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मंगलवार, 28 अगस्त 2012

भगवान शिव के १०८ नाम


भगवान शिव के १०८ नाम

शिव - कल्याण स्वरूपमहेश्वर - माया के अधीश्वरशम्भू - आनंद स्स्वरूप वालेपिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वालेशशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वालेवामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वालेविरूपाक्ष - भौंडी आँख वालेकपर्दी - जटाजूट धारण करने वालेनीललोहित - नीले और लाल रंग वालेशंकर - सबका कल्याण करने वालेशूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वालेखटवांगी - खटिया का एक पाया रखने वालेविष्णुवल्लभ - भगवान विष्णु के अतिप्रेमीशिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वालेअंबिकानाथ - भगवति के पतिश्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वालेभक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वालेभव - संसार के रूप में प्रकट होने वालेशर्व - कष्टों को नष्ट करने वालेत्रिलोकेश - तीनों लोकों के स्वामीशितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वालेशिवाप्रिय - पार्वती के प्रियउग्र - अत्यंत उग्र रूप वालेकपाली - कपाल धारण करने वालेकामारी - कामदेव के शत्रुअंधकारसुरसूदन - अंधक दैत्य को मारने वालेगंगाधर - गंगा जी को धारण करने वालेललाटाक्ष - ललाट में आँख वालेकालकाल - काल के भी कालकृपानिधि - करूणा की खानभीम - भयंकर रूप वालेपरशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वालेमृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वालेजटाधर - जटा रखने वालेकैलाशवासी - कैलाश के निवासीकवची - कवच धारण करने वालेकठोर - अत्यन्त मजबूत देह वालेत्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वालेवृषांक - बैल के चिह्न वाली झंडा वालेवृषभारूढ़ - बैल की सवारी वालेभस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वालेसामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वालेस्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वालेत्रयीमूर्ति - वेदरूपी विग्रह करने वालेअनीश्वर - जिसका और कोई मालिक नहीं हैसर्वज्ञ - सब कुछ जानने वालेपरमात्मा - सबका अपना आपासोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वालेहवि - आहूति रूपी द्रव्य वालेयज्ञमय - यज्ञस्वरूप वालेसोम - उमा के सहित रूप वालेपंचवक्त्र - पांच मुख वालेसदाशिव - नित्य कल्याण रूप वालेविश्वेश्वर - सारे विश्व के ईश्वरवीरभद्र - बहादुर होते हुए भी शांत रूप वालेगणनाथ - गणों के स्वामीप्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वालेहिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वालेदुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वालेगिरीश - पहाड़ों के मालिकगिरिश - कैलाश पर्वत पर सोने वालेअनघ - पापरहितभुजंगभूषण - साँप के आभूषण वालेभर्ग - पापों को भूंज देने वालेगिरिधन्वा - मेरू पर्वत को धनुष बनाने वालेगिरिप्रिय - पर्वत प्रेमीकृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वालेपुराराति - पुरों का नाश करने वालेभगवान् - सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्नप्रमथाधिप - प्रमथगणों के अधिपतिमृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वालेसूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वालेजगद्व्यापी - जगत् में व्याप्त होकर रहने वालेजगद्गुरू - जगत् के गुरूव्योमकेश - आकाश रूपी बाल वालेमहासेनजनक - कार्तिकेय के पिताचारुविक्रम - सुन्दर पराक्रम वालेरूद्र - भक्तों के दुख देखकर रोने वालेभूतपति - भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामीस्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वालेअहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वालेदिगम्बर - नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वालेअष्टमूर्ति - आठ रूप वालेअनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वालेसात्त्विक - सत्व गुण वालेशुद्धविग्रह - शुद्धमूर्ति वालेशाश्वत - नित्य रहने वालेखण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वालेअज - जन्म रहितपाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वालेमृड - सुखस्वरूप वालेपशुपति - पशुओं के मालिकदेव - स्वयं प्रकाश रूपमहादेव - देवों के भी देवअव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वालेहरि - विष्णुस्वरूपपूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाड़ने वालेअव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वालेदक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वालेहर - पापों व तापों को हरने वालेभगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोड़ने वालेअव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वालेसहस्राक्ष - अनंत आँख वालेसहस्रपाद - अनंत पैर वालेअपवर्गप्रद - कैवल्य मोक्ष देने वालेअनंत - देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहिततारक - सबको तारने वालापरमेश्वर - सबसे परे ईश्वर

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