जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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मंगलवार, 16 जुलाई 2024
#प्यारा_हिंदुस्तान_व्हाट्सएप_ग्रुप_परिवारकी एक अच्छी पहल,एक ऐसा ग्रुप जो #देश_धर्म_समाज हित के लिए सोचता भी है लिखता भी है और #जमीनी_स्तर पर कार्य करता भी है
क्या ये ही जिन्दगी है ? नहीं ??सब अपना नसीब साथ लेके आते हैं इसलिए कुछ समय अपने लिए भी निकालो । जीवन अपना है तो जीने के तरीके भी अपने रखो। शुरुआत आज से करो। क्यूंकि कल कभी नहीं आएगा।
हिन्दुस्तान में रहने वाले बौद्ध, कबीरपंथी, अम्बेडकरवादि, मांसाहारी, शाकाहारी, साकारी, निराकारी सब हिन्दू हैं।
सोमवार, 15 जुलाई 2024
अमेरिका की राजनीति से लेकर भारत की राजनीति तक, उस #तिलिस्मी विध्वंसक शक्ति के प्रयोग और संयोग की सच्चाई की कहानी।
रविवार, 14 जुलाई 2024
विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है 1-Divorce (अंग्रेजी) 2-तलाक (उर्दू) कृपया हिन्दी का शब्द बताए...??
गुरुवार, 11 जुलाई 2024
चोर देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।"और उद्योग , व्यापार , रोज़गार बढ़ाकर समाज के लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है।
बुधवार, 10 जुलाई 2024
प्रदेश के सभी ई-मित्र संचालक बंधुगण, मोबाइल वॉलेट रिचार्ज करने वाले दुकानदार भाई कृपया ध्यान दें..
सोमवार, 1 जुलाई 2024
हाथों और पैरों में झनझनाहट होने के कारण और उपाय......
हाथों और पैरों में झनझनाहट होने के कारण और उपाय......
जो शरीर में विटामिन बी 12 की कमी, शरीर में रक्त कोशिकाओं के सुचारू रूप से कार्य न करने की वजह से, तंत्रिका पर किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से या नशीली पदार्थ का सेवन करने के कारण आपको इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब भी आप झनझनाहट की समस्याओं से गुजरते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि बस जल्दी से इससे राहत मिल जाए। लेकिन समझ में नहीं आता कि हम क्या करें।
▪️▪️हाथों और पैरों में झनझनाहट होने के कारण.....
▪️ तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ने के कारण या तंत्रिका तंत्र पर चोट लगने के कारण हाथो पैरो में झनझनाहट होने लगती है।
■ शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और बी-12, मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि की कमी भी आपके हाथो और पैरों में झनझनाहट का कारण बनती है।
▪️जब कोशिकाओं के कार्य में कुछ असामनता हो जाती है तब भी आपको झनझनाहट महसूस हो सकती है।
▪️रक्त वाहिकाओं के दबाव के कारण या शरीर के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से न होने के कारण।
▪️ कुछ खाद्य पदार्थ या दवाइया भी ऐसी होती है जिनके सेवन से आपको ये परेशानी होने लगती है।
▪️ शुगर के रोगियों को ये समस्या ज्यादा होती है।
▪️ बहुत अधिक शराब का सेवन, धूम्रपान आदि करने पर भी आपको इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
▪️ठन्डे पानी में काफी देर रहना, या ठंडी चीज को काफी देर तक छूने के कारण भी आपको झनझनाहट महसूस हो सकती है।
▪️▪️हाथों और पैरों की झनझनाहट से बचने के उपाय....
◼️हल्दी का इस्तेमाल करें....
हल्दी में एंटी एंफ्लेमेंटरी पर्याप्त मात्रा में होती है। इस गुण के साथ हल्दी में एक तत्व पाया जाता है। जिसे कुरकुर्मीन कहते हैं। इसके कारण आपके पुरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में माद्दा मिलती है,इसके इस्तेमाल के लिए आप एक गिलास दूध में चुटकी भर हल्दी डालकर अच्छे से पकाएं, उसके बाद ठंडा करके इस दूध का सेवन करें साथ ही हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं, आपको झनझनाहट से राहत पाने में मदद मिलेगी।
◼️दालचीनी का इस्तेमाल करें.....
दालचीनी के इस्तेमाल से भी अपने हाथ पैरों में झनझनाहट को दूर कर सकते हैं। क्योंकि इसके सेवन से आपके शरीर में मैग्नीशियम, और पोटैशियम के तत्वों की कमी को पूरा करने में माद्दा मिलने के साथ आपके ब्लड सर्कुलेशन में भी मदद मिलती है, इससे बचने के लिए आपको एक गिलास में दालचीनी पाउडर को उबाल कर उसके गुनगुना रहने तक उसका सेवन करना चाहिए इसके अलावा आप दालचीनी पाउडर के साथ थोड़ा अदरक भी उबाल सकते है, और उसमे एक चम्मच शहद मिलाकर लेते हैं तो भी आपको फायदा होता है।
◼️व्यायाम करें....
यदि आपके पैरों में भी दर्द एवं झनझनाहट की समस्या बनी रहती है तो, आपको अपने दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करने की जरूरत है। क्योंकि व्यायाम करने से न केवल आपका ब्लड सर्कुलेशन सुचारु रूप से चलता है, बल्कि आपकी कोशिकाओं को भी बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है, जिससे आपको इस समस्या से राहत के साथ अपने आप को फिट रखने में भी मदद मिलती है।
◼️मसाज करें....
इन समस्याओं को दूर करने लिए मसाज सबसे कारगर और सरल तरीका है। ऐसा करने से आपके अंग सही से काम करते हैं और ब्लड फ्लो भी बेहतर तरीके से होने लगता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप सरसों, नारियल, जैतून के तेल को हल्का गरम करके अच्छे से अपने हाथों और पैरों की मसाज करें, जिससे इससे आपको अपनी इस परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है, और मसाज करते समय अपनी उँगलियों को सर्कुलर मोशन में घुमाएं।
◼️गर्म सिकाई करें.....
इन समस्याओं से बचने के लिए सिकाई भी सबसे अच्छा और बेहतर उपचार है, इसके लिए आप पानी में नमक और फिटकरी डालकर अच्छे से उबाल लीजिए। उसके बाद एक सूती कपडा लेकर इस पानी में डालकर अच्छे से निचोड़ लें, फिर इस कपडे को प्रभावित हिस्से पर अच्छे से बाँध लें, या फिर पानी के गुनगुना रहने पर अपने हाथों या पैरों को इस पानी में डालकर सिकाई करें आपको राहत जरूर मिलेगी।
◼️विटामिनस बी 12 युक्त खाद्य पदार्थ और हरी सब्जियों, फलों का सेवन भरपूर मात्रा में करना....
शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी होती है तो इससे बचने के लिए आपको दूध, दही, चीज, पनीर, मक्खन, सोयाबीन दाल, सोया दूध, आदि का सेवन भरपूर करने के साथ अपने आहार में हरी सब्जियों और फलों को भी नियमित रूप से शामिल करना चाहिए ऐसा करने से आपको इस समस्या से बचने में मदद मिलती है, साथ ही आपको ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
◼️मसाला मिश्रण चूर्ण का सेवन करें.....
इसके लिए आप मसाला मिश्रण चुर्ण का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जीरा, लौंग, इलायची को पीस कर एक बारीक चूर्ण तैयार करें, उसके बाद सुबह शाम इस चूर्ण का सेवन पानी के साथ करें, आपको इस समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी।
◼️अश्वगंधा और आंवला चूर्ण का प्रयोग करें....
आप यदि नियमित रूप से चुटकी भर अश्वगंधा के साथ आधा चम्मच आवला चूर्ण मिलाकर इसका सेवन करते हैं तो आपको इन समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ हाथ पैरों के दर्द से भी राहत मिलने लगेगी।
यदि आप चाहते है की आपको ये समस्या न हो तो अपने आहार में विटामिन्स की मात्रा को भरपूर लें, साथ ही व्यायाम आदि को भी अपनी दिनचर्या का अहम हिस्सा बनाएं। इससे आपके शरीर के सभी अंगो को सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है।
अपना आयकर रिटर्न भरने के लिए करे सही फार्म का चुनाव
अपना आयकर रिटर्न भरने के लिए करे सही फार्म का चुनाव
वैयक्तिक करदाता को अपनी आय के प्रकार और आवासीय स्थिति के आधार पर ITR फॉर्म (इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म) चुनना जरूरी है। ITR फॉर्म एक ऐसा दस्तावेज है जो इनकम टैक्स विभाग को आय की रिपोर्ट करने और टैक्स दाखिल करने की सुविधा प्रदान करता है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR दाखिल करने के लिए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस साल अप्रैल में सात फॉर्म जारी किए हैं। ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7 जिनके जरिये टैक्सपेयर्स आईटीआर फाइल कर सकते हैं। टैक्सपेयर्स को नियत तारीख पर या उससे पहले उनके लिए लागू ITR फॉर्म के जरिये टैक्स रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। विभिन्न ITR फॉर्म व्यक्तियों के आय स्रोतों, टैक्स योग्य आय और टैक्सपेयर्स की श्रेणी, जैसे व्यक्ति, HUF, कंपनियां, आदि द्वारा तय की जाती है।
आपको कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए?
इनकम टैक्स विभाग ने 7 ITR फॉर्म अधिसूचित किए हैं और अक्सर टैक्सपेयर्स भ्रमित हो जाते हैं कि उनके लिए कौन सा ITR फॉर्म उपयुक्त है। यहां हम ITR फॉर्म 1 से फॉर्म 4 पर बात करेंगे। जो आम लोगों द्वारा फाइल किया जाता है। कौन इसके लिए पात्र हैं।
ITR-1 (सहज):
पात्रता : ITR-1 ऐसे निवासी और सामान्य निवासी द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी निम्नलिखित स्रोतों से कुल आय 50 लाख रुपए तक है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय और अन्य स्रोतों से आय।
ITR-1 (सहज): कौन नहीं है पात्र
आईटीआर-1 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसके पास भारत के बाहर स्थित कोई संपत्ति (किसी इकाई में वित्तीय हित सहित) है,भारत के बाहर किसी स्रोत से आय है, जिसके पास किसी भी आय शीर्षक के तहत कोई आगे लाया गया घाटा या आगे ले जाने योग्य घाटा है, व्यवसाय और पेशे से आय और पूंजीगत लाभ है।
ITR-2:
पात्रता ITR-2 ऐसे व्यक्तियों या HUF द्वारा दाखिल किया जा सकता है जो व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति के अंतर्गत आय नहीं रखते हैं।
ITR-2: कौन पात्र नहीं है
आईटीआर-1 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसकी आय ब्याज, वेतन, बोनस कमीशन या पारिश्रमिक के रूप में हो, चाहे वह किसी भी नाम से पुकारा जाता हो, किसी साझेदारी फर्म से देय हो या उससे प्राप्त हुई हो।
ITR-3
पात्रता ITR-3 उन व्यक्तियों या HUF द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जो व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति शीर्षक के अंतर्गत आय रखते हैं। साझेदारी फर्म से प्राप्त ब्याज, वेतन, बोनस कमीशन या पारिश्रमिक के रूप में आय प्राप्त करते हैं।
ITR-3: कौन पात्र नहीं है
आईटीआर-3 का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जिसके पास बिजनेस या पेशे के लाभ के अंतर्गत आय नहीं है।
ITR-4
पात्रता ITR-4 उन निवासियों और सामान्य निवासियों के लिए लागू है जिनकी पेशे से कुल आय 50 लाख (निर्दिष्ट मामलों में 75 लाख रुपये) या व्यवसाय से आय 2 करोड़ (निर्दिष्ट मामलों में 3 करोड़ रुपये) तक है, जो इस प्रकार है:-
व्यवसाय से आय जहां ऐसी आय की गणना इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AD/44AE के अंतर्गत अनुमानित आधार पर की जाती है। पेशे से आय जहां ऐसी आय की गणना इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44ADA के अंतर्गत अनुमानित आधार पर की जाती है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय शामिल है।
ITR-4: कौन पात्र नहीं है
ITR-4 का उपयोग ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है, जिसके पास भारत के बाहर स्थित कोई संपत्ति (किसी इकाई में वित्तीय हित सहित) है। भारत के बाहर किसी स्रोत से आय है। लॉटरी से जीत के रूप में अन्य स्रोतों से आय है। किसी अन्य व्यक्ति के हाथों में स्रोत पर कर कटौती के क्रेडिट का कोई दावा है।
आईटीआर-4 (सुगम) अनिवार्य नहीं है लेकिन टैक्सपेयर द्वारा अनुमानित टैक्स का विकल्प चुनने की स्थिति में इसे दाखिल करना जरूरी है।
खुद भरना चाहे अपना आयकर रिटर्न तो पूरा करे ऐसे प्रोसेस
खुद भरना चाहे अपना आयकर रिटर्न तो पूरा करे ऐसे प्रोसेस
रिटर्न की अनिवार्यता
यदि आप किसी वित्त वर्ष में एक निश्चित राशि से अधिक कमाते हैं, तो उस व्यक्ति को एक तय समय सीमा के भीतर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है। अगर आपको जितना टैक्स चुकाना चाहिए था, उससे अधिक का भुगतान कर दिया है, तो आईटीआर फाइल करने से आपको टैक्स रिफंड प्राप्त करने की अनुमति मिलती है।
वेरिफिकेशन जरूरी
आईटीआर इनकम वेरिफिकेशन का एक यूजफुल टूल भी है, जो वीजा, लोन्स और कई सरकारी काम के लिये आवेदन करते समय यूज आता है। रिटर्न फाइल करने के बाद ई वेरिफिकेशन जरूरी है बिना इसके किये आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा
ई-फाइलिंग साइट पर करना होगा रजिस्टर
इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भरने के लिये सबसे पहले फर्स्ट टाइम टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन रजिस्टर करना होगा। आपको ई-फाइलिंग साइट पर रजिस्टर करना होगा। इससे आप पोर्टल की कई टैक्स से जुड़ी सर्विसेस का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिये आपके पास एक वैलिड और एक्टिव पैन, वैलिड मोबाइल नंबर और वैलिड ई-मेल आईडी होनी चाहिए।
इनकम टैक्स पोर्टल पर ई-फाइलिंग के लिये कैसे रजिस्टर करें
स्टेप 1: ई-फाइलिंग पोर्टल होमपेज (https://www.incometax.gov.in/) पर जाएं,
स्टेप 2: रजिस्टर पर "एक करदाता के रूप में पंजीकरण करें" विकल्प के अंतर्गत अपना पैन दर्ज करें और वैलिडेट पर यदि पैन पहले से पंजीकृत है या अमान्य है, तो एक त्रुटि संदेश दिखाई देगा।
स्टेप 3: बेसिक डिटेल पेज पर अपना नाम, जन्म तिथि, लिंग (यदि लागू हो) और आवासीय स्थिति जैसी सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करें और फिर जारी रखें
स्टेप 4: एक बार आपके पैन को वैलिडेट कर लेने के बाद व्यक्तिगत करदाताओं को कॉन्टैक्ट डिटेल पेज दिखाई देगा। यहां अपना प्राइमरी मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता दर्ज करें।
स्टेप 5: बताए गए प्राइमरी मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर दो अलग-अलग ओटीपी भेजे जाते हैं। मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर प्राप्त अलग-अलग 6 अंकों के ओटीपी दर्ज करें।
स्टेप 6: यदि आवश्यक हो तो पेज में डिटेल एडिट करें और कंफर्म हो जाने पर आगे बढ़े।
स्टेप 7: पासवर्ड सेट करें पेज पर अपने पासवर्ड को सेट करें और कंफर्म करें।
स्टेप 8: जब आप सफलतापूर्वक रजिस्टर हो जाते हैं, तो लॉगिन प्रक्रिया शुरू करने के लिए लॉगिन के लिए आगे बढ़ें।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और सभी उपलब्ध सेवाओं का उपयोग करने के लिए अपनी प्रोफ़ाइल अपडेट करें। अब आप अपना कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं या अन्य टैक्स संबंधी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
इनकम टैक्स की वेबसाइट पर आपको रिटर्न फाइल करने के लिए मुख्यतः दो प्रकार की प्रक्रिया दे रखी है
Offline
online
दोनों प्रक्रिया में से एक प्रक्रिया चुने
ऑनलाइन फाइल करने पर आपको आपके सारे डेटा पहले से ही भरे हुए मिल जाएंगे और उसको कंफर्म करते हुए आप आगे बढ़कर रिटर्न फाइल कर सकते हैं
ऑफलाइन की स्थिति में इनकम टैक्स वेबसाइट से उस रिटर्न से संबंधित यूटिलिटी डाउनलोड कर उसमें अपना रिटर्न कंप्लीट करें और फिर अपलोड करें
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