अगर आपके पास है एलपीजी कनेक्शन तो यह जानकारी जरुर रखिये!
क्या आप जानते हैं कि एलपीजी कनेक्शन के साथ आपको इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। शायद नहीं। दस में आठ उपभोक्ताओं को यह नहीं पता, लेकिन आप जान लें कि एलपीजी कनेक्शन के साथ ही आपका बीमा हो जाता है। गैस सिलेंडर से दुर्घटना होने की स्थिति में आपको 10 से 25 लाख रुपए तक का क्लेम मिल सकता है। इतना ही नहीं सामूहिक दुर्घटना की स्थिति में क्लेम की राशि 50 लाख रुपए तक हो सकती है।
दुर्घटना के बाद इलाज का खर्च कंपनी उठाती है
एलपीजी के सिलेंडर से दुर्घटना होने की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज का सारा खर्च भी कंपनी को उठाना होता है। लेकिन प्रायोगिक रूप से ऐसा नहीं होता। जानकारी के अभाव में न तो उपभोक्ता इसकी सूचना कंपनी को देती है और न ही कंपनी इसमें किसी प्रकार की दिलचस्पी दिखाती है।
उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती जानकारी
गैस कनेक्शन के साथ मिलने वाले बीमा की जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है। नियमत: गैस एजेंसी संचालकों को चाहिए कि कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को यह बात बताएं। यह अनिवार्य है। लेकिन, ऐसा नहीं किया जाता।
यह है प्रक्रिया
गैस सिलेंडर से दुर्घटना या उसमें मौत होने पर 24 घंटे में एजेंसी और स्थानीय थाने को सूचना देनी होती है। गैस एजेंसी से क्षेत्रीय कार्यालय और वहां से संबंधित बीमा कंपनी को खबर की जाती है। बीमा एजेंसी छानबीन कर बीमा की राशि उपलब्ध कराती है।
आवश्यक शर्तें
> एलपीजी कनेक्शन वैध होना चाहिए।
> एजेंसी द्वारा प्रदत्त पाइप और रेगुलेटर का इस्तेमाल होना चाहिए।
> जहां गैस का इस्तेमाल हो रहा हो, वह जगह संकीर्ण न हो।
> जिस जगह पर गैस का इस्तेमाल होता हो, वहां खुली बिजली का तार न हो।
कनेक्शन के साथ ही उपभोक्ता का बीमा हो जाता है। इसके लिए अलग से कोई प्रक्रिया पूरी नहीं करनी पड़ती है। जहां तक लाभ की बात है, तो क्लेम आने पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।" - राखी पांडेय, भारत गैस.
"कंपनी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करती है। बीमा की राशि व्यापक छानबीन के बाद किया जाता है। वैसे अब तक इस तरह का मामला सामने नहीं आया है।" - देवजीत, इंडेन गैस.
"बीमा की बहुत जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन इतना जानता हूं कि बीमा होता है। क्लेम गैस कंपनी नहीं बीमा कंपनी देती है।" - कमलेश्वर प्रसाद सिन्हा, एचपी गैस.
क्या आप जानते हैं कि एलपीजी कनेक्शन के साथ आपको इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। शायद नहीं। दस में आठ उपभोक्ताओं को यह नहीं पता, लेकिन आप जान लें कि एलपीजी कनेक्शन के साथ ही आपका बीमा हो जाता है। गैस सिलेंडर से दुर्घटना होने की स्थिति में आपको 10 से 25 लाख रुपए तक का क्लेम मिल सकता है। इतना ही नहीं सामूहिक दुर्घटना की स्थिति में क्लेम की राशि 50 लाख रुपए तक हो सकती है।
दुर्घटना के बाद इलाज का खर्च कंपनी उठाती है
एलपीजी के सिलेंडर से दुर्घटना होने की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज का सारा खर्च भी कंपनी को उठाना होता है। लेकिन प्रायोगिक रूप से ऐसा नहीं होता। जानकारी के अभाव में न तो उपभोक्ता इसकी सूचना कंपनी को देती है और न ही कंपनी इसमें किसी प्रकार की दिलचस्पी दिखाती है।
उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती जानकारी
गैस कनेक्शन के साथ मिलने वाले बीमा की जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है। नियमत: गैस एजेंसी संचालकों को चाहिए कि कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को यह बात बताएं। यह अनिवार्य है। लेकिन, ऐसा नहीं किया जाता।
यह है प्रक्रिया
गैस सिलेंडर से दुर्घटना या उसमें मौत होने पर 24 घंटे में एजेंसी और स्थानीय थाने को सूचना देनी होती है। गैस एजेंसी से क्षेत्रीय कार्यालय और वहां से संबंधित बीमा कंपनी को खबर की जाती है। बीमा एजेंसी छानबीन कर बीमा की राशि उपलब्ध कराती है।
आवश्यक शर्तें
> एलपीजी कनेक्शन वैध होना चाहिए।
> एजेंसी द्वारा प्रदत्त पाइप और रेगुलेटर का इस्तेमाल होना चाहिए।
> जहां गैस का इस्तेमाल हो रहा हो, वह जगह संकीर्ण न हो।
> जिस जगह पर गैस का इस्तेमाल होता हो, वहां खुली बिजली का तार न हो।
कनेक्शन के साथ ही उपभोक्ता का बीमा हो जाता है। इसके लिए अलग से कोई प्रक्रिया पूरी नहीं करनी पड़ती है। जहां तक लाभ की बात है, तो क्लेम आने पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।" - राखी पांडेय, भारत गैस.
"कंपनी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करती है। बीमा की राशि व्यापक छानबीन के बाद किया जाता है। वैसे अब तक इस तरह का मामला सामने नहीं आया है।" - देवजीत, इंडेन गैस.
"बीमा की बहुत जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन इतना जानता हूं कि बीमा होता है। क्लेम गैस कंपनी नहीं बीमा कंपनी देती है।" - कमलेश्वर प्रसाद सिन्हा, एचपी गैस.
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