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रविवार, 1 जनवरी 2023

1 जनवरी से अपनी टीम में बहुत बड़ा परिवर्तन होंगा। सर्दी का मौसम है गलत तो बढ़ ही रही है *जलन* भी बढ़ने वाली है😄

*हम गुर्जर सम्राट मिहिरभोज को गुर्जर सम्राट मिहिरभोज न कहे तो क्या कहे⁉️*

*हमारे कहने का कारण भी जान लीजिए👇*

हम केवल हिंदू हिंदू करते रह जाते है और कुछ अराजक तत्व गद्दारों के षड्यंत्रों में फसकर उन्हे अपनी जाति का बता देते है और वास्तविक जाति वाले लोगो को गालियां देते है। अब तो महापुरुषो को तो छोड़िए अब तो भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री देवनारायण पर भी विवाद होने लग गया है।

वो अराजक तत्व हम हिंदुओ के गुर्जर, जाट, यादव/अहीर, मराठा जैसे क्षत्रिय समाजों और ब्राह्मणों तथा भीलों, आदिवासियों के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए है उन्हे लगता है जितने भी शासक, सेनापति और योद्धा हुए वो उनकी ही एक से है उन्हे यह गलतफहमी इसलिए है क्योंकि वो मानते है कि क्षत्रिय केवल एक जाति है एक जाति के लोग ही क्षत्रिय होते है और सभी शासक, सेनापति और योद्धा क्षत्रिय होने के नाते उनकी जाति के ही है।
*पहले ही अंग्रेजो ने सबका इतिहास मिटाया फिर कांग्रेस और वामपंथियो ने मिटाया और इतिहास में आक्रांताओं चाहे वो मुगल हो या अंग्रेज हो उनको तथा उनसे समझौते/संधि करने वाले राजे रजवाड़ों/छोटे मोटे शासकों को ही महान बताया फिर रही सही कसर आरक्षण वाली व्यवस्था ने पूरी करदी।*

इधर हम और आप जैसे लोग हिंदू हिन्दू करके बड़े मुश्किल से एक एक व्यक्ति को हिंदुत्व से जोड़ते है और वो गद्दार लोग(वामपंथी) हम हिंदुओ के कुछ असाजिक तत्वों को मध्यम बनाकर एक ही झटके में हमारे हिंदू समाज के बड़े बड़े वर्गो को हिंदुत्व से दूर कर देते है उन्हे अलग मत/पंथ/समुदाय बना देते है या फिर वामपंथ की ओर धकेल देते है जैसे की..






🛑👉सिख जैन बौद्ध को हिंदुओ से दूर किया गया जबकि यह सब भी तो हिंदू ही थे और है।

🛑👉इसी तरह कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को अलग करने का प्रयास किया गया था

🛑👉दलितों पिछड़ों को अलग करने का प्रयास तो जगजाहिर है(जय मिम भीम वाला षड्यंत्र)

🛑👉इसी तरह UP में यादवों को हिंदुत्व से दूर करके मुस्लिम यादव गठबंधन बनाने का प्रयास किया कुछ हद तक वो सफल भी हुए

*उदाहरण बहुत है पर हमे हिंदुओ के सभी मत पंथ जातियों समुदायो को सनातन धर्म से हिंदुत्व से जोड़े रखने के लिए सबका सम्मान करना होंगा केवल हिंदू हिंदू करने से काम नहीं चलेगा*

*हिंदुओ को तोड़ने वाले षड्यंत्रों को रोकने ले लिए हमे हिंदुओ के सभी मत पंथ जाति समुदायों में हुए महापुरुषो, योद्धाओं, संतो का भी सम्मान करना पडेंगा ताकि वो जाति समाज उनसे प्रेरणा लेकर हिंदुत्व से जुड़ी रहे क्योंकि जितने भी महापुरुष हुए चाहे वो किसी भी जाति से हो उन्होंने पूरे देश धर्म के लिए योगदान दिया है। सभी जाति समाज वर्ग उनसे प्रेरणा लेंगे तो वो भी पूरे देश और धर्म का भला सोचेंगे और धर्म राष्ट्रहित में कार्य करेंगे और गद्दार उन्हे हिंदुत्व से दूर नहीं कर पाएंगा*

हम यह बात आपको राणा पूंजा भील के उदाहरण से समझाते है👇

हम राणा पूंजा भील को राणा पूंजा भील न कहकर उन्हे *राणा पूंजा हिंदू* कहेंगे तो हम और आप हिंदू हिंदू करते रह जायेगे और कोई अन्य जाति का अराजक तत्व गद्दारों के षड्यंत्र में फसकर पूंजा भील को अपनी जाति का बताएगा जिससे भीलों की भावनाए तो आहत होंगी ही साथ ही फिर विवाद होंगा और विवाद के डर से सोसल मीडिया पर अपने आपको कट्टर हिंदू कहने वाले लोग चुप हो जायेगे और भील अकेले कहते रह जाएंगे पूंजा भील थे भील थे और कुछ लोग तो भीलों को ही जातिवादी घोषित कर देंगे की चुप रहो हिंदू बोलो फिर इस स्थिति का लाभ उठाने गद्दार वामपंथी और जिहादी आते है भीलों को भड़काने की देखो तुम अपने अपने आपको हिंदू कहते हो हिंदू हिंदू करते हो अब तुम्हारा साथ देने कौन हिंदू आया

*अब आप सोचिए जब भीलों का इतिहास चोरी हो जायेगा तो वो नाराज तो होंगे ही साथ ही जो जागरूक दूरदर्शी भील है उन्हे भी अपने अन्य भील भाईयो को धर्म से हिंदुत्व से जोड़े रखने के लिए भील महापुरुषों की आवश्यकता पड़ेंगी की देखो ये आपके पूर्वज इतने महान है आप इनके वंशज है इनसे प्रेरणा लो पर भीलों के पास कुछ नहीं रहेगा ही नही सब चोरी कर लिया जाएगा एम तो वो हिंदुत्व से दूर होंगे की नहीं?*

और यदि उनका इतिहास चोरी नहीं होंगा तो वो भील भी उन महापुरूषों की तरह अपने धर्म और राष्ट्र के लिए तत्पर होंगे वामपंथियों के जिहादियों के बहकावे में नहीं आयेगे।

*अब आप सोचिए आपको कुछ लोगो के नाराज होने के कारण या आपको उनसे डर लगता है इस कारण आप राणा पूंजा भील को भील नहीं बोलेंगे तो हिंदू समाज का बहुत बड़ा हिस्सा भील आदिवासी समाज हिंदुओ से दूर होंगा की नहीं* कुछ लोगो के चक्कर में देश को बहुत बड़ी आबादी हम हिंदुओ से दूर होंगी की नही⁉️

*महापुरुष हर जाति/समाज में होते है हमे उन सबका सम्मान करना चाहिए किसी जाति विशेष से ईर्ष्या के चलते उनके धर्म और राष्ट्र के लिए किए गए योगदान को न भूले।*

*भारत के दुश्मन हम हिंदुओ को जातियों बाटकर करके तोड़ने में लगे हुए है किंतु हमे हर जाति के महापुरुषों जिनका योगदान धर्म और राष्ट्र के लिए था उनका सम्मान करना और हिंदुओ की सभी जातियों वर्गो मत पंथों को हिंदुत्व की मुख्य धारा में जोड़े रखना।*


*PM अटल जी हो उत्तराखंड के CM रावत जी हो या केंद्र के बड़े बड़े मंत्री गुर्जर नाम से मूर्ति का पहले अनावरण कर चुके है..*

*pm मोदी जी भी ग्रेटर नोडया में गुर्जर गैलरी का उद्घाटन कर चुके है जिसमे सम्राट की मूर्ति भी है उन्हे किसी के नाराज होने की चिंता नहीं फिर आपको क्यों?*

*क्या ये pm cm मंत्री अपनी अपनी जातियों का गुणगान कर रहे थे⁉️* उत्तर है नहीं उनका उद्देश्य था सबको जोड़ना सभी जातियों का सम्मान करना इसलिए वो दलित हो आदिवासी हो या कोई अन्य वर्ग हो सबका सम्मान करते है।

*मिहिरभोज के शासन काल के सिक्को में भी गुर्जर ही लिखा था जो आज जयपुर संग्रहालय में स्थित है.. शिलालेखों और ताम्रपत्रो में भी यही है* और वोही हमने वोही लिख दिया तो आपको आपत्ति हो रही है अपने तो कोई छेड़छाड़ नहीं की जैसा था वैसा ही लिखा

पर क्या है कुछ लोग अभी भी मानसिक रूप से गुलाम है.. उन्हे मुगल याद रहे मुगलों से रिश्ते बनाने वाले याद रहे, सत्ता में बने रहने के लिए अंग्रेजो से संधिया करने वाले भी याद रहे 

पर जिन गुर्जर शासको ने सदियों से कट्टर इस्लामिक की आंधी से भारत को बचाया और सत्ता से बाहर होने के बाद भी जिन गुर्जरों ने धर्म और राष्ट्र रक्षा के लिए आजादी तक संघर्ष किया उन्हे भूल गए।

कल सनातन धर्म रक्षक महान गुर्जर सम्राट मिहिरभोज जिन्हे विष्णु भगवान के आदिवराह की उपाधि मिली जिनको अरब इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु मानते थे यदि वो न होते तो 12वी सदी से पहले ही भारत पर इस्लाम का कब्जा हो जाता हो सकता था हम आज होते ही नही या आज जिस तरह सेक्युलर लोग मुगलों की मजारों पर जाते है वो अरबो की मजारों पर भी जा रहे होते पर 36 लाख की विशाल सेना वाले शक्तिशाली सम्राट जिन्होंने भारत को सुरक्षित रखा धर्म की रक्षा की उनकी जयंती थी। पर कई लोगो ने उनकी जयंती पर उन्हें याद करना भी उचित नहीं समझा केवल वो गुर्जर थे इसलिए क्या आप गुर्जरों को हिंदू नहीं मानते।

आप गुर्जर को गुर्जर कहने वालो को टोकते हो पर गुर्जर को दूसरी जाति का बताने वाले और गुर्जरों को गालियां देने वालो को क्यों नहीं रोकते

एक ओर उदाहरण👇
*गुर्जर* सम्राट मिहिरभोज
सरदार वल्लभ भाई *पटेल*
नरेंद्र *मोदी*
राणा पूंजा *भील*
क्या *गुर्जर, पटेल, मोदी, भील* हिंदू नही है..
नाम में भी आप लोग जाती खोज लेते हो यदि ऐसा है तो पहले pm अटल जी ने गुर्जर सम्राट की जो मूर्ति अक्षरधाम मंदिर में है उसमे से गुर्जर मिटा दो, pm मोदी ने नोएडा में गुर्जर गैलरी का उद्घाटन किया था उसमे से गुर्जर मिटा दो। शीला लेखों में से गुर्जर मिटा दो

जो जिस नाम से जाना जाता है हम उसे उसी नाम से लिखते है न की इस तरह लिखे की *पूंजा हिंदू, नरेंद्र हिंदू, सरदार हिंदू, हिंदू मिहिरभोज*


*हमे अब बहस नहीं चाहिए आप सहमत न हो तो left लेलो नहीं तो यदि अब भी किसी ने बहस की तो हम remove करेंगे हमे कार्य करना है न की बहस में उलझे रहना*
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आजकल के सोसल मीडिया के कट्टर *शेर*

यह बात नहीं समझ सकते क्योंकि भोटी(मंदबुद्धि) बुद्धि वाले लोग केवल दो बाते जानते है *पहली👉 हिंदू हिंदू करते रहो* *दूसरी👉 जेहादी मुल्लो के विरुद्ध बोलते रहो गालियां देते रहो*

इन दो के अलावा यदि कोई हिंदू संगठन या कोई हिंदू कार्यकर्ता या कोई भी व्यक्ति कुछ काम करता है तो यह कट्टर शेर उसकी टांग खींचते है उसे हिंदू विरोधी घोषित कर देते है।

*अब इन मूर्खो को कौन समझाए हिंदू हिंदू करने जय श्री राम भारत माता की जय बोलने से और जेहादी मुल्लो को गालियां देने से न ही हिंदू एकजुट होता न ही जेहादी मुल्लो पर नकेल कसती है।*

सबको साथ लेकर चलने के लिए सबको जोड़ने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है

*👆उपर्युक्त हमारे तीनो संदेश ध्यान से पढ़िए और समझिए*

आप लोग हमारा विरोध करके कुछ हासिल नहीं कर सकते, न आप हमे रोक सकते है, हमारी विचारधारा और कार्य सदैव स्पष्ट रहा है जो करते है डंके की चौट पर करते है। आप हमारे जिस कार्य से सहमत हो साथ दे न हो तो कोई बात नहीं🙏 पर आप विरोध करेंगे तो हम आपको हमारे मार्ग में बाधा समझेंगे और जो हमारे साथ वर्षो से काम कर रहे है उन्हे पता है विश्व में जितने भी व्यक्ति है सब हमारे विरोध हो जाए तो भी हमे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम वोही करेंगे जो हमे करना चाहिए।

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*विशेष:- कल 1 जनवरी से अपनी टीम में बहुत बड़ा परिवर्तन होंगा। हम इसके बारे में विस्तार से आज रात सोने से पहले या कल सुबह बता देंगे🙏*
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सर्दी का मौसम है गलत तो बढ़ ही रही है *जलन* भी बढ़ने वाली है😄

इतने वर्षो से हम व्यवस्था में उलझे हुए थे अब नेरेटीव की रणभूमि में उतरेंगे। जेहादियों वामपंथियों और मतांतरण करने वाली धूर्त ईसाई मिशनरी गैंग को तो पीड़ा होंगी ही साथ में आस्तीन के कीड़े मकोड़े भी तिलमिलाए हमारे मार्ग में बाधा बनने का प्रयास करेंगे किंतु हम इन्हे कुचलते हुए आगे बढ़ते रहेंगे।

*हाथी चलेंगा तो कुत्ते तो भोकेंगे ही

*1 जनवरी से अपनी टीम में बहुत बड़ा परिवर्तन होंगा*

आपको जानकर आश्चर्य होंगा हम प्रतिदिन 10 घंटे का समय केवल टीम की व्यवस्था को देते है(नए लोगो को जोड़ने समझाने और टीम के विस्तार और नए बने रिक्त कार्यभारो की पूर्ति के लिए नए संचालकों, नए व्यवस्थापकों की पूर्ति में लगे रहते है,,, किसने सूची बनाई किसने नहीं बनाई,,, सूची गलत है तो उसमे सुधार करने,,, कौन संचालक/व्यवस्थापक सक्रिय है कौन नहीं है नहीं है तो क्यों नहीं है कब तक सक्रिय होंगा,,, व्यवस्थापको और संचालको को सक्रिय रखने में ही लगे रहते है।)

*इस कारण हम जन जागरूकता अभियान को और हमारे उद्देश्य को डायरेक्ट समय नहीं दे पाते,,, नया ट्वीट किए भी बहुत दिन हो गए*

*👆व्यवस्था में ही उलझे रहना डायरेक्ट उद्देश्य पर काम न कर पाने की समस्या का समाधान हमने खोज लिया है🔮*

हम पिछले दो वर्षो से हम इस समस्या से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे की कब टीम की व्यवस्था सुदृढ़ हो कब टीम को योग्य मुख्य व्यवस्थापक, व्यवस्थापक और संचालक मिले और टीम संगठन की तरह काम करे। यानी टीम रूपी यह व्यवस्था हम पर निर्भर न रहे। बल्कि एक सिस्टम की तरह काम करे... *और आज वो सिस्टम पूरी तरह से तैयार हो चुका है।*

*वर्षो की मेहनत का फल अब मिला है.. अब टीम के 9 सक्रिय व्यवस्थापक तैयार है प्रतिदिन प्रस्तुत सूची बनाने का कार्य कर रहे है। इसी तरह लगभग 70 संचालक सक्रिय है(व्यवस्था तो पूरे 100 की हो चुकी है टीम में अभी 100 संचालक नियुक्त है पर अभी लगभग 30 सुस्त है इनको शीघ्र सक्रिय कर देंगे नहीं होंगे तो कार्यमुक्त करके नए नियुक्त करेंगे)*

अब टीम मुश्किल समय से बाहर निकल चुकी है,,, अगले दो महीने तक नई नियुक्तिया नहीं करेंगे जो संचालक और व्यवस्थापक है जैसे भी है उन्हे ही सक्रिय रखकर कार्य करवाने का प्रयास किया जाएगा फिर दो महीनो बाद असक्रिय अयोग्य लोगो को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा तथा इन दो महीनो में भी जो लोग कार्यभार छोड़ेंगे या व्यवस्थापकों द्वारा असक्रियता के कारण जिन संचालकों को कार्यमुक्त किया जायेगा तो कई कार्यभार रिक्त होंगे जिनकी पूर्ति दो महीने बाद ही की जायेगी

*हमारा अनुमान है दो महीने में लगभग 30 संचालक और 3 व्यवस्थापक के कार्यभार रिक्त हो जायेगे*

क्योंकि वर्तमान संचालक किसी न किसी कारण कार्यभार छोड़ेंगे या कार्यमुक्त किए जायेगे। इसी तरह तीन चार व्यवस्थापक भी समय अभाव के कारण कार्य छोड़ेंगे या कार्य संपन्नकर्ताओं की संख्या न बढ़ा पाने के चलते उन्हें कार्यमुक्त करके नए मित्रो को अवसर देंगे।

*और दो महीने बाद एक ही झटके में रिक्त कार्यभारो के लिए नए संचालक और व्यवस्थापक नियुक्त कर दिए जायेगे*

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1 जनवरी से हम डायरेक्ट टीम के उद्देश्य पर काम करना शुरू कर देंगे
*(उदाहरण:- इतने वर्षो से हम तलवार, बंदूक, टॉप, मिसाइल बनाने में लगे थे अब 1 जनवरी से से चलायेंगे)* 

*यानी टीम की "व्यवस्था* और *नेतृत्व" का संपूर्ण कार्य मुख्य व्यवस्थापक विकास प्रताप सिंह जी का होंगा।*

1 जनवरी से हम केवल व केवल टीम के उद्देश्य यानी डायरेक्ट जन जागरूकता अभियान और नेरेटिव सेट करने(सोसल मीडिया पर भारत और सनातन धर्म, संस्कृति के लिए सकारात्मक वातावरण निर्मित करने की दिशा में कार्य करेंगे,,, अब दैनिक कार्य वाले ट्वीट्स के माध्यम से भी समसामयिक जवलंत(ताजा) मुद्दे उठाए जायेगे।

इसके अलावा हम अन्य राष्ट्रवादी मित्रों/संगठनों/संस्थाओं इत्यादि से मिलकर प्रत्येक सप्ताह कम से कम 1 हैशटैग ट्रेंड अभियान करने का प्रयास करेंगे हमारा ध्यान इस तरह के मुद्दो पर विशेष रूप से होंगा जैसे की भारतीय सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार, NRC, समान नागरिकता कानून, जनसंख्या नियंत्रण, आर्टिकल 30a की समाप्ति, POK COK, और धर्म और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का प्रदाफास

हमने केसरिया राष्ट्रवादी टीम(KRT) नाम से जो *fb, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, koo* पर भी जो पेज चैनल इत्यादि बना रखे है उनमें भी सक्रिय रहेंगे उनमें भी पोस्ट की जायेगी

*कुल मिलाकर हमारा पूरा ध्यान धर्म और राष्ट्रहित में अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने में होंगा। आचार्य चाणक्य और असंख्य महापुरुषों, योद्धाओं, क्रांतिकारियों, बलिदानियों का अखंड भारत का सपना हम पूरा करके रहेंगे। यह हमारा सपना नहीं संकल्प है।* ऐसा अखंड भारत जिसमे टुकड़े टुकड़े हुआ भारत फिर से जुड़े अखंड हो, जिसमे कोई गरीब न हो, कोई पिछड़ा न रहे, भारत न केवल विश्वगुरु बने बल्कि सबसे शक्तिशाली हो सोने की चिड़िया हो।


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