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मंगलवार, 10 अगस्त 2021

सनातन (हिंदू धर्म) धार्मिक ग्रंथ जैसे वेद, पुराण, शास्त्र, उपनिषद इत्यादि पवित्र ग्रंथ के नाम और इनकी संख्या

बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा अपने। इस प्रश्न की आवश्यकता इसलिए भी अधिक है क्योंकि आज का समाज अपने गौरवपूर्ण इतिहास को भूलता जा रहा है। इसीलिए सबसे पहले तो आपके इस प्रश्न के लिए आपका धन्यवाद। इस उत्तर के लिए बहुत शोध करना पड़ा है, अतः यदि अच्छा लगे तो औरो के साथ भी साझा करें। अब आइये इसके विषय में जान लेते हैं:

हिन्दू धर्मग्रंथ मुख्यतः दो भागों में बटें हैं - श्रुति एवं स्मृति। इस उत्तर में इन दोनों के विस्तार में नही जाऊंगा, संक्षेप में श्रुति में केवल वेद आते हैं और जो श्रुति में नही है, अर्थात वेदों के अतिरिक्त सब कुछ, वो स्मृति में आते हैं।

श्रुतियाँ:

  1. ऋग्वेद - 10 मंडल, 10552 श्लोक
  2. सामवेद - 6 अध्याय, 1875 श्लोक
  3. यजुर्वेद - 40 अध्याय, 1975 श्लोक
  4. अथर्ववेद - 20 कांड, 5977 श्लोक

स्मृतियाँ:

  1. मूल स्मृतियाँ - कुल 18 हैं पर और भी स्मृतियाँ बाद में जोड़ी गयी जिनमें मनुस्मृति सबसे प्रसिद्ध है। मूल स्मृतियाँ हैं:
    1. वशिष्ठ स्मृति
    2. अत्रि स्मृति
    3. औषनस स्मृति
    4. हरिता स्मृति
    5. विष्णु स्मृति
    6. अंगिरा स्मृति
    7. यम स्मृति
    8. आपस्तम्ब स्मृति
    9. सम्वर्त स्मृति
    10. कात्यायन स्मृति
    11. बृहस्पति स्मृति
    12. व्यास स्मृति
    13. पराशर स्मृति
    14. शंख स्मृति
    15. लिखित स्मृति
    16. दक्ष स्मृति
    17. गौतम स्मृति
    18. शातातप स्मृति
  2. रामायण - 6 कांड, 24000 श्लोक, इसके अतिरिक्त अलग से उत्तर रामायण (उत्तर कांड नही) जो वास्तव में काकभुशुण्डि और गरुड़ संवाद है। महर्षि वशिष्ठ ने भी रामायण लिखा था, कुछ लोग उसे योगवासिष्ठ कहते हैं। महाबली हनुमान ने भी हनुमद रामायण लिखी थी जिसे उन्होंने स्वयं समुद्र में डुबा दिया। इसके अतिरिक्त वाल्मीकि रामायण के कई अनुवाद हैं, कुछ प्रमुख हैं:
    1. रामचरितमानस (अवधी) - 7 कांड, 10902 दोहे
    2. अध्यात्म रामायण (संस्कृत) - 7 खंड, 4500 श्लोक
    3. आनंद रामायण (संस्कृत) - 7 कांड
    4. अद्भुत रामायण (संस्कृत) - 27 सर्ग
    5. कम्ब रामायण (तमिल) - 6 कांड, 123 अध्याय, 12000 श्लोक
    6. रंगनाथ रामायण (तेलुगु) - 17290 द्विपद
    7. भावार्थ रामायण (मराठी)
    8. जगमोहन रामायण (उड़िया)
    9. रामचंद्र चरित्र पुराण (कन्नड़)
    10. कृतिवास रामायण (बंगाली)
  3. महाभारत - 18 पर्व, 100000 श्लोक। इसके भी कई अन्य संस्करण हैं।
    1. श्रीमद्भगवद्गीता - महाभारत का ही एक भाग, 18 अध्याय, 700 श्लोक
    2. ऋषि अष्टावक्र द्वारा लिखा गया अष्टावक्र गीता भी बहुत प्रसिद्ध है।
  4. महापुराण - महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित। ये कुल 18 हैं जिनमें कुल 409500 श्लोक हैं, ये भी अधूरे हैं क्योंकि अधिकतर लुप्त हो चुके हैं:
    1. ब्रह्म पुराण - 10000 श्लोक
    2. पद्म पुराण - 55000 श्लोक
    3. विष्णु पुराण - 23000 श्लोक
    4. शिव पुराण - 24000 श्लोक
    5. भागवत पुराण - 18000 श्लोक
    6. नारद पुराण - 25000 श्लोक
    7. मार्कण्डेय पुराण - 9000 श्लोक
    8. अग्नि पुराण - 15400 श्लोक
    9. भविष्य पुराण - 14500 श्लोक
    10. ब्रह्मवैवर्त पुराण - 18000 श्लोक
    11. लिंग पुराण - 11000 श्लोक
    12. वाराह पुराण - 24000 श्लोक
    13. स्कन्द पुराण - 81100 श्लोक
    14. वामन पुराण - 10000 श्लोक
    15. कूर्म पुराण - 17000 श्लोक
    16. मत्स्य पुराण - 14000 श्लोक
    17. गरुड़ पुराण - 19000 श्लोक
    18. ब्रह्मांड पुराण - 12000 श्लोक
  5. उप पुराण - वेदव्यास एवं अन्य ऋषियों द्वारा लिखा गया। ये भी मूल रूप से 18 हैं किंतु बाद में कुछ और भी जोड़े गए। मुख्य 18 उप पुराण हैं:
    1. आदि पुराण - लेखक सनत्कुमार
    2. नृसिंह पुराण - लेखक वेदव्यास
    3. नंदी पुराण - लेखक कार्तिकेय
    4. शिवधर्म पुराण - लेखक वेदव्यास
    5. आश्चर्य पुराण - लेखक महर्षि दुर्वासा
    6. नारदीय पुराण - लेखक देवर्षि नारद
    7. कपिल पुराण - लेखक कपिल मुनि
    8. मानव पुराण - लेखक देवर्षि नारद
    9. उष्णासा पुराण - लेखक ऋषि उष्णस
    10. ब्रह्मांड पुराण - लेखक वेदव्यास
    11. वरुण पुराण - लेखक वरुण देव
    12. कालिका पुराण - लेखक वेदव्यास
    13. माहेश्वर पुराण - लेखक कार्तिकेय
    14. साम्ब पुराण - लेखक सूर्यदेव
    15. सौर पुराण - लेखक सूर्यदेव
    16. पराशर पुराण - लेखक महर्षि पराशर
    17. मरीचि पुराण - लेखक महर्षि मरीचि
    18. भार्गव पुराण - लेखक महर्षि भृगु
  6. उप वेद
    1. आयुर्वेद
    2. धनुर्वेद
    3. गन्धर्ववेद
    4. शास्त्रार्थ
  7. संहिता - मूल 18 संहितायें हैं, किन्तु कुछ अन्य संहिताओं का भी वर्णन आता है। मुख्य संहिता है - भृगु, चक्र, देव, गर्ग, घेरन्द्र, कश्यप, शिव, वृहद, सुश्रुत, याज्ञवल्क इत्यादि।
  8. आरण्यक - ये मूल रूप से 10 हैं किंतु अन्य भी माने जाते हैं।
  9. ब्राह्मण - हर वेद से जुड़े कई ब्राह्मण (ग्रंथ) हैं। इसके अतिरिक्त 40 से अधिक ब्राह्मण ऐसे हैं जो अब लुप्त हो चुके हैं। कुछ मुख्य उपलब्ध ब्राह्मण हैं:
    1. ऋग्वेद में प्रमुख ब्राह्मण हैं - ऐत्रेय, कौशिक, सांख्य
    2. सामवेद में प्रमुख ब्राह्मण हैं - पंचविश, ताण्ड्य, सद्विष, संविधान, द्वैत, संहितोपनिषद, आर्षेय, वंश, जैमनिय, चंडयोग, मंत्र
    3. यजुर्वेद में प्रमुख ब्राह्मण हैं - शतपथ (शुक्ल), तैत्रेय (कृष्ण)
    4. अथर्ववेद में वैसे तो कई बरखमं हैं किंतु गोपथ सबसे प्रसिद्ध है।
  10. उपनिषद - ऐसी मान्यता है कि इनकी संख्या 300 से भी अधिक थी किन्तु अब केवल 108 ही उपलब्ध हैं, शेष लुप्त हो चुके हैं। इन्हें भी वेदों के ही अंतर्गत बांटा गया है।
  11. सांख्य - कई हैं किंतु कुल 7 माने जाते हैं।
  12. अगम - कई हैं किन्तु मुख्यतः 3 भागों में बातें हैं:
    1. शिव अगम - कुल 28
    2. शाक्त अगम - कुल 77
    3. वैष्णव अगम - कुल 108
  13. दर्शन - कई हैं किंतु मुख्य 6 माने जाते हैं:
    1. न्याय दर्शन
    2. वैशेषिका दर्शन
    3. सांख्य दर्शन
    4. योग दर्शन
    5. मीमांसा दर्शन
    6. वेदांत दर्शन
  14. योग - अत्यंत वृहद, महर्षि वशिष्ठ एवं पतंजलि योग प्रसिद्ध हकन। इसके अतिरिक्त भी कई हैं।
  15. धर्म शास्त्र - कई हैं
  16. धर्म सूत्र - कई हैं
  17. रहस्य शास्त्र - कई हैं
  18. वास्तु शास्त्र - बहुत वृहद
  19. शिल्प शास्त्र - कई हैं
  20. कर्म कांड - अनेकानेक हैं
  21. तंत्र - मुख्य 77 माने जाते हैं
  22. मंत्र - असंख्य

इसके अतिरिक्त भी अनेकानेक ग्रंथ हैं जिसके तो नाम भी लोगों को पता नही है। इन सभी ग्रंथों का एक साथ मिलना तो लगभग असंभव है किंतु फिर भी "गीताप्रेस" में पता करें। अधिकतर तो शुद्ध रूप में वहाँ मिल ही जाएंगे।

इस उत्तर को लिखने में बहुत अधिक शोध और श्रम लगा है। यदि पसंद आया हो तो औरों के साथ भी साझा करें।
जय माँ सरस्वती।
🙏🚩

चित्र स्रोत: गूगल

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