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रविवार, 22 जनवरी 2023

किस साधना या सिद्धि से बाबा बागेश्वर सब कुछ जान लेते हैं ?*

*किस साधना या सिद्धि से बाबा बागेश्वर सब कुछ जान लेते हैं ?*   
 

- श्री रामचरित मानस की चौपाई है 
 
*तपबल रचइ प्रपंचु बिधाता। तपबल बिष्नु सकल जग त्राता॥*
*तपबल संभु करहिं संघारा। तपबल सेषु धरइ महिभारा॥2॥*
 
अर्थात 
 
तपस्या के बल से ही ब्रह्मा संसार को रचते हैं और तपस्या के बल से ही बिष्णु सारे जगत् का पालन करते हैं । तपस्या के बल से ही शम्भु (रुद्र रूप से) जगत् का संहार करते हैं और तपस्या के बल से ही शेषजी पृथ्वी का भार धारण करते हैं॥  
 
-हमारी भारतीय संस्कृति में तपस्या की बहुत ज्यादा मान्यता है और जिसे हम चमत्कार कहते हैं वो दरअसल तपस्या का ही फल होती हैं । 
  
- हम सभी लोगों को अपने गांव देहात या दूर दराज़ में ऐसे लोग अवश्य मिले होंगे जो चमत्कारी होते हैं खोया हुआ सामान बता देते हैं, बिछड़ों को मिला देते हैं और यहां तक भविष्यवाणी कर देते हैं कि आपका बच्चा किस तारीख को पैदा होगा ? ये सब तो मेरे देखे सुने,अपने ही अनुभव रहे हैं । 
 - आम तौर पर इंसान अपने दिमाग का 5 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर पाता है । जो लोग इससे ज्यादा अपना दिमाग इस्तेमाल कर लेते हैं वो महापुरुष या सुपर ह्यूमन की श्रेणी में आ जाते हैं । हमारे पास दो दिमाग होते हैं एक बायां और दायां । लेकिन क्योंकि हम में से ज्यादातर अपना दायां हाथ ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं इसलिए हमारा बायां दिमाग ही ज्यादा काम करता है जबकि दायां दिमाग इंट्यूशन वगैरह में ज्यादा काम करता है जो आम लोगों का विकसित ही नहीं हो पाता है ।  
 
-20 जनवरी को छत्तीसगढ के रायपुर में बाबा बागेश्वर ने पत्रकारों को अपना परीक्षण करने का अवसर दिया । बाबा ने कहा कि यहां मौजूद पत्रकारों में जिसके चाचा का नाम भृगुनाथ तिवारी है वो सामने आ जाए । तो एबीपी न्यूज के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी सामने आ गए । फिर बाबा ने उनके छोटे भाई का नाम बता दिया । उनके घर के बारे में बता दिया । यहां तक कि ज्ञानेंद्र तिवारी की भतीजी का नाम भी बता दिया । इस घटना ने ज्ञानेंद्र तिवारी समेत सभी पत्रकारों और संपूर्ण मीडिया जगत को आवाक कर दिया । हर कोई सन्न रह गया । ऐसा ही अनुभव एक महिला पत्रकार को हुआ ।  
 
-आखिरकार बाबा का डंका पूरी दुनिया में लाइव प्रसारण के साथ बज गया । नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन संस्था के श्याम मानव ने जो किया उसका बागेश्वर को फायदा ही हुआ । 

 *Break*
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*Continue*

- मन की बात समझाने वाली दो तरह की सिद्धियां प्रसिद्ध हैं... पहला कर्ण पिशाचिनी और दूसरा पीतांबरा... पहली निगेटिव एनर्जी की साधना है और दूसरी पॉजिटिव एनर्जी वाली साधना है  
 
-कर्ण पिशाचिनी की साधना अत्यंत दुष्कर होती है । माना जाता है कि कर्ण पिशाचिनी एक यक्षिणी होती है जो साधक के साथ उसकी पत्नी या पार्टनर की तरह ही अदृश्य रूप में रहती है । कई लोग दावा करते हैं कि कर्ण पिशाचिनी साधक की पत्नी को मार देती है । आखिरी वक्त में भी साधक का बुढापा बहुत खराब होता है मौत लावारिस होत है और साधक प्रेत योनि में चला जाता है इसलिए ये साधना करना ही नहीं चाहिए । पीतांबरा भी एक साधना है लेकिन वो सात्विक तरीके से की जाती है ।  
  
-लेकिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में जहां तक हमारी समझ है उनके पास गद्दी की सिद्धि है यानी उनकी पीठ ही सिद्ध पीठ है । उनके यहां तीन पीढ़ियों से दरबार लग रहा है और उनके दादा सन्यासी गुरु ही उनको प्रेरणा देते हैं । हनुमान चालीसा की सिद्धि भी इसमें काम करती है ।  

-साल 2009 में जब शास्त्री जी 13 साल के थे उन्होंने पहली बार अपने गांव में ही भागवत कथा की थी । मध्य प्रदेश के जिले छतरपुर में ही उनके गांव एक हनुमान जी का प्राचीन मंदिर था और उसके पीछे उनके दादा गुरु की समाधि थी । यहीं से अब बागेश्वर बाला जी का नाम हुआ है और यही अब देश की विख्यात सिद्ध पीठ है । धीरेंद्र शास्त्री जी, श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज के शिष्य भी हैं । ये भी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है । 
 
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