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गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

Mahobbat ही मेरी मंजिल है


Mahobbat मकसद है मेरी ज़िन्दगी का
Mahobbat मुक़द्दर है हर किसी का
Mahobbat पाकीजाई का नाम है
Mahobbat हर ख़ुशी का पैगाम है
Mahobbat है तो रहमत है
Mahobbat है तो चाहत है
Mahobbat प्यार इश्क -ओ -लगन है
Mahobbat मैं हर शख्स मगन है
Mahobbat मैं ज़िन्दगी खो जाती है
Mahobbat हार है महोब्बत जीत है
Mahobbat ही दिल का सच्चा मीत है
Mahobbat फूलो को हुई काँटों से
Mahobbat पलकों को हुई आँखों से
Mahobbat चाँद को हुई चांदनी से
Mahobbat रूह को हुई रागनी से
Mahobbat सुबह की पहली किरण है
Mahobbat दो दिलों का मिलन है
Mahobbat ही मेरी मंजिल है
Mahobbat ही मेरा दिल है ...!!!
Mahobbat ही मज़बूरी है ..
Mahobbat ही कमजोरी है ...!!!

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