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गुरुवार, 11 जुलाई 2024

चोर देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।"और उद्योग , व्यापार , रोज़गार बढ़ाकर समाज के लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है।

टीचर ने बच्चों से कहा कि कल
__चोर__ पर निबंध लिखकर लाना.

▪️सातवीं कक्षा के छात्र बुध्दि प्रकाश ने निबंध ऐसा लिख डाला कि टीचर अभी तक सोच में डूबा है
आप भी विचार कीजिए
▪️ "चोर देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।"
▪️ लोगों को यह मजाक या गलत लग सकता है लेकिन यह वाकई ध्यान देने लायक विषय है।
▪️ चोरों के लिए तिजोरियाँ, अलमारियाँ और ताले हैं।
▪️ चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों पर ग्रिल लगी होती हैं, दरवाजे लगे होते हैं, दरवाजे बंद होते हैं, इतना ही नहीं बल्कि बाहर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त दरवाजे भी होते हैं।
▪️ चोरों के कारण मकानों, दुकानों और सोसायटी के चारों ओर एक परिसर बनाया जाता है, गेट होता है, गेट पर चौकीदार 24 घंटे रहता है और चौकीदार के लिए एक वर्दी भी होती है।
▪️ चोरों की वजह से न सिर्फ सीसी टीवी, मेटल डिटेक्टर बल्कि साइबर सेल भी होते हैं।
▪️ चोरों के कारण पुलिस है, पुलिस चौकी है, पुलिस थाने हैं, गश्ती गाड़ियाँ हैं, डंडे हैं, राइफलें हैं, रिवाल्वर हैं और गोलियाँ भी हैं।
▪️ चोरों के कारण ही अदालतें हैं, अदालतों में जज, वकील, क्लर्क और जमानतदार हैं।
▪️ चोरों के कारण जेलें हैं, जेलर हैं, जेलों के लिए पुलिस भी है।
▪️ मोबाइल, लैपटॉप, कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी कई उपयोग में आने वाली चीजें चोरी हो जाती हैं तो लोग नई खरीद लेते हैं, इस खरीद फरोख्त से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है।
▪️ उच्च मान्यता प्राप्त और‌ नाम वाला यदि कोई चोर होता है तो देश विदेश की मीडिया की भी रोजी रोटी चलती है।
▪️ ये सब पढ़ने के बाद *अब आपको भी यकीन हो गया होगा कि चोर ही सारे सरकारी सिस्टम की रीढ़ हैं और उद्योग , व्यापार , रोज़गार बढ़ाकर समाज के लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है। इस प्रकार चोर जमात भी शराबियों की तरह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता देते हैं ।* 
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