शहीद राजगुरु का पूरा नाम 'शिवराम हरि राजगुरु' था।
राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे ज़िले के खेड़ा गाँव में हुआ था,
उनके पिता का नाम 'श्री हरि नारायण' और माता का नाम 'पार्वती बाई' था।
भगत सिंह और सुखदेव के साथ ही राजगुरु को भी 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी
राजगुरु `स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं उसे हासिल करके रहूंगा'
का उद्घोष करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से बहुत
प्रभावित थे।
1919 में जलियांवाला बाग़ में जनरल डायर के नेतृत्व
में किये गये भीषण नरसंहार ने राजगुरु को ब्रिटिश साम्राज्य के ख़िलाफ़
बाग़ी और निर्भीक बना दिया तथा उन्होंने उसी समय भारत को विदेशियों के
हाथों आज़ाद कराने की प्रतिज्ञा ली और प्रण किया कि चाहे इस कार्य में उनकी
जान ही क्यों न चली जाये वह पीछे नहीं हटेंगे।
राजगुरु ने भगत सिंह के साथ मिलकर सांडर्स को गोली मारी थी
राजगुरु ने 28 सितंबर, 1929 को एक गवर्नर को मारने की कोशिश की थी जिसके अगले दिन उन्हें पुणे से गिरफ़्तार कर लिया गया था।
राजगुरु पर 'लाहौर षड़यंत्र' मामले में शामिल होने का मुक़दमा भी चलाया गया।
शहीदो पर आज हर तरफ सियासत भारी है इन्हे आंतकवादी घोषित करने की तैयारी
है आज़ादी के नाम पर जिन्होने जान गंवाई है भूल चले है सब इनको, ये कैसी
बीमारी है
ए मेरे वतन के लोगों , ज़रा आँख में भर लो पानी ....जो शहीद हुए थे उनकी याद करो क़ुरबानी
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज शत शत प्रणाम _/\_
कोटि कोटि नमन.... भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को....नमन उस माँ को जिसने जन्म दिया इन वीरो को
एक दिन नही, याद रखे सदा माँ के इन सपूतो को.....
जय हिंद ..जय भारत..जय भारतीय.वन्दे मातरम...
राजगुरु `स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं उसे हासिल करके रहूंगा' का उद्घोष करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से बहुत प्रभावित थे।
1919 में जलियांवाला बाग़ में जनरल डायर के नेतृत्व में किये गये भीषण नरसंहार ने राजगुरु को ब्रिटिश साम्राज्य के ख़िलाफ़ बाग़ी और निर्भीक बना दिया तथा उन्होंने उसी समय भारत को विदेशियों के हाथों आज़ाद कराने की प्रतिज्ञा ली और प्रण किया कि चाहे इस कार्य में उनकी जान ही क्यों न चली जाये वह पीछे नहीं हटेंगे।
राजगुरु ने भगत सिंह के साथ मिलकर सांडर्स को गोली मारी थी
राजगुरु ने 28 सितंबर, 1929 को एक गवर्नर को मारने की कोशिश की थी जिसके अगले दिन उन्हें पुणे से गिरफ़्तार कर लिया गया था।
राजगुरु पर 'लाहौर षड़यंत्र' मामले में शामिल होने का मुक़दमा भी चलाया गया।
शहीदो पर आज हर तरफ सियासत भारी है इन्हे आंतकवादी घोषित करने की तैयारी है आज़ादी के नाम पर जिन्होने जान गंवाई है भूल चले है सब इनको, ये कैसी बीमारी है
ए मेरे वतन के लोगों , ज़रा आँख में भर लो पानी ....जो शहीद हुए थे उनकी याद करो क़ुरबानी
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज शत शत प्रणाम _/\_
कोटि कोटि नमन.... भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को....नमन उस माँ को जिसने जन्म दिया इन वीरो को
एक दिन नही, याद रखे सदा माँ के इन सपूतो को.....
जय हिंद ..जय भारत..जय भारतीय.वन्दे मातरम...
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