नहीं तो मिट्टी कठोर होती जाएगी कड़क होती जाएगी ।मिट्टी और रोटी के बारे एक बात कही जाती है की इन्हे फेरते रहो नहीं तो खत्म हो जाती है रोटी को फेरना बंद किया तो जल जाती है मिट्टी को फेरना बंद करो पत्थर जैसी हो जाती है !मिट्टी को फेरने का मतलब समझते है ?? ऊपर की मिट्टी नीचे ! नीचे की ऊपर !ऊपर की नीचे ,नीचे की ऊपर ये केंचुआ ही करता है ! केंचुआ किसान का सबसे बड़ा दोस्त है

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रविवार, 27 सितंबर 2020

Mukul Kanitkar thanks PM Modi for mentioning Suryanamaskar in Parliament...

श्री मुकुल भैया के द्वारा मा.प्रधान मंत्री जी के साथ संवाद का वीडियो प्रधानमंत्री जी के official channel पर

इस वीडियो में आदरणीय मुकुल भैया द्वारा मोदीजी के माध्यम से पूरे राष्ट्र को दिए संदेश को सुनकर स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि मुझे बचपन से सदैव आपका सानिध्य और मार्गदर्शन मिलता रहा है ।



आप द्वारा फिटनेस के अर्थ और महत्व को लेकर दिया गया चिंतन/स्पष्टीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण और अनुकरणीय है।



मात्र 7 मिनट के वक्तव्य में आपने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्र कार्य में लगे हुवे कार्यकर्ताओं के लिए फिट रहना कितना आवश्यक है? क्यों हमें राष्ट्र कार्य करना है? विश्वगुरु का आशय क्या है? क्यों इस राष्ट्र को विश्वगुरु होना है? इन सबके स्पष्टीकरण के लिए गीता स्वाध्याय कितना महत्वपूर्ण है ?

"खुद को फिट रखना केवल एक व्यक्तिगत अपेक्षा नहीं अपितु समाज के प्रति हमारा परम कर्तव्य है।"



शनिवार, 26 सितंबर 2020

कम पूंजी में भी है हिट ये 10 बिजनेस : मिलेगी सरकारी सहायता भी

आओ व्यापार करें :कम पूंजी में भी है हिट ये 10 बिजनेस : मिलेगी सरकारी सहायता भी जानिए वे सब कुछ

आज हम बता रहे है 10 पॉपुलर और कम पूंजी में शुरू किये जा सकने वाले व्यवसायों के बारे में .. ये व्यापार आप स्वय अपने स्तर पर भी कर सकते है तो pmegp या राज्यों  क़ी अन्य रोजगार योजनाओं के तहत सरकारी व बैंक कि सहायता लेकर भी कर सकते है .

1. कपड़ों में कढ़ाई का व्यवसाय (Embroidery)
आजकल हर कोई अच्छे और सुंदर कपड़े पहनना चाहता है क्योंकि लोग  उन्हें पहन कर आकर्षक दिखना चाहते हैं। खासकर औरतों को कढ़ाई वाले कपडे काफ़ी पसंद होते हैं। इसलिए कपड़ों पर कढ़ाई करने का व्यवसाय आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। खासकर उन हुनर मंद महिलाओं के लिए जो काम की तलाश में है। यह उनके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। जिसे घर बैठे भी किया जा सकता है।

2. ब्रेड बनाने का व्यवसाय (Bread making/bakery)
इस काम की शुरुआत अपने घर से भी कर सकते है। आजकल ब्रेड खाने वाले लोगों की गिनती बढ़ती जा रही है क्योंकि सबसे कम समय में तैयार होने वाला ब्रेकफास्ट कैटेगरी में आता है। अतः ब्रेड बनाने का बिजनेस आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। जिससे आप एक अच्छे औषत इन्वेस्टमेंट के साथ चालू कर सकते हैं।

3. जन औषधि केंद्र (Janaushadhi Kendra)
यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिनके पास लगभग 130 वर्ग फुट जमीन हो जिसमें वह अपनी दुकान बनाकर उसमें जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं। इसके लिए आपको लगभग 2 से 3 लाख रुपए इंवेस्टमेंट की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में आप सरकारी योजना के तहत जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकार की मदद से अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं।

4. जानवरों के खाने का उत्पाद (Animal feed)
एनिमल फीड को आप जानवरों का खाना कह सकते हैं जो कि अधिकांश डेरी तथा पोल्ट्री फार्म वाले इस्तेमाल करते हैं, जो आपके लिए एक अच्छा विकल्प प्रदान करती है अगर आप ऐसे क्षेत्र से संबंध रखते हैं जहाँ पर मुर्गी पालन तथा डेरी(dairy) का काम होता है। तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।

5. मछली पालन का व्यापार (Fish farming)
अगर आप गाँव में रहते हैं और आपके पास एक छोटा सा तालाब है तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। आप मछली पालन का व्यापार कर सकते हैं क्योंकि सरकार भी इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है और मछली पालन के लिए आपको बैंक से लोन भी मिल जाएगा। तो ऐसे में यह आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प बन जाता है।

6. फोटो कॉपी और बुक बाइंडिंग का बिजनेस (Photo copy & book-binding)
अगर आपकी नजर में कोई ऐसी जगह है जिसके आसपास कोई शैक्षिक संस्थान या फिर कोई कोर्ट, कचहरी या तहसील हो तो आप वहाँ पर फोटो कॉपी तथा बुक बाइंडिंग का बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो यह बिजनेस आप की अच्छी खासी कमाई कराने में योगदान दे सकता है।

7. मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान (Mobile repairing shop)
अगर आपके पास टेक्निकल हुनर(technical skills) है तो आपके लिए यह काम सबसे बेस्ट है। आजकल जैसे-जैसे मोबाइल फ़ोन्स की बिक्री बढ़ रही है उसी प्रकार से मोबाइल रिपेयर करने वालों की मांग भी बढ़ रही है। अगर आप इस कार्य में इंटरेस्टेड है तो सबसे पहले आपको मोबाइल रिपेयर करने का हुनर सीखना होगा। फिर आप आराम से मोबाइल रिपेयर करने का शॉप खोल सकते हैं और अपने हुनर के मदद से अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

8. ब्यूटी पार्लर खोलकर(Beauty parlour)
अगर आप एक महिला हैं और कार्य की तलाश में हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया है जो बहुत ही कम पूंजी (low investment) के साथ शुरू किया जा सकता है। सबसे पहले तो आपको इसके लिए ब्यूटीशियन कोर्स (beautician course) करना होगा और अगर आप 2 या 3 महीने अच्छे से इसको कर लेती हैं तब आप आराम से एक अच्छा सा ब्यूटी पार्लर खोल सकती हैं। ब्यूटी पार्लर को आप अपने घर में भी खोल सकती हैं इससे आपके पैसे की बचत होगी और समय की भी। यह एक बहुत ही बेहतरीन बिजनेस है क्योंकि दिन प्रतिदिन मेकअप का दौर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण ब्यूटी पार्लर काफी ट्रेंडी(trendy) और प्रॉफिटेबल(profitable) बिजनेस बन गया है।

9. होम कैंटीन (Home canteen)
आजकल लोग अपने ऑफिस के काम में इतना व्यस्त होते हैं कि उनके पास समय नहीं होता है कि वह अपने घर जाकर या कहीं बाहर जाकर भोजन करें और जैसे-जैसे ऑफिस की संख्या बढ़ रही है वैसे ही होम कैंटीन की मांग भी बढ़ रही है। आप एक होम कैंटीन खोल कर उनके लिए उनके ऑफिस तक खाना पहुंचा सकते हैं। जिसकी मदद से आप अपने घर से ही अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं।

10. डीजे साउंड (DJ sound business)
डीजे साउंड सर्विस आज कल बहुत प्रचलित बिजनेस बनता जा रहा है। जब भी कोई पार्टी या बारात आदि होता है तो लोग अपने मनोरंजन के लिए डीजे मंगवाते हैं। ऐसे में यह आपके लिए एक अच्छा बिजनेस हो सकता है। जिससे आप अच्छा पैसे कमा सकते हैं। डीजे का काम शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको इसके उपकरण खरीदने होंगे जिसके बाद आप दो तीन व्यक्ति की मदद से आराम से अपने डीजे के बिजनेस को स्टार्ट कर सकते हैं।

सहजन खाने के मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

सहजन जिसे मोरिंगा नाम से जाना जाता है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं। इसीलिए सप्ताह में कम से कम 2 बार सहजन के पराठे का सेवन जरूर करते हैं। जानिए आखिर *सहजन खाने के क्या-क्या है लाभ-*

*सहजन में पोषक तत्वों जैसे- प्रोटीन, ऑयरन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटीमिन ए, सी और बी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं। वहीं इसकी पत्तियां भी काफी फायदेमंद होती है। सहजन की पत्तियों में संतरे और नींबू की तुलना में 6 गुना अधिक विटामिन-सी होता है। इसके साथ ही दूध में 4 गुना अधिक कैल्शियम,  गाजर की तुलना में 4 गुना अधिक विटामिन ए,  केले की तुलना में 3 गुना अधिक पोटेशियम पाया जाता है। इतना ही नहीं सहजन की पत्तियां भी पानी में आर्सेनिक छोड़ती हैं।* 


*सहजन खाने के मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ*

*हाई ब्लड प्रेशर करे कम*
सहजन में भरपूर मात्रा में पोटैशियम, विटामिन्स पाए जाते हैं। जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। 

*वजन कम करने में करे मदद*
शरीर में बढ़ी हुई चर्बी को कम करने में सहजन काफी कारगर साबित हो सकता है। इसमें अधिक मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है। जो वसा कम करने में मदद करता है। इसलिए आप मोरिंगा की पत्तियों का रस का सेवन करे। इससे आपको लाभ मिलेगा।

*डायबिटीज को कंट्रोल*
अगर आप डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं तो सहजन का सेवन करें। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा। दरअसल सहजन में राइबोफ्लेविन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते यह ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन करने से बचे। 

*इम्यूनिटी करें मजबूत*
सहजन में भरपूर मात्रा में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं। जिससे किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी आपसे कोसों दूर रहती हैं। इसके साथ ही आपकी हड्डियां भी मजबूत होती है। 

*सिर दर्द से दिलाए निजात*
सहजन के पत्तों के रस को काली मिर्च के साथ पीस लें। इसके बाद इस पेस्ट को सिर माथे पर लगा लें। इससे आपको लाभ मिलेगा। 

*स्किन को रखें जवां*
सहजन में भरपूर मात्रा में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो आपको स्किन संबंधी हर समस्या से छुटकारा दिला देता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन  पाया जाता है। जो आप आपकी स्किन को जवां रखने में मदद करता है। 

*एनीमिया से दिलाए निजात*
शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया की शिकायत हो जाती है। ऐसे में सहजन काफी कारगर साबित हो सकता है।  सहजन की पत्तियों के एथनोलिक एक्सट्रैक्ट में एंटी-एनीमिया गुण मौजूद होते हैं। जिसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं।
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कोरोना के कारण छूटी है अगर आपकी नौकरी तो मोदी सरकार दे रही 50फीसदी सेलेरी करे इस तरह आवेदन

📌 *_कोरोना के कारण छूटी है अगर आपकी नौकरी तो मोदी सरकार दे रही 50फीसदी सेलेरी करे इस तरह आवेदन_*

 मोदी सरकार ने हाल ही में एम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस एक्ट (ESIC Act.) के तहत 'अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना' की अवधि को 30 जून 2021 के लिए बढ़ाने का ऐलान किया है. इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने पेमेंट को भी नोटिफाई कर दिया है. इसके बाद 31 दिसंबर 2020 तक कुछ ढील के साथ सब्सक्राइबर्स को 50 फीसदी बेरोजगारी लाभ दिया जाएगा. यह फायदा उन कामगारों को मिलेगा जिनकी 31 दिसंबर के पहले नौकरी चली गई हो.

*31 दिसंबर 2020 के बाद इस स्कीम के तहत नियमों में ढील को समाप्त कर दिया जाएगा*

. 1 जनवरी 2021 से 30 जून 2021 के बीच ओरिजनल क्राइटेरिया के आधार पर ही सब्सक्राइबर्स को लाभ मिल सकेगा. इस अवधि में बरोजगारी लाभ 50 फीसदी की जगह 25 फीसदी ही मिलेगी.

इस स्कीम का लाभ संगठित क्षेत्र के वही कर्मचारी उठा सकते हैं जो ESIC से बीमित हैं और दो साल से अधिक समय नौकरी कर चुके हों. इसके अलावा आधार और बैंक अकाउंट डेटा बेस से जुड़ा होना जरूरी है.

*आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में...*

>> इस स्कीम का लाभ लेने के बीमित व्यक्ति को बेरोजगार होना चाहिए और इसी दौरान उन्हें बेरोजगारी लाभ के लिए क्लेम करना होगा..

>> बीमित व्यक्ति के लिए एक शर्त होगी कि बेरोजगारी से पहले कम से कम उन्होंने 2 साल तक रोजगार कर रहा हो.

>> इस संबंध में योगदान नियोक्ता द्वारा भुगतान किया जाना चाहिए या देय होना चाहिए.

>> अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार के दुर्व्यवहार, पेंशन प्रोग्रमा या स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले लोगों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा.

>> बीमित व्यक्ति का आधार कार्ड और बैंक अकाउंट डिटेल उनके डेटाबेस से लिंक होना चाहिए.

>> बेरोजगारी व्यक्ति खुद ही यह क्लेम कर सकता है.

>> नौकरी जाने के 30 दिन से लेकर 90 दिन के बीच क्लेम करना होगा.

>> क्लेम को ऑनलाइन सबमिट करना होगा, जिसके बाद बीमित व्यक्ति के बैंक अकाउंट में क्लेम की रकम पेमेंट कर दी गई हो. क्लेम वेरिफाई होने के 15 दिन के अंदर यह पेमेंट कर दिया जाएगा.

*अटल बीमित कल्याण योजना के तहत पात्रता, मानदंड में भी रियायत दी गई है जो निम्नलिखित है:*

अधिकतम 90 दिनों की बेरोजगारी के लिए 24 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक पहले के 25 प्रतिशत की जगह अब औसत मजदूरी देय के 50 प्रतिशत का राहत भुगतान कर दिया गया है।

राहत के बेरोजगारी के 90 दिनों के बाद देय होने की जगह, यह 30 दिनों के बाद भुगतान के लिए देय हो जाएगा।

बीमित व्यक्ति सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय के पास दावा जमा करा सकता है। भुगतान सीधे बीमित व्यक्ति के बैंक खाते में किया जाएगा।

बीमित व्यक्ति को उसकी बेरोजगारी से पूर्व कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए बीमा योग्य रोजगार होना चाहिए। (यानि की लाभार्थी को पिछले 2 साल से ESIC से जुड़ा होना चाहिए। )

लाभार्थी का बेरोजगारी से ठीक पहले की योगदान अवधि में 78 दिनों से कम का योगदान नहीं होना चाहिए।

एवं बेरोजगारी से 02 वर्ष पहले की शेष तीन योगदान अवधियों में से, एक में न्यूनतम 78 दिनों का योगदान होना चाहिए।

*अटल बीमित कल्याण योजना के तहत 50% वेतन के लिए आप पात्रता रखते है तो इस तरह से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।*

कांग्रेस क्यो जला रही सरकारी संपत्ति,करे कोर्ट में अपील हो अगर कोई आपत्ति,किसान का फायदा देखने की नही है चाहत, तो मिट जाएगी विपक्ष की संतति

📌 *_कांग्रेस क्यो जला रही सरकारी संपत्ति,करे कोर्ट में अपील हो अगर कोई आपत्ति,किसान का फायदा देखने की नही है चाहत, तो मिट जाएगी विपक्ष की संतति_*

केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लाए गए कृषि बिल (Farm Bill) के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कृषि बिल के खिलाफ पंजाब में किसान समिति ने 3 दिवसीय रेल रोको अभियान की शुरुआत कर दी है. इस दौरान पंजाब आने-जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है. 

*यदि किसानों के लागत मूल्यों के कानून का बिल किसान विरोधी है तो विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं कर रहा है*

 माइक तोड़ने, बिल फाड़ने, झुंठा विरोध करने से किसानों के लागत मूल्य मिल जाएंगे? कभी नहीं ? यदि सरकार गलत कर रही है तो विपक्ष याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाता है क्या विपक्ष के पास बकीलों की कमी है ? जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो ? किसानों को उनके हक और लागत मूल्यों का सच्चा न्याय मिले । *कुछ तो दाल में काला है या पूरी दाल ही काली है* यदि विपक्ष किसानों को वास्तविकता में लागत मूल्य दिलाना चाहता है तो विपक्ष को एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा देनी चाहिए थी जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाने का सच सामने आएगा ? सुप्रीम कोर्ट न्याय देने के लिए बनाया है  विस्तार से व्याख्या करेगा, किसानों का भ्रम दूर हो जाएगा कोन सही है कोंन गलत है माइक तोड़ने, सड़क और संसद में झुंठ बोलने से किसानों को मूल्य नहीं मिलने वाले हैं देश में हर वस्तु मंहगी है लेकिन पार्टियों और सरकारों को विपक्ष में बैठने के बाद किसानों की फसलों के मूल्य मंहगे खासकर आलू, प्याज और टमाटर मंहगे दिखाई देते हैं शराब और ड्रग्स बहुत मंहगे होते जा रहे है गरीब और अमीर दोनों बिना सरकारी सहायता के पी रहे हैं केबल किसानों के आटा और दाल मंहगे दिखाई देते हैं विपक्ष और सरकारों ने ड्रग्स और शराब को कभी मुद्दा नहीं बनाया क्योंकि उनसे मोटा कमीसन और वोट बैंक मिलता है *जबकि विपक्ष और सरकार मंडियों के कमीसन खोरो को इधर उधर करके नूरा कुस्ती करते दिखाई देते हैं लेकिन किसानों को फसल पर लागत मूल्य देने से परहेज़ करते हैं पहले किसानों की फसलों को विपक्ष और सरकार को सड़कों पर फिकबाना छोड़कर मिलकर गावों, शहरों, मंडियों देश या विदेश में बिकबाना चाहिए  फिर राजनीति करनी चाहिए ?* 
यदि किसानों के लिए कानून गलत है और सरकार विपक्ष की नहीं सुन रही है तो विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए, एनआरसी के विरोध के समय विपक्ष सुप्रीम कोर्ट गया, और भी अनेक उदाहरण हैं एक बार किसानों के हक के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर देखो, जिससे किसानों को पता चले किसानों की सच्ची लड़ाई कोन लड़ रहा है ? किसानों को बेवकूफ बनाते बनाते ७० साल गुजार दिए लेकिन उनका हक देने में और दिलाने में सभी बोट बैंक खोजते हैं और धोखा देते हैं किसानों के लागत मूल्यों में अभी तक कोई भी पार्टी या नेता दूध का धुला हुआ नहीं निकला है जिसे किसान नेता चौधरी चरण सिंह और सर छोटूराम कहा जा सके !!! मोदी ने कुछ तो किया है पूरा नहीं तो आधा ? *अभी तक किसानों को लागत मूल्यों में किसानों को सिर्फ धोखा मिला है उनका वास्तविक हक नहीं ।।

*Farm Bill 2020: फसल बुवाई के समय मिलेगी उपज के दाम की गारंटी, कॉन्ट्रेक्ट तोड़ने पर भी नहीं होगी कोई कार्रवाई*

कृषि के 3 बिलों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि इन बिल को लेकर राजनीति की जा रही है. विपक्षी दल कृषि बिल को लेकर किसानों को आधारहीन बातों पर गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि कृषि बिल आने से न कृषि उपज मंडियां (APMC) खत्म होने वाली हैं और न ही इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त होगी.

 मौजूदा व्यवस्था में किसान को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए वाध्य होना पड़ता था. इसके साथ ही मंडी में बैठे कुछ 25 से 30 आढ़तिया बोली लगाते थे और किसान की उपज के दाम  तय करते थे. इसके अलावा किसानों के लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए किसान को मजबूर होकर मंडी में उपज बेचनी पड़ती थी. मगर अब किसान मंडी के बाहर भी अपनी उपज बेच सकता हैं. इसके साथ ही किसानों को उनकी उपज का भाव भी मर्जी हिसाब से मिलेगा. इतना ही नहीं, कृषि मंत्री ने MSP को लेकर कहा है कि कभी भी MSP किसी कानून का हिस्सा नहीं रहा है. यह पहले भी प्रशासनिक फैसला होता था और आज भी प्रशासनिक फैसला है.

*फसल के दाम की गारंटी*

कृषि बिल से किसान को उनकी फसल के दाम की गारंटी बुवाई के समय मिल जाएगी. इसके लिए किसान और के बीच कॉन्ट्रेक्ट होगा, जिसमें केवल कृषि उत्पाद की खरीद फरोख्त होगी. बता दें कि इसमें जमीन से खरीदार का कोई लेना-देना नहीं होता है. अगर किसान कांट्रेक्ट तोड़ते हैं, तो उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी. खास बात है कि खरीदार कॉन्ट्रेक्ट नहीं तोड़ सकता है. 

*APMC*
पहले की तरह ही कृषि उपज मंडियां काम करती रहेंगी, क्योंकि वे राज्य सरकार के अधीन होती हैं. सरकार ने केवल किसान की कृषि उपज मंडियों में अपनी उपज बेचने की वाध्यता खत्म की है. किसान चाहे, तो अपनी उपज कृषि उपज मंडियों में बेच सकते हैं. अगर उनको उपज का दाम बाहर अच्छा मिल रहा है, तो वह  उपज बाहर बेच सकते हैं. बता दें कि किसानों को उपज मंडियों में बेचने पर टैक्स भी देना पड़ता था, लेकिन उपज बाहर बेचने पर किसी भी तरह की टैक्स नहीं देना होगा

*जागरूकता के लिए शेयर अवश्य करें*

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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है 
मौत से आंखे मिलाने की जरूरत क्या है

सब को मालूम है बाहर की हवा कातिल है 
यूंही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है

ज़िन्दगी एक वरदान है उसे संभाल के रखो
कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है

दिल बहलाने के लिए घर में वजह काफी है
यूंही गलियों में भटकने की जरूरत क्या है

किसी राजनेता को किसानों के लिए कोई संवेदना या जिम्मेदारी नहीं है लेकिन किसान सबकी राजनीति का हिस्सा जरूर हैं ।

भारत में किसान हर मौसम में जी तोड़ मेहनत करके हर तरह की खाने पीने की वस्तुएं पैदा करके हम आम लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं लेकिन आजकल परिस्थितियां कुछ ऐसी हो गयी हैं कि सबसे ज्यादा तकलीफ किसानों के जीवन में ही नज़र आती हैं । 
पूरी साल मेहनत करके भी वो लोग ना तो अपने दम पर बिना कर्ज लिए अपने परिवार की जरूरतें ही पूरा कर पाते हैं और ना ही लिये हुए कर्ज को उतार पाते हैं और ये दोनों ही तकलीफें हर साल हजारों किसानों की जान ले लेती हैं । 
और सालों साल तमाम नई नई सरकारी नीतियों , वादों और योजनाओं के बाद भी किसान की स्थिति जस की तस बनी हुई है बल्कि और ज्यादा तकलीफदेय होती जा रही है और ऐसा महसूस भी नहीं होता कि किसी राजनेता को किसानों के लिए कोई संवेदना या जिम्मेदारी है लेकिन किसान सबकी राजनीति का हिस्सा जरूर हैं । 
 तो ये तो तय है कि अभी तो किसानों को अपनी समस्याओं के हल खुद ही करने होंगे लेकिन अगर हम आम लोग अपनी क्षमता से किसानों का सहयोग कर दें तो भारत के सभी किसानों और गांवो को बहुत जल्दी खुशहाल बनाया जा सकता है । तो यहाँ बहुत संक्षिप्त में कुछ ऐसे काम बताए  जा रहे हैं जिन्हें जो भी किसान भाई करेगा वो खुशहाल होना शुरू हो जाएगा और अगर देश के सभी किसान भाइयों ने ये काम करना शुरू कर दिया तो भारत का हर गाँव और पूरा भारत देश ही खुशहाल और मजबूत हो जाएगा -- 
(1) अपने गाँव में जो भी जितनी भी जमीन खाली पड़ी हो उस पर पीपल , बरगद , नीम या अशोक के पेड़ लगाते रहें क्योंकि इससे एक तो प्रदूषण खत्म होकर पर्यावरण शुद्ध होगा , दूसरा गाँव में रोगियों की संख्या कम होती जाएगी , तीसरा पर्यावरण शुद्ध होने से फसल अच्छी होने लगेंगी । इसके साथ ही गाँव की बंजर जमीन पर खसखस और निम्बूघास के पौधे लगाएं क्योंकि ये दोनों ही बंजर जमीन को उपजाऊ बनाते हैं । 
(2) खेती में केमिकल वाले खाद और कीटनाशक का प्रयोग करना  बिल्कुल बन्द करें , क्योंकि एक तो इनकी वजह से जमीन बंजर होती जा रही है और दूसरा इनकी कीमतें हर साल बढ़ती जा रही हैं , तीसरा मिट्टी के बंजर होते जाने के कारण इनकी खपत बढ़ने से खर्चा बढ़ रहा है , चौथा खाद लेने के लिए हर बार खाद गोदामों पर धक्के खाने पड़ते हैं। जो विनाश ला रही है
(3) खेती में जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग  करना शुरू करें(  वैसे किटनाशको की भी कोई जरूर नही )क्योंकि तमाम कृषि वैज्ञानिकों के शोधों में यह बात सिद्ध हुई है कि जानवरों के गोबर और मूत्र से बने खाद में मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले पदार्थ बहुतायत में होते हैं और जानवरों में भी देशी गाय के गोबर और गौमूत्र से बना खाद तथा गाय के गौमूत्र से बना कीटनाशक खेती और किसानों के लिए वरदान है । लेकिन बस सही प्रक्रिया से बनाया गया हो । 
(4) गांव में जहां भी नल लगे हों उनके पास सोखता गड्ढे जरूर बनाएं , क्योंकि ये अपने आप ही water level को बढ़ाते रहते हैं ।
(5) CSIR प्रयोगशाला नागपुर , FICCI प्रयोगशाला नई दिल्ली , SIGMA प्रयोगशाला , ITRI प्रयोगशाला लंदन तथा रूसी वैज्ञानिक शिरोविच आदि ने अपने शोधों में इस बात को सिद्ध किया है कि अगर कुछ तय पदार्थ एक निश्चित मात्रा में गाय के घी के साथ अग्नि में हवन किये जायें तो उससे ऐसे गैसीय रसायन पैदा होते हैं जो जल , वायु और मिट्टी के प्रदूषण को खत्म कर इन्हें शुद्ध करते हैं , तो किसानों के लिए तो यज्ञ वरदान है । इसीलिए अगर हर गाँव में हर घर में हर किसान परिवार द्वारा अगर हर रोज यज्ञ ना हो पाए तो सप्ताह में एक बार सबको एक जगह एक साथ बैठकर बड़ा यज्ञ कर लेना चाहिए । इससे पर्यावरण शुद्ध होगा , फसल भी अच्छी होंगी , रोग कम होंगे और आपसी मेलजोल भी बढ़ेगा । 
(6) अपने पूरे गाँव को एक परिवार मानते हुए , गांव के हर व्यक्ति को परिवार का सदस्य मानते हुए बिना जातपात देखे सबके साथ मिलजुलकर रहें । क्योंकि दुख तकलीफ आने पर आपके गाँव वाले ही आपके साथ खड़े होंगे । इसलिए  जातिवाद , ऊंचनीच और छुआछूत के जहर को हर गाँव से खत्म करें और सबके साथ अच्छा व्यवहार रखें । साफ सुधरे रहें , गांव को साफ सुथरा रखें , सबके साथ मित्रता रखें , अपने बच्चों को गांव के किसी भी बच्चे के साथ खेलने से ना रोकें । 
७ चेकडेम न हो तो जरूर बनाये ये खेत की जान है
अगर बस इतना कर लिया जाए तो हर गाँव और हर किसान परिवार और शायद पूरा भारत देश ही बहुत जल्द खुशहाल हो जाएंगे ।

किसान के उत्पादन और मूल्य से जुड़े जोखिम घटेंगे, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

*किसान कल्याण के नए मापदंड: कृषि सुधार बिलों से किसानों का ‘एक देश-एक बाजार’ का सपना होगा पूरा।* -सौजन्य से दैनिक जागरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं के बजाय प्रधानमंत्री का जोर कृषि क्षेत्र को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है और इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में कृषि सुधार से संबंधित तीन विधेयक सदन में लाए गए। पहला विधेयक देश के अन्नदाता को बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ उसे अपनी उपज को इच्छानुसार मूल्य पर बेचने की आजादी देगा। पहले हमारे किसानों का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित था, उनके खरीदार सीमित थे, बुनियादी ढांचे की कमी थी और मूल्यों में पारदर्शिता नहीं थी। इस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, नीलामी में देरी और स्थानीय माफिया की मार झेलनी पड़ती थी। अब उन्हें राष्ट्रीय बाजार में अवसर मिलने के साथ-साथ बिचौलियों से सही मायनों में मुक्ति मिलेगी। किसानों का ‘एक देश-एक बाजार’ का सपना भी पूरा होगा।
 *किसान के उत्पादन और मूल्य से जुड़े जोखिम घटेंगे, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ* 

दूसरा विधेयक बोआई के समय ही बाजार से संपर्क प्रदान करता है, जिससे किसान के उत्पादन और मूल्य, दोनों से जुड़े जोखिम घटेंगे। इसके तहत किसान कृषि आधारित उद्योगों, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ अनुबंधित कृषि कर सकेंगे। अनुबंधित किसानों को ऋण की सुविधा, तकनीकी सहायता, बीज की उपलब्धता, फसल बीमा सुविधाएं आदि उपलब्ध कराई जाएंगी। कृषि क्षेत्र में निजी निवेश आने से स्टोरेज, परिवहन तथा एग्रो इंडस्ट्री लगने का रास्ता खुलेगा। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। वे कैश क्रॉप्स और एग्रो-इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार खेती कर अपनी आमदनी असीमित रूप से बढ़ा सकेंगे। यह अधिनियम किसानों के मालिकाना हक और खेती के अधिकार को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखेगा। किसानों को किसी भी समय इस करार से बिना किसी पेनाल्टी के निकलने की आजादी होगी और जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना निषिद्ध होगा।
 *शोषित किसानों को आर्थिक विकास का कोई लाभ नहीं मिला*
कई राज्यों में बड़े किसान कॉरपोरेट के साथ मिलकर कैश क्रॉप का लाभ ले रहे थे। अब यह लाभ छोटे किसान भी ले सकेंगे, पर जिन विपक्षी दलों ने उन्हें हमेशा अंधकार और गरीबी में रखा, उन्हें यह बदलाव अच्छा नहीं लगा। वे सड़क से संसद तक इसका विरोध कर रहे हैं। इस दौरान राज्यसभा में उनका आचरण लोकतंत्र और संसदीय मर्यादा को शर्मसार करने वाला था। ये वही लोग हैं जिनके शासन में किसानों की हालत बद से बदतर होती गई। वे बिचौलिये और साहूकारों द्वारा शोषित होते रहे और आर्थिक विकास का उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।
 *किसानों के पास एमएसपी के अतिरिक्त भी उपज बेचने के कई विकल्प होंगे*
आज जब प्रधानमंत्री उन्हें वे अधिकार दे रहे हैं जो 70 वर्ष पूर्व ही मिलने चाहिए थे, तो इन नेताओं को अच्छा नहीं लग रहा। वे यह कहकर भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने जा रही है, जबकि ऐसा कोई प्रावधान इन विधेयकों में नहीं है। वह व्यवस्था यथावत रहेगी। वास्तव में अब किसानों के पास एमएसपी के अतिरिक्त भी उपज बेचने के कई विकल्प होंगे।

 *मोदी सरकार एमएसपी में लगातार वृद्धि कर रही* 
विपक्षी दल भूल जाते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की जिन सिफारिशों को कांग्रेस सरकार ने 2006 में ठंडे बस्ते में डाल दिया था, उन्हें मोदी सरकार ने पूरा किया है। मोदी सरकार एमएसपी में लगातार वृद्धि कर रही है, जिसकी एक बानगी गत दिवस भी देखने को मिली। अब 2014 की तुलना में गेहूं की एमएसपी 41 प्रतिशत, धान की 43, मसूर की 73, उड़द की 40, मूंग की 60, अरहर की 40, सरसों की 52, चने की 65 और मूंगफली की 32 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। यही नहीं, 2014 की तुलना में गेहूं और धान की खरीद मात्रा में भी क्रमश: 73 और 114 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 *विपक्षी नेता एमएसपी पर भ्रम फैला रहे, विपक्ष किसानों के विकास में रोड़ा भी बन रहा है* 

2009-14 तक कांग्रेस सरकार ने किसानों से मात्र 1.52 लाख मीट्रिक टन दालें खरीदीं, वहीं मोदी सरकार ने 2014-19 में 76.85 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद की। यह 4962 प्रतिशत का फर्क विपक्ष के ढोंग और मोदी जी के समर्पण को साफ दर्शाता है। स्पष्ट है कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल समेत दूसरे विपक्षी नेता न सिर्फ एमएसपी पर भ्रम फैला रहे हैं, बल्कि किसानों के विकास में रोड़ा भी बन रहे है।

 *मोदी सरकार के कामों से किसान तेजी से खुशहाली के मार्ग पर अग्रसर* 

जहां कई विपक्षी पार्टियों ने वर्षों तक किसानों के नाम पर केवल राजनीति की, वहीं मोदी सरकार ने शास्त्री जी के ‘जय जवान-जय किसान’ नारे को आगे ले जाते हुए दर्जनों ऐसे काम किए हैं, जिनसे किसान तेजी से खुशहाली के मार्ग पर अग्रसर हैं। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कृषि बजट में 35.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, 16.38 करोड़ किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए, माइक्रो इरिगेशन में 39.4 फीसद वृद्धि हुई, कृषि यंत्रीकरण का बजट 1248 गुना किया गया, कृषि ऋण 57 फीसद अधिक दिया गया और कृषि ऋण में दी जाने वाली छूट में निवेश 150 फीसद बढ़ा।

 *10 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला* 

इसी कारण मोदी सरकार के छह वर्षों के कार्यकाल में खाद्यान्न उत्पादन 7.29, बागवानी का 12.4 और दलहन का 20.65 फीसद बढ़ा है। इसके अतिरिक्त फसल बीमा योजना से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। इससे बीमित किसानों की संख्या 6.66 करोड़ से बढ़कर 13.26 करोड़ हो गई है। पीएम किसान सम्मान निधि और पीएम किसान पेंशन योजना के माध्यम से किसानों को सीधी सहायता देने का भी काम किया गया है। अब तक 10.21 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि सीधे उनके खातों में भेजी गई है। पेंशन योजना से भी अब तक 19.9 लाख किसान जुड़ चुके हैं। मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की कृषि मूलभूत संरचना निधि के अंतर्गत वित्तपोषण की एक नई केंद्रीय योजना भी शुरू की है।

 *मोदी सरकार ने किसानों को चीन के नकारात्मक प्रभाव से बचाया* 

मोदी सरकार ने आरसेप से बाहर आकर भी किसानों को चीन के नकारात्मक प्रभाव से बचाया। सरदार पटेल का कहना था, ‘इस धरती पर अगर किसी को सीना तानकर चलने का हक है तो वह धन-धान्य पैदा करने वाले किसान को है।’ मुझे यह कहते हुए गर्व है कि मोदी सरकार ने किसानों को यह अधिकार देने का काम किया है। किसानों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे इन कदमों का सुपरिणाम शीघ्र ही देश के समक्ष आएगा और आत्मनिर्भर भारत के लिए हो रहे प्रयासों में हमारे अन्नदाता किसानों की बराबर की भूमिका होगी।
 *लेखक - अमित शाह*

बुधवार, 23 सितंबर 2020

अपने बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही हुनरमंद भी बनाइए,

*मुसलमान कभी बेरोजगारी का रोना नहीं रोते !*

उसका कारण बहुत साधारण है ।
एक जीवंत उदाहरण मैं आपको बता रहा हूँ -
www.sanwariyaa.blogspot.com
मेरे पड़ोस का लड़का कल मेरे पास आया और बोला भैया मैं बेरोजगार हूँ, कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, बहुत परेशान हूँ, बताईये मोदी जी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार दूँगा, सात साल होने जा रहा है, कुछ नहीं मिला, GDP की ऐसी की तैसी हो गयी सो अलग.... 

मैंने उससे कुछ प्रश्न पूछे और सारे प्रश्नों का जबाब इस प्रकार रहा... 
और ये जवाब मिला,
टेलरिंग/कटिंग (दर्ज़ी) का काम करोगे ?
नहीं !
लेडीज़ ब्यूटी पार्लर पर काम करोगे ?
नहीं !
मर्दों के नाई (बार्बर) बनोगे ?
नहीं !
हलवाई का काम करोगे ?
नहीं !
बढ़ई (कारपेंटर) का काम करोगे ?
नहीं !
लुहार का काम करोगे ?
नहीं !
खराद पर काम करोगे ?
नहीं !
ग्राफिक डिज़ाइन का काम आता है ?
नहीं !
कबाड़ी का काम करोगे ?
नहीं !
सब्जी/फ्रूट का काम करोगे ?                      -नहीं !
जूस की दुकान पर काम करोगे ?
नहीं !
क्रेडिट कार्ड बनाने का काम करोगे ?
नहीं !
सेल्समैन बनोगे ?
नहीं !
चाय/पकोड़े की दुकान खोलोगे ?
नहीं !
किराने की दुकान पर काम करोगे  ?
-नहीं !
आढ़त का काम करोगे ?
-नहीं !
सैलून की दुकान पर काम करोगे ?
नहीं !
मेडिकल स्टोर पर काम करोगे ?
नहीं !
डोर टू डोर मार्केटिंग का काम करोगे ?
नहीं !
कार, ट्रक आदि चला लोगे ?
नहीं ! 
बाइक रिपेरिंग आती है ?
नहीं !
कम्प्यूटर चलाने आता है ?
नहीं !
अकाउंट का काम आता है  ?
नहीं !
RO सेलिंग का काम करोगे  ?
नहीं !
इंश्योरेंस सेलिंग का काम करोगे ?
नहीं !
खेती का काम करोगे ?
नहीं !
बैटरी इनवर्टर का काम करोगे ?
नहीं ! 
पंचर बना लोगे ?
नहीं ! 
होटल या रेस्टोरेंट पर काम करोगे  ?
नहीं !
टाइप कर लोगे ?
नहीं !
मार्केटिंग कंपनी में काम करोगे ?
नहीं !
बिजली रिपेरिंग, पंखा, AC, गीज़र, कूलर, वाशिंग मशीन रिपेरिंग कर लोगे ?
नहीं ! 
कपड़े की दुकान पर काम करोगे ?
नहीं ! 
सिलाई या टेलरीग का काम जानते हो ?
नहीं !
पान मसाला गुटखा बेचोगे ?
नहीं ! 

मैंने पुछा तुमको क्या काम आता क्या है ? 

वो बोला जी मैं BA पास हूँ और पढ़ा लिखा हूँ ।

लेकिन कोई काम नहीं मिल रहा है ।।

वो बोला मोदी जी ने युवाओं को बेरोज़गार कर दिया ।।

तब से दिमाग़ खराब है मेरा ।

यह वह लोग हैं जिनको मोदी तो क्या पूरी दुनिया में कोई नौकरी नहीं दे सकता । आज के युवा मेहनत करने के बजाए सरकार को गाली देना बेहतर विकल्प मानते हैं ।।

मैं बोला तुमको ही कुछ काम करना नहीं आता, काम की कमी नहीं है, कमी काम करने वालों की है, काम चारों तरफ बिखरे पड़े हैं, और उनको मुस्लिम लड़के झपट रहे हैं और तुम सरकारी नौकरी के इंतज़ार में बैठे हो, और बेरोज़गारी का रौना रो रो के मोदी का स्यापा कर रहे हो । मोदी के "स्किल इंडिया" का लाभ मुस्लिम लड़के उठा रहे हैं और हिन्दू लड़के सरकारी नौकरी के इंतज़ार में बैठे हैं ।

अपने बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही हुनरमंद भी बनाइए, बच्चों को बताइये की कोई काम छोटा नहीं होता, धीरूभाई अंबानी ने पहले पैट्रोल पम्प पर नौकरी की थी, अगर वो सरकारी नौकरी का इंतज़ार करते रहते तो, किसी सरकारी विभाग में क्लर्क/मैनेजर बन कर ही रह जाते, और रिलायंस कम्पनी न बनती ।

बच्चों को हुनर सीखने की सीख दीजिये ।

समाज का हर व्यक्ति हुनर वाला होगा, तभी बेरोजगारी की समस्या हल होगी ।

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