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बुधवार, 10 जुलाई 2024

प्रदेश के सभी ई-मित्र संचालक बंधुगण, मोबाइल वॉलेट रिचार्ज करने वाले दुकानदार भाई कृपया ध्यान दें..

*प्रदेश के सभी ई-मित्र संचालक बंधुगण, मोबाइल वॉलेट रिचार्ज करने वाले दुकानदार भाई कृपया ध्यान दें.....*
ऐसा देखा जा रहा है की ऑनलाइन मनी फ्रॉड करने वाले साइबर ठग बिना नाम पता पहचान दिए दुकान पर आकर ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के बदले कैश लेकर जा रहे हैं.....

यानी वह आपको दुकान पर आकर बोलेंगे की आपको हम UPI/GOOGLE PAY/ PAYTM/PHONEPE से ऑनलाइन पैसे दे रहे है आप हमें कैश दे दीजिए.....

सरल भाषा मे वह आपको आपके एकाउंट में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करेगा और आपसे उतना ही पैसा नकदी में लगा.....

*आप सभी को सतर्क किया जाता हैं कि इस तरह के ग्राहकों से सावधान रहें और जहां तक संभव हो कैश पेमेंट करने से बचें.....*

*साईबर फ्रॉड करने वाले चोरी का पैसा कैश विड्रॉल करने के लिए ई-मित्र संचालक और अन्य पेमेंट बैंक रिचार्ज करने वाले लोगों को लूप में डालकर उनको फसा रहे हैं....*

*कैसे करते है ठगी ??*

वह आपकी दुकान पर ग्राहक बनकर आएंगे, आपको बोलेंगे की आपको ऑनलाइन मनी ट्रांसफर कर रहा हूं मुझे कैश रोकड़ा चाहिए.....

आपको पता नहीं की वह ग्राहक आपको जो पैसा दे रहा है वह चोरी का पैसा है (ऑनलाइन किसी से फ्राड करके कमाया हुआ) उस पैसे को कैश रोकड़ा करने के लिए आपके पास आ सकते हैं.....

वह आपको UPI/GOOGLE PAY/ PAYTM/PHONEPE के माध्यम से आपके एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करेगा और आपसे कैश लेकर हवा हो जाएगा....

लेकिन बाद में उस चोरी के पैसे का असली मालिक जब साइबर सेल या केंद्रीय गृहमंत्रालय MHA के Cyber Crime Portal पर शिकायत करेगा तब MHA उसके पैसे को ट्रैक करेगा कि पैसा किस किस एकाउंट में गया हैं....

चूंकि ठग ने कस्टमर बनकर वह चोरी का पैसा आपको UPI/GOOGLE PAY/ PAYTM/PHONEPE किया था तो आपका बैंक एकाउंट भी साइबर क्राइम पोर्टल के ट्रैक पर आएगा और आपको चोरी के पैसे की जितनी रकम मिली है वह बैंक एकाउंट ले LIEN में चली जायेगी....

मतलब आपको ठग ने कस्टमर बनकर आपसे 20,000 का ट्रांजेक्शन किया है तो आपके एकाउंट में वह 20,000 रुपये लीन (LEIN) में चला जाएगा....

LEin में गया पैसा एक तरह से होल्ड है और उसको छुड़वाना बहुत मुश्किल होता हैं.....
ऑनलाइन पैसे लेकर कैश पेमेंट करने वाले दुकानदार भाई अब ग्राहकों से सतर्क रहें....

कोई भी व्यक्ति अगर कैश रोकड़ा मांगने आये तो सबसे पहले उस कस्टमर की आइडेंटिटी जैसे आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल नम्बर और एड्रेस वेरिफिकेशन से जुड़े दस्तावेज की कॉपी मांगे....

अपनी सुरक्षा के लिए उन्ही लोगो को कैश पेमेंट करें जिन्हें आप जानते है या आपका कोई मित्र उन्हें जानता है....

जो लोग आपके शहर के मूल निवासी है उनको ही कैश पेमेंट की सुविधा दें....

कैश पेमेंट से पूर्व कस्टमर की फोटो/वीडियो लेकर रखे....

अगर कस्टमर का UPI एकाउंट उसके आधार कार्ड से मैच नहीं करता तो पेमेंट न करें....


*कल पाली में एक ई-मित्र संचालक के साथ एक ठग ने 20,000 रुपये की ठगी ऐसे ही की हैं....*

दुकानदार को चोर आकर यूपीआई से 20,000 ट्रांसफर करके कैश रोकड़ा ले गया....

थोड़ी देर में गुजरात गांधीनगर साइबर सेल के निर्देश पर बैंक ने 20,000 की राशि लीन में डाल दी....

गुजरात पुलिस को असली मालिक ने फ्रॉड की जानकारी दी होगी इसपर पुलिस द्वारा एक्शन लिया जज स्वाभाविक हैं.....


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