नेकटाई ( टाई ) क्रिश्चियन धर्मं का प्रतिक आज-कल टाई फैशन में शामिल हो गया है | इसको हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख सभी बड़ी शान से गले में बांधते है | दक्षिण के कट्टर पंडित भी इसका प्रयोग करते है | “ पंच-ककार” को मानने वाले गुर के पक्के शिष्य भी इसको धारण करते है | असलियत में चूँकि ईस्सा मसीह को एक सलीब पर लटका कर मृत्यु दंड दिया गया था, उनके गले में भी एक किला गाडा गया था | इसके प्रतिक रूप में क्रिश्चियन लोग टाई को अपने गले में बांधते लगे | हम चूँकि वर्षों तक अंग्रेजो के गुलाम रहे, तो अपने आकाओ को खुश करने के लिए हम भारतीयों ने भी इसे बांधना शरू कर दिया | बाद में इसे फैशन के रूप में सभी ने स्वीकार कर लिया | यह तक की स्कूलों के ड्रेस कोड के रूप में इसे आवश्यक कर दिया | लड़के – लड़किया इसे स्कुल ड्रेस में पहन कर जाते है | इसके मूल रूप को कोई नहीं जानता | इसको मानसिक गुलामी नहीं तो और क्या कहा जाया ? जागरूक लोगो को इस और ख्याल देना चाइये | अंधे फैशन से बाहर आना चाइये | शिक्षा अधिकारियो को भी इस पर विचार करना चाइये | भारितीय संस्कृति पर यह कलंक है | आशा है हमारे समाज की चेतना जागृत होंगी | भद्रजनों को अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करनी चाइये | ---- आचार्य एस.एल. वसंत
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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