उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में एक ऐसा शिव मंदिर है जिसमे शिवजी मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं। जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर ओयल कस्बे में स्थित इस मन्दिर को मेंढक मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग रंग बदलता है, और यहां खड़ी नंदी की मूर्ति है जो आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगी। मंदिर के बारे में इतिहासकार माणिक लाल गुप्ता कहते हैं कि "मंदिर राजस्थानी स्थापत्य कला पर बना है, और तांत्रिक मण्डूक तंत्र पर बना है। मंदिर के बाहरी दीवारों पर शव साधना करती उत्कीर्ण मूर्तियां इसे तांत्रिक मंदिर ही बताती हैं।
सामने से मेंढक के पीठ पर करीब सौ फिट का ये मन्दिर अपनी स्थापत्य के लिए यूपी ही नहीं पूरे देश के शिव मंदिर में सबसे अलग है।"
Unique frog temple at Lakhimpur khiri..
सावन में महीने भर दूर-दूर से भक्त यहां आकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर ओयल स्टेट के राजा बख्त सिंह ने करीब 200 साल पहले बनवाया था। इतिहास के जानकार रामपाल सिंह कहते हैं मंदिर के बनवाने के पीछे दो बातें सामने आती हैं। ओयल के राजाओं ने इसे युद्ध में जीते पैसे को सदुपयोग के लिए बनवाया वही कहा यह भी जाता है कि अकाल से निपटने को किसी तांत्रिक की सलाह पर ये अदभुद मंदिर बनवाया गया। मेंढक मंदिर के चारों कोनों पर भी बड़ी सुंदर गुम्बद बने हैं।
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