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गुरुवार, 17 नवंबर 2011

ऐसा करने के लिए भी हिम्मत चाहिए.


 ऑस्ट्रेलिया ने फिर किया भारत का अपमान, गंगा को कूड़ाघर तो देश को कहा मलद्वार...

  वे आज अपमान करके औकात देख रहे है और दुनिया को अपनी ताकत दिखा रहे है... कल हमारे मुंह पर थूकेंगे क्योंकि यह अहिंसावादियों और स्वाभिमान शून्य लोगो का देश हो गया है इतना अपमान का घुट पीकर, मार खाने के बाद भी हम उनसे संबंध बनाए हुए है स्वाभिमान शून्य छात्र गालियां खाने के बावजूद वहाँ डटे हुए हैं...आज किसी छात्र मे विवेकानंद के थोड़े भी अंश की अपेक्षा करना नामुंकिन है....अगर उन्होने किसी मुस्लिम डॉक्टर या किसी भारतीय मुस्लिम को मलद्वार कहा होता तो हमारी सरकार तुरंत कदम उठाती चूंकि मामला हिंदुओं से जुड़ा है इसलिए ईसाई सरकार को कोई मतलब नहीं ......


वे हिंदुओं को उनकी औकात दिखा रहे है की देखो हिन्दू बहुसंख्यकों के देश का अपमान हम कैसे कर रहे है


हमारी सरकरे उलटे ऐसे कृत्य पर उक्त देश से राजनयिक संबंध तोड़ने के बजाय उनसे माफी मांगने के लिए समय मांगते है और मिमियाते हुए भीख मांगते है .....


वे देवी देवताओं को अंडरगारमेंट पर प्रिंट करके मखौल उड़ाते है और हम उनसे माफी मँगवा कर गौरान्वित होते है उनके इस कृत्य के बदले मे अगर हमने ईसा मसीह की चड्डीया बनवा कर अगर दिल्ली के औस्ट्रेलियाई दूतावास के दुवारों पर चिपकाया होता तो .... ? ऐसा करने के लिए भी हिम्मत चाहिए..... उलटे ऐसा करने वालों को यहाँ की सरकार फांसी पर चढ़वा देती तुरंत ..... और तो और कुछ स्वाभिमान शून्य हिजड़े आदर्शो की फुहार करेंगे..उन पर जैसे को तैसा मत करो उनके जैसा हमें नहीं बनना है ... ये महात्मा "हिजड़े" का देश है.... हमें संयम रखना चाहिए


ऐसी स्थिति मे हमें औस्ट्रेलिया से राजनयिक संबंध तोड़ देना चाहिए अगर औस्ट्रेलिया ने किसी मुस्लिम देश के खिलाफ ऐसा कहा होता तो औस्ट्रेलिया मे दंगे शुरू हो जाते लेकिन वहाँ हिंदुओं मे स्वार्थी हिन्दू बसते है जो पैसे कमाने के लिए किसी भी कीमत पर अपने धर्म से सम्झौता कर लेंगे जैसा की हमेशा से करते आए है .... तर्क मे उनके पास ढेरो खोखले आदर्श होते है


औस्ट्रेलिया कभी अरब और कुवेत जैसे देशो के बारें मे ऐसी अभद्रक टिप्पणियाँ क्यूँ नहीं करता ?


क्योंकि उनमे ताकत है ..... हम सिर्फ अनसन कर सकते है




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