जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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रविवार, 29 अगस्त 2021
सांवरिया की तरफ से सभी कृष्ण भक्तो और देशवासियों को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
इन बीमारियों में से किसी भी बीमारी से कोई परेशानी में हो, पीड़ित हो तो तुरंत संपर्क किजिए
शुक्रवार, 27 अगस्त 2021
नारियल को कैसे फोड़ने पर उसे हम पूरा निकाल सकते हैं?
१. नारियल का केसर जितना चाहते हो उतना निकाल लो।
२. नारियल को फ्रीज़र में ५ से ६ घंटे तक रख दो।
३ नारियल को फ्रीज़र से निकालने के बाद उसको सब जगह से हतोड़ी से थोड़ा थोड़ा मारिए।
४ आपको महसूस होगा कि नारियल को थोड़े थोड़े क्रैक पड़ना चालू होगा और फिर अपने हिसाब से धीरे धीरे फोडिए।
आप इस तरह से पूरा नारियल निकाल सकते हैं।
चित्र स्रोत : गूगल्
दोस्तो कोरा पर मेरा यह उत्तर लिखने का प्रयास है, मुझे पता नहीं था की ये उत्तर इतने लाखों लोग देखेंगे और हजारों में लाईक , शेयर और धन्यवाद देंगे। इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती रही और मैने ऐसे कई उत्तर कोरा पर दिए और सवाल भी पूछे।
लिखना और पढ़ना मुझे हमेशा कोरा पर जुड़े रहना सिखाता गया और ऐसे ही दोस्त , फॉलोवर्स बढ़ते गए ।
मे आप सभी का तहे दिल से आभारी हूं और आशा करता हूं के आप मुझे फॉलोवर्स के तौर पे ऐसे ही जुड़ते रहेंगे।
भगवान आप को बहुत सारा प्यार और आशीर्वाद दे ।
मुगलों के बाप, शक्तिशाली मराठा साम्राज्य का एक भव्य सैन्य चमत्कार।
मुगलों के बाप, शक्तिशाली मराठा साम्राज्य का एक भव्य सैन्य चमत्कार।
3450 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित, लोनावाला के पास लोहागढ़ किला, पवन-इंद्रयानी बेसिन को अलग करता है और दक्कन के पठार को कौकन से जोड़ने वाले व्यापार मार्ग के लिए एक शक्तिशाली रक्षक के रूप में खड़ा है।
🇮🇳 अविश्वसनीय भारत 🇮🇳
बॉलीवुड में हिन्दू-विरोधी भावना के कुछ उदाहरण
आईआईएम प्रोफेसर के शोध से पता चलता है कि
बॉलीवुड अंदर ही अंदर हिंदुओं और सिखों के खिलाफ काम कर रहा है।
सबसे अच्छा मल्टीविटामिन कौन है?
अगर आप सबसे अच्छे मल्टीविटामिन की बात कर रहे हैं तो मेरे हिसाब से जब मल्टीविटामिन लेना ही है ती क्यों ना आयुर्वेदिक मल्टीविटामिन लिया जाए । क्यूंकि यह एक लंबे समय तक किया जाने वाला उपचार है।
आयुर्वेदिक औषधि में किसी तरह के साइड इफेक्ट का भय नहीं । प्राचीन समय से हमारे पुरखो द्वारा आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग किया जाता रहा है। अतः चिंता मुक्त होकर हम इसका सेवन कर सकते हैं। यह बात जरूर है कि आयुर्वेदिक औषधि धीरे धीरे असर करती है। लेकिन लंबे समय इसका सेवन करने पर जो भी शरीरिक समस्या है वह जड़ से समाप्त हो जाती है।
ऐसे बाजार में बहुत से आयुर्वेदिक औषधि मिल जाएगी। लेकिन सभी तरह की दवाइयों को आजमाने के बाद मुझे तो Darjuv9 Gainer सबसे अच्छा लगा । क्यूंकि जब मैंने इसका इस्तेमाल किया मैंने पाया कि इसमें सभी विटामिन प्रचुर मात्रा में है । सिर्फ विटामिन ही नहीं इसमें मिनरल्स,प्रोबायोटिक्स,बायोटिक और केराटिन भी है। जो हमारे शरीर और बालों के लिए बहुत आवश्यक है।
इसमें टोटल ७४ तत्व है जो हर किसी में नहीं होते । उसके बाद मैं इसी सेवन करता हु और सबको इसका सेवन करने की राय देता हूं। इसमें क्या क्या है और किन चिजो में असरदार है इसके जरिए आप जान सकते हैं __
चित्र साधन मेरा फोन
मेरे अनुसार आपको एक बार इसका सेवन करके अवश्य देखना चाहिए।
Ransomware किस तरह का कंप्यूटर वायरस है?
Ransomware किस तरह का कंप्यूटर वायरस है?
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर लें कि रैनसमवेयर कोई वायरस नहीं है, इसे मैलवेयर की श्रेणी में रखा गया है। वायरस भी एक प्रकार का मैलवेयर है
रैनसमवेयर इस प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम है जो किसी व्यक्ति के कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद सभी फाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है यानि उन्हें लॉक कर देता है
जिसके कारण जिसका कंप्यूटर है वह उन्हें एक्सेस नहीं कर पाता है। इसे डिक्रिप्ट करने के लिए अटैकर रैनसम अर्थात फिरौती की मांग करता है, इसी कारण इस मैलवेयर को रैंसमवेयर कहते हैं।
यह रैनसमवेयर भी अन्य सभी मैलवेयर्स के समान निम्नलिखित माध्यमों से किसी कंप्यूटर में प्रवेश करता है -
ईमेल अटैचमेंट्स - ऐसे ईमेल जिनके स्रोत का आपको पता न हो और उसके साथ कोई फाइल अटैच की हुई हो अथवा किसी वेब पेज का लिंक दिया हो; तो ऐसे मेल में प्रायः किसी मैलवेयर का वास होता है, इस उत्तर के सन्दर्भ में वह मैलवेयर होगा रैनसमवेयर।
फेक या संक्रमित वेबसाइट - किसी वेबसाइट की सुरक्षा में कमियों का लाभ उठाकर हैकर उसमें मैलवेयर डाल देते हैं। जब कोई इस वेबसाइट पर विजिट करता है तो रैनसमवेयर उसके कंप्यूटर में भी प्रवेश कर जाते हैं। कई बार असली वेबसाइट्स की नक़ल बनाकर भी ऐसा किया जाता है।
ट्रोजन हॉर्स - ट्रोजन एक मैलवेयर है जो दूसरे मैलवेयर के लिए वाहन का कार्य करता है। इससे संक्रमित कंप्यूटर अन्य मैलवेयर के लिए आसान शिकार बन जाता है।
विज्ञापन - किसी वेबपेज पर यदि कोई ऐसा विज्ञापन दिखे जिस पर किसी प्रकार का ऑफर दिया जा रहा हो जिसमें ऐसी बातें लिखी हों जो उस पर क्लिक करने के लिए उकसाता हो तो समझ जाना चाहिए कि किसी अटैकर ने इसके पीछे मैलवेयर छिपा कर रखा है। इस पर क्लिक करेंगे तो रैनसमवेयर या किसी भी अन्य मैलवेयर का प्रवेश कंप्यूटर में हो जाएगा।
पायरेटेड सॉफ्टवेयर - मुझे लगता है अधिकांश लोगों के कंप्यूटर में इसी के माध्यम से मैलवेयर आते होंगे। शुल्क देकर ख़रीदे जाने वाले सॉफ्टवेयर यदि मुफ्त मिले तो कौन लेना नहीं चाहेगा, इसी का तो लाभ हैकर उठाते हैं। ऐसे सॉफ्टवेयर में वे रैनसमवेयर छिपाए रहते हैं, इधर सॉफ्टवेयर इनस्टॉल हुआ उधर बैकग्राउंड में रैनसमवेयर भी एक्सीक्यूट हो गया।
रैनसमवेयर से बचा कैसे जाए ?
यदि अपने कंप्यूटर में रखी फाइलों को रैनसमवेयर का ग्रास नहीं बनाना चाहते तो नीचे लिखी बातें व्यवहार में लाइए -
पायरेटेड सॉफ्टवेयर से दूर रहें। जहाँ ये मिलते हैं उन वेबसाइट्स पर विजिट न करें तो ही अच्छा।
केवल उन्हीं इमेल्स के साथ अटैच्ड फाइल्स या लिंक को ओपन करें जिनके स्रोत के बारे में आप जानते हों जैसे-कि बैंक के ईमेल।
ईमेल भेजने वाले के एड्रेस को जाँचें की वह सही है या नहीं, प्रायः एड्रेस को असली बनाने के लिए जाने-माने नामों का उपयोग किया जाता है पर उसमें अनावश्यक अक्षर होते हैं।
फर्जी विज्ञापनों से बचने के लिए ad-blocker का उपयोग करना चाहिए, इसके अतिरिक्त वेब ब्राउज़र को नियमित अपडेट करते रहें।
सावधानी बहुत आवश्यक है रैनसमवेयर या किसी भी अन्य मैलवेयर से बचे रहने के लिए।
मैलवेयर क्या है? What Is Malware ?
Malware ?
मालवेयर वास्तव में 1970 के दशक के बाद से व्यक्तियों और संगठनों के लिए खतरा बना हुआ है जब क्रीपर वायरस पहली बार सामने आया था। तब से, दुनिया सैकड़ों विभिन्न मालवेयर वेरिएंटों के हमले से गुजर रही है, सभी संभव के रूप में सबसे अधिक व्यवधान और क्षति का कारण है।
मैलवेयर कई दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर वेरिएंट का सामूहिक नाम है, जिसमें वायरस, रैंसमवेयर और स्पाईवेयर शामिल हैं।
What Is Malware ?
मालवेयर क्या है? दोस्तों, जब आप वायरस, ट्रोजन, स्पायवेयर और इस तरह की बात सुनते हैं, तो आप जो वास्तव में सुन रहे हैं वह विभिन्न प्रकार के मैलवेयर की बात करता है।
मैलवेयर को कभी-कभी बैडवेयर कहा जाता है और अक्सर इसका उपयोग नीचे सूचीबद्ध सामान्य मैलवेयर के कई प्रकारों के साथ किया जाता है। कानूनी दस्तावेजों में, मैलवेयर को कभी-कभी computer contamination के रूप में संदर्भित किया जाता है, इसलिए यदि आप कभी भी इसे देखते हैं, तो यह केवल मैलवेयर कहने का एक फैंसी तरीका है।
दुर्भावनापूर्ण इरादे अक्सर आपकी निजी जानकारी की चोरी या आपके कंप्यूटर के लिए एक पिछले दरवाजे का निर्माण होता है, जो किसी को आपकी अनुमति के बिना, इसके संसाधनों और इसके डेटा का एक्सेस प्रदान करता है। हालाँकि, सॉफ्टवेयर जो ऐसा कुछ भी करता है जो यह नहीं बताता कि वह इसे करने जा रहे हैं, उसे Malware माना जा सकता है।
यह एक फाइल या कोड हो सकता है, जो आमतौर पर एक नेटवर्क पर डिलिवर किया जाता है, जो कि इन्फेक्ट, एक्सप्लोर, चोरी या वस्तुतः कोई भी व्यवहार करता हैं, जो हमलावर चाहता है। हालांकि प्रकार और क्षमताओं में विविधता है, आमतौर पर मैलवेयर के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- एक संक्रमित मशीन का उपयोग करने के लिए एक हमलावर के लिए रिमोट कंट्रोल प्रदान करें।
- संक्रमित मशीन से अनचाहे लक्ष्यों को स्पैम भेजें।
- संक्रमित यूजर्स के लोकल नेटवर्क की जाँच करें।
- संवेदनशील डेटा चोरी करें।
Malware —
-Meaning Of Malware In Hindi-Malware Ka Matlab – malicious software है।
Malicious और Software शब्दों का एक छोटा कॉम्बिनेशन, Malware, दुर्भावनापूर्ण इरादे से डिज़ाइन किए गए किसी भी प्रकार के सॉफ़्टवेयर के लिए एक ऑल-टाइम टर्म है।
Malware Kya Hai
मैलवेयर शब्द malicious software का एक कंप्रेशन है। सीधे शब्दों में कहें, मैलवेयर किसी भी सॉफ्टवेयर का एक टुकड़ा है जो उपकरणों को हानि पहुंचाने, डेटा चोरी करने और आमतौर पर गड़बड़ी पैदा करने के इरादे से लिखा गया था। वायरस, ट्रोजन, स्पायवेयर और रैंसमवेयर मैलवेयर के विभिन्न प्रकारों में से हैं।
मैलवेयर अक्सर हैकर्स की टीमों द्वारा बनाया जाता है: आमतौर पर, वे सिर्फ पैसा बनाने के लिए देख रहे हैं, या तो स्वयं मैलवेयर फैलाकर या डार्क वेब पर उच्चतम बोली लगाने वाले को बेच सकते हैं। हालाँकि, मैलवेयर बनाने के अन्य कारण भी हो सकते हैं – इसका उपयोग विरोध के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा सकता है, सुरक्षा का परीक्षण करने का तरीका, या सरकारों के बीच युद्ध के हथियारों के रूप में भी किया जा सकता है।
मालवेयर के प्रकार:
1) Computer worm:
Worms भी अन्य फ़ाइलों के आधार पर वायरस की तुलना में अधिक सक्रिय रूप से अपनी प्रतिकृति तैयार करते हैं और फैलते हैं। कंप्यूटर वार्म अन्य सिस्टम का एक्सेस प्राप्त करने के लिए रिमूवेबल मीडिया या नेटवर्क का उपयोग करते हैं और आम तौर पर इस कार्य में उनकी सहायता के लिए एक प्रोग्राम की आवश्यकता होती है। ई-मेल के माध्यम से फैलने वाले वार्म यूजर्स के ई-मेल प्रोग्राम का उपयोग करते हैं ताकि एड्रेस बुक के सभी कौन्टेक्ट को खुद को भेजा जा सके। वायरस की तरह, Worms सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं और अक्सर कंप्यूटर पर गुप्त नियंत्रण हासिल करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। Worms को सबसे सामान्य प्रकार का malicious software माना जाता है।
2) Computer viruses:
वायरस ऐसे प्रोग्राम हैं जो स्वयं की प्रतियां बनाकर और फिर अन्य कंप्यूटर कार्यक्रमों में घुसपैठ करके अलग-अलग फैलने में सक्षम हैं। वायरस सबसे अच्छा ज्ञात और सबसे पुराना प्रकार का मैलवेयर है। वायरस प्रोग्राम शुरू होने के बाद एक वायरस गुणा करता है और फिर यह कंप्यूटर के कार्यों में हस्तक्षेप करता है, यूजर्स पर जासूसी करता है, डेटा को नष्ट करता है, या हार्डवेयर को नुकसान भी पहुंचाता है।
3) Trojan horse
ट्रोजन हॉर्स एक प्रकार का मैलवेयर है, जो शुरू में एक उपयोगी और सुरक्षित एप्लिकेशन होने का दिखावा करता है, ताकि यह कंप्यूटर के सिस्टम को एक्सेस कर सके। यह उन कार्यों को करता है जो ज्यादातर यूजर्स से छिपे होते हैं। ट्रोजन हॉर्स कई हानिकारक क्रियाओं को अंजाम दे सकते हैं जैसे कि कंप्यूटर के डेटा ट्रैफ़िक की निगरानी करना। इनमें से कुछ क्रियाएं जानकारी या फ़ाइलों की प्रतिलिपि बनाने और उन्हें भेजने के साथ होती हैं, जबकि अन्य नए सॉफ़्टवेयर को बदलने या स्थापित करने के अलावा कंप्यूटर पर विशेष टास्क को एक्सेक्यूट करते हैं। ट्रोजन हॉर्स को रिमोटली एक बैकडोर फ़ंक्शन के माध्यम से कंट्रोल करना भी संभव है, जो अन्य यूजर्स को साइबरक्रिमिनल उद्देश्यों के लिए कंप्यूटर को हाईजैक करने का मौका प्रदान करता है।
4) Adware:
Adware शब्द को advertisement और software का संकुचन माना जाता है और यह प्रोग्राम में विज्ञापन डालकर ऑपरेट होता है। यह आमतौर पर मुफ्त सॉफ्टवेयर में शामिल होता है और ज्यादातर वैध होता है, लेकिन यह खतरनाक भी हो सकता है अगर यह पॉप-अप या नकली वेबसाइट दिखाता है, या सिस्टम पर या ब्राउज़र सेटिंग्स में बिना अनुमति के कोई भी परिवर्तन करता है।
5) Spyware:
इस प्रकार के मैलवेयर का उपयोग यूजर के डेटा को उजागर करने और इसे निर्माता या किसी थर्ड पार्टी को भेजने के लिए किया जाता है। पीसी में Spyware आने पर भी यूजर इस बात से पूरी तरह से अंजान होता है कि उनका व्यवहार रिकॉर्ड किया जा रहा है। स्पाइवेयर द्वारा प्राप्त जानकारी को ज्यादातर कमर्शियल उद्देश्यों के लिए विश्लेषण किया जाता है ताकि उदाहरण के लिए अनुकूलित विज्ञापन दिखाए जा सकें।
6) Ransomware:
यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम तक पहुंच को रोककर या महत्वपूर्ण फाइलों को ब्लॉक करके स्केवेयर से एक कदम आगे निकल जाता है। ब्लॉक किए गए डेटा को वापस लेने के लिए यह प्रोग्राम फिरौती के भुगतान की मांग करता है।
7) Scareware:
यह मैलवेयर कंप्यूटर पर खोजे गए मैलवेयर के बारे में नकली चेतावनी प्रदर्शित करके यूजर्स को डराने और परेशान करने पर केंद्रित है। यदि आपके पीसी में एक पॉप-अप में शुल्क-आधारित सॉफ़्टवेयर का एक विज्ञापन दिखाई देता है, जो आपके पीसी के कथित मैलवेयर को हटाने में सक्षम होने का दावा करता हैं, तो इसे दुष्ट सेक्युरिटी सॉफ़्टवेयर या rogueware के रूप में जाना जाता है। यदि यूजर इस कथित उपयोगी एप्लिकेशन को खरीदता है और इसे इंस्टॉल करता है, तो मैलवेयर का एक बहुत कुछ आमतौर पर कंप्यूटर पर दिखाई देगा।
8) Backdoor:
Backdoor को trapdoor के रूप में भी जाना जाता है। यह एक स्वतंत्र प्रोग्राम के बजाय एक फंक्शन होता है। एक सॉफ्टवेयर का एक हिस्सा backdoor के रूप में जाना जाता है जब एक बाहरी यूजर कंप्यूटर के एक्सेस में सफल होता है। यह यूजर्स के ज्ञान के बिना होता है। अक्सर, रिमोर्ट एक्सेस का उपयोग सेवा-संबंधी हमलों को करने के लिए किया जाता है, जो तब होता है जब इंटरनेट सेवाएं पेरलाइज़्ड हो जाती हैं, या स्पैम ई-मेल भेजती हैं। ट्रोजन हॉर्स, वायरस, या वार्म द्वारा Backdoors इंस्टॉल किया जा सकता है।
Malware Infections
मैलवेयर कई तरीकों से कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को संक्रमित कर सकता है। यह आमतौर पर पूरी तरह से दुर्घटना से होता है, अक्सर ऐसे सॉफ़्टवेयर को डाउनलोड करने से होता है जिनके साथ दुर्भावनापूर्ण एप्लिकेशन होते हैं।
कुछ मैलवेयर आपके ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम में सुरक्षा कमजोरियों का लाभ उठाकर आपके कंप्यूटर में आ सकते हैं। ब्राउज़रों के आउटडेटेड वर्शन, और अक्सर उनके ऐड-ऑन या प्लगइन्स भी आसान लक्ष्य होते हैं।
लेकिन अधिकांश समय मैलवेयर उन यूजर्स द्वारा इंस्टॉल किए जाते हैं (जैसे आप!) जो वे कर रहे हैं उसे अनदेखा कर रहे हैं और ऐसे प्रोग्राम को इंस्टॉल कर रहे हैं या Spamई-मेल की लिंक पर क्लिक कर रहे हैं, जिसमें मैलवेयर सॉफ़्टवेयर शामिल हैं।
दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति या कबीला
दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति या कबीला
मुर्सी जनजाति के लोग अपनी सुरक्षा के लिए AK-47 जैसे आधुनिक हथियार रखता हैं। ये ज्यादा मोटे और ताकतवर बने रहने के लिए खून पिते हैं। इसलिए मुर्सी जनजाति दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति या कबीला है।
इस धरती पर दुनियाभर कई तरह के लोग रहतें हैं, जो अलग-अलग धर्म और अलग-अलग भगवान को मानते हुए भी एक साथ रहतें हैं। पर कुछ ऐसे भी रहस्यमयी समुदाय या जनजाति हैं जो इस दुनिया में रहते हुए भी अलग-थलग जीवनयापन व्यतीत करतें हैं। ये कबीला अपनी परंपरागत रहन-सहन और खान-पान को लेकर रहस्यमयी बने रहते हैं। आज हम आपको ऐसी ही जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अन्य जनजातियों की तरह नहीं है क्योंकि इन लोगों को काफी खतरनाक माना जाता है।
आज हम आपको ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे है, जो दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति है। इस जनजाति का नाम “मुर्सी” है। मुर्सी जनजाति पूर्वी अफ्रीका के इथोपिया में रहती है। मुर्सी जनजाति की कुल आबादी लगभग 10 हजार के आस-पास है।
मुर्सी जनजाति के लोग अजीबों-गरीब रीति-रिवाज़ को मानते हैं, जैसे युद्ध पर जाते समय जाने से पहले गाय के खून को पिते हैं। ताकि ये ज्यादा मोटे और ताकतवर बने रहें और अपने कीबले में अपना सम्मानजनक पोजीशन बना सकें। मुर्सी जनजाति के लोगों का मानना है की किसी दूसरे लोगों को मारे बगैर जिंदा रहने से अच्छा है कि खुद को मार लें। इसलिए मुर्सी जनजाति को दुनिया का सबसे ज्यादा खतरनाक जनजाति माना जाता है।
मुर्सी जनजाति के लोग आज भी अपनी पुरानी परंपरा के अनुसार जीवन यापन व्यतीत करतें हैं। इस कीबले के मर्द सुंदर लडकियों से विवाह के लिए एक-दुसरे से लड़ाई करता है और जो मर्द इस लड़ाई में जितता है। उस मर्द को ही लड़की से सादी करने का अधिकार मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस लड़ाई में दो लोग आपस में तबतक लड़ते हैं, जबतक एक की मौत ना हो जाए।
ये जनजाति दक्षिण इथियोपिया और सूडान बॉर्डर के पास ओमान वैली में रहतें हैं। मुर्सी जनजाति के लोगों के पास आधुनिक युग के हथियार होते हैं। मुर्सी जनजाति के लोग मुख रूप से Ak-47 जैसे आधुनिक हथियार अपने पास रखना पसंद करते हैं। इन्हें आधुनिक हथियार इतना पसंद है कि ये लोग जंगली जानवरों को भी सौदा कर के हथियार ले लेते हैं। मुर्सी जनजाति के क्षेत्र में इनकी मरजी के बिना पैर रखना मौत को बुलाना है। ये लोग AK-47 के पुराने को मॉडल के लिए लगभग 8 से 10 गाय और नए मॉडल के लिए लगभग 30 से 40 गाय देकर खरीदते हैं। इन्हें ये Ak-47 जैसे आधुनिक हथियारों की सप्लाई सूडान और सोमालिया जैसे देशों से की जाती है।
इस कबीले के लोग अपने अजीबों-गरीब परंपराओं को लेकर भी हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। मुर्सी जनजाति के लोग अपने शारीरिक को इस तरह से बना लेते हैं कि जिसे देखकर इंसान की रूह कांप जाएगा। ये लोग अपनी महिलाओं के के निचले होंठ में लकड़ी या फिर मिट्टी की चक्र लगा देते हैं। ऐसा इसलिए करतें हैं ताकि ये अपनी काबिले की महिलाओं को तस्करों और पर्यटकों से खरीद-बिक्री से बचा सकें। मुर्सी जनजाति की लड़कियाँ जब लगभग 15 साल की होती हैं तो बुरी नजर से बचने के लिए भी लकड़ी या फिर मिट्टी की चक्र को पहना दी जाती है। लिप-प्लेट पहनी ये महिलाएँ पर्यटकों की आकर्षण का केंद्र रहती हैं। मुर्सी जनजाति के अलावा छाई और तिरमा नाम की जनजाति में भी ऐसी ही परंपरा होती है।
ऐसा करने से लड़कियों की सुंदरता कम हो जाती है, जब ये लगभग लड़कियाँ 15-16 साल की उम्र की हो जाती है, तब माँ दूसरी महिला साथियों के साथ मिलकर अपनी बेटी के निचले होंठ काट देती हैं। जब होठ के घाव भर जताते हैं तब लगभग 12 सेंटीमीटर वाला चक्र (लिप डिस्क) इनके होठों में फंसा दी जाती है। इसके बाद पूरी जिंदगी ये चक्र होठ में लगी ही रहती है।
वो जगह जहाँ राम नहीं, रावण की पूजा होती है!
भारत की वो जगह जहाँ राम नहीं, रावण की पूजा होती है!
भारत में नवरात्रि के बाद दसवें दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है, इस त्योहार में रावण के पुतले का दहन करने की परंपरा है। हमारी संस्कृति में रावण को बुराई का प्रतीक के रूप में देखा जाता है। लेकिन आपको पता है, रावण सभी वेद सभी वेदों ग्रंथों ज्ञानी भी था। रावण परम ज्ञानी, परम शिवभक्त, पंडित थे। भारत की उन जगहों के बारे में बतायेंगे, जहाँ राम नहीं, रावण की पूजा होती है और जहाँ रावण दहन नहीं की जाती है।
मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में भगवान राम की नहीं महाज्ञानी रावण की पूजा होती है। दरअसल मंदसौर का पुराना नाम दशपुर था, जो रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था। इसलिए दशपुर का नाम मंदसौर पड़ गया। मंदसौर का दामाद होने के नाते यहाँ के लोग रावण का सम्मान करते हैं। भारत में दामाद का सम्मान करने परंपरा रही है। इसलिए दामाद का सम्मान में रावण की पूजा होती है और यहाँ रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। मंदसौर के रूंडी में रावण की एक मूर्ति भी बनी हुई है।
उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के एक गाँव चिखली है। इस गाँव के लोगों का मानना है कि रावण की पूजा नहीं करने तो जलकर राख हो जाएगा। इसी डर से गाँव के लोग रावण की पूजा करते हैं। इसलिए यहाँ के लोग रावण दहन नहीं करते हैं।
अमरावती: महाराष्ट्र के अमरावती में गढ़चिरौली नामक स्थान है, जहाँ आदिवासी रहते हैं। यहाँ के आदिवास समाज के लोग रावण को भगवान मानते हैं। दरअसल आदिवासियों का एक पर्व फाल्गुन है। इस पर्व में खास तौर से रावण की पूजा करने की परंपरा है। इस समाज में रावण और रावण के पुत्र को अपना देवता मानते हैं।
जसवंतनगर: उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर में यहाँ के लोग दशहरे पर रावण के पुतले की आरती उतार कर पूजा करतें हैं। फिर उस पुतले को टुकड़े-टुकड़े किए जाते है। रावण के पुतले के टुकड़ों को घर ले जाते हैं और तेरहवीं के दिन तेरहवीं की जाती है। इसलिए यहाँ के लोग रावण दहन नहीं करते हैं।
बैजनाथ: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बैजनाथ नामक एक जगह है। यहाँ के लोग रावण की पूजा करते हैं। पुरानी मान्यता के अनुसार रावण ने तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर रावण को मोक्ष का वरदान दिये थे। इसलिए भगवान शिव के परम भक्त रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है।
आंध्रप्रदेश: आंध्रप्रदेश के काकिनाड नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है। यहाँ के लोग विशेष रूप से मछुआरा समुदाय रावण की पुजा करते हैं। काकिनाड में भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है। मछुआरा समुदाय का मानना है कि रावण महाज्ञानी और शक्ति सम्राट हैं। इसलिए यहाँ के लोग रावण दहन नहीं करते हैं।
जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में रावण का मंदिर है। इस मंदिर में रावण और मंदोदरी की विशाल प्रतिमाएं हैं। यहाँ एक खास समाज के लोग खुद को उसका वंशज मानते हैं। ये लोग इस जगह को रावण का ससुराल बताते हैं। इस समाज लोग दशहरे के दिन शोक मनाते हैं। इसलिए यहाँ के लोग रावण दहन नहीं करते हैं।
कनार्टक: कनार्टक के कोलार जिले में रावण की पूजा होती है। यहाँ के लोग रावण को भगवान शिव के भक्त के रूप में मानते हैं। धार्मिक मान्यताओं कि वजह से रावण की पूजा करतें हैं। कर्नाटक के ही मंडया जिले में मालवली नामक स्थान पर रावण का मंदिर भी है। इस मंदिर में रावण को महान शिव भक्त के रूप दिखाया गया है। इसलिए यहाँ के लोग रावण दहन नहीं करते हैं।
अमरावती – महाराष्ट्र के अमरावती में भी रावण पूजनीय है। अमरावती के में गढ़चिरौली नामक स्थान हैं जहाँ के स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग भी रावण को भगवान के समान ही पूजा-अर्चना की जाती है। दिवासी समुदाय द्वारा फाल्गुन पर्व में खास तौर रावण की पूजा करतें हैं। ये आदिवासी समुदाय रावण को ही अपना देवता मानते हैं।
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