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गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025

गोवर्धन पूजा पर श्री स्वामीनारायण अक्षरधाम, काली बेरी जोधपुर में भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन।

*- गोवर्धन पूजा पर श्री स्वामीनारायण अक्षरधाम, काली बेरी जोधपुर में भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन।*


 गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर आज श्री स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, काली बेरी में भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं उल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर भगवान श्री स्वामीनारायण को 701 विविध व्यंजन का अन्नभोग अर्पित किया गया।

महोत्सव की शुरुआत पूज्य योगीप्रेम स्वामी द्वारा गाए गए ‘थाल गीत’ से हुई, जिसके साथ ही भक्तों ने भक्ति एवं आनंद के भाव से अन्नकूट दर्शन किए। विविध व्यंजनों से सजे भव्य थाल के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही। अन्नकूट के उपरांत संध्या में आयोजित लाइट एंड साउंड शो ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान श्री स्वामीनारायण की दिव्य लीलाओं और आध्यात्मिक संदेशों पर आधारित यह कार्यक्रम आज के उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा।

आश्चर्यजनक रूप से इस वर्ष के अन्नकूट महोत्सव में 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे पूरा परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा। भारी संख्या में भक्तों के आगमन के कारण मंदिर परिसर से लेकर नमस्ते सर्किल तक लगभग 2 किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं। इस विशाल भीड़ व्यवस्था को स्वयंसेवकों (स्वयंसवेकों) और पुलिस प्रशासन ने अत्यंत अनुशासित एवं सुव्यवस्थित ढंग से संभाला, जिससे सभी श्रद्धालुओं को शांतिपूर्वक दर्शन का लाभ प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर जोधपुर पुलिस आयुक्त एवं उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दर्शन लाभ प्राप्त किया।

🪔 अन्नकूट का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व
अन्नकूट महोत्सव का आयोजन गोवर्धन पूजा के अगले दिन किया जाता है। यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा एवं इंद्र के अभिमान के दमन की स्मृति में मनाया जाता है। ‘अन्नकूट’ का अर्थ है – अन्न का पर्वत। इस दिन भगवान को सैकड़ों प्रकार के व्यंजन अर्पित कर ‘अन्नकूट दर्शन’ किए जाते हैं। इसका भावार्थ यह है कि सम्पूर्ण सृष्टि में भगवान ही पालक हैं और अन्न के रूप में वही हमें जीवन प्रदान करते हैं।

स्वामीनारायण परंपरा में अन्नकूट केवल भोजन अर्पण का नहीं, बल्कि कृतज्ञता, भक्ति और एकता का प्रतीक माना जाता है। भक्तजन इस दिन अपने श्रम, प्रेम और भक्ति से भगवान को अर्पण करते हैं, जिससे समाज में सेवा, त्याग और समर्पण की भावना का विस्तार होता है।

इस भव्य आयोजन ने न केवल जोधपुरवासियों को एक दिव्य अनुभव प्रदान किया, बल्कि सांस्कृतिक रूप से यह आयोजन जोधपुर शहर के आध्यात्मिक जीवन का एक अविस्मरणीय अध्याय बन गया।

🪔 जय स्वामीनारायण

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