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बुधवार, 20 मार्च 2024

क्या आप जानते हैं कि लार्ड डलहौजी की मृत्यु कैसे हुई थी?

 

लार्ड डलहौजी की मृत्यु 19 दिसम्बर 1860 में डलहौजी के खुद के एक किले में हो गई। उसी क़िले में उसकी मृत्यु से ठीक एक साल पहले उसने अपनी बेटी एडिथ का विवाह किया था।

लेकिन डलहौजी की मृत्यु की सच्चाई को ब्रिटेन ने हमेशा दुनिया से छुपाया। बताया गया था कि डलहौजी की मृत्यु पेट की किसी बीमारी से हुई थी लेकिन यह बात सारासर झूठी थी। डलहौजी की मृत्यु कैसे हुई थी यह बात बहुत कम हीं लोगों को पता है।

भारत में अपने 7 वर्ष के कठिन और परिश्रम से भरे कार्यकाल के बाद 6 मार्च 1856 को डलहौजी ने अपने देश वापसी के यात्रा की शुरुआत "बाई दी ट्रिब्यून तो स्पिटहेड" नामक प्रसिद्ध जहाज़ से किया और 2 माह 5 दिन की यात्रा करके 11 मई 1856 को ब्रिटेन पहुँच गया।

कहा जाता है कि उसके वापसी के समय उसे भारत से बहुत सारे उपहार मिले थें। उन्हीं उपहारों में उसे एक गाय की बछिया मिली थी जो की बहुत उत्कृष्ट किस्म की थी। ब्रिटेन पहुंचने के बाद डलहौजी उस बछिया की बहुत अच्छे से देखभाल करवाता था और उसे उस बछिया को उसी किले में रखा गया था जहां बाद में डलहौजी की मृत्यु हुई।

(ब्रिटेन स्थित डलहौजी का किला)

उसकी मृत्यु के दिन उसने अपने क़िले में अपने कुछ दोस्तों को भोज पर बुलाया था। जब उसके दोस्त उसके साथ किले का भ्रमण कर रहे थें तो उनकी नजर उस बछिया, जो की अब एक गाय बन चुकी थी और उसके छोटे से बछड़े पर पड़ी। बछड़ा भी दिखने में बहुत हीं बलिष्ठ और सुंदर था।

जब डलहौजी के दोस्तों ने उन बछड़े को देखा तो उन्होंने खाने में उस बछड़े के मांस को बनाने की बात कही लेकिन डलहौजी ने उस बात के लिए इनकार कर दिया क्योंकि वो खुद उस गाय और बछड़े से बहुत प्रेम करता था। लेकिन उसके दोस्त उस बछड़े के मांस को खाने की बात पर अड़े रहे।

अंततः उसे अपने दोस्तों की बात माननी पड़ी और उसने अपने नौकरों को उस बछड़े को मारने का आदेश दे दिया।

कहा जाता है कि उस बछड़े को उसकी माँ के सामने हीं काटा जा रहा था और यह सब देख कर वह गाय बहुत ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी और उसकी आँखों से आंसू बह रह थें। अंत में उस गाय ने जंजीर को तोड़ दिया और दौड़कर डलहौजी के पेट में अपने सिंग चुभा दिए।

टक्कर इतनी गहरी थी कि उसके सिंग डलहौजी के पेट मे घुस गए थें और डलहौजी का पेट फट गया था। उसी वक़्त उस घाव के चलते डलहौजी की मृत्यु हो गई। इस बात को ब्रिटेन ने कभी बाहर नही आने दिया। लेकिन 1873 में डलहौजी के एक दोस्त ने जब अपनी किताब में इस घटना का जिक्र किया तब दुनिया को डलहौजी के मृत्यु का सही कारण का पता चल पाया।

आप चाहें तो इस लिंक को You Tube पर डाल कर और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

#LordDalhousie

फ़ोटो साभार: गूगल

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