Govt. school V/0 PRIVATE SCHOOL
सरकारी विद्यालयों की तुलना में निजी विद्यालयों की बहुत तारीफ सुनी है निजी विद्यालयों के अध्यापक बहुत योग्य होते हैं ऐसा लोगो का मानना है। पर बहुत सारे प्रश्न ऐसे हैं जिनका उत्तर आप स्वयं नही दे पाएंगे
1) निजी विद्यालय में कमजोर छात्रों का प्रवेश नही लेते है अगर अध्यापक योग्य है तो ऐसे छात्रों को योग्य क्यों नहींबना देते?🤷🏼♀
2 )निजी विद्यालयों का होम वर्क अभिभावक या होम ट्यूटर को क्यों कराना होता है अगर विद्यालय के अध्यापक योग्य है तो बच्चे को अपना होमवर्क कर लेना चाहिये।🤷🏼♂
3) कक्षा 9 या 10 के बाद निजी विद्यालय के छात्र प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग क्यों करते हैं क्या 10 साल में कई लाख फीस चुकाने के बाद योग्य अध्यापक उसको प्रतियोगी परीक्षा लायक नही बना सके।👍🏼
4 )क्या कारण है कि बच्चों के asignment और प्रोजेक्ट ,बच्चों के माता पिता की मदद और गूगल की मदद से ही पूरे हो पाते हैं जबकि प्रोजेक्ट में मार्गदर्शक के रूप में योग्य अध्यापक का नाम अंकित होता है।जबकि सरकारी स्कूल के बच्चे खुद से प्रोजेक्ट पूरा कर के लाते है वहाँ पे शिक्षक इनका सहपाठी होता है।🤝🏼
5 )हकीकत यह है कि समृद्ध व्यक्ति अपने छात्रों को विद्यालय से अधिक घर पर पढ़ाता है और अच्छे रिजल्ट का श्रेय विद्यालय लेते है।✋🏽
इसी कारण से ये विद्यालय गरीबों के कमजोर बच्चों को अपने यहां नही रखते है क्योंकि उनकी ट्यूशन प्रोजेक्ट और होमवर्क उनके माता पिता नही करा पाएंगे और बच्चे फेल हो जायेगे इससे स्कूल की रेपुटेशन खराब होगी। 🤪😝😜
अगर निजी स्कुल वास्तव में योग्य है तो उस छात्र को पढ़ाये जिसके पास कॉपी खरीदने को पैसे नही है जिसको वर्ष में 2 महीने अपने पिता के साथ मजदूरी करना जरूरी है अन्यथा भूख प्राण ले सकती है और अगर निजी स्कुल उसको पढ़ाकर बिना कोचिंग डॉक्टर या इंजीनियर बना देंगे तो हम मान लेंगे कि निजी विद्यालय ही सबसे योग्य है
अतः आप सरकारी अध्यापक हैं तो गर्व करें और यदि नहीं है तो सरकारी अध्यापक का उचित सम्मान करें |
निजी school से मोह हटाओ और अपने लाडलो को गुणवत्ता युक्त education दिलाओ
सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है आप अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें
www.sanwariya.org
https://sanwariyaa.blogspot.com
सरकारी विद्यालयों की तुलना में निजी विद्यालयों की बहुत तारीफ सुनी है निजी विद्यालयों के अध्यापक बहुत योग्य होते हैं ऐसा लोगो का मानना है। पर बहुत सारे प्रश्न ऐसे हैं जिनका उत्तर आप स्वयं नही दे पाएंगे
1) निजी विद्यालय में कमजोर छात्रों का प्रवेश नही लेते है अगर अध्यापक योग्य है तो ऐसे छात्रों को योग्य क्यों नहींबना देते?🤷🏼♀
2 )निजी विद्यालयों का होम वर्क अभिभावक या होम ट्यूटर को क्यों कराना होता है अगर विद्यालय के अध्यापक योग्य है तो बच्चे को अपना होमवर्क कर लेना चाहिये।🤷🏼♂
3) कक्षा 9 या 10 के बाद निजी विद्यालय के छात्र प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग क्यों करते हैं क्या 10 साल में कई लाख फीस चुकाने के बाद योग्य अध्यापक उसको प्रतियोगी परीक्षा लायक नही बना सके।👍🏼
4 )क्या कारण है कि बच्चों के asignment और प्रोजेक्ट ,बच्चों के माता पिता की मदद और गूगल की मदद से ही पूरे हो पाते हैं जबकि प्रोजेक्ट में मार्गदर्शक के रूप में योग्य अध्यापक का नाम अंकित होता है।जबकि सरकारी स्कूल के बच्चे खुद से प्रोजेक्ट पूरा कर के लाते है वहाँ पे शिक्षक इनका सहपाठी होता है।🤝🏼
5 )हकीकत यह है कि समृद्ध व्यक्ति अपने छात्रों को विद्यालय से अधिक घर पर पढ़ाता है और अच्छे रिजल्ट का श्रेय विद्यालय लेते है।✋🏽
इसी कारण से ये विद्यालय गरीबों के कमजोर बच्चों को अपने यहां नही रखते है क्योंकि उनकी ट्यूशन प्रोजेक्ट और होमवर्क उनके माता पिता नही करा पाएंगे और बच्चे फेल हो जायेगे इससे स्कूल की रेपुटेशन खराब होगी। 🤪😝😜
अगर निजी स्कुल वास्तव में योग्य है तो उस छात्र को पढ़ाये जिसके पास कॉपी खरीदने को पैसे नही है जिसको वर्ष में 2 महीने अपने पिता के साथ मजदूरी करना जरूरी है अन्यथा भूख प्राण ले सकती है और अगर निजी स्कुल उसको पढ़ाकर बिना कोचिंग डॉक्टर या इंजीनियर बना देंगे तो हम मान लेंगे कि निजी विद्यालय ही सबसे योग्य है
अतः आप सरकारी अध्यापक हैं तो गर्व करें और यदि नहीं है तो सरकारी अध्यापक का उचित सम्मान करें |
निजी school से मोह हटाओ और अपने लाडलो को गुणवत्ता युक्त education दिलाओ
सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है आप अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें
www.sanwariya.org
https://sanwariyaa.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.